पंजाब की गत कांग्रेस सरकार के पूर्व चार मंत्रियों पर अदालत में अब केस चलेंगे। विधानसभा के स्पीकर की तरफ से इस संबंधी मंजूरी दे दी गई है। इन नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री ओपी सोनी, भारत भूषण् आशू, साधु सिंह धर्मसोत और सुंदर शाम अरोड़ा का नाम शामिल हैं। इन लोगों के खिलाफ चालान पहले ही पेश किए जा चुके हैं। धर्मसोत वन घोटाले में है आरेापी पूर्व मंत्री साधु सिंह वन विभाग में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी है। ईडी ने अलग केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू की है। 1 मार्च 2016 से 21 मार्च 2022 तक पूर्व मंत्री व उन के परिवार की आमदन 23712 594 रुपए थी जबकि खर्चा 87630 888 रुपए थे। जो कि 63918 292 रुपए अधिक थी। यह आमदन सोत्रों से 269 अधिक थी। पंजाब की गत कांग्रेस सरकार के पूर्व चार मंत्रियों पर अदालत में अब केस चलेंगे। विधानसभा के स्पीकर की तरफ से इस संबंधी मंजूरी दे दी गई है। इन नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री ओपी सोनी, भारत भूषण् आशू, साधु सिंह धर्मसोत और सुंदर शाम अरोड़ा का नाम शामिल हैं। इन लोगों के खिलाफ चालान पहले ही पेश किए जा चुके हैं। धर्मसोत वन घोटाले में है आरेापी पूर्व मंत्री साधु सिंह वन विभाग में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी है। ईडी ने अलग केस दर्ज कर मामले में जांच शुरू की है। 1 मार्च 2016 से 21 मार्च 2022 तक पूर्व मंत्री व उन के परिवार की आमदन 23712 594 रुपए थी जबकि खर्चा 87630 888 रुपए थे। जो कि 63918 292 रुपए अधिक थी। यह आमदन सोत्रों से 269 अधिक थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में बैंक मैनेजर ने 80 लाख ठगे:ICICI बैंक में करता था काम, 6 बैंक खाताधारकों के हड़पे रुपए, ई-मेल से भेजा इस्तीफा
लुधियाना में बैंक मैनेजर ने 80 लाख ठगे:ICICI बैंक में करता था काम, 6 बैंक खाताधारकों के हड़पे रुपए, ई-मेल से भेजा इस्तीफा लुधियाना में ICICI बैंक शाखा सुंदर नगर के मैनेजर ने धोखाधड़ी कर 6 बैंक खाताधारकों से 80 लाख रुपए से अधिक की राशि हड़प ली और फरार हो गया। बैंक ने बुधवार को उसके खिलाफ तब एफआईआर दर्ज कराई, जब एक ग्राहक ने अपने पैसे गंवाने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। कोलकाता के राहुल शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 408 (क्लर्क या नौकर द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। राहुल शर्मा 2022 से ICICI की सुंदर नगर शाखा के प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। पुलिस ने हंबड़ा रोड के सुखदेव एन्क्लेव के अरविंद कुमार के बयानों पर मामला दर्ज किया है, जो बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख हैं। 11 मार्च को मिली थी शिकायत जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर सुखदेव ने कहा कि जांच के बाद FIR दर्ज की गई है] क्योंकि पुलिस को 11 मार्च को बैंक के रिजनल मैनेजर से प्रबंधक के खिलाफ शिकायत मिली थी। पुलिस जांच में पाया गया कि राहुल शर्मा 2010 से ICICI बैंक के साथ काम कर रहा था। वह सुंदर नगर शाखा में निचले पद पर शामिल हुआ और धीरे-धीरे पदोन्नत होता गया। 2022 में बना बैंक का मैनेजर 2022 में वह बैंक की सुंदर नगर शाखा का मैनेजर बन गया, क्योंकि राहुल शर्मा एक दशक से अधिक समय से एक ही शाखा से जुड़ा था, इसलिए वह कई बैंक खाताधारकों से परिचित था। आपको बता दें कि सुंदर नगर क्षेत्र में सबसे अधिक हौजरी इंडस्ट्री स्थित है, इसलिए कई हौजरी निर्माताओं के संबंधित शाखा में अपने बैंक खाते हैं। राहुल शर्मा कि लंबे समय से बैंक से जुड़े होने के कारण जानते थे कि कई हौजरी व्यवसायी लंबे समय से अपने खातों का संचालन नहीं करते हैं। जब वह प्रबंधक बन गया, तो उसने खातों से पैसे उड़ाना शुरू कर दिया। 6 खातों की पहचान कर उड़ाए रुपए अधिकारी ने आगे बताया कि आरोपी ने कम से कम छह ऐसे खातों की पहचान की, जो लंबे समय से संचालित नहीं हो रहे थे। सिस्टम में उसने फर्जी आईडी प्रूफ पर खरीदे गए मोबाइल नंबर को अपडेट किया और 10 लाख रुपए, 20 लाख रुपए आदि जैसी अलग-अलग रकम ट्रांसफर करना शुरू कर दिया। बहाने से छुट्टी लेकर बैंक से निकला इसी बीच, ऐसे ही एक ग्राहक को अपने खाते की जांच करने पर इसकी जानकारी हुई तो उसने राहुल शर्मा से संपर्क किया। जिन्होंने कहा कि वह इसकी जांच करेंगे और उन्हें सूचित करेंगे। हालांकि इसके बाद राहुल शर्मा लंबी छुट्टी लेकर लुधियाना से चला गया। 80.75 लाख रुपए का किया गबन राहुल शर्मा की अनुपस्थिति में एक ग्राहक ने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। जिन्होंने राहुल शर्मा से संपर्क किया, लेकिन राहुल ने ईमेल के जरिए अपना इस्तीफा भेज दिया और कभी वापस नहीं लौटा। इसके बाद, बैंक ने खातों की जांच की और पाया कि आरोपी ने लगभग 80.75 लाख रुपए का गबन किया, और फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अधिकारी ने कहा कि पुलिस बैंक मैनेजर का पता लगाने के लिए उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करवाएगी।
पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस
पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी नोटिस पर डेरा प्रमुख राम रहीम की और प्रतिक्रिया आई है। डेरा प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में डेरा अपना पक्ष रखेगा। पंजाब सरकार की याचिका पर सवाल उठाते हुए डेरा प्रवक्ता ने कहा कि इस याचिका में अधूरे तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया है। इसका हम कानूनी जवाब सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही पूरे तथ्यों के साथ दायर करेंगे। हमने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष जब सभी तथ्यों को रखा था तो हाईकोर्ट ने इन केसों पर रोक लगा दी थीI सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 2015 में पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में ट्रायल पर रोक लगाई गई थी। इसलिए हाईकोर्ट गया था राम रहीम जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने पंजाब सरकार की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा राम रहीम के ट्रायल पर रोक को चुनौती दी गई थी।दरअसल, 2021 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने जून और अक्टूबर 2015 के बीच श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की तीन अलग-अलग घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने राम रहीम को आरोपी बनाया था। डेरा प्रमुख ने की थी सीबीआई जांच जारी रखने की मांग हाईकोर्ट में डेरा प्रमुख ने पंजाब सरकार की 6 सितंबर, 2018 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। जिसमें सरकार ने जांच को सीबीआई को सौंपने की अपनी सहमति वापस ले ली थी। अपनी याचिका में डेरा प्रमुख ने मांग की थी कि सीबीआई को बेअदबी के मामलों की जांच जारी रखने का निर्देश दिया जाए। इस साल मार्च में हाईकोर्ट ने इस याचिका को बड़ी बेंच को भेज दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई सहमति को बाद में वापस लिया जा सकता है या नहीं। इसके बाद कोर्ट ने आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जिस पर पंजाब सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कल की सुनवाई में दी गईं ये दलीलें वहीं कल यानी 18 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि 6 सितंबर की अधिसूचना कानून की नजर में सही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सही ठहराया है। दूसरी ओर, प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने बस वही किया है जो पंजाब सरकार ने वैकल्पिक रूप से अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा दो तरह के मामलों से संबंधित है – पहला- पुलिस गोलीबारी की घटनाओं से संबंधित है, और दूसरा- बेअदबी से संबंधित है। इसके अलावा, इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार लिए गए हैं, इसलिए हाईकोर्ट द्वारा बड़ी बेंच को रेफर किया गया। सीनियर वकील ने यह भी कहा कि मामला आज डिवीजन बेंच के समक्ष सूचीबद्ध है और अगर राज्य स्थगन नहीं ले रहा होता, तो अब तक इस पर फैसला हो चुका होता। माथुर की बात सुनते हुए जस्टिस गवई ने पूछा, “कैसे… समन्वय पीठ के आदेश की अनदेखी कर सकते हैं? “पंजाब के एजी ने भी माथुर की दलील का विरोध करते हुए कहा कि सभी मामले अधिसूचना का हिस्सा थे। आखिरकार, पीठ ने नोटिस जारी किया और विवादित आदेश पर रोक लगा दी। यहां जानिए पूरा विवाद… इस विवाद के केंद्र में पंजाब में अपवित्रीकरण की कई घटनाएं हैं, जो जून 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद, सितंबर में, फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में, बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में स्थिति ये बन आई कि पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई। इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। जून 2019 में, सीबीआई ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसमें कहा गया कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी शिरोमणि अकाली दल दोनों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया। कुछ ही महीनों के भीतर, पंजाब सरकार ने सीबीआई को जांच करने की अनुमति देने वाली सहमति वापस ले ली और मामलों को राज्य पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया। तीनों मामलों में आरोप तय करने पर बहस के दौरान फरीदकोट अदालत में मुकदमा लंबित था। सीबीआई जांच के नतीजे से पूरी तरह अलग हटकर, एसआईटी ने कई डेरा अनुयायियों, तीन राष्ट्रीय समिति के सदस्यों और डेरा प्रमुख राम रहीम को बेअदबी के मामलों में आरोपी बनाया। पंजाब पुलिस ने विवादास्पद, गुरमीत राम रहीम सिंह को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया। 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने बेअदबी के मामलों में राम रहीम और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजाब के फरीदकोट से चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था।
पटियाला में मास्टरमाइंड सहित 3 नशा तस्कर काबू:सप्लाई देने मोगा से आए थे, कार में कर रहे थे ग्राहक का इंतजार
पटियाला में मास्टरमाइंड सहित 3 नशा तस्कर काबू:सप्लाई देने मोगा से आए थे, कार में कर रहे थे ग्राहक का इंतजार पटियाला में मोगा से चिट्टे की सप्लाई देने आए 3 नशा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों को पातड़ां इलाके से गिरफ्तार किया गया है। जिनके पास से 45 ग्राम नशा बरामद हुआ है। यह लोग अनाज मंडी में कार में सवार होकर ग्राहक का इंतजार कर रहे थे। जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस पार्टी ने इन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया। मास्टरमाइंड सहित 3 गिरफ्तार पातड़ां पुलिस स्टेशन के एसएचओ पुरुषोत्तम ने बताया कि एसएसपी के निर्देशों पर एएसआई प्यारा सिंह और पुलिस पार्टी ने नाके के दौरान इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मोगा के रहने वाले रणजीत सिंह साध वाली बस्ती मोगा के रहने वाले सुमित सिंह और न्यू गुरु अर्जन देव नगर गिल रोड मोगा के रहने वाले सुखदीप सिंह के तौर पर हुई है। गिरफ्तार आरोपी रणजीत सिंह इनका मास्टरमाइंड है और इसके खिलाफ नशा तस्करी के अलावा दो अन्य केस दर्ज होने का रिकॉर्ड मिला है।