जालंधर में MLA बोले- भगवंत मान बुलाएं सर्वदलीय बैठक:CM स्टालिन की तरह राज्यों को चिट्ठी लिखें, प्रदेश के अधिकारों के मुद्दे पर घेरा

जालंधर में MLA बोले- भगवंत मान बुलाएं सर्वदलीय बैठक:CM स्टालिन की तरह राज्यों को चिट्ठी लिखें, प्रदेश के अधिकारों के मुद्दे पर घेरा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने परिसीमन के मुद्दे पर देशभर के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर एकजुट होने का आह्वान किया है। इस पर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की इस मुद्दे पर चुप्पी को संदिग्ध बताया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की तरह पंजाब में भी सर्वदलीय बैठक बुलाकर राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। परगट सिंह ने सीएम मान पर तंज कसते हुए कहा, “क्या वे विपश्यना में अरविंद केजरीवाल से अनुमति का इंतजार कर रहे हैं या फिर केंद्र की बीजेपी से सलाह ले रहे हैं?” बता दें कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने 22 मार्च को प्रस्तावित संयुक्त कार्य समिति (JAC) की पहली बैठक में राज्यों से अपने प्रतिनिधि भेजने का अनुरोध किया है। स्टालिन का मानना है कि परिसीमन से दक्षिण और पूर्वी भारत के राज्यों को नुकसान हो सकता है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। सीएम स्टालिन ने अपने पत्र में लिखा कि परिसीमन से तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों के संसदीय सीटों पर असर पड़ सकता है। JAC से समर्थन जुटाने की कोशिश स्टालिन ने केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से इस मुद्दे पर एक मंच पर आने का आग्रह किया है। उनका मानना है कि यह राज्यों के अधिकारों की रक्षा का मामला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अब देखना होगा कि तमिलनाडु के इस कदम पर अन्य राज्य क्या रुख अपनाते हैं और क्या विपक्षी दल इसे केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़े राजनीतिक गठबंधन में बदल पाते हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने परिसीमन के मुद्दे पर देशभर के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर एकजुट होने का आह्वान किया है। इस पर पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की इस मुद्दे पर चुप्पी को संदिग्ध बताया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की तरह पंजाब में भी सर्वदलीय बैठक बुलाकर राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। परगट सिंह ने सीएम मान पर तंज कसते हुए कहा, “क्या वे विपश्यना में अरविंद केजरीवाल से अनुमति का इंतजार कर रहे हैं या फिर केंद्र की बीजेपी से सलाह ले रहे हैं?” बता दें कि तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने 22 मार्च को प्रस्तावित संयुक्त कार्य समिति (JAC) की पहली बैठक में राज्यों से अपने प्रतिनिधि भेजने का अनुरोध किया है। स्टालिन का मानना है कि परिसीमन से दक्षिण और पूर्वी भारत के राज्यों को नुकसान हो सकता है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। सीएम स्टालिन ने अपने पत्र में लिखा कि परिसीमन से तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब जैसे राज्यों के संसदीय सीटों पर असर पड़ सकता है। JAC से समर्थन जुटाने की कोशिश स्टालिन ने केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से इस मुद्दे पर एक मंच पर आने का आग्रह किया है। उनका मानना है कि यह राज्यों के अधिकारों की रक्षा का मामला है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अब देखना होगा कि तमिलनाडु के इस कदम पर अन्य राज्य क्या रुख अपनाते हैं और क्या विपक्षी दल इसे केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़े राजनीतिक गठबंधन में बदल पाते हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर