पंजाब के जालंधर में आज शिरोमणि अकाली दल द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा। डीसी कार्यालय के बाहर ये प्रदर्शन शुरू होगा। सरकारों के साथ धान प्रबंध को लेकर चल रहे विवाद को लेकर बीते दिनों अकाली दल द्वारा ये ऐलान किया गया था। सुबह 11 बजे अकाली दल द्वारा ये प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। जिसके बाद शिअद के वरिष्ठ नेताओं की अध्यक्षता में जालंधर के डीसी डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल को मांग पत्र सौंप जाएगा। इस बारे में जालंधर शिअद के वरिष्ठ नेता कुलवंत सिंह मन्नन द्वारा जानकारी साझा की गई है। तीन दिन पहले पार्टी अध्यक्ष भूंदड़ ने किया था ऐलान पंजाब में धान खरीद और डीएपी खाद की कमी को लेकर 5 नवंबर यानी आज शिरोमणि अकाली दल द्वारा पूरे राज्य में प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से 5 नवंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के आदेश दिए थे। भूंदड़ ने कहा था कि इससे सरकार को नींद से जगाने की कोशिश की जाएगी। पंजाब में धान की खरीद न होने से पूरे पंजाब के किसानों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पंजाब भर में किसान अपना माल बेचने के लिए लगातार 15-20 दिन से मंडियों में बैठे हैं, लेकिन न तो खरीद हो रही है और न ही उठान की व्यवस्था ठीक से हो रही है। पंजाब के जालंधर में आज शिरोमणि अकाली दल द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा। डीसी कार्यालय के बाहर ये प्रदर्शन शुरू होगा। सरकारों के साथ धान प्रबंध को लेकर चल रहे विवाद को लेकर बीते दिनों अकाली दल द्वारा ये ऐलान किया गया था। सुबह 11 बजे अकाली दल द्वारा ये प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। जिसके बाद शिअद के वरिष्ठ नेताओं की अध्यक्षता में जालंधर के डीसी डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल को मांग पत्र सौंप जाएगा। इस बारे में जालंधर शिअद के वरिष्ठ नेता कुलवंत सिंह मन्नन द्वारा जानकारी साझा की गई है। तीन दिन पहले पार्टी अध्यक्ष भूंदड़ ने किया था ऐलान पंजाब में धान खरीद और डीएपी खाद की कमी को लेकर 5 नवंबर यानी आज शिरोमणि अकाली दल द्वारा पूरे राज्य में प्रदर्शन का ऐलान किया गया था। शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से 5 नवंबर को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के आदेश दिए थे। भूंदड़ ने कहा था कि इससे सरकार को नींद से जगाने की कोशिश की जाएगी। पंजाब में धान की खरीद न होने से पूरे पंजाब के किसानों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पंजाब भर में किसान अपना माल बेचने के लिए लगातार 15-20 दिन से मंडियों में बैठे हैं, लेकिन न तो खरीद हो रही है और न ही उठान की व्यवस्था ठीक से हो रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बढ़ते तापमान में सूखी झाड़ियों को लगी आग भास्कर न्यूज | जालंधर रविवार को अर्बन स्टेट के ज्योति नगर डंप परिसर की सूखी झाड़ियों में बिजली के पोल में स्पार्किंग होने से आग लग गई। यहां पर कचरे का ढेर भी लगा था। मौके पर लोगों ने फायर बिग्रेड विभाग को फोन किया। फायर बिग्रेड के वाहन ने एक घंटे में आग पर काबू पाया। वहीं पेट्रोल पंप पास होने से कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था। स्थानीय निवासी प्रो. कंवर सरताज सिंह ने बताया कि ज्योति नगर डंप के परिसर में सूखी झाड़ियों में बिजली के पोल में स्पार्किंग होने से आग लग गई थी। यहां से 30 से 40 मीटर की दूरी पर पेट्रोल पंप भी है। मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड के वाहन ने आग को बुझाया।
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पंजाब की मांग ठुकरा सकती है केंद्र सरकार:पराली जलाने से रोकने के लिए मांगे 1200 करोड़; कहा- हरियाणा की तरह बजट निकाले भारत सरकार ने पंजाब सरकार की उस मांग को खारिज कर सकती है, जिसमें राज्य ने पराली जलाने से किसानों को रोकने के लिए 1200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता बताई थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा सरकार की तरह ही अपने बजट से किसानों को प्रोत्साहन दे सकती है। ताकि पराली जलाने को नियंत्रित किया जा सके। दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा का विशेषकर अक्टूबर-दिसंबर के दौरान एक मुख्य कारण पराली जलना ही है। केंद्र का जवाब था, यह बताना महत्वपूर्ण है कि हरियाणा सरकार अपने बजट से रेड जोन पंचायतों के लिए शून्य पराली जलाने की दिशा में 1,00,000 रुपए और येलो जोन पंचायतों को 50,000 रुपए का प्रोत्साहन दे रही है। इसके अलावा, ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत वैकल्पिक फसलों की ओर रुख करने के लिए प्रति एकड़ 7,000 रुपए और धान की सीधी बुवाई के लिए प्रति एकड़ 4,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। इन कदमों से राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। केंद्र के पास स्पष्ट जवाब देने के लिए एक सप्ताह पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को पंजाब सरकार की 1200 करोड़ रुपए की मांग पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था। पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने तब जोर देकर कहा था कि किसानों पर जुर्माना लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। अधिकांश किसान छोटी जमीनों के मालिक हैं और उन्हें प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। वहीं, केंद्र को अब एक बार फिर से एक सप्ताह का निर्णय लेने का और समय दिया गया है। लेकिन, केंद्र के जवाब से साफ हो रहा है कि भारत सरकार पंजाब की मांग को मानने के हक में नहीं है। पंजाब ने पुराने प्रोपोजल को फिर पेश किया केंद्र ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब सरकार का प्रस्ताव उसी प्रस्ताव की कॉपी है, जो जुलाई 2022 में प्रस्तुत किया गया था। इसे केवल ऑपरेशनल खर्च के नाम पर फिर से पेश किया गया है। जिसमें ट्रैक्टर किराए पर लेने, डीजल, और जनशक्ति के खर्च शामिल हैं। केंद्र के अनुसार, कृषि विभाग पहले से ही राज्य सरकार का समर्थन कर रहा है और किसानों को पराली प्रबंधन मशीनें खरीदने के लिए 50% सब्सिडी दी जा रही है। सीआरएम (फसल अवशेष प्रबंधन) मशीनों के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर 80% सब्सिडी दी गई है। इसके अलावा, पराली आपूर्ति श्रृंखला परियोजनाओं पर 65% सब्सिडी प्रदान की गई है। शिक्षा और संचार गतिविधियों के लिए राज्य और कृषि विज्ञान केंद्रों को भी फंड प्रदान किया गया है। पंजाब सरकार को दिए गए खर्च का ब्योरा दिया केंद्र ने अपने हलफनामे में बताया कि साल 2018-19 से 2024-25 तक पंजाब राज्य को 1681.45 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता दी गई है। राज्य में 1.46 लाख से अधिक मशीनें वितरित की गई हैं और 25,500 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इस वित्तीय वर्ष में पंजाब को आवंटित 300 करोड़ रुपए में से 150 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं और राज्य के पास 250 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध है। पंजाब-दिल्ली सरकारों को सांझा खर्च करने थे 800 करोड़ 19 अक्टूबर, 2024 को केंद्रीय कृषि सचिव को लिखे एक पत्र में, पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने प्रस्तावित किया था कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रति एकड़ 2,500 रुपए का प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में धान की खेती 32 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए 2,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पंजाब ने इस राशि में से 400-400 करोड़ रुपए पंजाब और दिल्ली सरकार से साझा करने का प्रस्ताव रखा था। केंद्र से 1,200 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।
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