चारबाग में ट्रेन के इंतजार में ठिठुर रहे लोग:7 डिग्री तापमान में खुले में सोने को मजबूर, सफाई कर्मचारी बिना उठाए डालते हैं पानी

चारबाग में ट्रेन के इंतजार में ठिठुर रहे लोग:7 डिग्री तापमान में खुले में सोने को मजबूर, सफाई कर्मचारी बिना उठाए डालते हैं पानी

लखनऊ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। घना कोहरा होने के चलते ट्रेन घंटों लेट चल रही हैं। इससे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। सबसे खराब हालत यूपी के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन चारबाग का है। हाड़ कंपा देने वाली इस भीषण ठंड में यात्रियों का कोई सुध लेने वाला नहीं है। रेलवे स्टेशन परिसर में ना तो यात्रियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है ना ही रैन बसेरा बनाया गया है। कड़ाके की ठंड में देर रात यात्रा करने वाले यात्री खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। यही नहीं रात के समय में सुरक्षा-व्यवस्था में भी लापरवाही देखने को मिली। स्टेशन परिसर में कहीं भी कोई चेकिंग होते नहीं दिखी। वहीं सीढ़ियों पर सो रहे लोगों को उठाए बिना कर्मचारी पानी से सफाई करते दिखे। दैनिक भास्कर ने देर रात चारबाग रेलवे स्टेशन पर 4 घंटे बिताए। जिसमें रेलवे प्रशासन की लापरवाही हर ओर नजर आई। पहले तस्वीरों में देखिए रेलवे स्टेशन का हाल सीढ़ियों पर सोता रहा व्यक्ति, कर्मचारी डालते रहे पानी चारबाग रेलवे स्टेशन पर रात साढ़े 11 बजे प्लेटफार्म और सीढ़ियों की सफाई की गई। प्लेटफार्म नंबर 3-4 की सीढ़ियों पर एक व्यक्ति सो रहा था। कर्मचारियों ने व्यक्ति को उठाने की जहमत तक नहीं उठाई। सीढ़ियों पर पानी डालने के साथ झाड़ू लगाते रहे। 7 डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे सोते रहे 1000 लोग चारबाग रेलवे स्टेशन की बड़ी लाइन के साथ में छोटी लाइन पर भी यात्री खुले आसमान के नीचे साेते हुए मिले। इसमें स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर लोग पन्नी ओड़कर सोते हुए दिखाई दिए। प्लेटफार्म और स्टेशन के अलग–अलग हिस्सों में जमीन पर 1 हजार से अधिक लोग सोते हुए नजर आए। ट्रेनों के देर होने के चलते लोग सड़क पर ही सोकर इंतजार करते हुए दिखाई दिए। वहीं, स्टेशन पर लगे एक्सीलेटर, सीढ़ियों, टिकट काउंटर एरिया में भी लोग सोते रहे। प्लेटफार्म नंबर 5 से लेकर 8 पर लोग खुले टिन शेड के बाहर भी सोते हुए दिखाई दिए। सुरक्षा-व्यवस्था में भी लापरवाही चारबाग रेलवे स्टेशन की बड़ी लाइन और छोटी लाइन पर रात 12 बजे आवाजाही करने वाले लोगों की कोई चेकिंग होते नहीं दिखी। लोग स्टेशन में सीधे एंट्री करते रहे। स्टेशन परिसर में कुछ जगहों पर जीआरपी और आरपीएफ की टीम नजर आई। हालांकि, एंट्री और एग्जिट पाइंट पर चेकिंग नहीं देखने को मिली। टिकट चेकिंग टीम भी स्टेशन पर नहीं नजर आई। स्टेशन में जगह-जगह भिखारी के वेश में नशेड़ी भीख मांगते हुए भी नजर आए। ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद भी टिकट नहीं मिला राकेश कुमार का कहना है कि लखनऊ से आगरा परीक्षा देने जा रहे हैं। ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन से चार साथियों के टिकट का पैसा कट गया, लेकिन टिकट नहीं मिला। रेलवे अधिकारियों से शिकायत की तो कहा गया कि कहीं और जाइए हमें पता नहीं है। आरोप है कि कर्मचारियों द्वारा अभद्रता की गई। उनके इस आरोप के बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर भी टिकट काउंटर पर पहुंच कर समस्या बताई। पूछताछ कार्यालय से दूसरी जगह जाने को कहा गया। ऑटोमैटिक टिकट वेंडिग मशीन के काउंटर पर बैठे लोगों से शिकायत की गई तो बताया कि टिकट नहीं मिला है तो पैसे 24 घंटे के अंदर आ जाएंगे। वहीं, टिकट काउंटर पर बैठी महिला ने कहा कि आप लोग ऑनलाइन टिकट लेते हैं। यह जिम्मेदारी आपकी है। ट्रेनों के जनरल डिब्बे में नहीं जगह देर रात में कोटा-पटना, आनंद विहार सहित कई जगहों से ट्रेनें लखनऊ पहुंची। इस दौरान सभी ट्रेनों के जनरल कोच में यात्री परेशान दिखे। सीटों से कई गुना संख्या में यात्री ट्रेन में दिखे। लखनऊ से शिवा मथुरा जा रहे थे। इस दौरान ट्रेन में बैठने की जगह नहीं मिली। शिवा ने कहा कि खड़े होकर ही जाना पड़ रहा है। इसके चलते परेशानी हुई है। उन्होंने मामले की शिकायत अधिकारियों से कर कार्रवाई की मांग की है। दिग्गज यादव ने कहा कि सीट नहीं है। लखनऊ से कोटा जाना है। खड़े होकर जाना पड़ रहा है। ट्रेन लेट नहीं हुई है। शीतला प्रसाद ने बताया कि जयपुर जा रहे हैं। सीट नहीं मिली है। इसके कारण खड़े होकर जाना पड़ रहा है। सब लोग खड़े होकर जा रहे हैं। जीआरपी और आरपीएफ ने कहा- नियमित रूप से होती है चेकिंग जीआरपी इंस्पेक्टर धर्मवीर सिंह का कहना है कि स्टेशन पर नियमित रूप से चेकिंग करने के साथ में गश्त की जाती है। आरपीएफ इंस्पेक्टर रणजीत सिंह का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्टेशन पर व्यापक इंतजाम है। इसके लिए नियमित तौर पर गश्त की जाती है। साथ ही जरूरी जगहों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी की गई है। लखनऊ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। घना कोहरा होने के चलते ट्रेन घंटों लेट चल रही हैं। इससे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। सबसे खराब हालत यूपी के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन चारबाग का है। हाड़ कंपा देने वाली इस भीषण ठंड में यात्रियों का कोई सुध लेने वाला नहीं है। रेलवे स्टेशन परिसर में ना तो यात्रियों के लिए अलाव की व्यवस्था की गई है ना ही रैन बसेरा बनाया गया है। कड़ाके की ठंड में देर रात यात्रा करने वाले यात्री खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। यही नहीं रात के समय में सुरक्षा-व्यवस्था में भी लापरवाही देखने को मिली। स्टेशन परिसर में कहीं भी कोई चेकिंग होते नहीं दिखी। वहीं सीढ़ियों पर सो रहे लोगों को उठाए बिना कर्मचारी पानी से सफाई करते दिखे। दैनिक भास्कर ने देर रात चारबाग रेलवे स्टेशन पर 4 घंटे बिताए। जिसमें रेलवे प्रशासन की लापरवाही हर ओर नजर आई। पहले तस्वीरों में देखिए रेलवे स्टेशन का हाल सीढ़ियों पर सोता रहा व्यक्ति, कर्मचारी डालते रहे पानी चारबाग रेलवे स्टेशन पर रात साढ़े 11 बजे प्लेटफार्म और सीढ़ियों की सफाई की गई। प्लेटफार्म नंबर 3-4 की सीढ़ियों पर एक व्यक्ति सो रहा था। कर्मचारियों ने व्यक्ति को उठाने की जहमत तक नहीं उठाई। सीढ़ियों पर पानी डालने के साथ झाड़ू लगाते रहे। 