श्री गुरु रविदास महाराज और डेरा बल्लां के संत निरंजन दास को सोशल मीडिया लाइव होकर गाली गलौज करने का मामला सामने आया है। इस मामले में जालंधर देहात पुलिस के थाना गोराया में एक आरोपी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी की पहचान गोराया के गांव पद्दी खालसा के रहने वाले संदीप कुमार उर्फ बंटी के रूप में हुई है। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गुरुओं के लिए भद्दी शब्दावली का किया इस्तेमाल पुलिस को दिए गए बयानों में डॉ. अंडेबरकर सेना के जालंधर प्रधान गुलशन कुमार ने कहा कि वह मूल रूप से गोराया के गांव मुसंदपुर बड़ा गांव के रहने वाले हैं और रविदास समाज से संबंध रखते हैं। 24 नवंबर को वह अपने घर में मौजूद थे। इस दौरान उनके वॉट्सऐप पर एक 2 मिनट 1 सेकेंड का एक वीडियो पहुंचा। जिसमें उक्त व्यक्ति रविदास समाज के बारे में भद्दी शब्दावली का इस्तेमाल कर रहा था। जिससे पूरे समाज को काफी ठेस पहुंची। आरोपी ने संत निरंजन दास को दी धमकी गुलशन कुमार ने बताया कि आरोपी यहीं नहीं रुका। उसने संत निरंजन दास को जान से मारने की धमकियां तक दे डाली। आरोपी ने लाइव में कहा- हमने एक को मार दिया है और दूसरे की भी बारी है। कुमार ने आगे कहा- आरोपी की इन बातों में समाज का मन आहत हुआ है। इसे लेकर रविदास समाज द्वारा गोराया थाने पहुंचे कर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की गई थी। जिसके बाद मामले में गोराया थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कर ली गई। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी बाकी है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस आरोपी कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। श्री गुरु रविदास महाराज और डेरा बल्लां के संत निरंजन दास को सोशल मीडिया लाइव होकर गाली गलौज करने का मामला सामने आया है। इस मामले में जालंधर देहात पुलिस के थाना गोराया में एक आरोपी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी की पहचान गोराया के गांव पद्दी खालसा के रहने वाले संदीप कुमार उर्फ बंटी के रूप में हुई है। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। गुरुओं के लिए भद्दी शब्दावली का किया इस्तेमाल पुलिस को दिए गए बयानों में डॉ. अंडेबरकर सेना के जालंधर प्रधान गुलशन कुमार ने कहा कि वह मूल रूप से गोराया के गांव मुसंदपुर बड़ा गांव के रहने वाले हैं और रविदास समाज से संबंध रखते हैं। 24 नवंबर को वह अपने घर में मौजूद थे। इस दौरान उनके वॉट्सऐप पर एक 2 मिनट 1 सेकेंड का एक वीडियो पहुंचा। जिसमें उक्त व्यक्ति रविदास समाज के बारे में भद्दी शब्दावली का इस्तेमाल कर रहा था। जिससे पूरे समाज को काफी ठेस पहुंची। आरोपी ने संत निरंजन दास को दी धमकी गुलशन कुमार ने बताया कि आरोपी यहीं नहीं रुका। उसने संत निरंजन दास को जान से मारने की धमकियां तक दे डाली। आरोपी ने लाइव में कहा- हमने एक को मार दिया है और दूसरे की भी बारी है। कुमार ने आगे कहा- आरोपी की इन बातों में समाज का मन आहत हुआ है। इसे लेकर रविदास समाज द्वारा गोराया थाने पहुंचे कर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की गई थी। जिसके बाद मामले में गोराया थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कर ली गई। फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी बाकी है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस आरोपी कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सिविल अस्पताल में 1 साल से 1 सर्जन, इलाज प्रभावित जिले के सबसे बड़े सिविल हॉस्पिटल में पिछले सालों के दौरान बेड की संख्या में तो इजाफा हुआ है, लेकिन उस संख्या के बढ़ने के साथ स्पेशलिस्ट के पदों की जो रिविजन होनी चाहिए थी वो आज तक नहीं हो सकी है। वहीं, जिन विभागों में मरीजों की भीड़ रहती है और मरीजों को इलाज की ज्यादा जरूरत होती है। उनमें भी पहले से सैंक्शन पोस्टों पर डॉक्टर तैनात करवाने में सेहत विभाग सफल नहीं हो सका। सिविल हॉस्पिटल में 300 बेड की क्षमता है। जहां महीने में 24 से 30 हजार की ओपीडी रहती हैं, लेकिन यह लंबे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। जब भी सेहत मंत्री निरीक्षण करने आते हैं तो सिर्फ डॉक्टरों के खाली पद भरने का आश्वासन देकर चले जाते हैं। आज तक कोई भर्ती नहीं हुई। सिविल हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग में पिछले एक साल से सिर्फ एक ही सर्जन की पोस्ट भरी हुई है। पिछले साल एक सर्जन की डेपुटेशन पर ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन इस साल की शुरुआत से वो डेपुटेशन भी नहीं रही और अब एक ही सर्जन जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मेडिसिन के लिए सिर्फ एक रेगुलर डॉक्टर हैं। यहां दो डॉक्टर डेपुटेशन पर तैनात किए गए हैं। इसी तरह रेडियोलॉजिस्ट के लिए भी एक ही डॉक्टर हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सर्जरी विभाग में हर महीने 20-22 मेजर सर्जरी होती हैं, लेकिन सर्जन की कमी होने के कारण कई बार पोस्टमॉर्टम, वीआईपी ड्यूटी और अन्य जिम्मेदारियों के चलते सर्जरी रद्द भी होती हैं। डॉक्टर के मुताबिक 100 बेड के मुताबिक ही स्पेशलिस्ट की पोस्ट है। ईएमओ की पोस्ट रिवाइज, पर स्पेशलिस्ट नहीं मिला हॉस्पिटल में ऑर्थों की दो पोस्ट, सर्जरी की दो पोस्ट, मेडिसिन की दो पोस्ट, आई स्पेशलिस्ट की एक पोस्ट, ईएनटी की एक पोस्ट है। एक डॉक्टर दिन में 150 से 250 मरीज देखता है। मेडिसिन की दो पोस्ट में से एक की ही तैनाती है और एक डॉक्टर डेपुटेशन पर आते हैं। आंखों के माहिर में भी परमानेंट डॉक्टर नहीं हैं और डेपुटेशन पर ही डॉक्टर को लगाया गया है। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन द्वारा लंबे समय से इन खाली पोस्ट को भरने की मांग और पोस्टों को रिवाइज करने की मांग की जा रही है, लेकिन ऐसा संभव अब तक भी नहीं हुआ है। हाल ही में सरकार द्वारा एमरजेंसी मेडिकल अफसरों की पोस्ट को रिवाइज किया गया है। इसमें पहले 294 के तकरीबन पोस्ट थी, जिन्हें बढ़ा कर 813 किया गया और कुल 1107 ईएमओ की पोस्ट होगी, लेकिन स्पेशलिस्ट की पोस्ट के लिए कोई रिविजन नहीं हुई है।