छात्र की तंत्र-मंत्र में हत्या या साथी ने मारा:हाथरस में ताऊ बोले- स्कूल मैनेजर मंत्री का खास; हत्यारोपी का पिता बोला- मैं गंवार हूं

छात्र की तंत्र-मंत्र में हत्या या साथी ने मारा:हाथरस में ताऊ बोले- स्कूल मैनेजर मंत्री का खास; हत्यारोपी का पिता बोला- मैं गंवार हूं

उत्तर प्रदेश में हाथरस के स्कूल में 22 सितंबर, 2024 को 8 साल के छात्र कृतार्थ की हत्या हुई। पुलिस ने शुरुआती जांच में तंत्र-मंत्र के चक्कर में हत्या मानी। स्कूल के मैनेजर और प्रिंसिपल समेत 5 लोगों को जेल भेज दिया। लेकिन, 3 महीने बाद इस केस ने यू-टर्न लिया। पुलिस ने उसी स्कूल के 8वीं के छात्र को गिरफ्तार किया। नई जांच में पुलिस ने माना कि इस छात्र ने गमछे से गला घोंटकर कृतार्थ की हत्या की थी। वजह उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली थी। पुलिस के मुताबिक, आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लगता था। वह चाहता था कि स्कूल बंद हो जाए, इसलिए उसने जूनियर क्लास के छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। ये ऐसा केस है, जिससे मृतक और आरोपी दोनों ही पक्ष सहमत नहीं हैं। पुलिस के खुलासे पर सवाल उठा रहे हैं। मृतक कृतार्थ के घर वालों का कहना है कि जिस कमरे में 25 छात्र और 2 टीचर मौजूद हों, वहां हत्या संभव नहीं। वहीं, आरोपी छात्र के घर वाले कहते हैं कि जब पुलिस ने 3 महीने पहले उनके बच्चे को क्लीनचिट दे दी, तो वो अब आरोपी कैसे हो गया? दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर जाकर तमाम पहलुओं पर पड़ताल की। सभी पक्षों से विस्तार से बात की। पुलिस की चार्जशीट कॉपी की स्टडी की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पुलिस की 2 थ्योरी… तब पुलिस ने कहा- स्कूल मैनेजर के पिता ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में मार डाला
हाथरस जिले में सहपऊ क्षेत्र का गांव है चुरसेन। यहां के श्रीकृष्ण का 11 साल का बेटा कृतार्थ, रसगवां में DL पब्लिक स्कूल में कक्षा-2 में पढ़ता था। ये आवासीय स्कूल भी है। 22 सितंबर की रात हॉस्टल के कमरे में उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई। 23 सितंबर की सुबह कृतार्थ का शव कमरे में मिला। पुलिस ने इस मामले में प्रिंसिपल राम प्रकाश सोलंकी, मैनेजर दिनेश बघेल, उनके पिता जशोधन सिंह, टीचर लक्ष्मण सिंह और वीरपाल सिंह को जेल भेज दिया था। उस वक्त पुलिस ने दावा किया कि स्कूल मैनेजर के पिता जशोधन सिंह तंत्र-मंत्र करते थे। उसी चक्कर में छात्र की हत्या हुई। पुलिस ने उस वक्त स्कूल के पीछे कोठरी (छोटा कमरा) से तंत्र क्रिया से जुड़ा सामान भी बरामद होना बताया था। अब पुलिस कह रही- स्कूल में छुट्‌टी हो जाए, इसलिए सहपाठी ने किया कत्ल
23 दिसंबर, 2024 को सहपऊ थाना पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट लगाई। इसमें पुलिस ने हत्या का आरोपी 14 साल के बच्चे को माना है, जो मथुरा का रहने वाला है। चार्जशीट में पुलिस ने लिखा- छात्र ने इसी साल जुलाई में DL पब्लिक स्कूल में कक्षा-8 में एडमिशन लिया था। उसके 2 भाई भी इसी स्कूल में पढ़ रहे हैं। छात्र का स्कूल में मन नहीं लग रहा था। वो चाहता था कि किसी भी तरह स्कूल से घर चला जाए। इस स्कूल में एडमिशन से पहले छात्र ने मोबाइल पर देखा था कि किसी बच्चे के मर जाने से स्कूल बंद हो जाता है। इसलिए वह भी अपने मन में यही सोचने लगा कि अगर छोटी क्लास के बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी जाए तो वो चिल्लाएगा नहीं। किसी को पता भी नहीं चलेगा और स्कूल बंद हो जाएगा। दूसरी बार में कृतार्थ की हत्या कर पाया
