जन्माष्टमी पर मथुरा कैसे पहुंचे, कहां रहें, जानिए सबकुछ:5000 होटल-होम स्टे तैयार, 5 राज्यों से आ रहीं 300 ट्रेनें, लोकल कन्वेंस से घूमिए

जन्माष्टमी पर मथुरा कैसे पहुंचे, कहां रहें, जानिए सबकुछ:5000 होटल-होम स्टे तैयार, 5 राज्यों से आ रहीं 300 ट्रेनें, लोकल कन्वेंस से घूमिए

26-27 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर करीब 50 लाख लोग मथुरा-वृंदावन पहुंचने वाले हैं। 5 हजार छोटे-बड़े मंदिरों में कान्हा जन्म लेंगे। रेलवे मथुरा-वृंदावन आने के लिए 300 ट्रेन चला रहा है। रोडवेज ने भी बसें तैयार रखी हैं। मथुरा-वृंदावन में 5000 होटल, लॉन्ज और होम स्टे हैं। बजट कम हैं, तो धर्मशालाएं हैं। इनमें 50 रुपए में भी कमरा मिल जाएगा। जन्माष्टमी से पहले दैनिक भास्कर आपको बता रहा है, मथुरा-वृंदावन कैसे पहुंच सकते हैं? कहां ठहर सकते हैं? कहां-कहां घूम सकते हैं? पढ़िए रिपोर्ट… रेलवे ने 3 एक्सट्रा काउंटर बनाए, स्पेशल ट्रेनें चलाईं
मथुरा में 3 रेलवे स्टेशन हैं। इनमें पूरे देशभर से यात्रियों को लेकर 300 से ज्यादा ट्रेनें पहुंच रही हैं। 6 राज्यों से सबसे ज्यादा भक्त मथुरा-वृंदावन पहुंचते हैं। यही वजह है, जन्माष्टमी पर 3 नए टिकट काउंटर खोलने की तैयारी है। रेलवे स्टेशन पर सिक्योरिटी के लिए GRP और RPF की ड्यूटी लगी है। पीने के पानी से लेकर रेलवे रेस्टोरेंट में क्वालिटी फूड की व्यवस्थाओं को जांचने के लिए अधिकारी पहुंच रहे हैं। उत्तर मध्य रेलवे आगरा मंडल की PRO प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया- मथुरा-कासगंज रूट पर स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। 5 ट्रेनों को विस्तार दिया गया है। ऑनलाइन बुकिंग में कोशिश हो रही है कि ज्यादा से ज्यादा यात्रियों की बुकिंग कंफर्म हो जाए। इसके लिए अतिरिक्त कोच लगाए जा रहे हैं। मथुरा के 3 बस स्टैंड से 350 गाड़ियां चल रहीं
मथुरा में 3 बस स्टैंड हैं, जहां देशभर से बसें पहुंचती हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को देखते हुए 350 बसें लगातार चलाई जा रही हैं। सामान्य दिनों में 170 बसें चलती हैं। मथुरा बस स्टैंड से दिल्ली-आगरा, राजस्थान और हरियाणा रूट की बसें मिलेंगी। पुराना बस अड्‌डा से कासगंज, बरेली, हाथरस, अलीगढ़, उत्तराखंड के रूट की बसें मिलेंगी। वहीं गोकुल रेस्टोरेंट बस अड्‌डा से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड की बसें मिलेंगी। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के मथुरा स्टेशन प्रभारी संतोष अग्रवाल ने कहा- बसों के अंदर लोग खड़े होकर नहीं चलेंगे। सभी को सीट मिले, इसके लिए लगातार बसों का संचालन हो रहा है। अगर जरूरत पड़ती है, तो बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। 500 होटल, रेस्टोरेंट पर बिना प्याज-लहसुन का खाना मिल रहा
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- 2023 की तुलना में इस बार ज्यादा भक्त पहुंचने की उम्मीद है। होटल, रेस्टोरेंट के मालिकों ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। लोगों ने एडवांस में ऑनलाइन बुकिंग करा रखी है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर हमारा पूरा फोकस है। मथुरा-वृंदावन आने वालों के जेहन में दर्शन के बाद सवाल उठता है कि अच्छा खाना कहां मिलेगा? इसका जवाब है कि यहां हल्दीराम, बीकानेर वाला, ब्रजवासी के अलावा करीब 500 रेस्टोरेंट और ढाबे हैं। खास बात यह है कि यहां आपको बिना प्याज-लहसुन का खाना भी मिल सकेगा। भोजन थाल 80 से लेकर 230 रुपए तक उपलब्ध है। अब बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने की व्यवस्थाएं पढ़िए। कहां से एंट्री होगी, कहां से एग्जिट मिलेगा… इलेक्ट्रानिक गैजेट, लाइटर मंदिर में नहीं ले जा सकते
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव का मुख्य कार्यक्रम उनकी जन्मस्थली मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर पर होता है। लेकिन, इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर हॉट स्पॉट है। चेकिंग के बाद ही भक्त मंदिर तक पहुंच पा रहे हैं। इलेक्ट्रानिक गैजेट नहीं ले जा सकते। धारदार चीज, तंबाकू उत्पाद, लाइटर भी परिसर में बैन है। जानिए कहां जूते उतारने होंगे, फिर 200 मीटर पैदल चलेंगे भक्त
मंदिर तक आने के 3 रास्ते हैं। सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है। 300 पुलिसकर्मी सिर्फ क्राउड मैनेजमेंट के लिए हैं। ज्यादा भीड़ होने पर जुगलघाट और गौतमपाड़ा पर बैरियर लगाने की व्यवस्था है। तब 50-50 लोगों को छोड़ा जाएगा। मंदिर पहुंचने से पहले जुगलघाट, विद्यापीठ चौराहा, दुसायत मोहल्ला पर जूता-घर बनाया गया है। यहां से 200 मीटर दूर मंदिर तक भक्तों को पैदल चलना होता है। अब पढ़िए होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष क्या कहते हैं… ​​​​​​अब 2022 में हुआ हादसा पढ़िए
19 अगस्त, 2022 को ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रात 12 बजे श्रीकृष्ण का अभिषेक किया गया। इसके बाद ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार हुआ। इस दौरान कपाट बंद थे। भक्त मंदिर के आंगन में इकट्ठा होते रहे। 1.45 बजे कपाट दोबारा खोले गए। इसके बाद 1.55 बजे मंगला आरती शुरू हुई। मंदिर के आंगन में एक साथ करीब 800 भक्त आ सकते हैं। अनुमान है कि यहां क्षमता से 50 हजार अधिक श्रद्धालु पहुंच गए। भीड़ अधिक होने की वजह से कुछ श्रद्धालुओं का दम घुटने लगा। सांस लेने में दिक्कत होने के बाद नोएडा सेक्टर- 99 की रहने वाली महिला निर्मला देवी और वृंदावन की भूलेराम कॉलोनी रुक्मिणी विहार के रामप्रसाद विश्वकर्मा की सबसे पहले तबीयत बिगड़ी। रेस्क्यू टीम अस्पताल लेकर जा रही थी, मगर उन्होंने दम तोड़ दिया। यह भी पढ़ें – जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन में 50 लाख भक्त पहुंचेंगे: कान्हा के कपड़ों और पेड़ों का 625 करोड़ का कारोबार; पढ़िए महाप्रसाद की कहानी 26 और 27 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। मथुरा-वृंदावन में कान्हा के रंग चढ़ने लगे हैं। अगले 4 दिन में यहां करीब 50 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे। शहर के 700 से ज्यादा होटल-धर्मशाला बुक हैं। भगवान कृष्ण को चढ़ने वाले महाप्रसाद के साथ कान्हा के कपड़े तैयार हैं। इस बार 625 करोड़ के कारोबार होने की उम्मीद है। महाप्रसाद में सबसे मुख्य है पेड़ा। मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले लोग पेड़ा खाकर ही व्रत तोड़ते हैं। ऐसे में इस बार 225 करोड़ का पेड़ा बिकने का अनुमान है। भास्कर की रिपोर्ट में पढ़िए महाप्रसाद पेड़े और कान्हा के कपड़े की कहानी… 26-27 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर करीब 50 लाख लोग मथुरा-वृंदावन पहुंचने वाले हैं। 5 हजार छोटे-बड़े मंदिरों में कान्हा जन्म लेंगे। रेलवे मथुरा-वृंदावन आने के लिए 300 ट्रेन चला रहा है। रोडवेज ने भी बसें तैयार रखी हैं। मथुरा-वृंदावन में 5000 होटल, लॉन्ज और होम स्टे हैं। बजट कम हैं, तो धर्मशालाएं हैं। इनमें 50 रुपए में भी कमरा मिल जाएगा। जन्माष्टमी से पहले दैनिक भास्कर आपको बता रहा है, मथुरा-वृंदावन कैसे पहुंच सकते हैं? कहां ठहर सकते हैं? कहां-कहां घूम सकते हैं? पढ़िए रिपोर्ट… रेलवे ने 3 एक्सट्रा काउंटर बनाए, स्पेशल ट्रेनें चलाईं
मथुरा में 3 रेलवे स्टेशन हैं। इनमें पूरे देशभर से यात्रियों को लेकर 300 से ज्यादा ट्रेनें पहुंच रही हैं। 6 राज्यों से सबसे ज्यादा भक्त मथुरा-वृंदावन पहुंचते हैं। यही वजह है, जन्माष्टमी पर 3 नए टिकट काउंटर खोलने की तैयारी है। रेलवे स्टेशन पर सिक्योरिटी के लिए GRP और RPF की ड्यूटी लगी है। पीने के पानी से लेकर रेलवे रेस्टोरेंट में क्वालिटी फूड की व्यवस्थाओं को जांचने के लिए अधिकारी पहुंच रहे हैं। उत्तर मध्य रेलवे आगरा मंडल की PRO प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया- मथुरा-कासगंज रूट पर स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। 5 ट्रेनों को विस्तार दिया गया है। ऑनलाइन बुकिंग में कोशिश हो रही है कि ज्यादा से ज्यादा यात्रियों की बुकिंग कंफर्म हो जाए। इसके लिए अतिरिक्त कोच लगाए जा रहे हैं। मथुरा के 3 बस स्टैंड से 350 गाड़ियां चल रहीं
मथुरा में 3 बस स्टैंड हैं, जहां देशभर से बसें पहुंचती हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को देखते हुए 350 बसें लगातार चलाई जा रही हैं। सामान्य दिनों में 170 बसें चलती हैं। मथुरा बस स्टैंड से दिल्ली-आगरा, राजस्थान और हरियाणा रूट की बसें मिलेंगी। पुराना बस अड्‌डा से कासगंज, बरेली, हाथरस, अलीगढ़, उत्तराखंड के रूट की बसें मिलेंगी। वहीं गोकुल रेस्टोरेंट बस अड्‌डा से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड की बसें मिलेंगी। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के मथुरा स्टेशन प्रभारी संतोष अग्रवाल ने कहा- बसों के अंदर लोग खड़े होकर नहीं चलेंगे। सभी को सीट मिले, इसके लिए लगातार बसों का संचालन हो रहा है। अगर जरूरत पड़ती है, तो बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। 500 होटल, रेस्टोरेंट पर बिना प्याज-लहसुन का खाना मिल रहा
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा- 2023 की तुलना में इस बार ज्यादा भक्त पहुंचने की उम्मीद है। होटल, रेस्टोरेंट के मालिकों ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। लोगों ने एडवांस में ऑनलाइन बुकिंग करा रखी है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर हमारा पूरा फोकस है। मथुरा-वृंदावन आने वालों के जेहन में दर्शन के बाद सवाल उठता है कि अच्छा खाना कहां मिलेगा? इसका जवाब है कि यहां हल्दीराम, बीकानेर वाला, ब्रजवासी के अलावा करीब 500 रेस्टोरेंट और ढाबे हैं। खास बात यह है कि यहां आपको बिना प्याज-लहसुन का खाना भी मिल सकेगा। भोजन थाल 80 से लेकर 230 रुपए तक उपलब्ध है। अब बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचने की व्यवस्थाएं पढ़िए। कहां से एंट्री होगी, कहां से एग्जिट मिलेगा… इलेक्ट्रानिक गैजेट, लाइटर मंदिर में नहीं ले जा सकते
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव का मुख्य कार्यक्रम उनकी जन्मस्थली मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर पर होता है। लेकिन, इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर हॉट स्पॉट है। चेकिंग के बाद ही भक्त मंदिर तक पहुंच पा रहे हैं। इलेक्ट्रानिक गैजेट नहीं ले जा सकते। धारदार चीज, तंबाकू उत्पाद, लाइटर भी परिसर में बैन है। जानिए कहां जूते उतारने होंगे, फिर 200 मीटर पैदल चलेंगे भक्त
मंदिर तक आने के 3 रास्ते हैं। सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई है। 300 पुलिसकर्मी सिर्फ क्राउड मैनेजमेंट के लिए हैं। ज्यादा भीड़ होने पर जुगलघाट और गौतमपाड़ा पर बैरियर लगाने की व्यवस्था है। तब 50-50 लोगों को छोड़ा जाएगा। मंदिर पहुंचने से पहले जुगलघाट, विद्यापीठ चौराहा, दुसायत मोहल्ला पर जूता-घर बनाया गया है। यहां से 200 मीटर दूर मंदिर तक भक्तों को पैदल चलना होता है। अब पढ़िए होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष क्या कहते हैं… ​​​​​​अब 2022 में हुआ हादसा पढ़िए
19 अगस्त, 2022 को ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में रात 12 बजे श्रीकृष्ण का अभिषेक किया गया। इसके बाद ठाकुर जी का विशेष श्रृंगार हुआ। इस दौरान कपाट बंद थे। भक्त मंदिर के आंगन में इकट्ठा होते रहे। 1.45 बजे कपाट दोबारा खोले गए। इसके बाद 1.55 बजे मंगला आरती शुरू हुई। मंदिर के आंगन में एक साथ करीब 800 भक्त आ सकते हैं। अनुमान है कि यहां क्षमता से 50 हजार अधिक श्रद्धालु पहुंच गए। भीड़ अधिक होने की वजह से कुछ श्रद्धालुओं का दम घुटने लगा। सांस लेने में दिक्कत होने के बाद नोएडा सेक्टर- 99 की रहने वाली महिला निर्मला देवी और वृंदावन की भूलेराम कॉलोनी रुक्मिणी विहार के रामप्रसाद विश्वकर्मा की सबसे पहले तबीयत बिगड़ी। रेस्क्यू टीम अस्पताल लेकर जा रही थी, मगर उन्होंने दम तोड़ दिया। यह भी पढ़ें – जन्माष्टमी पर मथुरा-वृंदावन में 50 लाख भक्त पहुंचेंगे: कान्हा के कपड़ों और पेड़ों का 625 करोड़ का कारोबार; पढ़िए महाप्रसाद की कहानी 26 और 27 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। मथुरा-वृंदावन में कान्हा के रंग चढ़ने लगे हैं। अगले 4 दिन में यहां करीब 50 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे। शहर के 700 से ज्यादा होटल-धर्मशाला बुक हैं। भगवान कृष्ण को चढ़ने वाले महाप्रसाद के साथ कान्हा के कपड़े तैयार हैं। इस बार 625 करोड़ के कारोबार होने की उम्मीद है। महाप्रसाद में सबसे मुख्य है पेड़ा। मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले लोग पेड़ा खाकर ही व्रत तोड़ते हैं। ऐसे में इस बार 225 करोड़ का पेड़ा बिकने का अनुमान है। भास्कर की रिपोर्ट में पढ़िए महाप्रसाद पेड़े और कान्हा के कपड़े की कहानी…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर