पंजाब के जालंधर में 32 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान पतारा के गांव बेगमपुरा निवासी मनदीप सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना पतारा के गांव बेगमपुरा स्थित बोलीना दोआबा मेन रोड पर 32 वर्षीय मनदीप ने आत्महत्या कर ली। मानसिक तनाव के चलते उसने पंखे से तार बांधकर फांसी लगा ली। आत्महत्या की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर जांच के लिए पहुंची। SHO बोले- मामले की जांच जारी देहात पुलिस के थाना पतारा के एसएचओ बलजीत सिंह हुंदल ने कहा- सूचना के बाद क्राइम सीन पर पहुंच गए थे। कुछ देर बाद मृतक की पहचान हुई तो तुरंत परिवार को सूचना दी गई। फिलहाल मामले में जांच की जा रही है। जांच के बाद पारिवारिक सदस्यों के बयानों के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी। पंजाब के जालंधर में 32 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान पतारा के गांव बेगमपुरा निवासी मनदीप सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। थाना पतारा के गांव बेगमपुरा स्थित बोलीना दोआबा मेन रोड पर 32 वर्षीय मनदीप ने आत्महत्या कर ली। मानसिक तनाव के चलते उसने पंखे से तार बांधकर फांसी लगा ली। आत्महत्या की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर जांच के लिए पहुंची। SHO बोले- मामले की जांच जारी देहात पुलिस के थाना पतारा के एसएचओ बलजीत सिंह हुंदल ने कहा- सूचना के बाद क्राइम सीन पर पहुंच गए थे। कुछ देर बाद मृतक की पहचान हुई तो तुरंत परिवार को सूचना दी गई। फिलहाल मामले में जांच की जा रही है। जांच के बाद पारिवारिक सदस्यों के बयानों के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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नवांशहर में गुरुसेवा करते हुए हुई मौत:एक बार गिरकर फिर खड़े हुए ज्ञानी, हार्टअटैक आने से तोड़ा दम मृत्यु एक निश्चित समय और स्थान पर आती है, यह अटल सत्य है। इसका उदाहरण नवांशहर के गुरुद्वारा नानक निरवैर सचखंड धाम रोलू कालूनी बलाचौर में देखने को मिला। जहां श्री आनंदपुर साहिब नजदीक बेला निवासी ज्ञानी सुरजीत सिंह, हाल निवासी सियाना बलाचौर, जो चौर साहिब की सेवा करते हुए हार्टअटैक आने से गुरु के चरणों में लीन हो गए। गुरुद्वारा नानक निरवैर सचखंड धाम बलाचौर के मुख्य सेवक संत बाबा हरजिंदर सिंह बराड़ ने बताया कि ज्ञानी सुरजीत सिंह लगभग दो वर्षों से सेवा कर रहे थे। आज सुबह स्नान करने के बाद भोर सब में गुरु ग्रंथ साहब जी का पाठ करने के उपरांत वह गुरुद्वारा साहिब गए और उस समय चौर साहिब की सेवा शुरू की। वह गुरु घर के ग्रंथी हुकमनामा ले रहे थे। हाथ जोड़कर पालकी की पीछे बैठे अचानक ज्ञानी सुरजीत सिंह को दौरा पड़ने से गिर पड़े और कुछ देर बाद होश आने पर फिर खड़े हो गए और चौर साहिब को रख दिया। फिर से हाथ जोड़कर पालकी के पीछे बैठ गए। जब आदेश पूरा हुआ तो ज्ञानी सुरजीत सिंह की मौत हो चुकी थी। सुरजीत सिंह की बहन ने बताया कि उनकी पत्नी की पहले ही मौत हो गई थी तथा बच्चा कोई नहीं है। सुरजीत सिंह एक दानी भाई थे तथा हर व्यक्ति के दु:ख सुख में खड़ा रहते थे। उसकी मौत गुरु चरणों में हुई है, यही अच्छे कर्मों का फल है। इस मौत से परिवार तथा इलाके में शोक की लहर है।
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नशा छुड़ाने को प्रशासन ने निगम, पुलिस समेत 10 विभागों से मांगी रिपोर्ट, पूछा-क्या प्रयास करें प्रशासन की ओर से ड्रग्स को जड़ से समाप्त करने और नशे के दलदल में डूबे युवाओं से नशा छुड़ाने के लिए कवायद की गई है। प्रशासन ड्रग एडिक्टों से नशा छुड़ाने के लिए योजना तैयार कर रहा है। प्रशासन ने नगर निगम, पुलिस, शिक्षा विभाग समेत 10 डिपार्टमेंट से नशा छुड़ाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बाबत रिपोर्ट मांगी है। सभी डिपार्टमेंट को पंद्रह दिन के भीतर प्रशासन को जवाब देना है। पंजाब का सबसे बड़ा दर्द नशा है। नशे की जद में आ रहे लोगों के वीडियो वायरल होते हैं और कई की मौत तक हो जाती है जिससे कई घर बर्बाद हो गए। सन 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में नशा प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना था। 2022 में पंजाब की सत्ता आम आदमी पार्टी के हाथों में आई है। सीएम भगवंत मान ने सत्ता में आने के बाद नशे को रोकने के लिए मुहिम शुरू की है। सरकार ने लुधियाना समेत अन्य जिलों के अधिकारियों को युवाओं में बढ़ते नशे को रोकने और ड्रग एडिक्टों के उपचार के लिए हरसंभव योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में प्रशासन ने लुधियाना डीसी ऑफिस में एंट्री ड्रग सेल स्थापित किया है। पुलिस प्रशासन की ओर से नशा तस्करों की प्रॉपर्टी हो रही सील नशा तस्करी रोकने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सख्त रुख अख्तियार किया गया है। पुलिस की ओर से गिरोह चिह्नित किए गए हैं जो नशे की सामग्री की सप्लाई कर रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है और नशे की सामग्री बेचकर तैयार की गई संपत्ति को भी सील किया है। अब पूरी टीम पूरे नेक्सस को समाप्त करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। प्रशासन की ओर से भी हाट स्पॉट चिन्हित कर कार्रवाई को निर्देशित किया गया है। नशा मुक्ति अभियान के तहत स्टाफ की भी की जा रही भर्ती डीसी साक्षी साहनी की ओर से नशे की चपेट में आए लोगों को उपचार दिलाने, काउंसलिंग, नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती करने और पूरी तरह से नशा छुड़ाने के लिए मुहिम शुरू की है। इसी क्रम में प्रशासन की ओर से नगर निगम, एसएसपी खन्ना, सिविल सर्जन, डीडीपीओ, खेतीबाड़ी विभाग, शिक्षा विभाग, जीएम इंडस्ट्री समेत अन्य डिपार्टमेंट प्रमुखों को पत्र जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि लोगों से नशा छुड़ाने के लिए क्या प्रयास किया जाए और क्या गतिविधियां की जाएं, इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। बाकायदा कैलेंडर बनाकर उपलब्ध कराने को निर्देशित किया गया है। एडीसी जनरल मेजर अमित सरीन ने बताया कि नशा मुक्ति अभियान के तहत पीड़ितों को सेंटरों में उपचार दिलाया जाएगा। उनकी डाइट में भी बदलाव किया जा रहा है और स्टाफ की भर्ती की जा रही है। हाईकोर्ट ने भी नशे के मुद्दे पर सरकार से मांगा था जवाब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में नशे के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा था। पूछा था कि पंजाब में कितने लोग नशे के आदी हैं और रोकथाम के लिए क्या प्रयास किए गए हैं। हाईकोर्ट ने पंजाब में हजारों करोड़ रुपये की नशा सामग्री पकड़े जाने के बावजूद नशे के बढ़ते प्रभाव पर नाराजगी जताई थी। इससे पंजाब सरकार सवालों के घेरे में आ गई थी। साथ ही हाईकोर्ट द्वारा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से पूछा था कि हरियाणा और पंजाब में नशे के आदी लोगों की संख्या कितनी है। बता दें कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुटका साहिब हाथ में लेकर एक चुनावी रैली में नशा का मुद्दा उठाया था और उन्होंने कहा था कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने पर चार सप्ताह में नशे की कमर तोड़ दी जाएगी। इसके बाद कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं लेकिन पूरे कार्यकाल में नशे को लेकर सख्त एक्शन नहीं हुआ था। 2022 में आप सरकार ने सत्ता हासिल की थी। नहीं मिला लाभ…एंटी ड्रग सेल बने दो हफ्ते बीते, एक भी पंजीकरण नहीं प्रशासन ने दो सप्ताह पहले डीसी परिसर में एंटी ड्रग सेल स्थापित किया है। बकाया एडीसी जनरल ने सभी विभागों की मीटिंग लेकर नशा मुक्त अभियान के लिए योजना पर काम करने के निर्देश दिए थे। उम्मीद थी कि नशे की जद में आए लोग प्रशासन के पास पहुंचकर अपनी समस्या से अवगत कराएंगे और उपचार के लिए पंजीकरण कराएंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। सूत्रों के अनुसार इस सेल के बारे में प्रचार प्रसार अधिक नहीं हो सका है जिसके चलते इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक ये भी कारण है कि जहां यह सेल स्थापित किया गया है वहां एमए ब्रांच का दफ्तर है। एमए ब्रांच के कर्मचारी और एंटी ड्रग सेल के कर्मचारी एक साथ बैठ रहे हैं जिस कारण इस सेल के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पा रही है।
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लुधियाना में करंट लगे मरीज को नहीं मिला स्ट्रैचर:सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में E-रिक्शा लेकर अंदर घुसे, युवक ने तोड़ा दम पंजाब के लुधियाना का सिविल अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मंगलवार रात करीब सवा दस बजे एक राहगीर ई-रिक्शा चालक करंट लगने से घायल को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर आया। मरीज की पत्नी भी उसके साथ थी। उसे इमरजेंसी में भर्ती करने के लिए उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला। मरीज के परिजनों और ई-रिक्शा चालक कंवलजीत सिंह ने जब काफी शोर मचाया तो अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बताया कि अगर स्ट्रेचर लेना है तो शवगृह जाना पड़ेगा। किसी तरह लोगों की मदद से मरीज अजय मेहता को ई-रिक्शा से नीचे उतारा गया और हाथ-पैर पकड़कर इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। मरीज अजय मेहता की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया। स्ट्रेचर न मिलने पर इमरजेंसी में ई-रिक्शा घुसाया कंवलजीत के अनुसार परिजनों ने मरीज को इमरजेंसी से बाहर ले जाने के लिए दोबारा स्ट्रेचर की मांग की। जब किसी ने स्ट्रेचर नहीं दिया तो मरीज की जान बचाने के लिए वह ई-रिक्शा चलाकर अस्पताल की इमरजेंसी में ले गया ताकि मरीज को जल्दी से लादकर निजी अस्पताल ले जाया जा सके। लेकिन वहां मौजूद पुलिस कर्मियों से उसकी कहासुनी हो गई। इसके बाद वह मरीज अजय मेहता को सीएमसी अस्पताल ले गया लेकिन उसकी मौत हो गई। राजमिस्त्री का काम करता था मृतक जानकारी देते हुए मृतक अजय की पत्नी अजयमती ने बताया कि उसका पति राजमिस्त्री का काम करता है। वह कुछ दिन पहले ही बिहार से लुधियाना आया है। उसकी 1 बेटी और दो बेटे हैं। वह अपने परिवार के साथ बैंक कॉलोनी में रहती है। मंगलवार रात को जब उसका पति कमरे में प्रवेश कर रहा था तो मीटर बॉक्स के पास बिजली की तार से उसका हाथ छू गया। जिससे वह झुलस गया। लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अजय के शव को अब पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में रखा जाएगा।