22 सितंबर की रात से करीब 3 महीने पहले भी आरोपी छात्र ने हॉस्टल में 2 छात्रों को गला दबाकर मारने का प्रयास किया था। वारदात से 4 दिन पहले आरोपी ने अपने कमरे के पास लगे CCTV के तार तोड़ डाले थे। 22 सितंबर की रात वह अपने बिस्तर से उतरा और कृतार्थ के पास आकर सो गया। गहरी नींद में उसने अंगौछे से गला घोंटकर कृतार्थ की हत्या कर दी। फिर दूसरे छात्र के पास जाकर सो गया। पुलिस ने आरोपी छात्र को 16 दिसंबर, 2024 को गिरफ्तार कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया। अब मृतक छात्र कृतार्थ के परिजनों की बात- ताऊ बोले- जिस कमरे में 25 बच्चे हों, वहां मर्डर संभव नहीं
कृतार्थ के ताऊ घनश्याम बताते हैं- हम इस चार्जशीट से संतुष्ट नहीं हैं। सब-इंस्पेक्टर ललित शर्मा ने केस का गलत खुलासा किया है। कृतार्थ उस कमरे में 25 बच्चों के बीच सो रहा था। वहां पर 2 टीचर भी मौजूद थे। इन सबके होते हुए क्या एक बच्चा मर्डर कर सकता है? जब कृतार्थ का गला घोंटा गया तो क्या उसके चीखने-चिल्लाने की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी? हमें लगता है कि हमारे बच्चे की बलि किसी दूसरे स्थान पर दी गई है। उसके बाद लाश को कमरे में लाकर लिटा दिया गया। घनश्याम बताते हैं- इस हत्याकांड के कुछ दिन बाद स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल का भाई मनोज और कन्हैया मेरे पास आए थे। उन्होंने हमें 50 लाख रुपए देकर फैसला करने की बात कही थी। लेकिन, हमने मना कर दिया। घनश्याम कहते हैं- स्कूल का मैनेजर दिनेश बघेल पैसे वाला आदमी है। 160 बीघा जमीन है। राजनीतिक पकड़ मजबूत है। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल से उसके सीधे संबंध बताए जाते हैं। हो सकता है, पैसा देकर और राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने स्कूल मैनेजर, प्रिंसिपल और टीचरों को क्लीन चिट दी हो। वे बताते हैं- हमने दिनेश बघेल की गाड़ी में अपने बच्चे की बॉडी बरामद की थी। उसके गले पर गहरे जख्म के निशान थे। आंखों से आंसू निकलने के निशान थे। पिता का आरोप- स्कूल मैनेजर के केंद्रीय मंत्री बघेल से अच्छे संबंध
कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण दिल्ली में रहते हैं। हमने उनसे फोन पर बातचीत की। श्रीकृष्ण ने कहा- पुलिस ने चार्जशीट में झूठी कहानी बनाई है। जिस बच्चे को पुलिस ने अब हत्याकांड में गिरफ्तार किया है, उसे पहले भी 4 दिन तक हिरासत में रखा था। फिर उसको पैसे देकर छोड़ दिया। फिर पुलिस अचानक बच्चे को ले आई और गिरफ्तारी दिखा दी। स्कूल प्रशासन ने ही प्लान के तहत मेरे बेटे की हत्या की। CCTV की 8 मिनट की आज तक फुटेज गायब है। वो फुटेज जान-बूझकर डिलीट की गई है। हत्या के आरोप में मथुरा के जिस बच्चे की अब गिरफ्तारी दिखाई है, SOG ने 3 महीने पहले उसे उठाया। उसे डराया और धमकाया। इसके बाद उसे उल्टा 6 हजार रुपए देकर घर भेज दिया और कहा कि घर पर कुछ मत बताना। पुलिस स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल को इसलिए बचा रही है, क्योंकि उसकी राजनीतिक पकड़ अच्छी है। पूरा बघेल समाज एक है। वकील का सवाल- स्कूल के पीछे कोठरी में हनुमान मूर्ति के बिना पूजा कैसी?
