पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाला रवींद्र कुमार सोशल मीडिया पर राज सूरी के नाम से रील्स शेयर करता था। यही वह अकाउंट था, जिसके जरिए नेहा शर्मा ने उससे संपर्क किया। फेसबुक पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तस्वीर देखकर नेहा ने रवींद्र को मैसेज किया। चैट के दौरान उसने खुद को इसरो का साइंटिस्ट बताया। हनीट्रैप में फंसा रवींद्र कुमार परिवार और ऑफिस के लोगों को गुमराह करने के लिए दो मोबाइल फोन रखता था। इसकी भनक उसकी पत्नी को भी नहीं थी। वह एक मोबाइल से सिर्फ नेहा शर्मा के संपर्क में रहता था। सुरक्षा एजेंसियों को रवींद्र के चैटबॉक्स में हर दिन 50 से 70 मैसेज मिले हैं। कई मैसेज डिलीट कर दिए गए थे, जिन्हें रिकवर किया गया। इनमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के डॉक्यूमेंट थे। कई ऐसे दस्तावेज भी थे, जो चार्जमैन के पास नहीं होने चाहिए थे। पढ़िए रिपोर्ट… पहले पूरा मामला समझिए… 8 महीने से रवींद्र गोपनीय रिकॉर्ड पाकिस्तान भेज रहा
रवींद्र कुमार को 2006 में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी मिली। जून 2009 में उसकी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (हजरतपुर) में चार्जमैन पद पर तैनाती हुई। ATS के मुताबिक, जून 2024 में ISI की एजेंट ने नेहा शर्मा नाम की आईडी से रवींद्र कुमार को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। फिर मैसेंजर पर उसे मैसेज किए और खुद को इसरो का साइंटिस्ट बताया। रवींद्र ने भी खुद को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में अधिकारी पद पर तैनात बताया। दोनों ने एक-दूसरे को नंबर भेजे, जिसके बाद मैसेज और वॉयस कॉल शुरू हो गईं। रवींद्र ने स्वीकार किया कि हमारे बीच आपत्तिजनक बातें होने लगीं। एजेंट ने उसकी न्यूड वीडियो भी बनाई और उसे ब्लैकमेल करने लगी। आठ महीनों में उसने कई गोपनीय रिकॉर्ड मुझसे मांगे। ATS को उसके मोबाइल से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की डेली रिपोर्ट मिली। साथ ही, ड्रोन, गगनयान प्रोजेक्ट और अन्य कई गोपनीय जानकारियां, स्क्रीनिंग कमेटी का कॉन्फिडेंशियल लेटर भी बरामद हुआ। ATS के ADG नीलाब्जा चौधरी ने कहा- नेहा शर्मा” नाम की आईडी पाकिस्तान से ऑपरेट हो रही थी। रवींद्र के घर का माहौल… रवींद्र आगरा के बुंदू कटरा में रहता है। भास्कर टीम बुंदू कटरा, 509 आर्मी बेस वर्कशॉप के पास पहुंची। वहां एक जनसेवा केंद्र नजर आया। काउंटर पर बैठे शख्स से रवींद्र के घर का पता पूछा। उन्होंने कहा- वही रवींद्र, जिसे ATS ने पकड़ा है? हमने कहा- हां, वही। उन्होंने कहा- आप सिंडिकेट बैंक वाली गली में चले जाइए। इस गली के सबसे आखिरी मकान पर लोगों की भीड़ जमा थी। रवींद्र के घर का गेट बंद था। हमने दरवाजा खटखटाया। थोड़ी देर बाद एक महिला बाहर आई। उसने कहा- मेरे पति को लेकर जा चुके हैं। अब मुझे कुछ नहीं कहना। कुछ देर बाद वह बात करने को तैयार हुई। उनका मुंह ढका हुआ था। उन्होंने अपना नाम आरती बताया। ATS की छापेमारी और पति को लेकर जाने के बारे में उन्होंने सवालों के जवाब दिए। चलिए, पढ़ते हैं… सवाल: क्या कभी आपको लगा कि रवींद्र पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे? आरती: ये आप कैसे कह सकते हैं? मेरे पति पर गलत आरोप लगाए गए हैं। वो बहुत सीधे-साधे व्यक्ति हैं। घर से नौकरी, नौकरी से घर। इसके अलावा किसी से कोई वास्ता नहीं। हम मिडिल क्लास लोग हैं। सवाल: ATS जो तथ्य सामने रख रही है, उस पर क्या कहेंगी? आरती: ये हो सकता है कि रवींद्र को हनीट्रैप में फंसाया गया हो। ATS हमारे घर आई थी। घर में जितने भी मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस थे, उनकी जांच की गई। मोबाइल एजेंसी वाले साथ ले गए। सवाल: क्या आपने ATS से अपने पति के बारे में कुछ पूछा? आरती: मैंने पूछा तो उन्होंने कहा- सिर्फ मोबाइल चेक करेंगे, पति को पूछताछ के बाद वापस भेज देंगे। फिर वे धड़धड़ाते हुए यहां से चले गए। बाद में मीडिया से पता चला कि रवींद्र को ISI एजेंट बताकर फंसा दिया गया है। सवाल: क्या कभी उन्हें मोबाइल पर छिपकर बात करते हुए देखा है? आरती: नहीं, मैंने उन्हें किसी से छिपकर बात करते नहीं देखा। वो रात को घर आते, खाना खाकर सो जाते थे। सुबह उठते और सीधे अपने काम पर चले जाते थे। सवाल: अब आप क्या करेंगी? आरती: मैं अपने वकील से बात कर रही हूं। मेरे पति पर दबाव डाला गया है। उन्हें फंसाया जा रहा है। रवींद्र के पड़ोसियों की बात… लोग बोले- वो मिलनसार नहीं, बस रील्स बनाते थे
रवींद्र के पड़ोसियों ने बताया- यूं तो वह मिलते-जुलते नहीं थे। मगर पूरे मोहल्ले को उनके रील्स के शौक के बारे में जानकारी है। वो रोमांटिक और दर्द भरे गानों पर रील्स बनाते थे। फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करते थे। लोगों ने दबी जुबान में कहा कि उन्हें सब आगरा का मिथुन कहते थे। इसके बाद हमने उनके फेसबुक पेज को देखा। रवींद्र ने राज सूरी नाम से फेसबुक पेज बनाया हुआ था। इसमें फिरोजाबाद की हजरतपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के पीछे के जंगल की कई शार्ट वीडियो थे। पड़ोसी बोले- रवींद्र का बचपन यही गुजरा पड़ोसियों ने कहा- रवींद्र के पिता भी 509 वर्कशॉप में थे। रवींद्र का बचपन भी इसी मोहल्ले में गुजरा है। रवींद्र ने भी 509 वर्कशॉप में अप्रेंटिस की थी। इसके बाद वो हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी के लिए गए थे। परिवार में बुजुर्ग मां, पत्नी आरती और दो बच्चे हैं। मोहल्ले के सुधांशु गुप्ता ने कहा- रवींद्र और उनके परिवार का मोहल्ले में किसी से कोई विवाद नहीं है। रविंद्र मोहल्ले के लोगों ने कम बात करते थे। उनको सुबह और शाम को ऑफिस आते-जाते देखा था। इसके अलावा उनका किसी से मेल-जोल नहीं था। ATS के मुताबिक, रवींद्र को पिछले साल मई-जून में ISI ने अपने जाल में फंसाया। पहले फेसबुक मैसेंजर पर नेहा से बाते होती थीं। इसके बाद वॉट्सऐप नंबर लेकर बातचीत शुरू हो गई। ATS को रवींद्र के पास से दो फोन मिले हैं। ISI हैंडलर लड़की का नंबर रवींद्र ने अपने मोबाइल में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के साथी कर्मचारी के नाम से सेव कर रखा था। जिससे वह आराम से लड़की से बात कर सके और पत्नी व अन्य किसी परिजन को कोई शक न हो। ATS ADG बोले- रवींद्र ने गगनयान से जुड़ी जानकारियां शेयर की ATS बैंक अकाउंट खंगाल रही
रवींद्र की पत्नी से बैंक अकाउंट को लेकर भी पूछताछ हुई है। रवींद्र के 3 बैंक में अकाउंट सामने आए हैं। बैंक से खातों की डिटेल मांगी गई है। हालांकि फिलहाल रवींद्र के रहन-सहन में कोई बड़ा बदलाव पिछले 6 महीने में नजर नहीं आया है। एजेंसियां देख रही है कि रवींद्र ने कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट तो नहीं किया हुआ है। —————————— अयोध्या की यह ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़ें : अब्दुल ने आतंकियों को भेजे राम मंदिर के VIDEO:ATS को अयोध्या के घर से पैसे मिले, जमात वाले दोस्त ने दिलाया था मोबाइल अयोध्या में राम मंदिर से 36Km दूर ATS ने छापामारी की। गांव मंजनाई की चमनगंज रोड पर अबू बकर के घर में आधी रात को सर्च ऑपरेशन चला। 650 स्क्वायर फिट के मकान के सबसे अंदर के कमरे में ATS टीम को एक बैग मिला। इसमें 40 हजार रुपए रखे थे। 500 रुपए की गड्डी थी। एक लकड़ी की नकली AK-47 मिली। पढ़िए पूरी खबर… पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाला रवींद्र कुमार सोशल मीडिया पर राज सूरी के नाम से रील्स शेयर करता था। यही वह अकाउंट था, जिसके जरिए नेहा शर्मा ने उससे संपर्क किया। फेसबुक पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तस्वीर देखकर नेहा ने रवींद्र को मैसेज किया। चैट के दौरान उसने खुद को इसरो का साइंटिस्ट बताया। हनीट्रैप में फंसा रवींद्र कुमार परिवार और ऑफिस के लोगों को गुमराह करने के लिए दो मोबाइल फोन रखता था। इसकी भनक उसकी पत्नी को भी नहीं थी। वह एक मोबाइल से सिर्फ नेहा शर्मा के संपर्क में रहता था। सुरक्षा एजेंसियों को रवींद्र के चैटबॉक्स में हर दिन 50 से 70 मैसेज मिले हैं। कई मैसेज डिलीट कर दिए गए थे, जिन्हें रिकवर किया गया। इनमें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के डॉक्यूमेंट थे। कई ऐसे दस्तावेज भी थे, जो चार्जमैन के पास नहीं होने चाहिए थे। पढ़िए रिपोर्ट… पहले पूरा मामला समझिए… 8 महीने से रवींद्र गोपनीय रिकॉर्ड पाकिस्तान भेज रहा
रवींद्र कुमार को 2006 में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी मिली। जून 2009 में उसकी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (हजरतपुर) में चार्जमैन पद पर तैनाती हुई। ATS के मुताबिक, जून 2024 में ISI की एजेंट ने नेहा शर्मा नाम की आईडी से रवींद्र कुमार को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। फिर मैसेंजर पर उसे मैसेज किए और खुद को इसरो का साइंटिस्ट बताया। रवींद्र ने भी खुद को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में अधिकारी पद पर तैनात बताया। दोनों ने एक-दूसरे को नंबर भेजे, जिसके बाद मैसेज और वॉयस कॉल शुरू हो गईं। रवींद्र ने स्वीकार किया कि हमारे बीच आपत्तिजनक बातें होने लगीं। एजेंट ने उसकी न्यूड वीडियो भी बनाई और उसे ब्लैकमेल करने लगी। आठ महीनों में उसने कई गोपनीय रिकॉर्ड मुझसे मांगे। ATS को उसके मोबाइल से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की डेली रिपोर्ट मिली। साथ ही, ड्रोन, गगनयान प्रोजेक्ट और अन्य कई गोपनीय जानकारियां, स्क्रीनिंग कमेटी का कॉन्फिडेंशियल लेटर भी बरामद हुआ। ATS के ADG नीलाब्जा चौधरी ने कहा- नेहा शर्मा” नाम की आईडी पाकिस्तान से ऑपरेट हो रही थी। रवींद्र के घर का माहौल… रवींद्र आगरा के बुंदू कटरा में रहता है। भास्कर टीम बुंदू कटरा, 509 आर्मी बेस वर्कशॉप के पास पहुंची। वहां एक जनसेवा केंद्र नजर आया। काउंटर पर बैठे शख्स से रवींद्र के घर का पता पूछा। उन्होंने कहा- वही रवींद्र, जिसे ATS ने पकड़ा है? हमने कहा- हां, वही। उन्होंने कहा- आप सिंडिकेट बैंक वाली गली में चले जाइए। इस गली के सबसे आखिरी मकान पर लोगों की भीड़ जमा थी। रवींद्र के घर का गेट बंद था। हमने दरवाजा खटखटाया। थोड़ी देर बाद एक महिला बाहर आई। उसने कहा- मेरे पति को लेकर जा चुके हैं। अब मुझे कुछ नहीं कहना। कुछ देर बाद वह बात करने को तैयार हुई। उनका मुंह ढका हुआ था। उन्होंने अपना नाम आरती बताया। ATS की छापेमारी और पति को लेकर जाने के बारे में उन्होंने सवालों के जवाब दिए। चलिए, पढ़ते हैं… सवाल: क्या कभी आपको लगा कि रवींद्र पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे? आरती: ये आप कैसे कह सकते हैं? मेरे पति पर गलत आरोप लगाए गए हैं। वो बहुत सीधे-साधे व्यक्ति हैं। घर से नौकरी, नौकरी से घर। इसके अलावा किसी से कोई वास्ता नहीं। हम मिडिल क्लास लोग हैं। सवाल: ATS जो तथ्य सामने रख रही है, उस पर क्या कहेंगी? आरती: ये हो सकता है कि रवींद्र को हनीट्रैप में फंसाया गया हो। ATS हमारे घर आई थी। घर में जितने भी मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस थे, उनकी जांच की गई। मोबाइल एजेंसी वाले साथ ले गए। सवाल: क्या आपने ATS से अपने पति के बारे में कुछ पूछा? आरती: मैंने पूछा तो उन्होंने कहा- सिर्फ मोबाइल चेक करेंगे, पति को पूछताछ के बाद वापस भेज देंगे। फिर वे धड़धड़ाते हुए यहां से चले गए। बाद में मीडिया से पता चला कि रवींद्र को ISI एजेंट बताकर फंसा दिया गया है। सवाल: क्या कभी उन्हें मोबाइल पर छिपकर बात करते हुए देखा है? आरती: नहीं, मैंने उन्हें किसी से छिपकर बात करते नहीं देखा। वो रात को घर आते, खाना खाकर सो जाते थे। सुबह उठते और सीधे अपने काम पर चले जाते थे। सवाल: अब आप क्या करेंगी? आरती: मैं अपने वकील से बात कर रही हूं। मेरे पति पर दबाव डाला गया है। उन्हें फंसाया जा रहा है। रवींद्र के पड़ोसियों की बात… लोग बोले- वो मिलनसार नहीं, बस रील्स बनाते थे
रवींद्र के पड़ोसियों ने बताया- यूं तो वह मिलते-जुलते नहीं थे। मगर पूरे मोहल्ले को उनके रील्स के शौक के बारे में जानकारी है। वो रोमांटिक और दर्द भरे गानों पर रील्स बनाते थे। फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट करते थे। लोगों ने दबी जुबान में कहा कि उन्हें सब आगरा का मिथुन कहते थे। इसके बाद हमने उनके फेसबुक पेज को देखा। रवींद्र ने राज सूरी नाम से फेसबुक पेज बनाया हुआ था। इसमें फिरोजाबाद की हजरतपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के पीछे के जंगल की कई शार्ट वीडियो थे। पड़ोसी बोले- रवींद्र का बचपन यही गुजरा पड़ोसियों ने कहा- रवींद्र के पिता भी 509 वर्कशॉप में थे। रवींद्र का बचपन भी इसी मोहल्ले में गुजरा है। रवींद्र ने भी 509 वर्कशॉप में अप्रेंटिस की थी। इसके बाद वो हजरतपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी के लिए गए थे। परिवार में बुजुर्ग मां, पत्नी आरती और दो बच्चे हैं। मोहल्ले के सुधांशु गुप्ता ने कहा- रवींद्र और उनके परिवार का मोहल्ले में किसी से कोई विवाद नहीं है। रविंद्र मोहल्ले के लोगों ने कम बात करते थे। उनको सुबह और शाम को ऑफिस आते-जाते देखा था। इसके अलावा उनका किसी से मेल-जोल नहीं था। ATS के मुताबिक, रवींद्र को पिछले साल मई-जून में ISI ने अपने जाल में फंसाया। पहले फेसबुक मैसेंजर पर नेहा से बाते होती थीं। इसके बाद वॉट्सऐप नंबर लेकर बातचीत शुरू हो गई। ATS को रवींद्र के पास से दो फोन मिले हैं। ISI हैंडलर लड़की का नंबर रवींद्र ने अपने मोबाइल में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के साथी कर्मचारी के नाम से सेव कर रखा था। जिससे वह आराम से लड़की से बात कर सके और पत्नी व अन्य किसी परिजन को कोई शक न हो। ATS ADG बोले- रवींद्र ने गगनयान से जुड़ी जानकारियां शेयर की ATS बैंक अकाउंट खंगाल रही
रवींद्र की पत्नी से बैंक अकाउंट को लेकर भी पूछताछ हुई है। रवींद्र के 3 बैंक में अकाउंट सामने आए हैं। बैंक से खातों की डिटेल मांगी गई है। हालांकि फिलहाल रवींद्र के रहन-सहन में कोई बड़ा बदलाव पिछले 6 महीने में नजर नहीं आया है। एजेंसियां देख रही है कि रवींद्र ने कोई बड़ा इन्वेस्टमेंट तो नहीं किया हुआ है। —————————— अयोध्या की यह ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़ें : अब्दुल ने आतंकियों को भेजे राम मंदिर के VIDEO:ATS को अयोध्या के घर से पैसे मिले, जमात वाले दोस्त ने दिलाया था मोबाइल अयोध्या में राम मंदिर से 36Km दूर ATS ने छापामारी की। गांव मंजनाई की चमनगंज रोड पर अबू बकर के घर में आधी रात को सर्च ऑपरेशन चला। 650 स्क्वायर फिट के मकान के सबसे अंदर के कमरे में ATS टीम को एक बैग मिला। इसमें 40 हजार रुपए रखे थे। 500 रुपए की गड्डी थी। एक लकड़ी की नकली AK-47 मिली। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
जासूस रवींद्र के पास 2 मोबाइल, पत्नी से छिपाकर रखे:फेसबुक पर नाम- राज सूरी; बोला- नेहा ने खुद को साइंटिस्ट बताया, मेरे न्यूड वीडियो बनाए
