केस 1: फतेहपुर में विकास नाम के युवक को 40 दिन में 7 बार सांप काटने का मामला 14 जुलाई को सामने आया। डीएम के आदेश पर CMO ने जांच कराई। जांच टीम के सदस्य डिप्टी CMO डॉ. आरके वर्मा ने बताया- विकास को सिर्फ एक बार सांप ने काटा है। उसे स्नेक फोबिया है। केस 2: दो महीने पहले बुलंदशहर में एक युवक की सांप काटने से मौत हो गई। जिंदा होने की आस में परिजन युवक की बॉडी को गंगा नदी में ले गए। जहां उसे बांधकर नदी में रखा। सुबह से शाम हो गई, लेकिन बॉडी में कोई हलचल नहीं हुई। आखिरकार, परिजनों ने वहीं अवंतिका देवी घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। ये दो मामले बताने के लिए काफी हैं कि सांपों को लेकर समाज में कितना अंधविश्वास और डर है। सांप के काटने पर लोग इलाज के बजाय अब भी मान्यताओं और झाड़-फूंक को तवज्जो देते हैं। मानसून आते ही प्रदेश में सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। 5 जिलों को ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया गया है। 2018 से 2024 के मार्च तक सांप काटने से प्रदेश में 3 हजार 288 लोगों की मौत हो चुकी है। सांपों को लेकर लोगों में किस तरह के अंधविश्वास हैं? उत्तर प्रदेश में सांप काटना कितनी गंभीर समस्या है? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- आखिर क्या होता है स्नेक फोबिया? फोबिया…मतलब वो डर, जिसके पीछे कोई वजह नहीं है। वजह सिर्फ आपके जेहन में है। इस तरह के डर के पीछे कोई तर्क नहीं होता। ऐसे में, स्नेक फोबिया मतलब- व्यक्ति ऐसी हालत में है कि वो बिना वजह सांप से डर रहा है। उसके आस-पास कोई सांप नहीं है, फिर भी उसे सांप के आसपास होने का आभास हो रहा है। असल में किसी भी तरह का फोबिया बिना वजह का नहीं होता। इसकी शुरुआत एक बार उस खतरे से सामना होने के बाद होती है। इसका ताजा उदाहरण फतेहपुर का विकास है। उसे एक बार सांप ने काटा, जिसका डर उसके जेहन में बस गया। उसके बाद हमेशा उसे ऐसा लगने लगा कि उसे सांप ने काटा है। विकास के डर को बल दिया उस निजी अस्पताल ने, जहां वो 6 बार इलाज कराने जाता रहा। पैसों के लिए अस्पताल हर बार उसके इलाज के नाम पर बिल बना देता। ये बातें CMO की जांच में सामने आई है। अब जानिए उत्तर प्रदेश में स्नेक बाइट को लेकर क्या हालात हैं… सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में प्रदेश सरकार के राहत आयुक्त विभाग से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में सांप कांटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। साल 2019 से 2024 के बीच प्रदेश में सांप के काटने से कुल 3 हजार 353 मौतें हुई हैं। यह आंकड़ें 31 मार्च 2024 तक के हैं। इस आंकड़े के आधार पर हर साल होने वाली मौतों का औसत 670 है। यह अन्य प्रदेशों में होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा है। मौतों के मामले में दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। इसके बाद बिहार और दूसरे राज्य हैं। यूपी में सांप काटने के मामले वैसे तो पूरे साल आते रहते हैं, लेकिन मानसून के समय अचानक संख्या बढ़ जाती है। दरअसल, मानसून के समय सांपों के बिल में पानी भर जाता है। उमस भी इस मौसम में सबसे ज्यादा होती है। इस वजह से सांप अपना बिल छोड़कर बाहर आने के लिए मजबूर होते हैं। इस तरह सांप काटने के आधे मामले सिर्फ जून से सितंबर महीने के बीच आते हैं। उत्तर प्रदेश के 5 जिले ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ प्रदेश के 5 जिलों में सर्पदंश की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। इसलिए सरकार ने उन्हें ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया है। इसमें सोनभद्र, फतेहपुर, बाराबंकी, उन्नाव और हरदोई शामिल हैं। इन 5 जिलों के अलावा सीतापुर, गाजीपुर और मिर्जापुर जिले भी स्नेक बाइट के मामलों में आगे हैं। इन सभी जिलों में सांप काटने के मामले सबसे ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों से आते हैं। इन जिलों को सामान्य रूप से बड़ी जनसंख्या गांवों में रहती है। यहां खेती-किसानी का रकबा भी ज्यादा है। सांप काटने से मौतें रोकने के लिए शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट इसी साल अप्रैल में राहत आयुक्त विभाग ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। ये बाराबंकी, सोनभद्र और गाजीपुर जिले में शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद है- सांप के काटने से होने वाली मौतों में कमी लाना। आने वाले समय में इस प्रोजेक्ट को प्रदेश के दूसरे जिलों में भी शुरू करने की मंशा है। इस प्रोजेक्ट में जागरूकता फैलाने से लेकर लोगों को प्राथमिक उपचार के साधन देना शामिल है। पीड़ितों को तुरंत मदद करने के लिए मेडिकल ऑफिसर्स से लेकर डॉक्टर्स, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से स्नेक बाइट किट दी गई है। सांप काटने के बाद हॉस्पिटल आकर इलाज कराने वालों को प्रोत्साहन के रूप में टी-शर्ट और कैप दी जा रही है। सर्पदंश से मरने पर परिवार वालों को स्टेट रिलीफ फंड से मुआवजा 2018 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सांप के काटने से मरने वाले के परिजनों को मुआवजा के दायरे में शामिल किया। ऐसा करने के लिए सरकार को सर्पदंश को स्टेट डिजास्टर यानी राज्य आपदा की सूची में शामिल करना पड़ा। इस तरह पिछले 4 सालों से सांप काटने से मरने वाले के परिवार को 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलती है। इसके बाद से हर साल स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी विस्तृत स्नेक बाइट एसओपी जारी करने लगा है। एक दशक पहले तक सरकार के पास नहीं था सर्पदंश से मौतों का सटीक आंकड़ा उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में एक दशक पहले की बात करें तो सांप काटने से होने वाली मौतों का सही आंकड़ा ही नहीं था। दरअसल, ऐसे ज्यादातर मामले हॉस्पिटल तक पहुंच ही नहीं पाते थे। लोग अंधविश्वास में फंस कर घायल व्यक्ति को ठीक कराने की कोशिश करते थे। मौत हो जाने पर गांवों में ही उनका दाह-संस्कार कर दिया जाता था। विशेषज्ञ मानते हैं कि 2010 के बाद से यह स्थिति सुधरी है। हालांकि, पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें भारत में भारत में पाए जाने वाले सभी सांप की प्रजातियों में सिर्फ 15 फीसदी ही जहरीली प्रजाति के हैं। बाकी की 85 फीसदी प्रजातियां जहरीली नहीं होती हैं। इसके उलट भारत में सांप के काटने से मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2020 में एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल भारत में करीब 58 हजार लोगों की मौत सांप काटने से हो रही है। इन आंकड़ों को लेकर भी विशेषज्ञ आशंका जाहिर करते हैं। उनका मानना है कि सांप के काटने की घटनाओं की रिपोर्टिंग बहुत ही कम है। इसलिए असल में ये आंकड़े और भी अधिक हो सकते हैं। इसके पीछे वजह निकलकर आती है, लोगों को सांपों की सही जानकारी ना होना। इसकी वजह से लोग सही समय पर इलाज के लिए नहीं पहुंचते और मौत हो जाती है। लोगों में सांप काटने के बाद इलाज को लेकर भी कई मान्यताएं और अंधविश्वास हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। केस 1: फतेहपुर में विकास नाम के युवक को 40 दिन में 7 बार सांप काटने का मामला 14 जुलाई को सामने आया। डीएम के आदेश पर CMO ने जांच कराई। जांच टीम के सदस्य डिप्टी CMO डॉ. आरके वर्मा ने बताया- विकास को सिर्फ एक बार सांप ने काटा है। उसे स्नेक फोबिया है। केस 2: दो महीने पहले बुलंदशहर में एक युवक की सांप काटने से मौत हो गई। जिंदा होने की आस में परिजन युवक की बॉडी को गंगा नदी में ले गए। जहां उसे बांधकर नदी में रखा। सुबह से शाम हो गई, लेकिन बॉडी में कोई हलचल नहीं हुई। आखिरकार, परिजनों ने वहीं अवंतिका देवी घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। ये दो मामले बताने के लिए काफी हैं कि सांपों को लेकर समाज में कितना अंधविश्वास और डर है। सांप के काटने पर लोग इलाज के बजाय अब भी मान्यताओं और झाड़-फूंक को तवज्जो देते हैं। मानसून आते ही प्रदेश में सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। 5 जिलों को ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया गया है। 2018 से 2024 के मार्च तक सांप काटने से प्रदेश में 3 हजार 288 लोगों की मौत हो चुकी है। सांपों को लेकर लोगों में किस तरह के अंधविश्वास हैं? उत्तर प्रदेश में सांप काटना कितनी गंभीर समस्या है? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- आखिर क्या होता है स्नेक फोबिया? फोबिया…मतलब वो डर, जिसके पीछे कोई वजह नहीं है। वजह सिर्फ आपके जेहन में है। इस तरह के डर के पीछे कोई तर्क नहीं होता। ऐसे में, स्नेक फोबिया मतलब- व्यक्ति ऐसी हालत में है कि वो बिना वजह सांप से डर रहा है। उसके आस-पास कोई सांप नहीं है, फिर भी उसे सांप के आसपास होने का आभास हो रहा है। असल में किसी भी तरह का फोबिया बिना वजह का नहीं होता। इसकी शुरुआत एक बार उस खतरे से सामना होने के बाद होती है। इसका ताजा उदाहरण फतेहपुर का विकास है। उसे एक बार सांप ने काटा, जिसका डर उसके जेहन में बस गया। उसके बाद हमेशा उसे ऐसा लगने लगा कि उसे सांप ने काटा है। विकास के डर को बल दिया उस निजी अस्पताल ने, जहां वो 6 बार इलाज कराने जाता रहा। पैसों के लिए अस्पताल हर बार उसके इलाज के नाम पर बिल बना देता। ये बातें CMO की जांच में सामने आई है। अब जानिए उत्तर प्रदेश में स्नेक बाइट को लेकर क्या हालात हैं… सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में प्रदेश सरकार के राहत आयुक्त विभाग से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में सांप कांटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। साल 2019 से 2024 के बीच प्रदेश में सांप के काटने से कुल 3 हजार 353 मौतें हुई हैं। यह आंकड़ें 31 मार्च 2024 तक के हैं। इस आंकड़े के आधार पर हर साल होने वाली मौतों का औसत 670 है। यह अन्य प्रदेशों में होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा है। मौतों के मामले में दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। इसके बाद बिहार और दूसरे राज्य हैं। यूपी में सांप काटने के मामले वैसे तो पूरे साल आते रहते हैं, लेकिन मानसून के समय अचानक संख्या बढ़ जाती है। दरअसल, मानसून के समय सांपों के बिल में पानी भर जाता है। उमस भी इस मौसम में सबसे ज्यादा होती है। इस वजह से सांप अपना बिल छोड़कर बाहर आने के लिए मजबूर होते हैं। इस तरह सांप काटने के आधे मामले सिर्फ जून से सितंबर महीने के बीच आते हैं। उत्तर प्रदेश के 5 जिले ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ प्रदेश के 5 जिलों में सर्पदंश की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। इसलिए सरकार ने उन्हें ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया है। इसमें सोनभद्र, फतेहपुर, बाराबंकी, उन्नाव और हरदोई शामिल हैं। इन 5 जिलों के अलावा सीतापुर, गाजीपुर और मिर्जापुर जिले भी स्नेक बाइट के मामलों में आगे हैं। इन सभी जिलों में सांप काटने के मामले सबसे ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों से आते हैं। इन जिलों को सामान्य रूप से बड़ी जनसंख्या गांवों में रहती है। यहां खेती-किसानी का रकबा भी ज्यादा है। सांप काटने से मौतें रोकने के लिए शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट इसी साल अप्रैल में राहत आयुक्त विभाग ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। ये बाराबंकी, सोनभद्र और गाजीपुर जिले में शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद है- सांप के काटने से होने वाली मौतों में कमी लाना। आने वाले समय में इस प्रोजेक्ट को प्रदेश के दूसरे जिलों में भी शुरू करने की मंशा है। इस प्रोजेक्ट में जागरूकता फैलाने से लेकर लोगों को प्राथमिक उपचार के साधन देना शामिल है। पीड़ितों को तुरंत मदद करने के लिए मेडिकल ऑफिसर्स से लेकर डॉक्टर्स, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से स्नेक बाइट किट दी गई है। सांप काटने के बाद हॉस्पिटल आकर इलाज कराने वालों को प्रोत्साहन के रूप में टी-शर्ट और कैप दी जा रही है। सर्पदंश से मरने पर परिवार वालों को स्टेट रिलीफ फंड से मुआवजा 2018 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सांप के काटने से मरने वाले के परिजनों को मुआवजा के दायरे में शामिल किया। ऐसा करने के लिए सरकार को सर्पदंश को स्टेट डिजास्टर यानी राज्य आपदा की सूची में शामिल करना पड़ा। इस तरह पिछले 4 सालों से सांप काटने से मरने वाले के परिवार को 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलती है। इसके बाद से हर साल स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी विस्तृत स्नेक बाइट एसओपी जारी करने लगा है। एक दशक पहले तक सरकार के पास नहीं था सर्पदंश से मौतों का सटीक आंकड़ा उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में एक दशक पहले की बात करें तो सांप काटने से होने वाली मौतों का सही आंकड़ा ही नहीं था। दरअसल, ऐसे ज्यादातर मामले हॉस्पिटल तक पहुंच ही नहीं पाते थे। लोग अंधविश्वास में फंस कर घायल व्यक्ति को ठीक कराने की कोशिश करते थे। मौत हो जाने पर गांवों में ही उनका दाह-संस्कार कर दिया जाता था। विशेषज्ञ मानते हैं कि 2010 के बाद से यह स्थिति सुधरी है। हालांकि, पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें भारत में भारत में पाए जाने वाले सभी सांप की प्रजातियों में सिर्फ 15 फीसदी ही जहरीली प्रजाति के हैं। बाकी की 85 फीसदी प्रजातियां जहरीली नहीं होती हैं। इसके उलट भारत में सांप के काटने से मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2020 में एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल भारत में करीब 58 हजार लोगों की मौत सांप काटने से हो रही है। इन आंकड़ों को लेकर भी विशेषज्ञ आशंका जाहिर करते हैं। उनका मानना है कि सांप के काटने की घटनाओं की रिपोर्टिंग बहुत ही कम है। इसलिए असल में ये आंकड़े और भी अधिक हो सकते हैं। इसके पीछे वजह निकलकर आती है, लोगों को सांपों की सही जानकारी ना होना। इसकी वजह से लोग सही समय पर इलाज के लिए नहीं पहुंचते और मौत हो जाती है। लोगों में सांप काटने के बाद इलाज को लेकर भी कई मान्यताएं और अंधविश्वास हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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MP: कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया का विवादित बयान, कहा- ‘हमारी सरकार होती तो…’
MP: कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया का विवादित बयान, कहा- ‘हमारी सरकार होती तो…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Latest News:</strong> मध्य प्रदेश में बीजेपी की अगुवाई वाली मोहन यादव सरकार की नीतियों के खिलाफ कांग्रेस सड़कों पर उतर गई है. पिछले एक हफ्ते में इंदौर, छतरपुर के बाद सोमवार (12 अगस्त) बुंदेलखंड अंचल के संभागीय मुख्यालय सागर में जोरदार प्रदर्शन किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस ने सागर जिले में दलितों पर अत्याचार, स्मार्ट सिटी में 900 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार, पुराने बस स्टैंड को दोबारा शुरू कराने और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया. कांग्रेस नेताओं और पदाधिकारियों को प्रदर्शन को रोकने के लिए चारों तरफ से बैरिकेड्स लगाए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैरिकेड्स से प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश</strong><br />मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया. जीतू पटवारी के साथ कांग्रेस नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय के मुख्य रास्ते पर लगे बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की. इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता बैरिकेड्स पर गए. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शन के दौरान मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी बैरिकेड्स पर चढ़कर उस पर बैठ गए. उन्होंने बैरिकेड्स से सबको संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान जीतू पटवारी ने कांग्रेस के अगले प्रदर्शन में राहुल गांधी के शामिल होने का ऐलान किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर छोड़ा वॉटर कैनन</strong><br />कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन से पहले सिविल लाइन चौराहे पर सभा का आयोजन किया था, जहां कांग्रेस के नेताओं ने सभा को संबोधित किया और मोहन यादव सरकार जमकर जुबानी हमला बोला. इसके बाद यहां से वह कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने के लिए आगे बढ़े. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कालीचरण चौराहे पर पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को रोकने की कोशिश की. इससे नाराज होकर प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स पर चढ़, इस दौरान पुलिस और कांग्रेस के नेताओं में नोंक-झोंक भी हुई. स्थिति को देखते हुए पुलिस ने वॉटर कैनन को उपयोग किया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी बैरिकेड्स के ऊपर चढ़ गए और वहीं से अधिकारियों कड़े सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि जब यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था तो वॉटर कैनन क्यों चलाए? जीतू पटवारी ने कहा कि अगर सागर जिले की व्यवस्थाएं नहीं सुधरी तो अगले प्रदर्शन में राहुल गांधी शामिल होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदर्शन स्थल पर एडीएम अधिकारियों के साथ पहुंचे और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से बातचीत की. जहां उन्होंने अधिकारियों के सामने अपनी मांगें रखीं. अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद कांग्रेस नेता मान गए और उन्होंने प्रदर्शन समाप्त कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कांग्रेस नेताओं को यातना देने वाले का घेरेंगे घर'</strong><br />कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सागर की पहचान शिक्षा के केंद्र से नहीं बल्कि दलित अत्याचार, भ्रष्टाचार और माफिया राज से होने लगी है. उन्होंने कहा, “सागर में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या की गई. लोकतांत्रिक व्यवस्था से बात की, लेकिन जवाब नहीं मिला.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>जीतू पटवारी ने कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है. यहां बदलापुर के नेता बन गए हैं. कांग्रेस के एक भी कार्यकर्ता को यातना दी तो उसी नेता का घर घेरेंगे, जिसके इशारे पर यह होगा या जो अधिकारी इस तरह की हरकतों में शामिल होगा, उसके खिलाफ कोर्ट से कार्रवाई कराएंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मंत्री गोविंद राजपूत, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव सहित अन्य बीजेपी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, “यह बदलापुर टीम के कप्तान हैं. इनको चेताना चाहता हूं कि आप अपनी सोच में परिवर्तन लाएं.” पटवारी ने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी विचारधारा है, जो सदैव संघर्ष करता है. इसके लोग न डरे हैं और न आगे डरेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’चमड़ी काटकर भूसा भर दिया…'</strong><br />सभा में भांडेर विधानसभा सीट से विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा, “अपराध होगा तो व्यक्ति थाने में ही जाएगा, लेकिन थाने में गालियां देते है. 2.48 करोड़ वोट में से 2 करोड़ वोट ही डाल दिया होता तो थानेदार की इसी सभा में चमड़ी काटकर भूसा भर दिया जाता.” उन्होंने कहा, “कलेक्टर और एसपी को पता ही नहीं होता मामला क्या है? ये तो आए और गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा, “अगर आपने वह वोट डाल दिया होता तो आपकी सरकार होती.” उन्होंने कह, “अगर हमारी सरकार होती तो जिन लोगों ने आप पर अत्याचार किया है, उनको आपके ही गांव में उल्टा लटका देता. यदि ऐसा नहीं होगा तो फूल सिंह बरैया का नाम बदल देना.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रदर्शन में ये नेता हुए शामिल</strong><br />कांग्रेस के इस प्रदर्शन में पूर्व मंत्री हर्ष यादव, प्रभुसिंह ठाकुर, पूर्व विधायक सुनील जैन, तरवर सिंह लोधी, जिला अध्यक्ष आनंद अहिरवार, राजकुमार पचौरी, लोकसभा प्रत्याशी गुड्डू राजा बुंदेला सहित हजारों की संख्या में कांग्रेस जन शामिल हुए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”लोकायुक्त की कार्रवाई में संविदा एसई के घर से करोड़ों रुपये बरामद, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़ा है मामला” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/bhopal-smart-city-project-se-pradeep-jain-services-terminated-after-lokayukta-action-ann-2759443″ target=”_blank” rel=”noopener”>लोकायुक्त की कार्रवाई में संविदा एसई के घर से करोड़ों रुपये बरामद, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़ा है मामला</a></strong></p>
कपूरथला पहुंचे निकाय मंत्री बलकार सिंह:डायरिया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, अस्पताल पहुंच मरीजों का हाल जाना, विधायक ने कमिश्नर को ठहराया जिम्मेदार
कपूरथला पहुंचे निकाय मंत्री बलकार सिंह:डायरिया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, अस्पताल पहुंच मरीजों का हाल जाना, विधायक ने कमिश्नर को ठहराया जिम्मेदार पंजाब के कपूरथला के चार क्षेत्रों में बीते कुछ दिनों से डायरिया के बढ़ते प्रकोप और दो मरीजों की मौत होने के बाद कपूरथला पहुंचे पंजाब के निकाय मंत्री बलकार सिंह के सामने विधायक राणा गुरजीत सिंह ने डायरिया के मामले को लेकर सीधे तौर पर नगर निगम कमिश्नर को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि मंत्री ने इस मुद्दे पर कोई भी प्रतिक्रिया देने की बजाय जांच करने की बात कहकर बात को पल्ला छाड़ दिया। निकाय मंत्री बलकार सिंह ने आज कपूरथला पहुंचकर डायरिया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सिविल अस्पताल में उपचार करा रहे मरीजों का हालचाल भी जाना है। उन्होंने शहर में फैले कूड़े के ढेरों और कूड़े के डंप की व्यवस्था भी जल्द करने की बात कही है। विधायक ने कमिश्नर को ठहराया जिम्मेदार इस दौरान सिविल सर्जन ऑफिस में पहुंचे MLA राणा गुरजीत सिंह ने डायरिया फैलने और दो मरीजों की मौत होने को लेकर सीधे तौर पर निगम कमिश्नर को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि निगम कमिश्नर कोई काम नहीं करती है। 14 करोड़ रूपए पड़े हैं जिसका उपयोग नहीं हो रहा। उन्होंने नगर निगम के कमिश्नर का ट्रांसफर किए जाने की मांग भी की है। MLA राणा की इस मांग को लेकर मंत्री ने जांच करने की बात कही। आपको बता दें कि, अभी तक सिविल अस्पताल में में डायरिया के 64 मरीज पहुंचे हैं। जिनमें 45 मरीजो को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है।
Mumbai Rape: सोशल मीडिया पर दोस्ती, फिर रेप… बदलापुर-अकोला के बाद मुंबई में 13 साल की लड़की के साथ दरिंदगी
Mumbai Rape: सोशल मीडिया पर दोस्ती, फिर रेप… बदलापुर-अकोला के बाद मुंबई में 13 साल की लड़की के साथ दरिंदगी <p style=”text-align: justify;”><strong>Mumbai Rape Case:</strong> महाराष्ट्र में एक बार फिर रेप की घटना हुई है. बदलापुर और अकोला के बाद मुंबई में 13 साल की बच्ची को हवस का शिकार बनाया गया है. मुंबई के वकोला में 13 साल की नाबालिग लड़की के साथ रेप का मामला सामने आया है. इसके बाद वाकोला पुलिस ने 21 साल के शख्स के खिलाफ रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गोरेगांव से गिरफ्तार किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी और पीड़ित की पहले सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती हुई थी, जिसके बाद दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई. इसके बाद आरोपी लड़की को बहलाकर फुसलाकरअंधेरी ले गया, जहां उसने उसका रेप किया. वहीं 15 अगस्त को वह उसे यह गुजरात लेकर गया. शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने गुजरात में उसके साथ तीन बार और रेप किया.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Maharashtra | A 13-year-old girl was raped by a 21-year-old man. The accused met the victim through social media. The accused took her to a place in Andheri and raped her and later on took her to Gujarat and raped her again. When the girl returned home after a few days and told…</p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1826422451053732184?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 22, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सोशल मीडिया पर हुई थी दोस्ती</strong><br />वहीं जब लड़की 15 अगस्त को काफी देर होने के बाद घर नहीं लौटी तो परिवार वाले उसकी तलाश में जुट गए, लेकिन कुछ पता नहीं चला. कुछ दिनों बाद लड़की खुद ही घर लौट आई. वापस आने पर वह चुप थी और जब परिवार ने उससे पूछताछ की तो उसने घटना का खुलासा किया. आरोपी की पहचान करने के लिए पीड़िता ने इंस्टाग्राम से उसकी फोटो अपने परिवार को दिखाई. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं लड़के की पहचान होने के बाद परिजनों ने पीड़िता को नजदीकी वकोला पुलिस स्टेशन ले गए और पुलिस को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के खिलाफ अपहरण और पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 8 और 12 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. बत दें आरोपी एक होटल में काम करता है और गोरेगांव में रहता है.</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Badlapur News: अनिल देशमुख ने की ‘शक्ति विधेयक’ मंजूर करने की मांग, बोले- ‘बदलापुर आरोपी को…” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-ncp-leader-reaction-on-badlapur-rape-case-demand-shakti-criminal-laws-2765956″ target=”_self”>Badlapur News: अनिल देशमुख ने की ‘शक्ति विधेयक’ मंजूर करने की मांग, बोले- ‘बदलापुर आरोपी को…'</a></strong></p>
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