बवाली रोड स्थित राइस मिल मशीनरी उपकरण निर्माण कंपनी एसएफ फूड प्रो टेक लिमिटेड के निदेशक एवं सी ब्लॉक निवासी संजीव गुप्ता के साथ 33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में विशेष पुलिस टीम ने फतेहाबाद व सिरसा से 6 क्रिकेट सट्टा बुकियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राहुल पुत्र परमानंद निवासी रानिया गेट सिरसा, संजय उर्फ डेजी पुत्र टेकचंद निवासी अग्रवाल कॉलोनी फतेहाबाद, दिनेश उर्फ बंटी उर्फ डीजे पुत्र प्रीतम पाल निवासी शिव चौक सिरसा, शुभम उर्फ मोनू पुत्र रमेश कुमार निवासी बेगू रोड सिरसा, अजय उर्फ गोलू पुत्र राजेंद्र कुमार नोहरिया बाजार सिरसा तथा हरपाल उर्फ पाली पुत्र सुरेंद्र कुमार निवासी गोल डिग्गी सिरसा के रूप में हुई है। सभी आरोपियों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी 6 आरोपियों को अदालत में पेश कर 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उन्होंने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान गिरफ्तार आरोपियों की पहचान होने पर गबन व धोखाधड़ी की रकम बरामद की जाएगी, वहीं इस घटना में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी हासिल कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि गिरफ्तार सभी आरोपी क्रिकेट सट्टे से जुड़े हुए हैं। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि इस संबंध में कंपनी (फैक्ट्री) संचालक सी ब्लॉक निवासी संजीव गुप्ता की शिकायत पर शहर के सिविल लाइन थाने में एक जून 2024 को विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। आरोपी मुनीम साकेत पहले ही हो चुका है गिरफ्तार पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए आरोपियों को फतेहाबाद व शहर सिरसा से काबू कर लिया। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के मुनीम साकेत कुमार निवासी ईरा- कॉलोनी बरनाला रोड सिरसा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जोकि फिलहाल सिरसा जेल में बंद है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुनीम साकेत कुमार उक्त कंपनी में पिछले करीब 15 सालों से कार्यरत था, तथा कंपनी का करीब 50 अन्य कंपनियों से लेनदेन का कार्य होता था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुनीम साकेत कुमार ने कंपनी संचालक व अन्य पारिवारिक सदस्यों के विश्वास का नाजायज फायदा उठाया तथा गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों के साथ षड्यंत्र रचकर उनके खातों में पैसे ट्रांसफर करवाता था व क्रिकेट सट्टा लगाता था। कंपनी का पैसा क्रिकेट सट्टे में लगा देता था मुनीम पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस जांच के दौरान सामने आया है कि आरोपी राहुल,हरपाल,बंटी,डीजे व शुभम उर्फ मोनू कंपनी के मुनीम साकेत कुमार को क्रिकेट सट्टा की फेयरवेट-7 की आईडी उपलब्ध करवाते थे, जबकि आरोपी संजय उर्फ डेजी निवासी फतेहाबाद,राहुल बंटी,दिनेश,हरपाल व शुभम उर्फ मोनू को क्रिकेट सट्टा की फेयरवेट-7 आईडी उपलब्ध करवाता था। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार किया गया मुनीम साकेत कुमार उपरोक्त पकड़े गए सभी आरोपियों के संपर्क में था व उनसे मिल कर कंपनी का पैसा क्रिकेट सट्टा में इनवेस्ट करता था। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि अभियोग की जांच जारी है और जो भी व्यक्ति इस मामले में संलिप्त पाया गया उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बवाली रोड स्थित राइस मिल मशीनरी उपकरण निर्माण कंपनी एसएफ फूड प्रो टेक लिमिटेड के निदेशक एवं सी ब्लॉक निवासी संजीव गुप्ता के साथ 33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में विशेष पुलिस टीम ने फतेहाबाद व सिरसा से 6 क्रिकेट सट्टा बुकियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राहुल पुत्र परमानंद निवासी रानिया गेट सिरसा, संजय उर्फ डेजी पुत्र टेकचंद निवासी अग्रवाल कॉलोनी फतेहाबाद, दिनेश उर्फ बंटी उर्फ डीजे पुत्र प्रीतम पाल निवासी शिव चौक सिरसा, शुभम उर्फ मोनू पुत्र रमेश कुमार निवासी बेगू रोड सिरसा, अजय उर्फ गोलू पुत्र राजेंद्र कुमार नोहरिया बाजार सिरसा तथा हरपाल उर्फ पाली पुत्र सुरेंद्र कुमार निवासी गोल डिग्गी सिरसा के रूप में हुई है। सभी आरोपियों को 5 दिन के पुलिस रिमांड पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी 6 आरोपियों को अदालत में पेश कर 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उन्होंने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान गिरफ्तार आरोपियों की पहचान होने पर गबन व धोखाधड़ी की रकम बरामद की जाएगी, वहीं इस घटना में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी जानकारी हासिल कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि गिरफ्तार सभी आरोपी क्रिकेट सट्टे से जुड़े हुए हैं। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि इस संबंध में कंपनी (फैक्ट्री) संचालक सी ब्लॉक निवासी संजीव गुप्ता की शिकायत पर शहर के सिविल लाइन थाने में एक जून 2024 को विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। आरोपी मुनीम साकेत पहले ही हो चुका है गिरफ्तार पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए आरोपियों को फतेहाबाद व शहर सिरसा से काबू कर लिया। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के मुनीम साकेत कुमार निवासी ईरा- कॉलोनी बरनाला रोड सिरसा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जोकि फिलहाल सिरसा जेल में बंद है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुनीम साकेत कुमार उक्त कंपनी में पिछले करीब 15 सालों से कार्यरत था, तथा कंपनी का करीब 50 अन्य कंपनियों से लेनदेन का कार्य होता था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मुनीम साकेत कुमार ने कंपनी संचालक व अन्य पारिवारिक सदस्यों के विश्वास का नाजायज फायदा उठाया तथा गिरफ्तार किए गए छह आरोपियों के साथ षड्यंत्र रचकर उनके खातों में पैसे ट्रांसफर करवाता था व क्रिकेट सट्टा लगाता था। कंपनी का पैसा क्रिकेट सट्टे में लगा देता था मुनीम पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस जांच के दौरान सामने आया है कि आरोपी राहुल,हरपाल,बंटी,डीजे व शुभम उर्फ मोनू कंपनी के मुनीम साकेत कुमार को क्रिकेट सट्टा की फेयरवेट-7 की आईडी उपलब्ध करवाते थे, जबकि आरोपी संजय उर्फ डेजी निवासी फतेहाबाद,राहुल बंटी,दिनेश,हरपाल व शुभम उर्फ मोनू को क्रिकेट सट्टा की फेयरवेट-7 आईडी उपलब्ध करवाता था। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार किया गया मुनीम साकेत कुमार उपरोक्त पकड़े गए सभी आरोपियों के संपर्क में था व उनसे मिल कर कंपनी का पैसा क्रिकेट सट्टा में इनवेस्ट करता था। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि अभियोग की जांच जारी है और जो भी व्यक्ति इस मामले में संलिप्त पाया गया उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नारनौल में मंत्री अभय सिंह यादव का विरोध:ग्रामीणों ने विकास कार्य न करने को लेकर घेरा; भाजपा प्रत्याशी ने पानी भी नहीं दिया नारनौल में विकास कार्यों का भेदभाव लगाते हुए सिंचाई मंत्री अभय सिंह यादव का ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीणों का कहना था कि विधायक ने यहां पर कोई भी विकास कार्य नहीं करवाए। नांगल चौधरी से भाजपा प्रत्याशी और मंत्री डॉ अभय सिंह आज अपने चुनावी जनसंपर्क अभियान के तहत गहली गांव में पहुंचे थे। गहली गांव में जैसे ही मंत्री पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि विधायक बनने के बाद उन्होंने 10 साल में गहली गांव की कोई सुध नहीं ली। यहां पर मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। सिंचाई मंत्री होने के बावजूद यहां पर नहरी पानी भी नहीं आया है। जिसके कारण ग्रामीणों में रोष है। विरोध होने के बाद वहां पर मौजूद अन्य ग्रामीणों ने विरोध करने वाले लोगों को समझाया। इसके बाद वहां पर मंत्री ने सभा की और लोगों को यह भी बताया कि उन्होंने यहां के लोगों के लिए बहुत कार्य करवाए हैं। नहरी पानी की व्यवस्था की है।