कृतार्थ के पिता की ओर से वकील मुन्ना सिंह पुंडीर कोर्ट में केस लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया- प्राइमाफेसी चार्जशीट को देखने से लगता है कि पुलिस ने केस को पूरी तरह से उलट दिया है। पुलिस ने 180 डिग्री के एंगल पर टर्न लिया है। पहले केस ये था कि तंत्र-मंत्र के आधार पर स्कूल मैनेजर के पिता जशोधन सिंह ने बच्चे की बलि चढ़ा दी। अब पुलिस कह रही है कि वहां तंत्र-मंत्र होता ही नहीं। वो तो स्कूल के पीछे कोठरी में पूजा-पाठ करते थे। मेरा सवाल है कि हनुमानजी की पूजा होगी तो मंदिर में होगी। जबकि वहां हनुमान मूर्ति भी नहीं थी। फिर ये कैसी पूजा थी? मुन्ना सिंह बताते हैं- गिरफ्तारी के वक्त पांचों आरोपियों ने वीडियोग्राफिक बयान में कबूला था कि ये मर्डर हमने किया है। अब वो कह रहे हैं कि हमने डर की वजह से बयान दिया था। अब ये बताएं कि जब वो पांचों लोग पुलिस से डरकर बयान दे सकते हैं, तो जेल गया बच्चा क्यों डरकर नहीं कबूल सकता? 11 साल का एक बच्चा 9 साल के बच्चे का मर्डर नहीं कर सकता। ये बहुत सीधी सी बात है। अकेला तो बिल्कुल नहीं कर सकता। मरने वाले लड़के कृतार्थ को पहलवानी का शौक था। अगर दोनों बच्चों के बीच कुश्ती होती तो कृतार्थ दूसरे बच्चे को नीचे गिरा देता। (हालांकि उन्होंने बोलचाल में ऐसा कहा…बच्चों की उम्र 14 और 11 साल है।) हत्यारोपी बच्चे का पिता बोला- मैं गंवार, पुलिस ने झूठा फंसाया
पुलिस ने जिस छात्र को इस हत्याकांड में गिरफ्तार किया है, उसकी उम्र 14 साल है। वो इसी DL पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। दैनिक भास्कर ने इसके पिता से भी बात की। वो सेल्समैन हैं और बेकरी का सामान दुकानों पर पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया- पुलिस ने इस हत्याकांड के कुछ दिन बाद ही मेरा बेटा उठा लिया। चार दिन तक उसको अपने पास रखा। उसको पीटा गया। इंस्पेक्टर मनीष चिकारा ने 4 दिन बाद मेरे बच्चे को छोड़ दिया। मुझसे ये भी कहा कि बेटे को घर ले जाओ। बेटे को 6 हजार रुपए पुलिस ने ये कहकर दिए कि घर पर कुछ मत बताना। अब 16 दिसंबर 2024 को पुलिस घर पर आई। पुलिसकर्मियों ने कहा कि आपके बेटे को SP के सामने पेश करना है, फिर हम वापस घर पर छोड़ जाएंगे। बेटे को कपड़े तक बदलने का मौका नहीं दिया। मुझे तो ये भी सुनने में आ रहा है कि हमारे बेटे ने स्कूल में किसी और बच्चे से पूछा था कि स्कूल की छुट्टी कैसे होगी? दूसरे बच्चे ने ये सलाह दी कि कोई बच्चा मर जाएगा तो स्कूल की छुट्टी हो जाएगी। मेरा सवाल है कि ऐसी सलाह देने वाला बच्चा कितना शातिर होगा? अगर ये बात सत्य है तो पुलिस ने दूसरे बच्चे पर कार्रवाई क्यों नहीं की? पुलिस ने पहली बार जब हमारे बच्चे को पूछताछ के बाद छोड़ा तो हमने उससे घर पर बात की। बच्चे ने पूरी घटना से इनकार किया। आरोपी छात्र के पिता ने कहा, मैं गंवार हूं, दलित हूं। दलितों के साथ शुरू से ही ऐसा होता रहा है। गांव के किसी एक बच्चे को फंसाकर दिखाते, तब पुलिस को पता चलता। बचाव पक्ष के वकील बोले- हमने उस छात्र पर पहले ही शक जाहिर किया था स्कूल मैनेजर के वकील डॉ. पर्थ गौतम कहते हैं- शुरुआत में पुलिस ने ये केस तंत्र-मंत्र की तरफ मोड़ना चाहा। शुरुआती इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने बेहद जल्दबाजी में स्कूल मैनेजर, प्रिंसिपल सहित 5 लोगों को जेल भेज दिया था। स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल की पत्नी पुष्पा ने 8 अक्टूबर को DIG अलीगढ़ को एक पत्र दिया और बताया कि हमें स्कूल के छात्र पर हत्या करने का शक है। आखिरकार वही बात सही निकली। पुलिस जांच में वो ही छात्र आरोपी निकला, जिस पर हमें शक था। कैसे इस केस की जांच बदलती गई, अब वो पढ़िए एक छात्र के पिता के बयान से हत्याकांड में आया यू-टर्न शुरुआत में इस हत्याकांड के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर थाना प्रभारी मनीष चिकारा थे। बाद में उनके लाइन हाजिर होने पर नए थाना प्रभारी ललित कुमार शर्मा बने। उन्होंने 4 नवंबर से नए सिरे से केस की जांच शुरू की। ललित शर्मा ने हत्याकांड वाली रात हॉस्टल के कमरे में मौजूद कई छात्रों के बयान दर्ज किए। उनके परिजनों से भी पूछताछ की। 10 दिसंबर से केस ने यू-टर्न लेना शुरू कर दिया, जब पुलिस के सामने कक्षा-3 के छात्र के पिता का अहम बयान सामने आया। छात्र के पिता ने पुलिस को बताया- 23 सितंबर की सुबह हमें पता चला कि स्कूल में एक छात्र कृतार्थ की मौत हुई है। मैं अपने तीनों बच्चों को लेने स्कूल पहुंचा। वहां अन्य परिजन भी पहुंचे हुए थे। इस दौरान हमें पता चला कि स्कूल में एक ऐसा छात्र है, जिसके परिजनों को अब तक सूचित नहीं किया गया है। उसकी वजह ये है कि छात्र ने खुद ही परिजनों को सूचना देने से मना कर दिया था। उस समय वो छात्र काफी घबराया हुआ था। 4 अक्टूबर को मुझे उस (हत्यारोपी) छात्र के पिता कस्बा सहपऊ में मिले। वो परेशान लग रहे थे। मैंने पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरे लड़के ने ऐसी उलझन पैदा कर दी है कि कुछ समझ नहीं पा रहा हूं। 10 दिसंबर को मेरी मुलाकात फिर से मथुरा रेलवे स्टेशन पर उसी छात्र के पिता से हुई। उन्होंने बताया कि मेरे बेटे ने बहुत बड़ी गलती कर दी है। मैंने छात्र की तरफ देखा तो वो सहम गया और बोला कि अंकल मुझसे गलती हो गई। मेरा वहां मन नहीं लग रहा था। मैंने कृतार्थ को गमछे से गला घोंटकर मार दिया, ताकि स्कूल बंद हो जाए और मैं घर चला जाऊं। पहली बार इन्हीं बयानों में हत्यारोपी छात्र का नाम सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने इस एंगल पर आगे की जांच शुरू की। जब कई छात्रों और परिजनों के बयानों में एक ही छात्र पर शक गहराने लगा तो पुलिस ने फिर से स्कूल परिसर में लगे CCTV की फुटेज देखी। जिसके बाद ये चीजें स्पष्ट हुईं… कोठरी से मिले तंत्र-मंत्र के सामान का मालिक भी बदला
इस हत्याकांड के 4 दिन बाद यानी 26 सितंबर को सब-इंस्पेक्टर हरिचंद DL पब्लिक स्कूल पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में जशोधन सिंह ने जिस कोठरी में तंत्र क्रिया करना बताया था, वो स्कूल के पीछे बनी थी। पुलिस ने कोठरी का ताला खुलवाया। वहां से कलावा बंधा हुआ नारियल, हवन के दो जले हुए नींबू, राख के टुकड़े, सिंदूर लगा हुआ छुरा और 8 स्त्री-पुरुष के फोटो मिले। पुलिस ने पहले दावा किया था कि स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल के पिता जशोधन सिंह को भगत जी भी कहते हैं, वो तंत्र-मंत्र का काम करता था। इस सामान की बरामदगी ने पुलिस के उस खुलासे पर भी मुहर लगा दी, जिसमें तंत्र-मंत्र के चक्कर में बच्चे की हत्या का दावा किया गया था। अब 23 दिसंबर को बनाई चार्जशीट में पुलिस ने स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल के चाचा रामजीलाल का बयान दर्ज किया है। इसमें रामजीलाल ने बताया- मैं बजरंगबली और शनिदेव का भक्त हूं। मंगलवार और शनिवार को DL पब्लिक स्कूल के पीछे कोठरी में पूजा-पाठ करता हूं। कुछ दिन पहले पुलिसवालों को जो पूजा-पाठ का सामान मिला था, वो मेरा ही था। मेरे भाई जशोधन सिंह उर्फ भगत जी भी पहले पूजा-पाठ करते थे। लेकिन, उन्हें पैरालाइसिस की शिकायत हो गई और बीमार रहने लगे। इस वजह से उन्होंने 10-15 साल पहले पूजा-पाठ करना छोड़ दिया था। वो सामान जशोधन सिंह का नहीं था। कुल मिलाकर हाथरस पुलिस ने आरोपी छात्र के कबूलनामे, साथ पढ़ने वालों के बयान, CCTV में आरोपी छात्र की संदिग्धता के आधार पर ये दावा कर दिया है कि कृतार्थ हत्याकांड में स्कूल मैनेजर, प्रिंसिपल और टीचरों का हाथ नहीं था। पुलिस ने इस हत्याकांड में इसी स्कूल में पढ़ने वाले 14 साल के बच्चे को एकमात्र आरोपी मानते हुए 23 दिसंबर को चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। कृतार्थ के परिजनों के पास सवालों की लंबी लिस्ट है। वो पुलिस के इस दावे से जरा भी संतुष्ट नहीं हैं। बार-बार कह रहे हैं कि हत्या तंत्र-मंत्र के चक्कर में ही हुई। पुलिस ने राजनीतिक दबाव में इस केस की जांच बदली है। ——————– यह खबर भी पढ़ें… स्कूल में छुट्‌टी हो जाएगी, इसलिए छात्र को मार डाला, हाथरस में 8वीं के छात्र का कबूलनामा, 2 और बच्चों को मारने की कोशिश की थी हाथरस के डीएल पब्लिक स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ने वाले कृतार्थ को उसके सीनियर छात्र ने अंगोछे से गला घोंटकर मारा था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लग रहा था। वह छुट्टी चाहता था। इसलिए उसने ही कृतार्थ की हत्या कर दी। उसने दो और बच्चों को भी मारने का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हुआ। कृतार्थ की हत्या के 4 दिन पहले हॉस्टल की सीढ़ियों पर लगे CCTV भी तोड़ दिए थे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तर प्रदेश में हाथरस के स्कूल में 22 सितंबर, 2024 को 8 साल के छात्र कृतार्थ की हत्या हुई। पुलिस ने शुरुआती जांच में तंत्र-मंत्र के चक्कर में हत्या मानी। स्कूल के मैनेजर और प्रिंसिपल समेत 5 लोगों को जेल भेज दिया। लेकिन, 3 महीने बाद इस केस ने यू-टर्न लिया। पुलिस ने उसी स्कूल के 8वीं के छात्र को गिरफ्तार किया। नई जांच में पुलिस ने माना कि इस छात्र ने गमछे से गला घोंटकर कृतार्थ की हत्या की थी। वजह उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली थी। पुलिस के मुताबिक, आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लगता था। वह चाहता था कि स्कूल बंद हो जाए, इसलिए उसने जूनियर क्लास के छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। ये ऐसा केस है, जिससे मृतक और आरोपी दोनों ही पक्ष सहमत नहीं हैं। पुलिस के खुलासे पर सवाल उठा रहे हैं। मृतक कृतार्थ के घर वालों का कहना है कि जिस कमरे में 25 छात्र और 2 टीचर मौजूद हों, वहां हत्या संभव नहीं। वहीं, आरोपी छात्र के घर वाले कहते हैं कि जब पुलिस ने 3 महीने पहले उनके बच्चे को क्लीनचिट दे दी, तो वो अब आरोपी कैसे हो गया? दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर जाकर तमाम पहलुओं पर पड़ताल की। सभी पक्षों से विस्तार से बात की। पुलिस की चार्जशीट कॉपी की स्टडी की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पुलिस की 2 थ्योरी… तब पुलिस ने कहा- स्कूल मैनेजर के पिता ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में मार डाला
हाथरस जिले में सहपऊ क्षेत्र का गांव है चुरसेन। यहां के श्रीकृष्ण का 11 साल का बेटा कृतार्थ, रसगवां में DL पब्लिक स्कूल में कक्षा-2 में पढ़ता था। ये आवासीय स्कूल भी है। 22 सितंबर की रात हॉस्टल के कमरे में उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई। 23 सितंबर की सुबह कृतार्थ का शव कमरे में मिला। पुलिस ने इस मामले में प्रिंसिपल राम प्रकाश सोलंकी, मैनेजर दिनेश बघेल, उनके पिता जशोधन सिंह, टीचर लक्ष्मण सिंह और वीरपाल सिंह को जेल भेज दिया था। उस वक्त पुलिस ने दावा किया कि स्कूल मैनेजर के पिता जशोधन सिंह तंत्र-मंत्र करते थे। उसी चक्कर में छात्र की हत्या हुई। पुलिस ने उस वक्त स्कूल के पीछे कोठरी (छोटा कमरा) से तंत्र क्रिया से जुड़ा सामान भी बरामद होना बताया था। अब पुलिस कह रही- स्कूल में छुट्‌टी हो जाए, इसलिए सहपाठी ने किया कत्ल
23 दिसंबर, 2024 को सहपऊ थाना पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट लगाई। इसमें पुलिस ने हत्या का आरोपी 14 साल के बच्चे को माना है, जो मथुरा का रहने वाला है। चार्जशीट में पुलिस ने लिखा- छात्र ने इसी साल जुलाई में DL पब्लिक स्कूल में कक्षा-8 में एडमिशन लिया था। उसके 2 भाई भी इसी स्कूल में पढ़ रहे हैं। छात्र का स्कूल में मन नहीं लग रहा था। वो चाहता था कि किसी भी तरह स्कूल से घर चला जाए। इस स्कूल में एडमिशन से पहले छात्र ने मोबाइल पर देखा था कि किसी बच्चे के मर जाने से स्कूल बंद हो जाता है। इसलिए वह भी अपने मन में यही सोचने लगा कि अगर छोटी क्लास के बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी जाए तो वो चिल्लाएगा नहीं। किसी को पता भी नहीं चलेगा और स्कूल बंद हो जाएगा। दूसरी बार में कृतार्थ की हत्या कर पाया
22 सितंबर की रात से करीब 3 महीने पहले भी आरोपी छात्र ने हॉस्टल में 2 छात्रों को गला दबाकर मारने का प्रयास किया था। वारदात से 4 दिन पहले आरोपी ने अपने कमरे के पास लगे CCTV के तार तोड़ डाले थे। 22 सितंबर की रात वह अपने बिस्तर से उतरा और कृतार्थ के पास आकर सो गया। गहरी नींद में उसने अंगौछे से गला घोंटकर कृतार्थ की हत्या कर दी। फिर दूसरे छात्र के पास जाकर सो गया। पुलिस ने आरोपी छात्र को 16 दिसंबर, 2024 को गिरफ्तार कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया। अब मृतक छात्र कृतार्थ के परिजनों की बात- ताऊ बोले- जिस कमरे में 25 बच्चे हों, वहां मर्डर संभव नहीं
कृतार्थ के ताऊ घनश्याम बताते हैं- हम इस चार्जशीट से संतुष्ट नहीं हैं। सब-इंस्पेक्टर ललित शर्मा ने केस का गलत खुलासा किया है। कृतार्थ उस कमरे में 25 बच्चों के बीच सो रहा था। वहां पर 2 टीचर भी मौजूद थे। इन सबके होते हुए क्या एक बच्चा मर्डर कर सकता है? जब कृतार्थ का गला घोंटा गया तो क्या उसके चीखने-चिल्लाने की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी? हमें लगता है कि हमारे बच्चे की बलि किसी दूसरे स्थान पर दी गई है। उसके बाद लाश को कमरे में लाकर लिटा दिया गया। घनश्याम बताते हैं- इस हत्याकांड के कुछ दिन बाद स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल का भाई मनोज और कन्हैया मेरे पास आए थे। उन्होंने हमें 50 लाख रुपए देकर फैसला करने की बात कही थी। लेकिन, हमने मना कर दिया। घनश्याम कहते हैं- स्कूल का मैनेजर दिनेश बघेल पैसे वाला आदमी है। 160 बीघा जमीन है। राजनीतिक पकड़ मजबूत है। केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल से उसके सीधे संबंध बताए जाते हैं। हो सकता है, पैसा देकर और राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने स्कूल मैनेजर, प्रिंसिपल और टीचरों को क्लीन चिट दी हो। वे बताते हैं- हमने दिनेश बघेल की गाड़ी में अपने बच्चे की बॉडी बरामद की थी। उसके गले पर गहरे जख्म के निशान थे। आंखों से आंसू निकलने के निशान थे। पिता का आरोप- स्कूल मैनेजर के केंद्रीय मंत्री बघेल से अच्छे संबंध
कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण दिल्ली में रहते हैं। हमने उनसे फोन पर बातचीत की। श्रीकृष्ण ने कहा- पुलिस ने चार्जशीट में झूठी कहानी बनाई है। जिस बच्चे को पुलिस ने अब हत्याकांड में गिरफ्तार किया है, उसे पहले भी 4 दिन तक हिरासत में रखा था। फिर उसको पैसे देकर छोड़ दिया। फिर पुलिस अचानक बच्चे को ले आई और गिरफ्तारी दिखा दी। स्कूल प्रशासन ने ही प्लान के तहत मेरे बेटे की हत्या की। CCTV की 8 मिनट की आज तक फुटेज गायब है। वो फुटेज जान-बूझकर डिलीट की गई है। हत्या के आरोप में मथुरा के जिस बच्चे की अब गिरफ्तारी दिखाई है, SOG ने 3 महीने पहले उसे उठाया। उसे डराया और धमकाया। इसके बाद उसे उल्टा 6 हजार रुपए देकर घर भेज दिया और कहा कि घर पर कुछ मत बताना। पुलिस स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल को इसलिए बचा रही है, क्योंकि उसकी राजनीतिक पकड़ अच्छी है। पूरा बघेल समाज एक है। वकील का सवाल- स्कूल के पीछे कोठरी में हनुमान मूर्ति के बिना पूजा कैसी?
कृतार्थ के पिता की ओर से वकील मुन्ना सिंह पुंडीर कोर्ट में केस लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया- प्राइमाफेसी चार्जशीट को देखने से लगता है कि पुलिस ने केस को पूरी तरह से उलट दिया है। पुलिस ने 180 डिग्री के एंगल पर टर्न लिया है। पहले केस ये था कि तंत्र-मंत्र के आधार पर स्कूल मैनेजर के पिता जशोधन सिंह ने बच्चे की बलि चढ़ा दी। अब पुलिस कह रही है कि वहां तंत्र-मंत्र होता ही नहीं। वो तो स्कूल के पीछे कोठरी में पूजा-पाठ करते थे। मेरा सवाल है कि हनुमानजी की पूजा होगी तो मंदिर में होगी। जबकि वहां हनुमान मूर्ति भी नहीं थी। फिर ये कैसी पूजा थी? मुन्ना सिंह बताते हैं- गिरफ्तारी के वक्त पांचों आरोपियों ने वीडियोग्राफिक बयान में कबूला था कि ये मर्डर हमने किया है। अब वो कह रहे हैं कि हमने डर की वजह से बयान दिया था। अब ये बताएं कि जब वो पांचों लोग पुलिस से डरकर बयान दे सकते हैं, तो जेल गया बच्चा क्यों डरकर नहीं कबूल सकता? 11 साल का एक बच्चा 9 साल के बच्चे का मर्डर नहीं कर सकता। ये बहुत सीधी सी बात है। अकेला तो बिल्कुल नहीं कर सकता। मरने वाले लड़के कृतार्थ को पहलवानी का शौक था। अगर दोनों बच्चों के बीच कुश्ती होती तो कृतार्थ दूसरे बच्चे को नीचे गिरा देता। (हालांकि उन्होंने बोलचाल में ऐसा कहा…बच्चों की उम्र 14 और 11 साल है।) हत्यारोपी बच्चे का पिता बोला- मैं गंवार, पुलिस ने झूठा फंसाया
पुलिस ने जिस छात्र को इस हत्याकांड में गिरफ्तार किया है, उसकी उम्र 14 साल है। वो इसी DL पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। दैनिक भास्कर ने इसके पिता से भी बात की। वो सेल्समैन हैं और बेकरी का सामान दुकानों पर पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया- पुलिस ने इस हत्याकांड के कुछ दिन बाद ही मेरा बेटा उठा लिया। चार दिन तक उसको अपने पास रखा। उसको पीटा गया। इंस्पेक्टर मनीष चिकारा ने 4 दिन बाद मेरे बच्चे को छोड़ दिया। मुझसे ये भी कहा कि बेटे को घर ले जाओ। बेटे को 6 हजार रुपए पुलिस ने ये कहकर दिए कि घर पर कुछ मत बताना। अब 16 दिसंबर 2024 को पुलिस घर पर आई। पुलिसकर्मियों ने कहा कि आपके बेटे को SP के सामने पेश करना है, फिर हम वापस घर पर छोड़ जाएंगे। बेटे को कपड़े तक बदलने का मौका नहीं दिया। मुझे तो ये भी सुनने में आ रहा है कि हमारे बेटे ने स्कूल में किसी और बच्चे से पूछा था कि स्कूल की छुट्टी कैसे होगी? दूसरे बच्चे ने ये सलाह दी कि कोई बच्चा मर जाएगा तो स्कूल की छुट्टी हो जाएगी। मेरा सवाल है कि ऐसी सलाह देने वाला बच्चा कितना शातिर होगा? अगर ये बात सत्य है तो पुलिस ने दूसरे बच्चे पर कार्रवाई क्यों नहीं की? पुलिस ने पहली बार जब हमारे बच्चे को पूछताछ के बाद छोड़ा तो हमने उससे घर पर बात की। बच्चे ने पूरी घटना से इनकार किया। आरोपी छात्र के पिता ने कहा, मैं गंवार हूं, दलित हूं। दलितों के साथ शुरू से ही ऐसा होता रहा है। गांव के किसी एक बच्चे को फंसाकर दिखाते, तब पुलिस को पता चलता। बचाव पक्ष के वकील बोले- हमने उस छात्र पर पहले ही शक जाहिर किया था स्कूल मैनेजर के वकील डॉ. पर्थ गौतम कहते हैं- शुरुआत में पुलिस ने ये केस तंत्र-मंत्र की तरफ मोड़ना चाहा। शुरुआती इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने बेहद जल्दबाजी में स्कूल मैनेजर, प्रिंसिपल सहित 5 लोगों को जेल भेज दिया था। स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल की पत्नी पुष्पा ने 8 अक्टूबर को DIG अलीगढ़ को एक पत्र दिया और बताया कि हमें स्कूल के छात्र पर हत्या करने का शक है। आखिरकार वही बात सही निकली। पुलिस जांच में वो ही छात्र आरोपी निकला, जिस पर हमें शक था। कैसे इस केस की जांच बदलती गई, अब वो पढ़िए एक छात्र के पिता के बयान से हत्याकांड में आया यू-टर्न शुरुआत में इस हत्याकांड के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर थाना प्रभारी मनीष चिकारा थे। बाद में उनके लाइन हाजिर होने पर नए थाना प्रभारी ललित कुमार शर्मा बने। उन्होंने 4 नवंबर से नए सिरे से केस की जांच शुरू की। ललित शर्मा ने हत्याकांड वाली रात हॉस्टल के कमरे में मौजूद कई छात्रों के बयान दर्ज किए। उनके परिजनों से भी पूछताछ की। 10 दिसंबर से केस ने यू-टर्न लेना शुरू कर दिया, जब पुलिस के सामने कक्षा-3 के छात्र के पिता का अहम बयान सामने आया। छात्र के पिता ने पुलिस को बताया- 23 सितंबर की सुबह हमें पता चला कि स्कूल में एक छात्र कृतार्थ की मौत हुई है। मैं अपने तीनों बच्चों को लेने स्कूल पहुंचा। वहां अन्य परिजन भी पहुंचे हुए थे। इस दौरान हमें पता चला कि स्कूल में एक ऐसा छात्र है, जिसके परिजनों को अब तक सूचित नहीं किया गया है। उसकी वजह ये है कि छात्र ने खुद ही परिजनों को सूचना देने से मना कर दिया था। उस समय वो छात्र काफी घबराया हुआ था। 4 अक्टूबर को मुझे उस (हत्यारोपी) छात्र के पिता कस्बा सहपऊ में मिले। वो परेशान लग रहे थे। मैंने पूछा तो उन्होंने बताया कि मेरे लड़के ने ऐसी उलझन पैदा कर दी है कि कुछ समझ नहीं पा रहा हूं। 10 दिसंबर को मेरी मुलाकात फिर से मथुरा रेलवे स्टेशन पर उसी छात्र के पिता से हुई। उन्होंने बताया कि मेरे बेटे ने बहुत बड़ी गलती कर दी है। मैंने छात्र की तरफ देखा तो वो सहम गया और बोला कि अंकल मुझसे गलती हो गई। मेरा वहां मन नहीं लग रहा था। मैंने कृतार्थ को गमछे से गला घोंटकर मार दिया, ताकि स्कूल बंद हो जाए और मैं घर चला जाऊं। पहली बार इन्हीं बयानों में हत्यारोपी छात्र का नाम सामने आया, जिसके बाद पुलिस ने इस एंगल पर आगे की जांच शुरू की। जब कई छात्रों और परिजनों के बयानों में एक ही छात्र पर शक गहराने लगा तो पुलिस ने फिर से स्कूल परिसर में लगे CCTV की फुटेज देखी। जिसके बाद ये चीजें स्पष्ट हुईं… कोठरी से मिले तंत्र-मंत्र के सामान का मालिक भी बदला
इस हत्याकांड के 4 दिन बाद यानी 26 सितंबर को सब-इंस्पेक्टर हरिचंद DL पब्लिक स्कूल पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में जशोधन सिंह ने जिस कोठरी में तंत्र क्रिया करना बताया था, वो स्कूल के पीछे बनी थी। पुलिस ने कोठरी का ताला खुलवाया। वहां से कलावा बंधा हुआ नारियल, हवन के दो जले हुए नींबू, राख के टुकड़े, सिंदूर लगा हुआ छुरा और 8 स्त्री-पुरुष के फोटो मिले। पुलिस ने पहले दावा किया था कि स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल के पिता जशोधन सिंह को भगत जी भी कहते हैं, वो तंत्र-मंत्र का काम करता था। इस सामान की बरामदगी ने पुलिस के उस खुलासे पर भी मुहर लगा दी, जिसमें तंत्र-मंत्र के चक्कर में बच्चे की हत्या का दावा किया गया था। अब 23 दिसंबर को बनाई चार्जशीट में पुलिस ने स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल के चाचा रामजीलाल का बयान दर्ज किया है। इसमें रामजीलाल ने बताया- मैं बजरंगबली और शनिदेव का भक्त हूं। मंगलवार और शनिवार को DL पब्लिक स्कूल के पीछे कोठरी में पूजा-पाठ करता हूं। कुछ दिन पहले पुलिसवालों को जो पूजा-पाठ का सामान मिला था, वो मेरा ही था। मेरे भाई जशोधन सिंह उर्फ भगत जी भी पहले पूजा-पाठ करते थे। लेकिन, उन्हें पैरालाइसिस की शिकायत हो गई और बीमार रहने लगे। इस वजह से उन्होंने 10-15 साल पहले पूजा-पाठ करना छोड़ दिया था। वो सामान जशोधन सिंह का नहीं था। कुल मिलाकर हाथरस पुलिस ने आरोपी छात्र के कबूलनामे, साथ पढ़ने वालों के बयान, CCTV में आरोपी छात्र की संदिग्धता के आधार पर ये दावा कर दिया है कि कृतार्थ हत्याकांड में स्कूल मैनेजर, प्रिंसिपल और टीचरों का हाथ नहीं था। पुलिस ने इस हत्याकांड में इसी स्कूल में पढ़ने वाले 14 साल के बच्चे को एकमात्र आरोपी मानते हुए 23 दिसंबर को चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। कृतार्थ के परिजनों के पास सवालों की लंबी लिस्ट है। वो पुलिस के इस दावे से जरा भी संतुष्ट नहीं हैं। बार-बार कह रहे हैं कि हत्या तंत्र-मंत्र के चक्कर में ही हुई। पुलिस ने राजनीतिक दबाव में इस केस की जांच बदली है। ——————– यह खबर भी पढ़ें… स्कूल में छुट्‌टी हो जाएगी, इसलिए छात्र को मार डाला, हाथरस में 8वीं के छात्र का कबूलनामा, 2 और बच्चों को मारने की कोशिश की थी हाथरस के डीएल पब्लिक स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ने वाले कृतार्थ को उसके सीनियर छात्र ने अंगोछे से गला घोंटकर मारा था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लग रहा था। वह छुट्टी चाहता था। इसलिए उसने ही कृतार्थ की हत्या कर दी। उसने दो और बच्चों को भी मारने का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हुआ। कृतार्थ की हत्या के 4 दिन पहले हॉस्टल की सीढ़ियों पर लगे CCTV भी तोड़ दिए थे। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर