जालंधर के पठानकोट चौक स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती एक बच्ची को अन्य अस्पताल में ले जाने की बात को लेकर बच्ची के परिजनों और अस्पताल स्टॉफ में हाथापाई हो गई। काफी देर तक बच्ची के परिजनों ने हंगामा किया। इसके बाद बच्ची को दूसरे अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचते ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, जालंधर की परशुराम कॉलोनी निवासी 3 साल की बच्ची मानवी को बुखार के चलते पठानकोट चौक के नजदीक एक प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया था। पूरा दिन बीत जाने के बाद भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। शनिवार की सुबह डॉक्टरों की तरफ से मानवी के परिवार को बच्ची की हालत के बारे में बताया गया कि बच्चों की हालत नाजुक है। वहीं, बच्ची की तबीयत को देखने के लिए परशुराम कालोनी निवासी अरविंद कुमार बच्चों के रिश्तेदार अभिषेक के साथ वहां पर पहुंचा। उधर, बच्ची की हालत देखने के बाद अस्पताल के डॉ. धर्मवीर की तरफ से बच्ची के इलाज शुरू करने के लिए लामा फॉर्म पर साइन करने के लिए लड़की के घर वालों को कहा गया। दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहते थे परिजन जबकि बच्ची के घर वाले छुट्टी के लिए जोर दे रहे थे। सीनियर डॉक्टर धर्मवीर ने कहा कि फार्म के ऊपर साइन करने के बाद लड़की का इलाज शुरू किया जाएगा, क्योंकि लड़की की तबीयत नाजुक है। लड़की के शरीर में इंफेक्शन ज्यादा हो गई है। लड़की के घर वालों ने कंसर्ट फॉर्म के ऊपर साइन करने से मना किया। अरविंद कुमार के साथ आए अभिषेक ने कहा कि हम लड़की को यहां से ले जाएंगे और दूसरे अस्पताल में दिखाएंगे। बस इसी के बीच डॉक्टर और परिजनों में बात बढ़ गई। बात बढ़ाने के बाद दोनों हाथापाई हो गई। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। डॉक्टर धर्मवीर ने कहा कि पहले लड़की के घर वालों की तरफ से मुझे पीटा गया और मेरे आंख पर मुक्का मारा गया। दूसरे पक्ष के अरविंद कुमार ने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ की तरफ से उसको पीटा गया और उसके सिर पर किसी चीज से वार किया गया। अरविंद कुमार ने कहा कि वह पुलिस में कंप्लेंट देंगे। दूसरे अस्पताल में मौत मानवी की मां मोनी ने बताया कि, बाद में बच्ची की नकोदर चौक के नजदीक दोआबा हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां दाखिल होते ही बच्ची मानवी ने दम तोड़ दिया। डॉक्टर द्वारा बताया गया मानवी को पिछले काफी दिनों से तेज बुखार हो रहा था जिसके कारण उसकी तबीयत खराब बताई जा रही थी। तबीयत खराब के चलते मानवी को पठानकोट चौक के नजदीक एक निजी हड़ताल में दाखिल करवाया गया, मगर मानवी को कोई फर्क नहीं पड़ा। इसलिए मानवी को दूसरे हास्टल में आज दोपहर लेकर जाया गया, जहां पर मानवी ने दम तोड़ दिया। जालंधर के पठानकोट चौक स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती एक बच्ची को अन्य अस्पताल में ले जाने की बात को लेकर बच्ची के परिजनों और अस्पताल स्टॉफ में हाथापाई हो गई। काफी देर तक बच्ची के परिजनों ने हंगामा किया। इसके बाद बच्ची को दूसरे अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचते ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, जालंधर की परशुराम कॉलोनी निवासी 3 साल की बच्ची मानवी को बुखार के चलते पठानकोट चौक के नजदीक एक प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिल करवाया गया था। पूरा दिन बीत जाने के बाद भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ। शनिवार की सुबह डॉक्टरों की तरफ से मानवी के परिवार को बच्ची की हालत के बारे में बताया गया कि बच्चों की हालत नाजुक है। वहीं, बच्ची की तबीयत को देखने के लिए परशुराम कालोनी निवासी अरविंद कुमार बच्चों के रिश्तेदार अभिषेक के साथ वहां पर पहुंचा। उधर, बच्ची की हालत देखने के बाद अस्पताल के डॉ. धर्मवीर की तरफ से बच्ची के इलाज शुरू करने के लिए लामा फॉर्म पर साइन करने के लिए लड़की के घर वालों को कहा गया। दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहते थे परिजन जबकि बच्ची के घर वाले छुट्टी के लिए जोर दे रहे थे। सीनियर डॉक्टर धर्मवीर ने कहा कि फार्म के ऊपर साइन करने के बाद लड़की का इलाज शुरू किया जाएगा, क्योंकि लड़की की तबीयत नाजुक है। लड़की के शरीर में इंफेक्शन ज्यादा हो गई है। लड़की के घर वालों ने कंसर्ट फॉर्म के ऊपर साइन करने से मना किया। अरविंद कुमार के साथ आए अभिषेक ने कहा कि हम लड़की को यहां से ले जाएंगे और दूसरे अस्पताल में दिखाएंगे। बस इसी के बीच डॉक्टर और परिजनों में बात बढ़ गई। बात बढ़ाने के बाद दोनों हाथापाई हो गई। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए हैं। डॉक्टर धर्मवीर ने कहा कि पहले लड़की के घर वालों की तरफ से मुझे पीटा गया और मेरे आंख पर मुक्का मारा गया। दूसरे पक्ष के अरविंद कुमार ने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ की तरफ से उसको पीटा गया और उसके सिर पर किसी चीज से वार किया गया। अरविंद कुमार ने कहा कि वह पुलिस में कंप्लेंट देंगे। दूसरे अस्पताल में मौत मानवी की मां मोनी ने बताया कि, बाद में बच्ची की नकोदर चौक के नजदीक दोआबा हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां दाखिल होते ही बच्ची मानवी ने दम तोड़ दिया। डॉक्टर द्वारा बताया गया मानवी को पिछले काफी दिनों से तेज बुखार हो रहा था जिसके कारण उसकी तबीयत खराब बताई जा रही थी। तबीयत खराब के चलते मानवी को पठानकोट चौक के नजदीक एक निजी हड़ताल में दाखिल करवाया गया, मगर मानवी को कोई फर्क नहीं पड़ा। इसलिए मानवी को दूसरे हास्टल में आज दोपहर लेकर जाया गया, जहां पर मानवी ने दम तोड़ दिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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