यूपी से जम्मू जा रही बस गुरुवार को अखनूर में 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई। 69 लोग घायल हैं। बस में अलीगढ़ और हाथरस के 3 गांवों के 60 श्रद्धालु थे। देर रात तक अलीगढ़ के 2 और हाथरस के 9 लोगों के शव निकाले गए। मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है। हादसा जम्मू-पुंछ राजमार्ग पर हुआ। हादसे की सूचना जैसे ही अलीगढ़ और हाथरस के 3 गांवों में पहुंची लोग परेशान हो गए। जिन परिवारों के लोग जम्मू गए हैं, उनके परिजनों में चीख-पुकार मच गई। उनके घरों के बाहर भीड़ लगनी शुरू हो गई। अभी तक लोगों को ये पता नहीं चल पाया है कि किसकी जान गई और कौन जिंदा बचा। गांव में किसी के घर चूल्हा नहीं जला। दैनिक भास्कर की टीम तीनों गांव गई। पीड़ित परिवारों से बात की, पढ़िए परिजनों ने क्या कुछ बताया… लेकिन पहले देखिए हादसे की तस्वीरें गांव नगला में लगी थी भीड़, हर जुबान पर हादसे की चर्चा
गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे पहले हम हाथरस के उदय सिंह नगला गांव पहुंचे। गांव में घुसते ही लोगों की भीड़ दिखाई देने लगी। जिसे देखकर अंदाजा हो गया कि हादसे की खबर इन्हें मिल चुकी है। यहां लोगों से बात करने पर पता चला कि 28 मई को अलीगढ़ के इगलास के नाया गांव से बस जम्मू-कश्मीर के लिए निकली थी। 8 जून को उन्हें लौटना था। बस में मथुरा और राजस्थान के भरतपुर के भी यात्री थे
नगला गांव के लोगों ने बताया, बस में नया गांव के 35 लोग और हाथरस के मुरसान क्षेत्र के गांव नगला उदय सिंह के 15 लोग और हाथरस के गांव मझोला के 10 लोग थे। बस ड्राइवर ने कुछ अन्य क्षेत्रों से भी लोगों को बैठाया था। बस में मथुरा और राजस्थान के भरतपुर के भी यात्री थे। सभी को वैष्णो देवी के बाद ज्वाला जी, नैना देवी, हरिद्वार और ऋषिकेश का दर्शन करना था। देर रात जिला प्रशासन ने उदय सिंह नगला के निवासी वीरपाल, यश, राजो और राधेश्याम की पत्नी धर्मावती की मौत की पुष्टि की। गांव के 11 लोगों के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। ‘पिछले साल भी लोग गए थे’ राजकुमारी ने बताया, हमारे परिवार से भी कई लोग गए हैं। हमें दोपहर में जानकारी मिली कि यहां से गई बस जम्मू में पलट गई है। पिछले साल भी कुछ लोग गए थे। सभी अच्छे से दर्शन करके आ गए थे। इस बार ज्यादा लोग गए। हमें दो-तीन लोगों के हादसे में सुरक्षित होने की जानकारी मिली है। बाकी का पता नहीं चल पा रहा है। परिवार के 5 लोगों की नहीं मिल पा रही जानकारी
नगला के ही राजू ने बताया, मेरे परिवार के 5 लोग जम्मू-कश्मीर गए हैं। गांव से 15 लोग बस से 28 तारीख को वैष्णो देवी गए थे। ये अभी पता नहीं चल पाया है कि कितने लोगों की मौत हुई है। हम प्रशासन से संपर्क करके पता करने की कोशिश कर रहे हैं। लोग बहुत घबराए हुए हैं। ईश्वर से यही दुआ है कि सभी को सही सलामत रखें। परिवार के 3 लाेग सुरक्षित, 4 का पता नहीं
ग्रामीण राजेश ने बताया, हमारे परिवार के 7 लोग गए थे। हमें पता चला कि मेरे ताऊ जी, मेरे चाचा और एक मेरा भाई अर्जुन सुरक्षित हैं। बाकी 4 लोगों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। हम अपने स्तर से पता कर रहे हैं। गांव से जब सब लोग निकले थे तो उनसे बीच-बीच में बात भी हो रही थी। जब पता चला कि जम्मू में बस खाई में पलट गई, तो हमारे हाथ-पांव फूल गए। परिवार के अन्य लाेग भी सुरक्षित हों तो जान में जान आए। नगला गांव से हम हाथरस के ही मझोला गांव पहुंचे। यहां के 10 लोग भी गए थे। इस गांव के 5 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। उप जिलाधिकारी सदर लवलीत कौर गांव पहुंचीं। उन्होंने परिवार के लोगों से बात की। बताया बाकी लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। जिले के ज्यादातर लोग सुरक्षित हैं। हादसे का लेकर भास्कर की टीम ने प्रधान पति पूरन सिंह से बात की। उन्होंने कहा- हमारे गांव से देवी दर्शन के लिए 10 लोग गए थे। इसमें 2 बच्चे और महिलाएं भी थीं। हादसे में 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इनमें रणवीर सिंह, प्राची, रेनू, जय प्रकाश और राहुल हैं। अन्य की जानकारी नहीं मिल पाई है। अधिकारी गांव पहुंचे थे। उन्होंने मृतकों के नाम की लिस्ट दी। इसके बाद रणवीर की मां ने बताया, हमारे परिवार के चार लोग वैष्णो देवी गए थे। इनमें हमारे 2 बेटे, बहू और नाती हैं। हादसे की गुरुवार दोपहर में जानकारी मिली। हमारी बहू से बात हुई है, वो सुरक्षित है। बाकी का अभी पता नहीं चल पाया है। परिवार और गांव के लोगों ने अभी उन्हें बेटे रणवीर की मौत की जानकारी नहीं दी है। देर शाम नाया गांव पहुंचे अफसर, कहा- घबराइए मत
शाम करीब 5 बजे हाथरस से निकल कर भास्कर की टीम 6 बजे अलीगढ़ के नाया गांव पहुंचीं। यहां भी माहौल हाथरस के गांव नगला जैसा था। लोग परेशान दिखे। जिनके परिवार के लोग बस से जम्मू गए थे, उनके चेहरे पर परेशानी साफ दिख रही थी। गांव में मातम पसरा था। आसपास के लोग पीड़ित परिवारों को सांत्वना दे रहे थे। कह रहे थे सब ठीक हो जाएगा। चिंता मत करिए, हमारे सभी लोग सुरक्षित घर लौट आएंगे। कुछ देर बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और नायब तहसीलदार भी पहुंच गए। उन्होंने गांव वालों से मामले की जानकारी ली। उन्हें हौसला दिया कि घबराइए मत, हमारी टीम सबका पता लगाने में जुटी है। मेरी छोटे भाई और बहू की मौत, बाकी का पता नहीं
इसी बीच हमारी बात गांव के पुरुषोत्तम से हुई। 65 साल के इस बुजुर्ग की आंखें नम थीं। जुबान लड़खड़ा रही थी। पूछने पर बताया, बस यहां से भरकर निकली थी। कुछ लोगों को बाहर से बैठाया गया था। मेरे गांव नाया से लगभग 35-40 लोग गए थे। हमारे परिवार से 4 लोग गए थे। मेरे भतीजे ने फोन कर बताया कि मेरी मां और पापा नहीं रहे। इनके नाम सीमा देवी और श्रवण कुमार हैं। मेरी पत्नी और भतीजा सुरक्षित है। उनके भी चोट आई है। करीब 10-11 लोग घायल भी हुए हैं। बाकी की जानकारी नहीं मिल पा रही है। यूपी से जम्मू जा रही बस गुरुवार को अखनूर में 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई। 69 लोग घायल हैं। बस में अलीगढ़ और हाथरस के 3 गांवों के 60 श्रद्धालु थे। देर रात तक अलीगढ़ के 2 और हाथरस के 9 लोगों के शव निकाले गए। मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है। हादसा जम्मू-पुंछ राजमार्ग पर हुआ। हादसे की सूचना जैसे ही अलीगढ़ और हाथरस के 3 गांवों में पहुंची लोग परेशान हो गए। जिन परिवारों के लोग जम्मू गए हैं, उनके परिजनों में चीख-पुकार मच गई। उनके घरों के बाहर भीड़ लगनी शुरू हो गई। अभी तक लोगों को ये पता नहीं चल पाया है कि किसकी जान गई और कौन जिंदा बचा। गांव में किसी के घर चूल्हा नहीं जला। दैनिक भास्कर की टीम तीनों गांव गई। पीड़ित परिवारों से बात की, पढ़िए परिजनों ने क्या कुछ बताया… लेकिन पहले देखिए हादसे की तस्वीरें गांव नगला में लगी थी भीड़, हर जुबान पर हादसे की चर्चा
गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे पहले हम हाथरस के उदय सिंह नगला गांव पहुंचे। गांव में घुसते ही लोगों की भीड़ दिखाई देने लगी। जिसे देखकर अंदाजा हो गया कि हादसे की खबर इन्हें मिल चुकी है। यहां लोगों से बात करने पर पता चला कि 28 मई को अलीगढ़ के इगलास के नाया गांव से बस जम्मू-कश्मीर के लिए निकली थी। 8 जून को उन्हें लौटना था। बस में मथुरा और राजस्थान के भरतपुर के भी यात्री थे
नगला गांव के लोगों ने बताया, बस में नया गांव के 35 लोग और हाथरस के मुरसान क्षेत्र के गांव नगला उदय सिंह के 15 लोग और हाथरस के गांव मझोला के 10 लोग थे। बस ड्राइवर ने कुछ अन्य क्षेत्रों से भी लोगों को बैठाया था। बस में मथुरा और राजस्थान के भरतपुर के भी यात्री थे। सभी को वैष्णो देवी के बाद ज्वाला जी, नैना देवी, हरिद्वार और ऋषिकेश का दर्शन करना था। देर रात जिला प्रशासन ने उदय सिंह नगला के निवासी वीरपाल, यश, राजो और राधेश्याम की पत्नी धर्मावती की मौत की पुष्टि की। गांव के 11 लोगों के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। ‘पिछले साल भी लोग गए थे’ राजकुमारी ने बताया, हमारे परिवार से भी कई लोग गए हैं। हमें दोपहर में जानकारी मिली कि यहां से गई बस जम्मू में पलट गई है। पिछले साल भी कुछ लोग गए थे। सभी अच्छे से दर्शन करके आ गए थे। इस बार ज्यादा लोग गए। हमें दो-तीन लोगों के हादसे में सुरक्षित होने की जानकारी मिली है। बाकी का पता नहीं चल पा रहा है। परिवार के 5 लोगों की नहीं मिल पा रही जानकारी
नगला के ही राजू ने बताया, मेरे परिवार के 5 लोग जम्मू-कश्मीर गए हैं। गांव से 15 लोग बस से 28 तारीख को वैष्णो देवी गए थे। ये अभी पता नहीं चल पाया है कि कितने लोगों की मौत हुई है। हम प्रशासन से संपर्क करके पता करने की कोशिश कर रहे हैं। लोग बहुत घबराए हुए हैं। ईश्वर से यही दुआ है कि सभी को सही सलामत रखें। परिवार के 3 लाेग सुरक्षित, 4 का पता नहीं
ग्रामीण राजेश ने बताया, हमारे परिवार के 7 लोग गए थे। हमें पता चला कि मेरे ताऊ जी, मेरे चाचा और एक मेरा भाई अर्जुन सुरक्षित हैं। बाकी 4 लोगों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। हम अपने स्तर से पता कर रहे हैं। गांव से जब सब लोग निकले थे तो उनसे बीच-बीच में बात भी हो रही थी। जब पता चला कि जम्मू में बस खाई में पलट गई, तो हमारे हाथ-पांव फूल गए। परिवार के अन्य लाेग भी सुरक्षित हों तो जान में जान आए। नगला गांव से हम हाथरस के ही मझोला गांव पहुंचे। यहां के 10 लोग भी गए थे। इस गांव के 5 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। उप जिलाधिकारी सदर लवलीत कौर गांव पहुंचीं। उन्होंने परिवार के लोगों से बात की। बताया बाकी लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। जिले के ज्यादातर लोग सुरक्षित हैं। हादसे का लेकर भास्कर की टीम ने प्रधान पति पूरन सिंह से बात की। उन्होंने कहा- हमारे गांव से देवी दर्शन के लिए 10 लोग गए थे। इसमें 2 बच्चे और महिलाएं भी थीं। हादसे में 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इनमें रणवीर सिंह, प्राची, रेनू, जय प्रकाश और राहुल हैं। अन्य की जानकारी नहीं मिल पाई है। अधिकारी गांव पहुंचे थे। उन्होंने मृतकों के नाम की लिस्ट दी। इसके बाद रणवीर की मां ने बताया, हमारे परिवार के चार लोग वैष्णो देवी गए थे। इनमें हमारे 2 बेटे, बहू और नाती हैं। हादसे की गुरुवार दोपहर में जानकारी मिली। हमारी बहू से बात हुई है, वो सुरक्षित है। बाकी का अभी पता नहीं चल पाया है। परिवार और गांव के लोगों ने अभी उन्हें बेटे रणवीर की मौत की जानकारी नहीं दी है। देर शाम नाया गांव पहुंचे अफसर, कहा- घबराइए मत
शाम करीब 5 बजे हाथरस से निकल कर भास्कर की टीम 6 बजे अलीगढ़ के नाया गांव पहुंचीं। यहां भी माहौल हाथरस के गांव नगला जैसा था। लोग परेशान दिखे। जिनके परिवार के लोग बस से जम्मू गए थे, उनके चेहरे पर परेशानी साफ दिख रही थी। गांव में मातम पसरा था। आसपास के लोग पीड़ित परिवारों को सांत्वना दे रहे थे। कह रहे थे सब ठीक हो जाएगा। चिंता मत करिए, हमारे सभी लोग सुरक्षित घर लौट आएंगे। कुछ देर बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और नायब तहसीलदार भी पहुंच गए। उन्होंने गांव वालों से मामले की जानकारी ली। उन्हें हौसला दिया कि घबराइए मत, हमारी टीम सबका पता लगाने में जुटी है। मेरी छोटे भाई और बहू की मौत, बाकी का पता नहीं
इसी बीच हमारी बात गांव के पुरुषोत्तम से हुई। 65 साल के इस बुजुर्ग की आंखें नम थीं। जुबान लड़खड़ा रही थी। पूछने पर बताया, बस यहां से भरकर निकली थी। कुछ लोगों को बाहर से बैठाया गया था। मेरे गांव नाया से लगभग 35-40 लोग गए थे। हमारे परिवार से 4 लोग गए थे। मेरे भतीजे ने फोन कर बताया कि मेरी मां और पापा नहीं रहे। इनके नाम सीमा देवी और श्रवण कुमार हैं। मेरी पत्नी और भतीजा सुरक्षित है। उनके भी चोट आई है। करीब 10-11 लोग घायल भी हुए हैं। बाकी की जानकारी नहीं मिल पा रही है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर