केस 1: फतेहपुर में विकास नाम के युवक को 40 दिन में 7 बार सांप काटने का मामला 14 जुलाई को सामने आया। डीएम के आदेश पर CMO ने जांच कराई। जांच टीम के सदस्य डिप्टी CMO डॉ. आरके वर्मा ने बताया- विकास को सिर्फ एक बार सांप ने काटा है। उसे स्नेक फोबिया है। केस 2: दो महीने पहले बुलंदशहर में एक युवक की सांप काटने से मौत हो गई। जिंदा होने की आस में परिजन युवक की बॉडी को गंगा नदी में ले गए। जहां उसे बांधकर नदी में रखा। सुबह से शाम हो गई, लेकिन बॉडी में कोई हलचल नहीं हुई। आखिरकार, परिजनों ने वहीं अवंतिका देवी घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। ये दो मामले बताने के लिए काफी हैं कि सांपों को लेकर समाज में कितना अंधविश्वास और डर है। सांप के काटने पर लोग इलाज के बजाय अब भी मान्यताओं और झाड़-फूंक को तवज्जो देते हैं। मानसून आते ही प्रदेश में सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। 5 जिलों को ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया गया है। 2018 से 2024 के मार्च तक सांप काटने से प्रदेश में 3 हजार 288 लोगों की मौत हो चुकी है। सांपों को लेकर लोगों में किस तरह के अंधविश्वास हैं? उत्तर प्रदेश में सांप काटना कितनी गंभीर समस्या है? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- आखिर क्या होता है स्नेक फोबिया? फोबिया…मतलब वो डर, जिसके पीछे कोई वजह नहीं है। वजह सिर्फ आपके जेहन में है। इस तरह के डर के पीछे कोई तर्क नहीं होता। ऐसे में, स्नेक फोबिया मतलब- व्यक्ति ऐसी हालत में है कि वो बिना वजह सांप से डर रहा है। उसके आस-पास कोई सांप नहीं है, फिर भी उसे सांप के आसपास होने का आभास हो रहा है। असल में किसी भी तरह का फोबिया बिना वजह का नहीं होता। इसकी शुरुआत एक बार उस खतरे से सामना होने के बाद होती है। इसका ताजा उदाहरण फतेहपुर का विकास है। उसे एक बार सांप ने काटा, जिसका डर उसके जेहन में बस गया। उसके बाद हमेशा उसे ऐसा लगने लगा कि उसे सांप ने काटा है। विकास के डर को बल दिया उस निजी अस्पताल ने, जहां वो 6 बार इलाज कराने जाता रहा। पैसों के लिए अस्पताल हर बार उसके इलाज के नाम पर बिल बना देता। ये बातें CMO की जांच में सामने आई है। अब जानिए उत्तर प्रदेश में स्नेक बाइट को लेकर क्या हालात हैं… सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में प्रदेश सरकार के राहत आयुक्त विभाग से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में सांप कांटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। साल 2019 से 2024 के बीच प्रदेश में सांप के काटने से कुल 3 हजार 353 मौतें हुई हैं। यह आंकड़ें 31 मार्च 2024 तक के हैं। इस आंकड़े के आधार पर हर साल होने वाली मौतों का औसत 670 है। यह अन्य प्रदेशों में होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा है। मौतों के मामले में दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। इसके बाद बिहार और दूसरे राज्य हैं। यूपी में सांप काटने के मामले वैसे तो पूरे साल आते रहते हैं, लेकिन मानसून के समय अचानक संख्या बढ़ जाती है। दरअसल, मानसून के समय सांपों के बिल में पानी भर जाता है। उमस भी इस मौसम में सबसे ज्यादा होती है। इस वजह से सांप अपना बिल छोड़कर बाहर आने के लिए मजबूर होते हैं। इस तरह सांप काटने के आधे मामले सिर्फ जून से सितंबर महीने के बीच आते हैं। उत्तर प्रदेश के 5 जिले ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ प्रदेश के 5 जिलों में सर्पदंश की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। इसलिए सरकार ने उन्हें ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया है। इसमें सोनभद्र, फतेहपुर, बाराबंकी, उन्नाव और हरदोई शामिल हैं। इन 5 जिलों के अलावा सीतापुर, गाजीपुर और मिर्जापुर जिले भी स्नेक बाइट के मामलों में आगे हैं। इन सभी जिलों में सांप काटने के मामले सबसे ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों से आते हैं। इन जिलों को सामान्य रूप से बड़ी जनसंख्या गांवों में रहती है। यहां खेती-किसानी का रकबा भी ज्यादा है। सांप काटने से मौतें रोकने के लिए शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट इसी साल अप्रैल में राहत आयुक्त विभाग ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। ये बाराबंकी, सोनभद्र और गाजीपुर जिले में शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद है- सांप के काटने से होने वाली मौतों में कमी लाना। आने वाले समय में इस प्रोजेक्ट को प्रदेश के दूसरे जिलों में भी शुरू करने की मंशा है। इस प्रोजेक्ट में जागरूकता फैलाने से लेकर लोगों को प्राथमिक उपचार के साधन देना शामिल है। पीड़ितों को तुरंत मदद करने के लिए मेडिकल ऑफिसर्स से लेकर डॉक्टर्स, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से स्नेक बाइट किट दी गई है। सांप काटने के बाद हॉस्पिटल आकर इलाज कराने वालों को प्रोत्साहन के रूप में टी-शर्ट और कैप दी जा रही है। सर्पदंश से मरने पर परिवार वालों को स्टेट रिलीफ फंड से मुआवजा 2018 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सांप के काटने से मरने वाले के परिजनों को मुआवजा के दायरे में शामिल किया। ऐसा करने के लिए सरकार को सर्पदंश को स्टेट डिजास्टर यानी राज्य आपदा की सूची में शामिल करना पड़ा। इस तरह पिछले 4 सालों से सांप काटने से मरने वाले के परिवार को 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलती है। इसके बाद से हर साल स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी विस्तृत स्नेक बाइट एसओपी जारी करने लगा है। एक दशक पहले तक सरकार के पास नहीं था सर्पदंश से मौतों का सटीक आंकड़ा उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में एक दशक पहले की बात करें तो सांप काटने से होने वाली मौतों का सही आंकड़ा ही नहीं था। दरअसल, ऐसे ज्यादातर मामले हॉस्पिटल तक पहुंच ही नहीं पाते थे। लोग अंधविश्वास में फंस कर घायल व्यक्ति को ठीक कराने की कोशिश करते थे। मौत हो जाने पर गांवों में ही उनका दाह-संस्कार कर दिया जाता था। विशेषज्ञ मानते हैं कि 2010 के बाद से यह स्थिति सुधरी है। हालांकि, पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें भारत में भारत में पाए जाने वाले सभी सांप की प्रजातियों में सिर्फ 15 फीसदी ही जहरीली प्रजाति के हैं। बाकी की 85 फीसदी प्रजातियां जहरीली नहीं होती हैं। इसके उलट भारत में सांप के काटने से मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2020 में एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल भारत में करीब 58 हजार लोगों की मौत सांप काटने से हो रही है। इन आंकड़ों को लेकर भी विशेषज्ञ आशंका जाहिर करते हैं। उनका मानना है कि सांप के काटने की घटनाओं की रिपोर्टिंग बहुत ही कम है। इसलिए असल में ये आंकड़े और भी अधिक हो सकते हैं। इसके पीछे वजह निकलकर आती है, लोगों को सांपों की सही जानकारी ना होना। इसकी वजह से लोग सही समय पर इलाज के लिए नहीं पहुंचते और मौत हो जाती है। लोगों में सांप काटने के बाद इलाज को लेकर भी कई मान्यताएं और अंधविश्वास हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। केस 1: फतेहपुर में विकास नाम के युवक को 40 दिन में 7 बार सांप काटने का मामला 14 जुलाई को सामने आया। डीएम के आदेश पर CMO ने जांच कराई। जांच टीम के सदस्य डिप्टी CMO डॉ. आरके वर्मा ने बताया- विकास को सिर्फ एक बार सांप ने काटा है। उसे स्नेक फोबिया है। केस 2: दो महीने पहले बुलंदशहर में एक युवक की सांप काटने से मौत हो गई। जिंदा होने की आस में परिजन युवक की बॉडी को गंगा नदी में ले गए। जहां उसे बांधकर नदी में रखा। सुबह से शाम हो गई, लेकिन बॉडी में कोई हलचल नहीं हुई। आखिरकार, परिजनों ने वहीं अवंतिका देवी घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। ये दो मामले बताने के लिए काफी हैं कि सांपों को लेकर समाज में कितना अंधविश्वास और डर है। सांप के काटने पर लोग इलाज के बजाय अब भी मान्यताओं और झाड़-फूंक को तवज्जो देते हैं। मानसून आते ही प्रदेश में सर्पदंश के मामले बढ़ जाते हैं। राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। 5 जिलों को ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया गया है। 2018 से 2024 के मार्च तक सांप काटने से प्रदेश में 3 हजार 288 लोगों की मौत हो चुकी है। सांपों को लेकर लोगों में किस तरह के अंधविश्वास हैं? उत्तर प्रदेश में सांप काटना कितनी गंभीर समस्या है? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- आखिर क्या होता है स्नेक फोबिया? फोबिया…मतलब वो डर, जिसके पीछे कोई वजह नहीं है। वजह सिर्फ आपके जेहन में है। इस तरह के डर के पीछे कोई तर्क नहीं होता। ऐसे में, स्नेक फोबिया मतलब- व्यक्ति ऐसी हालत में है कि वो बिना वजह सांप से डर रहा है। उसके आस-पास कोई सांप नहीं है, फिर भी उसे सांप के आसपास होने का आभास हो रहा है। असल में किसी भी तरह का फोबिया बिना वजह का नहीं होता। इसकी शुरुआत एक बार उस खतरे से सामना होने के बाद होती है। इसका ताजा उदाहरण फतेहपुर का विकास है। उसे एक बार सांप ने काटा, जिसका डर उसके जेहन में बस गया। उसके बाद हमेशा उसे ऐसा लगने लगा कि उसे सांप ने काटा है। विकास के डर को बल दिया उस निजी अस्पताल ने, जहां वो 6 बार इलाज कराने जाता रहा। पैसों के लिए अस्पताल हर बार उसके इलाज के नाम पर बिल बना देता। ये बातें CMO की जांच में सामने आई है। अब जानिए उत्तर प्रदेश में स्नेक बाइट को लेकर क्या हालात हैं… सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में प्रदेश सरकार के राहत आयुक्त विभाग से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में सांप कांटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। साल 2019 से 2024 के बीच प्रदेश में सांप के काटने से कुल 3 हजार 353 मौतें हुई हैं। यह आंकड़ें 31 मार्च 2024 तक के हैं। इस आंकड़े के आधार पर हर साल होने वाली मौतों का औसत 670 है। यह अन्य प्रदेशों में होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा है। मौतों के मामले में दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। इसके बाद बिहार और दूसरे राज्य हैं। यूपी में सांप काटने के मामले वैसे तो पूरे साल आते रहते हैं, लेकिन मानसून के समय अचानक संख्या बढ़ जाती है। दरअसल, मानसून के समय सांपों के बिल में पानी भर जाता है। उमस भी इस मौसम में सबसे ज्यादा होती है। इस वजह से सांप अपना बिल छोड़कर बाहर आने के लिए मजबूर होते हैं। इस तरह सांप काटने के आधे मामले सिर्फ जून से सितंबर महीने के बीच आते हैं। उत्तर प्रदेश के 5 जिले ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ प्रदेश के 5 जिलों में सर्पदंश की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। इसलिए सरकार ने उन्हें ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया है। इसमें सोनभद्र, फतेहपुर, बाराबंकी, उन्नाव और हरदोई शामिल हैं। इन 5 जिलों के अलावा सीतापुर, गाजीपुर और मिर्जापुर जिले भी स्नेक बाइट के मामलों में आगे हैं। इन सभी जिलों में सांप काटने के मामले सबसे ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों से आते हैं। इन जिलों को सामान्य रूप से बड़ी जनसंख्या गांवों में रहती है। यहां खेती-किसानी का रकबा भी ज्यादा है। सांप काटने से मौतें रोकने के लिए शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट इसी साल अप्रैल में राहत आयुक्त विभाग ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। ये बाराबंकी, सोनभद्र और गाजीपुर जिले में शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मकसद है- सांप के काटने से होने वाली मौतों में कमी लाना। आने वाले समय में इस प्रोजेक्ट को प्रदेश के दूसरे जिलों में भी शुरू करने की मंशा है। इस प्रोजेक्ट में जागरूकता फैलाने से लेकर लोगों को प्राथमिक उपचार के साधन देना शामिल है। पीड़ितों को तुरंत मदद करने के लिए मेडिकल ऑफिसर्स से लेकर डॉक्टर्स, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से स्नेक बाइट किट दी गई है। सांप काटने के बाद हॉस्पिटल आकर इलाज कराने वालों को प्रोत्साहन के रूप में टी-शर्ट और कैप दी जा रही है। सर्पदंश से मरने पर परिवार वालों को स्टेट रिलीफ फंड से मुआवजा 2018 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सांप के काटने से मरने वाले के परिजनों को मुआवजा के दायरे में शामिल किया। ऐसा करने के लिए सरकार को सर्पदंश को स्टेट डिजास्टर यानी राज्य आपदा की सूची में शामिल करना पड़ा। इस तरह पिछले 4 सालों से सांप काटने से मरने वाले के परिवार को 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलती है। इसके बाद से हर साल स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी विस्तृत स्नेक बाइट एसओपी जारी करने लगा है। एक दशक पहले तक सरकार के पास नहीं था सर्पदंश से मौतों का सटीक आंकड़ा उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में एक दशक पहले की बात करें तो सांप काटने से होने वाली मौतों का सही आंकड़ा ही नहीं था। दरअसल, ऐसे ज्यादातर मामले हॉस्पिटल तक पहुंच ही नहीं पाते थे। लोग अंधविश्वास में फंस कर घायल व्यक्ति को ठीक कराने की कोशिश करते थे। मौत हो जाने पर गांवों में ही उनका दाह-संस्कार कर दिया जाता था। विशेषज्ञ मानते हैं कि 2010 के बाद से यह स्थिति सुधरी है। हालांकि, पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें भारत में भारत में पाए जाने वाले सभी सांप की प्रजातियों में सिर्फ 15 फीसदी ही जहरीली प्रजाति के हैं। बाकी की 85 फीसदी प्रजातियां जहरीली नहीं होती हैं। इसके उलट भारत में सांप के काटने से मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। 2020 में एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल भारत में करीब 58 हजार लोगों की मौत सांप काटने से हो रही है। इन आंकड़ों को लेकर भी विशेषज्ञ आशंका जाहिर करते हैं। उनका मानना है कि सांप के काटने की घटनाओं की रिपोर्टिंग बहुत ही कम है। इसलिए असल में ये आंकड़े और भी अधिक हो सकते हैं। इसके पीछे वजह निकलकर आती है, लोगों को सांपों की सही जानकारी ना होना। इसकी वजह से लोग सही समय पर इलाज के लिए नहीं पहुंचते और मौत हो जाती है। लोगों में सांप काटने के बाद इलाज को लेकर भी कई मान्यताएं और अंधविश्वास हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Mumbai Rains: मुंबई में इन इलाकों से रहें दूर, भारी बारिश के बीच पुलिस की लोगों से अपील
Mumbai Rains: मुंबई में इन इलाकों से रहें दूर, भारी बारिश के बीच पुलिस की लोगों से अपील <p style=”text-align: justify;”><strong>Mumbai Rain Alert:</strong> मुंबई के कई इलाकों में इस वक्त भारी बारिश हो रही है. ऐसे में मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने आम लोगों से अपील की है कि वे तटीय इलाकों में ना जाएं. इसके साथ ही यह भी अपील की है कि जब तक बहुत जरूरी ना हो, घर से ना निकलें. दरअसल, मुंबई में बारिश के कारण जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई है जिससे ट्रैफिक भी प्रभावित हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मुंबई पुलिस ने ‘एक्स’ पर अपील करते हुए लिखा, ”मुंबई में हो रही भारी बारिश को देखते हुए, नागरिकों से अपील की जाती है कि वे तटीय इलाकों में ना जाएं और जरूरत पड़ने पर ही घर से निकलें. कृपया एहतियात बरतें और आपात स्थिति में 100 नंबर डायल करें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसलिए तटीय इलाकों से दूर रहने की दी जाती है सलाह</strong><br />मौसम अच्छा होने के कारण पर्यटक भी मुंबई पहुंच रहे हैं और वे यहां के अलग-अलग टूरिस्ट पॉइंट पहुंच रहे हैं. इनमें से एक नरीमन पॉइंट और मरीन ड्राइव जैसे तटीय इलाके भी हैं जहां पर्यटकों की भीड़ जुट जाती है लेकिन प्रतिकूल मौसम के दौरान समुद्री इलाकों में जाना खतरे से खाली नहीं होता. इसलिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस लोगों को वैसे इलाकों से दूर रहने की सलाह देती है.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>In view of the continuous and heavy rains in Mumbai, citizens are requested to avoid going to the coastal areas and move out of their house only if necessary. <br /><br />Take precautions and <a href=”https://twitter.com/hashtag/Dial100?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Dial100</a> in case of emergency.</p>
— मुंबई पोलीस – Mumbai Police (@MumbaiPolice) <a href=”https://twitter.com/MumbaiPolice/status/1814921123940999271?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 21, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुंबई में तीन दिनों में 326 मिलीमीटर बारिश</strong><br />उधर, मुंबई में शनिवार को अंधेरी इलाके में एक सबवे पानी से भर गया था जिसे बंद करना पड़ा था तो वहीं एक इलाके में रिहायशी मकान का एक हिस्सा ढह गया था जिसमें एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी. इसके साथ ही वेस्टर्न एक्सप्रेसवे पर भी पानी जम गया था. विले पार्ले के निचले इलाके भी जलमग्न हो गए थे. बारिश का यह कंडीशन आगे भी जारी रहने के आसार हैं. ऐसे में लोगों से एहतियात बरतने के लिए कहा जा रहा है. मुंबई में बीते तीन दिन के अंदर 326 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. 20 जुलाई को आईएमडी के कोलाबा ऑब्जर्वेटरी में 111 मिलीमीटर और साताक्रुज ऑब्जर्वेटरी में 93 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”फिल्म ‘धर्मवीर-2’ में डायलॉग्स ने जरिए उद्धव ठाकरे पर साधा गया निशाना? CM शिंदे ने कही ये बड़ी बात” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/uddhav-thackeray-targeted-through-dialogues-in-dharmaveer-2-film-cm-eknath-shinde-reaction-2742228″ target=”_self”>फिल्म ‘धर्मवीर-2’ में डायलॉग्स ने जरिए उद्धव ठाकरे पर साधा गया निशाना? CM शिंदे ने कही ये बड़ी बात</a></strong></p>
रोहतक में डिलीवरी बॉय से छीनी नकदी और फोन:लूटपाट को अंजाम देकर आरोपी फरार, ऑर्डर देने गया था पीड़ित
रोहतक में डिलीवरी बॉय से छीनी नकदी और फोन:लूटपाट को अंजाम देकर आरोपी फरार, ऑर्डर देने गया था पीड़ित हरियाणा के रोहतक के कलानौर स्थित गांव बलम- ककराना मार्ग पर एक डिलीवरी बॉय से नगदी व मोबाइल फोन छीनने का मामला सामने आया है। पीड़ित द्वारा घटना की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर मामले में आगामी कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। बाइक पर सवार होकर पहुंचे लुटेरे पुलिस को दी शिकायत में गांव काहनौर निवासी विकास ने बताया कि वह एक कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम करता है। 22 अक्टूबर को लगभग 12:30 बजे के करीब वह बलम गांव में ऑर्डर देने गया था। जिसके बाद उसने गांव का ककराना में ऑर्डर देने के लिए जाना था कि इसी बीच गांव बलम ककराना मार्ग के बीच में दो बाइक सवार उसके सामने आए। दोनों के बीच झड़प और मारपीट आगे बाइक रोककर एक बाइक सवार ने उसके पास आकर उसकी बाइक की चाबी निकाल ली। जिसके बाद दोनों के बीच झड़प और मारपीट हुई। इसी दौरान उसे पीछे से एक लड़के ने पकड़ लिया तथा दूसरे लड़के ने उसकी जेब से उसका पर्स जिसमें लगभग 10 हजार रुपए व उसके जरूरी कागजात थे तथा फोन आदि सामान छीन कर दोनों लड़के अपनी मोटरसाइकिल पर भाग गए। पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत पीड़ित ने बताया कि वह आरोपियों को सामने आने पर पहचान सकता है। आरोपियों की मोटरसाइकिल काले रंग की थी। फिलहाल पीड़ित द्वारा घटना की शिकायत पुलिस को देकर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग पुलिस से की गई है।
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जालंधर में आपस में भिड़े 2 किराएदार:महिला का आरोप- नशे में भाई को बुरी तरह पीटा, पुलिस बोली- जांच के बाद होगी कार्रवाई पंजाब के जालंधर में बस्ती नौ के पास एक घर पर कुछ हमलावरों ने जानलेवा हमला कर दिया। पूरे परिवार ने किसी तरह घर के अंदर छिप कर अपनी जान बचाई। घटना का पता चलते ही पुलिस ने क्राइम सीन से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। मामले की फिलहाल जांच जारी है। महिला ने आरोप लगाया है कि उक्त आरोपियों द्वारा उनके घर में घुसकर कांच की बोतलें बरसाई और मारपीट करने की कोशिश की गई। शराब के नशे में आरोपी की मारपीट बस्ती नौ की रहने वाली सलोनी ने बताया कि शनिवार को रात मेरे भाई काम से घर लौटे थे और वह पैसे का हिसाब कर रहे थे। इतने में सलोनी के घर के ऊपर वाले फ्लोर पर रहने वाली महिला नीचे उतर आई और गाली गलौज करने लगी। साथ ही उनके साथ उक्त महिला का रिश्तेदार भी था। जिसने आते ही भाई और उसके दोस्तों को थप्पड़ मारने शुरू कर दिए। महिला ने कहा- हम दोनों किराए पर रहते हैं। मगर उक्त आरोपी अपने आप को घर मालिक बताता है। सलोनी ने कहा कि आरोपी शराब के नशे में धुत्त था, जिसके चलते उसने विवाद किया। पुलिस बोली- जांच के बाद केस दर्ज करेंगे एचसी कुलविंदर सिंहं ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि उक्त जगह पर लड़ाई हुई है। जिसके बाद तुरंत पुलिस जांच के लिए मौके पर पहुंच गई। एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। साथ ही जख्मी हुए एक व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जल्द उसके बयान दर्ज कर पुलिस द्वारा अगली कार्रवाई की जाएगी।