7 डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे सोते रहे 1000 लोग चारबाग रेलवे स्टेशन की बड़ी लाइन के साथ में छोटी लाइन पर भी यात्री खुले आसमान के नीचे साेते हुए मिले। इसमें स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर लोग पन्नी ओड़कर सोते हुए दिखाई दिए। प्लेटफार्म और स्टेशन के अलग–अलग हिस्सों में जमीन पर 1 हजार से अधिक लोग सोते हुए नजर आए। ट्रेनों के देर होने के चलते लोग सड़क पर ही सोकर इंतजार करते हुए दिखाई दिए। वहीं, स्टेशन पर लगे एक्सीलेटर, सीढ़ियों, टिकट काउंटर एरिया में भी लोग सोते रहे। प्लेटफार्म नंबर 5 से लेकर 8 पर लोग खुले टिन शेड के बाहर भी सोते हुए दिखाई दिए। सुरक्षा-व्यवस्था में भी लापरवाही चारबाग रेलवे स्टेशन की बड़ी लाइन और छोटी लाइन पर रात 12 बजे आवाजाही करने वाले लोगों की कोई चेकिंग होते नहीं दिखी। लोग स्टेशन में सीधे एंट्री करते रहे। स्टेशन परिसर में कुछ जगहों पर जीआरपी और आरपीएफ की टीम नजर आई। हालांकि, एंट्री और एग्जिट पाइंट पर चेकिंग नहीं देखने को मिली। टिकट चेकिंग टीम भी स्टेशन पर नहीं नजर आई। स्टेशन में जगह-जगह भिखारी के वेश में नशेड़ी भीख मांगते हुए भी नजर आए। ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद भी टिकट नहीं मिला राकेश कुमार का कहना है कि लखनऊ से आगरा परीक्षा देने जा रहे हैं। ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन से चार साथियों के टिकट का पैसा कट गया, लेकिन टिकट नहीं मिला। रेलवे अधिकारियों से शिकायत की तो कहा गया कि कहीं और जाइए हमें पता नहीं है। आरोप है कि कर्मचारियों द्वारा अभद्रता की गई। उनके इस आरोप के बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर भी टिकट काउंटर पर पहुंच कर समस्या बताई। पूछताछ कार्यालय से दूसरी जगह जाने को कहा गया। ऑटोमैटिक टिकट वेंडिग मशीन के काउंटर पर बैठे लोगों से शिकायत की गई तो बताया कि टिकट नहीं मिला है तो पैसे 24 घंटे के अंदर आ जाएंगे। वहीं, टिकट काउंटर पर बैठी महिला ने कहा कि आप लोग ऑनलाइन टिकट लेते हैं। यह जिम्मेदारी आपकी है। ट्रेनों के जनरल डिब्बे में नहीं जगह देर रात में कोटा-पटना, आनंद विहार सहित कई जगहों से ट्रेनें लखनऊ पहुंची। इस दौरान सभी ट्रेनों के जनरल कोच में यात्री परेशान दिखे। सीटों से कई गुना संख्या में यात्री ट्रेन में दिखे। लखनऊ से शिवा मथुरा जा रहे थे। इस दौरान ट्रेन में बैठने की जगह नहीं मिली। शिवा ने कहा कि खड़े होकर ही जाना पड़ रहा है। इसके चलते परेशानी हुई है। उन्होंने मामले की शिकायत अधिकारियों से कर कार्रवाई की मांग की है। दिग्गज यादव ने कहा कि सीट नहीं है। लखनऊ से कोटा जाना है। खड़े होकर जाना पड़ रहा है। ट्रेन लेट नहीं हुई है। शीतला प्रसाद ने बताया कि जयपुर जा रहे हैं। सीट नहीं मिली है। इसके कारण खड़े होकर जाना पड़ रहा है। सब लोग खड़े होकर जा रहे हैं। जीआरपी और आरपीएफ ने कहा- नियमित रूप से होती है चेकिंग जीआरपी इंस्पेक्टर धर्मवीर सिंह का कहना है कि स्टेशन पर नियमित रूप से चेकिंग करने के साथ में गश्त की जाती है। आरपीएफ इंस्पेक्टर रणजीत सिंह का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्टेशन पर व्यापक इंतजाम है। इसके लिए नियमित तौर पर गश्त की जाती है। साथ ही जरूरी जगहों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी की गई है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर