पंजाब के जालंधर में नकोदर से अकादी दल के पूर्व पार्षद के बेटे का अपहरण कर उसके फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। केस में पुलिस ने नकोदर कचहरी में तैनात पंजाब होम गार्ड के जवान सहित तीन लोगों के खिलाफ के दर्ज कर लिया है। आरोपी पाए गए जालंधर के रहने वाले रोहित गिल (होमगार्ड), साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी और जैकब्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 386, 342, 506, 511 और 34 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया है। नकोदर के श्री गुरु तेग बहादुर नगर के रहने वाले भगवान सिंह परूथी ने पुलिस को बताया कि वह नगर निगम नकोदर से अकाली दल के पूर्व पार्षद हैं। परूथी सिविल अस्पताल नकोदर के सामने खालसा डेयरी नाम से दुकान चलाते हैं। बीते शनिवार को उनका बेटा नवजोत सिंह परूथी उर्फ मनी सुबह करीब 10:30 बजे बाबा मुरादशाह रोड पर किसी काम से जाने का बोलकर निकला था आरोपी ने तान सिटी-2 कॉलोनी में बुलाया सुबह करीब 11:10 बजे नवजोत उर्फ मणि के मोबाइल से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल पर कोई अनजान व्यक्ति बोल रहा था। आरोपी ने परूथी से कहा- हमने आपके बेटे को नशा करते हुए पकड़ा है, आप आएं और हमसे मिलें। आरोपी ने 50 हजार रुपए की मांग की थी। आरोपी ने मिलने के लिए नकोदर की तान सिटी-2 कॉलोनी में बुलाया था। पीड़ित डर गया था, इसलिए वह अपने बड़े बेटे जसप्रीत सिंह के साथ पैसे लेकर निकलने लगा था, इतने में आरोपियों का दोबारा कॉल आ गया। आरोपी ने दोबारा कहा कि आप वहीं रुकिए, मैं अपने दोस्तों को पैसे लेने के लिए भेजता हूं। कुछ देर बाद बिना नंबर प्लेट की डिस्कवर मोटरसाइकिल पर दो युवक आए, जो हमारी गाड़ी से करीब 50 मीटर की दूरी पर रुका, तभी उस व्यक्ति ने मेरे बेटे के मोबाइल फोन से व्हाट्सएप कॉल किया। जिसमें उसने कहा- मेरे दोस्त तुम्हारे पास पहुंच गये हैं। पीड़ित ने कहा- उक्त युवक पैसे गाड़ी में आकर ले जाए, मगर नहीं आए और जालंधर रोड की ओर फरार हो गए। बेटे को आलोवाल गेट पर छोड़कर हुए फरार जिसके बाद परूथी ने अपने बेटे नवजोत सिंह की तलाश शुरू की। शाम करीब 7 बजे वे मेरे लड़के को गांव आलोवाल के गेट पर छोड़ गए। मेरे लड़के ने घबराकर मुझे फोन करके सारी बात बताई। जिसके पास मैं गया और उसे घर ले आया और उसने मुझे बताया कि मुझे बाबा मुरादशाह रोड साउथ अड्डा नकोदर से तीन नजवान स्विफ्ट गाड़ी में गांव मुढ़ में स्थित पेट्रोल पंप पर ले गए थे। परूथी ने बताया कि पार्षद होने के नाते उनकी नकोदर में अच्छी पकड़ है। परूथी के बेटे ने बताया कि उसे रोहित गिल ने अपने साथियों के साथ पकड़ा था। रोहित गिल पंजाब होम गार्ड का जवान है और कचहरी नकोदर में ड्यूटी करता था। रोहित के साथ उसका साथी गुरप्रीत गोपी और जैकब शामिल था। पुलिस ने मामले की जांच के बाद केस दर्ज कर लिया था। पंजाब के जालंधर में नकोदर से अकादी दल के पूर्व पार्षद के बेटे का अपहरण कर उसके फिरौती मांगने का मामला सामने आया है। केस में पुलिस ने नकोदर कचहरी में तैनात पंजाब होम गार्ड के जवान सहित तीन लोगों के खिलाफ के दर्ज कर लिया है। आरोपी पाए गए जालंधर के रहने वाले रोहित गिल (होमगार्ड), साथी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी और जैकब्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 386, 342, 506, 511 और 34 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया है। नकोदर के श्री गुरु तेग बहादुर नगर के रहने वाले भगवान सिंह परूथी ने पुलिस को बताया कि वह नगर निगम नकोदर से अकाली दल के पूर्व पार्षद हैं। परूथी सिविल अस्पताल नकोदर के सामने खालसा डेयरी नाम से दुकान चलाते हैं। बीते शनिवार को उनका बेटा नवजोत सिंह परूथी उर्फ मनी सुबह करीब 10:30 बजे बाबा मुरादशाह रोड पर किसी काम से जाने का बोलकर निकला था आरोपी ने तान सिटी-2 कॉलोनी में बुलाया सुबह करीब 11:10 बजे नवजोत उर्फ मणि के मोबाइल से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल पर कोई अनजान व्यक्ति बोल रहा था। आरोपी ने परूथी से कहा- हमने आपके बेटे को नशा करते हुए पकड़ा है, आप आएं और हमसे मिलें। आरोपी ने 50 हजार रुपए की मांग की थी। आरोपी ने मिलने के लिए नकोदर की तान सिटी-2 कॉलोनी में बुलाया था। पीड़ित डर गया था, इसलिए वह अपने बड़े बेटे जसप्रीत सिंह के साथ पैसे लेकर निकलने लगा था, इतने में आरोपियों का दोबारा कॉल आ गया। आरोपी ने दोबारा कहा कि आप वहीं रुकिए, मैं अपने दोस्तों को पैसे लेने के लिए भेजता हूं। कुछ देर बाद बिना नंबर प्लेट की डिस्कवर मोटरसाइकिल पर दो युवक आए, जो हमारी गाड़ी से करीब 50 मीटर की दूरी पर रुका, तभी उस व्यक्ति ने मेरे बेटे के मोबाइल फोन से व्हाट्सएप कॉल किया। जिसमें उसने कहा- मेरे दोस्त तुम्हारे पास पहुंच गये हैं। पीड़ित ने कहा- उक्त युवक पैसे गाड़ी में आकर ले जाए, मगर नहीं आए और जालंधर रोड की ओर फरार हो गए। बेटे को आलोवाल गेट पर छोड़कर हुए फरार जिसके बाद परूथी ने अपने बेटे नवजोत सिंह की तलाश शुरू की। शाम करीब 7 बजे वे मेरे लड़के को गांव आलोवाल के गेट पर छोड़ गए। मेरे लड़के ने घबराकर मुझे फोन करके सारी बात बताई। जिसके पास मैं गया और उसे घर ले आया और उसने मुझे बताया कि मुझे बाबा मुरादशाह रोड साउथ अड्डा नकोदर से तीन नजवान स्विफ्ट गाड़ी में गांव मुढ़ में स्थित पेट्रोल पंप पर ले गए थे। परूथी ने बताया कि पार्षद होने के नाते उनकी नकोदर में अच्छी पकड़ है। परूथी के बेटे ने बताया कि उसे रोहित गिल ने अपने साथियों के साथ पकड़ा था। रोहित गिल पंजाब होम गार्ड का जवान है और कचहरी नकोदर में ड्यूटी करता था। रोहित के साथ उसका साथी गुरप्रीत गोपी और जैकब शामिल था। पुलिस ने मामले की जांच के बाद केस दर्ज कर लिया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 4 साल से बड़े बच्चे को हेलमेट जरूरी:हाईकोर्ट के ऑर्डर, पंजाब-चंडीगढ़ में भी लागू; केंद्र से छोटे बच्चों के सुरक्षा नियम बनाने को कहा
हरियाणा में 4 साल से बड़े बच्चे को हेलमेट जरूरी:हाईकोर्ट के ऑर्डर, पंजाब-चंडीगढ़ में भी लागू; केंद्र से छोटे बच्चों के सुरक्षा नियम बनाने को कहा हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में अब 4 साल से बड़ी उम्र के बाइक सवारों को हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। यह हेलमेट भी केंद्र सरकार की तरफ से तय स्टेंडर्ड के मुताबिक होना चाहिए। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस शील नागू और अनिल क्षेत्रपाल की बैंच ने 29 अक्टूबर को इस संबंध में आदेश जारी किए। यह आदेश अब सामने आए हैं। हाईकोर्ट के आदेश से सिर्फ उन्हीं सिख महिला-पुरुषों को छूट मिलेगी, जिन्होंने पगड़ी पहनी हो। हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस से बिना हेलमेट टू-व्हीलर चलाने वाली महिलाओं और बाइक के पीछे बैठे सवार के चालान की डिटेल भी तलब की है। केस की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी। बाइक पर बिठाए बच्चे पर भी लागू आदेश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 4 साल से ऊपर के हर उस व्यक्ति पर यह आदेश लागू होंगे, जो टू-व्हीलर चला रहे, पीछे सवार हैं या फिर उन्हें उस पर ले जाया जा रहा है। जिसमें बच्चे भी शामिल हैं। यह आदेश हर तरह की बाइक पर लागू होगा, चाहे उसकी क्लास कुछ भी हो। अगर किसी सिख व्यक्ति ने बाइक चलाते या उसमें बैठे वक्त पगड़ी पहनी हो तो उन पर यह आदेश लागू नहीं होगा। 4 साल से छोटे बच्चों की सुरक्षा का नियम बनाए केंद्र सरकार
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में केंद्र सरकार को कहा है कि 4 साल से छोटे बच्चों के सुरक्षा के लिए नियम बनाए जाने चाहिए। जिन्हें इन बाइक पर बैठाकर ले जाया जा रहा होता है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि हेलमेट इस क्वालिटी का होना चाहिए कि किसी दुर्घटना की सूरत में वह चोट से सिर की सुरक्षा कर सके। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि हेलमेट सिर्फ सिर पर रखा नहीं होना चाहिए बल्कि वह सिर से बंधा भी होना चाहिए। हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी…
जालंधर में एक्सीडेंट के बाद हाईवे पर लगा जाम:ओवरटेक करते हुए मारी टक्कर, ट्रक चालक ने लगाए इमरजेंसी ब्रेक
जालंधर में एक्सीडेंट के बाद हाईवे पर लगा जाम:ओवरटेक करते हुए मारी टक्कर, ट्रक चालक ने लगाए इमरजेंसी ब्रेक जालंधर में पीएपी चौक के पास एक कार और ट्रक में टक्कर हो गई, जिसके बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया। घटना में कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है। घटना मंगलवार की सुबह करीब दस बजे की है। कुछ घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने जाम खुलवा दिया। ट्रक चालक कलविंदर सिंह ने बताया कि, वह कपूरथला के फगवाड़ा से चावल लेकर चंडियाला गुरु की ओर जा रहे थे। जब वह पीएपी फ्लाईओवर के पास पहुंचे तो पीछे से आ रही कार ने ओवरटेक करने के चक्कर में पीछे से टक्कर मार दी और फिर उक्त कार ट्रक से आग आ गई। ट्रक चालक ने किसी तरह ब्रेक लगाकर बड़ा हादसा होने से बचा लिया।
कार को फोलड़ीवाल के रहने वाले बलदेव चला रहे थे। घटना के बाद हाईवे पर लगा जाम मिली जानकारी के अनुसार जिस हाईवे पर ये हादसा हुआ, वह देश के सबसे व्यस्त हाईवे में से एक है। उक्त हाईवे से रोजाना हजारों की संख्या में गाड़ियां गुजरती हैं। ऐसे में हादसे के बाद हाईवे की एक साइड पूरी तरह से बंद हो गई थी। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर किसी तरह हाईवे क्लियर करवाया और कुछ घंटों की मशक्कत के बाद दोबारा ट्रैफिक नॉर्मल किया।
पंजाब में नहीं दिखाई गई फिल्म ‘इमरजेंसी’:PVR ने 80 थिएटरों में शो रोके; कंगना रनोट बोलीं- यह कला और कलाकार का उत्पीड़न
पंजाब में नहीं दिखाई गई फिल्म ‘इमरजेंसी’:PVR ने 80 थिएटरों में शो रोके; कंगना रनोट बोलीं- यह कला और कलाकार का उत्पीड़न बॉलीवुड एक्टर एवं हिमाचल के मंडी से BJP सांसद कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी शुक्रवार को रिलीज हो गई। पहले ही दिन पंजाब में सिख संगठन इसके विरोध में उतर आए। अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और मोहाली में थिएटर्स के बाहर सिख संगठनों के सदस्य काले झंडे लेकर विरोध किया। राज्य के किसी भी थिएटर में फिल्म नहीं दिखाई गई। PVR ग्रुप के 70 से 80 थिएटरों पर ये फिल्म दिखाई जानी थी, विरोध के बाद इन थिएटरों पर फिल्म नहीं लगी। लॉ स्टूडेंट सफल हरप्रीत सिंह की तरफ से कंगना को कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें 5 दिन में पूरे पंजाब व सिख कम्युनिटी से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर वे लीगल नोटिस का जवाब नहीं देतीं, तो इस मामले में कानून का सहारा लेंगे। उधर, कंगना ने X पर लिखा- ‘यह पूरी तरह से कला और कलाकार का उत्पीड़न है। पंजाब से कई शहरों से खबरें आ रही हैं कि ये लोग इमरजेंसी को चलने नहीं दे रहे। मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूं। चंडीगढ़ में पढ़ाई और बड़े होने के बाद मैंने सिख धर्म को करीब से देखा और उसका पालन किया है। यह मेरी छवि खराब करने और मेरी फिल्म इमरजेंसी को नुकसान पहुंचाने के लिए सरासर झूठ और दुष्प्रचार है।’ SGPC का सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ और सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। इसके बाद ही शुक्रवार को सिख संगठनों ने PVR सिनेमा के बाहर प्रदर्शन किया। SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने गुरुवार को पंजाब CM भगवंत मान को लेटर भी लिखा था। लेटर में धामी ने कहा था- ‘इमरजेंसी’ को पंजाब में बैन किया जाए। फिल्म में 1975 के आपातकाल के दौरान सिखों और उनके संघर्ष को जैसा दिखाया गया है, वह इतिहास से मेल नहीं खाता और सिखों की गलत छवि बना रहा है। धामी का आरोप है, फिल्म में सिखों के बलिदान और योगदान को नजरअंदाज किया गया। उन्हें नकारात्मक दिखाया गया। सिखों की भावनाओं का सम्मान करते हुए पंजाब में फिल्म रिलीज रोकी जाए।’ पंजाब व केंद्र सरकार को भेजा पत्र SGPC के सेक्रेटरी प्रताप सिंह ने कहा- ‘आज पंजाब में कंगना की फिल्म इमरजेंसी रिलीज न किए जाने को लेकर भारत सरकार और पंजाब सरकार को पत्र भेजा गया था। लेकिन सरकारों ने ऐसा कुछ नहीं किया। कल भी SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर सिनेमाघरों में फिल्म न दिखाए जाने की मांग की थी। फिल्म को रोकने के लिए सिख जत्थों ने प्रदर्शन किया। अमृतसर के तीनों सिनेमा घरों में फिल्म नहीं रिलीज की जा रही है। हमारी कौम ने देश के लिए कुर्बानियां दी हैं। मगर इस फिल्म में सिखों को गलत दिखाया गया है। इससे पंजाब का माहौल खराब हो सकता है।’ कंगना रनोट ने कहा था- फिल्म में सिखों का अपमान नहीं कंगना रनोट ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उनकी फिल्म में सिख समुदाय के प्रति किसी भी तरह की अपमानजनक बात नहीं कही गई है। उन्होंने दावा किया कि ‘इमरजेंसी’ ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है और इसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में देश में लगे आपातकाल के दौरान की सच्चाई को दिखाने का प्रयास किया गया है। बांग्लादेश में बैन हो चुकी फिल्म फिल्म के पहले रिलीज किए गए ट्रेलर में पंजाब के आतंकवाद के दौर के साथ-साथ बांग्लादेश की आजादी के दौर को भी दिखाया गया था। जिसके चलते ये फिल्म बांग्लादेश में बैन हो चुकी है। ट्रेलर में आतंकवाद, ऑपरेशन ब्लू स्टार और जरनैल सिंह भिंडरांवाला के बारे में कोई सीन नहीं दिखाया गया। इसके बावजूद SGPC ने फिल्म को बैन करने की मांग रखी। SGPC ने कहा कि फिल्म रिलीज से पहले उसे किसी भी धार्मिक संस्था से पास नहीं करवाया गया। SGPC को फिल्म के इन सीन पर आपत्ति फिल्म में 1975-77 के दौरान इंदिरा गांधी के पीएम रहते हुए लगाए गए आपातकाल के समय की घटनाओं को दिखाया गया है। खासतौर पर इसमें सिखों के खिलाफ हुई ज्यादतियों, गोल्डन टेंपल पर सेना की कार्रवाई और बाकी घटनाओं को दिखाया गया है। SGPC का दावा है कि फिल्म में इन घटनाओं को गलत रूप में पेश किया है। पंजाब सरकार का कोई बयान नहीं पंजाब सरकार की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अमन वर्मा ने कहा- पंजाब की अमन शांति को नुकसान पहुंचाने वाला कोई काम करने की इजाजत नही दी जाएगी। फिल्म पर रोक लगाने का फैसला मुख्यमंत्री को लेना है। पहले ट्रेलर के बाद शुरू हुआ था विवाद फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह के अलावा सिखों की सर्वोच्च संस्था SGPC ने सबसे पहले इस फिल्म पर एतराज जताया था। इससे पहले ये फिल्म 6 सितंबर 2024 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विरोध के बाद इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से क्लीयरेंस ही नहीं मिला था। 5 महीने पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले उनके सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह के बेटे एवं फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए सीन्स पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि फिल्म इमरजेंसी में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। सरबजीत ने कहा था कि यह फिल्म एक मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए। सेंसर बोर्ड ने फिल्म में करवाए तीन कट व 10 बदलाव **************** कंगना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- SGPC की कंगना की फिल्म इमरजेंसी को लेकर चेतावनी: सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप कंगना की फिल्म इमरजेंसी रिलीज होने से पहले गुरुवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य बठिंडा के डिप्टी कमिश्नर से मिले थे। उन्होंने फिल्म पर बैन लगाने की मांग की थी। उनका आरोप था कि यह फिल्म सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करती है। पढ़ें पूरी खबर