हरियाणा के रोहतक में बार एसोसिएशन के चुनाव में वोटर लिस्ट को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण ने चुनाव अधिकारी प्रदीप मलिक पर जान-बूझकर वोट काटने का आरोप लगाया। जबकि आरओ प्रदीप मलिक ने आरोप लगाया कि, मुझे बंधक बनाया गया। उन्होंने बार काउंसिल के नियमों का हवाला देते हुए वोट काटने की बात कही। वोटर लिस्ट को लेकर हुए हंगामे के बीच बार एसोसिएशन के हाउस की कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण ने बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से एडवोकेट रणधीर सुहाग को प्रधान घोषित करते हुए 13 फरवरी को दोपहर एक बजे हाउस की दोबारा मीटिंग बुलाई। साथ ही चुनाव अधिकारी प्रदीप मलिक को हटाकर नए सिरे से चुनाव करवाने की घोषणा कर दी। बिना वोटर लिस्ट के शुरू की चुनाव प्रक्रिया
कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण और पूर्व प्रधान लोकेंद्र सिंह फौगाट ने आरोप लगाया कि आरओ प्रदीप मलिक ने बिना वोटर लिस्ट फाइनल किए चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी। मंगलवार को नामांकन का अंतिम दिन था और दोपहर को वोटर लिस्ट दी गई, जिसमें अधिवक्ताओं के नाम काटे हुए थे। बार काउंसिल में भेजी थी 3536 की लिस्ट, 1319 के काट दिए नाम
पूर्व प्रधान लोकेंद्र सिंह फौगाट ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी प्रदीप मलिक ने बार काउंसिल को पहले 3536 की लिस्ट भेजी थी। लेकिन अब उसमें से चुन-चुन कर 1319 नाम काट दिए। वहीं, अपने चहेतों के नामों को नहीं काटा। जो नाम काटे गए हैं, वह गलत तरीके से काटे हैं, जिनका विरोध किया जा रहा है। हाउस की मीटिंग बुलाकर हटाया आरओ
कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण ने बताया कि आरओ की मनमानी के खिलाफ हाउस की मीटिंग बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से एडवोकेट रणधीर सुहाग को 13 फरवरी तक प्रधान नियुक्त किया और आरओ प्रदीप मलिक को पदभार से मुक्त करते हुए दोबारा आरओ नियुक्त करने का निर्णय लिया। इसके लिए 13 फरवरी को दोपहर 1 बजे हाउस की मीटिंग होगी। 3536 पर चुनाव नहीं हुआ तो चौक पर दूंगा धरना
कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण ने कहा कि बार काउंसिल की तरफ 3536 की लिस्ट फाइनल की गई थी। चुनाव में सभी 3536 सदस्य वोट डालेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कोर्ट के बाहर चौक पर धरना दूंगा। साथ ही वकीलों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जाएगी। मुझे बनाया बंधक, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
चुनाव अधिकारी एडवोकेट प्रदीप मलिक ने बताया कि जब नामांकन की प्रक्रिया चल रही थी तो अरविंद श्योराण सहित कुछ वकीलों ने उसे हॉल में बंधक बना लिया। उसने पुलिस को फोन गया। आर्य नगर थाने से पुलिस भी आई, जिसे पूर्व प्रधान लोकेंद्र ने बाहर निकाल दिया। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, केवल बाहर खड़ी होकर तमाशा देखती रही। वह बार काउंसिल को पत्र लिखकर सूचित करेंगे। हरियाणा के रोहतक में बार एसोसिएशन के चुनाव में वोटर लिस्ट को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण ने चुनाव अधिकारी प्रदीप मलिक पर जान-बूझकर वोट काटने का आरोप लगाया। जबकि आरओ प्रदीप मलिक ने आरोप लगाया कि, मुझे बंधक बनाया गया। उन्होंने बार काउंसिल के नियमों का हवाला देते हुए वोट काटने की बात कही। वोटर लिस्ट को लेकर हुए हंगामे के बीच बार एसोसिएशन के हाउस की कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण ने बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से एडवोकेट रणधीर सुहाग को प्रधान घोषित करते हुए 13 फरवरी को दोपहर एक बजे हाउस की दोबारा मीटिंग बुलाई। साथ ही चुनाव अधिकारी प्रदीप मलिक को हटाकर नए सिरे से चुनाव करवाने की घोषणा कर दी। बिना वोटर लिस्ट के शुरू की चुनाव प्रक्रिया
कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण और पूर्व प्रधान लोकेंद्र सिंह फौगाट ने आरोप लगाया कि आरओ प्रदीप मलिक ने बिना वोटर लिस्ट फाइनल किए चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी। मंगलवार को नामांकन का अंतिम दिन था और दोपहर को वोटर लिस्ट दी गई, जिसमें अधिवक्ताओं के नाम काटे हुए थे। बार काउंसिल में भेजी थी 3536 की लिस्ट, 1319 के काट दिए नाम
पूर्व प्रधान लोकेंद्र सिंह फौगाट ने आरोप लगाया कि चुनाव अधिकारी प्रदीप मलिक ने बार काउंसिल को पहले 3536 की लिस्ट भेजी थी। लेकिन अब उसमें से चुन-चुन कर 1319 नाम काट दिए। वहीं, अपने चहेतों के नामों को नहीं काटा। जो नाम काटे गए हैं, वह गलत तरीके से काटे हैं, जिनका विरोध किया जा रहा है। हाउस की मीटिंग बुलाकर हटाया आरओ
कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण ने बताया कि आरओ की मनमानी के खिलाफ हाउस की मीटिंग बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से एडवोकेट रणधीर सुहाग को 13 फरवरी तक प्रधान नियुक्त किया और आरओ प्रदीप मलिक को पदभार से मुक्त करते हुए दोबारा आरओ नियुक्त करने का निर्णय लिया। इसके लिए 13 फरवरी को दोपहर 1 बजे हाउस की मीटिंग होगी। 3536 पर चुनाव नहीं हुआ तो चौक पर दूंगा धरना
कार्यकारी प्रधान अरविंद श्योराण ने कहा कि बार काउंसिल की तरफ 3536 की लिस्ट फाइनल की गई थी। चुनाव में सभी 3536 सदस्य वोट डालेंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो कोर्ट के बाहर चौक पर धरना दूंगा। साथ ही वकीलों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जाएगी। मुझे बनाया बंधक, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
चुनाव अधिकारी एडवोकेट प्रदीप मलिक ने बताया कि जब नामांकन की प्रक्रिया चल रही थी तो अरविंद श्योराण सहित कुछ वकीलों ने उसे हॉल में बंधक बना लिया। उसने पुलिस को फोन गया। आर्य नगर थाने से पुलिस भी आई, जिसे पूर्व प्रधान लोकेंद्र ने बाहर निकाल दिया। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, केवल बाहर खड़ी होकर तमाशा देखती रही। वह बार काउंसिल को पत्र लिखकर सूचित करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
