पंजाब के जालंधर में डिप्स ग्रुप के मालिक तरविंदर सिंह राजू को जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी मामले में नई बारादरी थाने की पुलिस ने आईपीसी की धारा 341 (रास्ता रोकना) और 506 (जान से मारने की धमकी देना) के तहत केस दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक मामले में विर्क एन्क्लेव निवासी ईशान मक्कड़ को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 26 अप्रैल को डीसी ऑफिस के गेट नंबर-4 के बाहर धमकी दी थी। राजू और मक्कड़ के बीच स्कूल डील को लेकर विवाद हुआ था। स्कूल विवाद को लेकर राजू की ओर से सीपी को शिकायत दी गई थी। सीपी ने मामले की जांच एडीसीपी चांद सिंह को सौंपी थी। एक करोड़ रुपए मांगे गए थे राजू ने पुलिस को बताया था कि वह 26 अप्रैल को शिकायत लेकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय आया था। दोपहर को जब उसकी कार गेट नंबर 4 से बाहर निकली तो अपने साथियों के साथ खड़े ईशान ने उसकी कार रुकवा ली। राजू ने आरोप लगाया था कि मक्कड़ ने धमकी दी थी कि अगर उसने एक करोड़ रुपए नहीं दिए तो उसे और उसके परिवार को जान से मार दिया जाएगा। एडीसीपी ने अपनी जांच में बताया कि साहिबजादा अजीत सिंह एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमैन गुबचन सिंह ने भूपिंदर सिंह मक्कड़ के जरिए अंजना मक्कड़ और उसके परिवार से जलालाबाद स्थित स्कूल का सौदा किया था। सौदे के बाद पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई थी। इसी बीच 11 फरवरी 2021 को शिकायतकर्ता के पिता की मौत हो गई। पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए तीन स्कूलों की तीन रजिस्ट्री करवाई गई। दो ट्रस्ट के नाम और तीसरी शिकायतकर्ता की पत्नी प्रीतिंदर कौर के नाम। डील की रकम लेने के बाद शिकायतकर्ता को किया परेशान जांच के दौरान एडीसीपी ने बताया कि उन्होंने स्कूल की डील की रकम ले ली थी और शिकायतकर्ता को परेशान कर रहे थे कि उन्होंने स्कूल को लीज पर दे दिया है। जांच के दौरान कोई लीज नहीं दिखाई गई। हालांकि शिकायतकर्ता ने स्कूल खरीदने के लिए किए गए भुगतान का ब्योरा पुलिस को दिया था। एडीसीपी ने बताया कि स्कूल विवाद में ईशान ने राजू कोप को रोका था और जान से मारने की धमकी दी थी। पंजाब के जालंधर में डिप्स ग्रुप के मालिक तरविंदर सिंह राजू को जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी मामले में नई बारादरी थाने की पुलिस ने आईपीसी की धारा 341 (रास्ता रोकना) और 506 (जान से मारने की धमकी देना) के तहत केस दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक मामले में विर्क एन्क्लेव निवासी ईशान मक्कड़ को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 26 अप्रैल को डीसी ऑफिस के गेट नंबर-4 के बाहर धमकी दी थी। राजू और मक्कड़ के बीच स्कूल डील को लेकर विवाद हुआ था। स्कूल विवाद को लेकर राजू की ओर से सीपी को शिकायत दी गई थी। सीपी ने मामले की जांच एडीसीपी चांद सिंह को सौंपी थी। एक करोड़ रुपए मांगे गए थे राजू ने पुलिस को बताया था कि वह 26 अप्रैल को शिकायत लेकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय आया था। दोपहर को जब उसकी कार गेट नंबर 4 से बाहर निकली तो अपने साथियों के साथ खड़े ईशान ने उसकी कार रुकवा ली। राजू ने आरोप लगाया था कि मक्कड़ ने धमकी दी थी कि अगर उसने एक करोड़ रुपए नहीं दिए तो उसे और उसके परिवार को जान से मार दिया जाएगा। एडीसीपी ने अपनी जांच में बताया कि साहिबजादा अजीत सिंह एजुकेशन ट्रस्ट के चेयरमैन गुबचन सिंह ने भूपिंदर सिंह मक्कड़ के जरिए अंजना मक्कड़ और उसके परिवार से जलालाबाद स्थित स्कूल का सौदा किया था। सौदे के बाद पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई थी। इसी बीच 11 फरवरी 2021 को शिकायतकर्ता के पिता की मौत हो गई। पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए तीन स्कूलों की तीन रजिस्ट्री करवाई गई। दो ट्रस्ट के नाम और तीसरी शिकायतकर्ता की पत्नी प्रीतिंदर कौर के नाम। डील की रकम लेने के बाद शिकायतकर्ता को किया परेशान जांच के दौरान एडीसीपी ने बताया कि उन्होंने स्कूल की डील की रकम ले ली थी और शिकायतकर्ता को परेशान कर रहे थे कि उन्होंने स्कूल को लीज पर दे दिया है। जांच के दौरान कोई लीज नहीं दिखाई गई। हालांकि शिकायतकर्ता ने स्कूल खरीदने के लिए किए गए भुगतान का ब्योरा पुलिस को दिया था। एडीसीपी ने बताया कि स्कूल विवाद में ईशान ने राजू कोप को रोका था और जान से मारने की धमकी दी थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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प्राइवेट अस्पतालों में घट गए 80% मरीज, ये सरकारी में भी नहीं जा रहे
प्राइवेट अस्पतालों में घट गए 80% मरीज, ये सरकारी में भी नहीं जा रहे आयुष्मान स्कीम के तहत इलाज पिछले लगभग एक महीने से प्राइवेट हॉस्पिटल्स में नहीं मिल रहा है। इसके कारण जहां सरकारी में भी मरीज इलाज के लिए नहीं पहुंच रहे हैं और प्राइवेट हॉस्पिटल में भी स्कीम के तहत इलाज करवाने वाले मरीज 80 फीसदी तक कम हो गए हैं। हॉस्पिटलों द्वारा इलाज के लिए मना करने के कारण लोग अब खुद भी हॉस्पिटलों में नहीं आ रहे हैं और इलाज की शुरुआत होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, सरकारी हॉस्पिटल में आयुष्मान स्कीम में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या उतनी है जितनी आम दिनों में रहती है। जिले के 17 सरकारी और 76 प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज मिलता है, लेकिन इन 76 प्राइवेट हॉस्पिटल में सिर्फ डायलिसिस के मरीजों और कीमोथैरेपी के मरीजों को ही इलाज दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य मरीज नहीं दाखिल किए जा रहे। सरकारी हॉस्पिटल में हर महीने 1600-1700 के तकरीबन मरीज इलाज हासिल करते हैं। जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में हर महीने 3300-3400 मरीज इलाज हासिल करते थे। सिविल हॉस्पिटल में एक्सीडेंटल केस के तहत दाखिल मरीज के परिजन ने बताया कि पिछले दिनों उनके भाई का एक्सीडेंट हुआ था। खन्ना के प्राइवेट हॉस्पिटल में उन्हें फर्स्ट एड के बाद सिविल हॉस्पिटल में दाखिल कर दिया गया। इस हफ्ते ऑपरेशन की बात कही गई है, जिसमें घुटने से नीचे की टांग की सर्जरी होगी। जगराओं के एक मरीज ने बताया कि उनके बेटे का फ्रेक्चर हुआ था, जिसके लिए वो प्राइवेट हॉस्पिटल में गए तो पता चला कि कार्ड नहीं चलेगा। इस पर उन्होंने पहले पैसे जुटाना सही समझा, जिससे कि प्राइवेट में इलाज मिल सके। उन्होंने बताया कि वो प्राइवेट में ही इलाज करवाना चाहते हैं, जिससे कि उन्हें भी किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिंग होम एसोसिएशन के सेक्रेटरी दिव्यांशु ने बताया कि अब तक 30 फीसदी ही पेमेंट हासिल हुई है। जो अदायगी हो रही है, वो बहुत ही कम है और गति भी धीमी है। हमें अब तक सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट हल नहीं मिला है। एक महीना होने को है, लेकिन क्लेम के लिए अब भी बस इंतजार ही करना पड़ रहा है। डिप्टी मेडिकल कमिशनर डॉ. रीमा गोगिया ने बताया कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स की पेमेंट धीरे-धीरे क्लियर की जा रही है। सरकारी हॉस्पिटल्स में जो भी मरीज आ रहा है उसे आयुष्मान के तहत हम इलाज उपलब्ध करवा रहे हैं। सेहत विभाग द्वारा पेमेंट जल्द अदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सिविल हॉस्पिटल में हर महीने 20 से ज्यादा मेजर सर्जरी सिविल हॉस्पिटल में हर महीने 20 से ज्यादा मरीजों की मेजर सर्जरी होती है। जबकि ऑर्थोपेडिक्स में भी एक हफ्ते में 1-4 तक ऑपरेशन होते हैं। सब डिविजनल हॉस्पिटल की बात की जाए तो यहां भी 10-12 मरीजों के मेजर ऑपरेशन होते हैं। सोमवार को सिविल हॉस्पिटल में 1300 के तकरीबन मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे। इनमें 300 के तकरीबन मरीज मेडिसिन, 100 से ज्यादा ऑर्थो के और सर्जरी के 70 के तकरीबन मरीज रहे।