प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर मंगलवार रात हुई भगदड़ में जींद के राजपरा गांव की 60 वर्षीय महिला की भी मौत हुई है। मृतक महिला रामपति का शव कल वीरवार को गांव में पहुंचेगा। रामपित 26 जनवरी को ही पहले ही अपने पौते और ग्रामीणों के साथ कुंभ स्नान के लिए गई थी। राजपुरा गांव निवासी नरेंद्र और उसकी पत्नी को भी चोटें आई हैं, लेकिन वह खतरे से बाहर हैं। मृतक महिला रामपति पत्नी बारूराम राजपुरा की रहने वाली है। रामपति के पति की पहले ही मौत हो चुकी है। सुबह छह बजे तक बुजुर्ग महिला का शव गांव में पहुंच जाएगा। गांव के लोगों को दिन में सूचना मिली थी। इसके बाद पहचान के लिए मौके पर गए थे। रामपति ने एक लड़का गोद लिया हुआ है, उनकी तीन लड़कियां हैं। जो शादीशुदा हैं। गांव के सरपंच जयवीर ने बताया कि रामपति गांव के ही नरेंद्र के परिवार के साथ महाकुंभ में गई थी। उनको जानकारी मिली है कि उसकी भगदड़ में मौत हो चुकी है। परिवार के सदस्य शव को गांव ला रहे हैं। सदर थाना प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि महाकुंभ में महिला की मौत की सूचना मिली थी। सुबह तक महिला का मृत शरीर गांव में पहुंच जाएगा। प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर मंगलवार रात हुई भगदड़ में जींद के राजपरा गांव की 60 वर्षीय महिला की भी मौत हुई है। मृतक महिला रामपति का शव कल वीरवार को गांव में पहुंचेगा। रामपित 26 जनवरी को ही पहले ही अपने पौते और ग्रामीणों के साथ कुंभ स्नान के लिए गई थी। राजपुरा गांव निवासी नरेंद्र और उसकी पत्नी को भी चोटें आई हैं, लेकिन वह खतरे से बाहर हैं। मृतक महिला रामपति पत्नी बारूराम राजपुरा की रहने वाली है। रामपति के पति की पहले ही मौत हो चुकी है। सुबह छह बजे तक बुजुर्ग महिला का शव गांव में पहुंच जाएगा। गांव के लोगों को दिन में सूचना मिली थी। इसके बाद पहचान के लिए मौके पर गए थे। रामपति ने एक लड़का गोद लिया हुआ है, उनकी तीन लड़कियां हैं। जो शादीशुदा हैं। गांव के सरपंच जयवीर ने बताया कि रामपति गांव के ही नरेंद्र के परिवार के साथ महाकुंभ में गई थी। उनको जानकारी मिली है कि उसकी भगदड़ में मौत हो चुकी है। परिवार के सदस्य शव को गांव ला रहे हैं। सदर थाना प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि महाकुंभ में महिला की मौत की सूचना मिली थी। सुबह तक महिला का मृत शरीर गांव में पहुंच जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में पत्नी-प्रेमी ने करवाई थी कारोबारी की हत्या:संपत्ति को हड़पना था मकसद; ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज से 30 माह बाद खुलासा
पानीपत में पत्नी-प्रेमी ने करवाई थी कारोबारी की हत्या:संपत्ति को हड़पना था मकसद; ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज से 30 माह बाद खुलासा हरियाणा के पानीपत शहर में परमहंस कुटिया के पास दिसंबर 2021 में हुई कारोबारी विनोद भराड़ा की हत्या की वारदात में आखिरकार पुलिस अब तह तक पहुंच गई है। पानीपत के एसपी अजीत सिंह शेखावत के व्हाट्सअप पर ऑस्ट्रेलिया से आए मैसेज ने इस केस को रि-ओपन करने और गुत्थी को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। मृतक विनोद बराड़ा की पत्नी निधि ने प्रेम प्रसंग के चलते अपने प्रेमी जिम ट्रेनर सुमित निवासी सोनीपत के साथ मिलकर साजिश रचकर पंजाब के भटिंडा निवासी देव सुनार से विनोद का पहले एक्सीडेंट करवाया। एक्सीडेंट में विनोद बराड़ा की मौत नहीं हुई तो उक्त युवक से ढ़ाई महीने बाद पिस्तौल से गोली मरवाकर विनोद की हत्या करवाई थी। पुलिस ने मृतक विनोद की पत्नी आरोपी निधि व उसके प्रेमी सुमित को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो दोनों आरोपियों ने हत्या करवाने की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। विनोद की बीमा राशि, प्रॉपर्टी और कारोबार पर भी थी नजर
आरोपी जिम ट्रेनर सुमित उर्फ बंटू ने रिमांड के दौरान बताया कि उसने पंजाब के बठिंडा निवासी ट्रक चालक देव सुनार उर्फ दीपक को 10 लाख रुपए नकद व केस का सारा खर्च देने का लालच दिया था। जिसके बाद वह हत्या करने के लिए तैयार हो गया। उसने देव सुनार को पंजाब नंबर की एक लोडिंग पिकअप गाड़ी दिलवाई। देव सुनार ने पांच अक्टूबर 2021 को विनोद को जान से मारने की नीयत से उक्त गाड़ी से सीधी टक्कर मारकर विनोद का एक्सीडेंट कर दिया। एक्सीडेंट में विनोद की मौत नहीं हुई तो बाद में दोनों ने पिस्तौल से विनोद को मरवाने का प्लान बनाया। देव सुनार की जेल से जमानत करवाई और उसको दोबारा से तैयार कर अवैध हथियार उपलब्ध करवा माफी मांगने के बहाने विनोद बराड़ा के घर भेजा। इसके बाद 15 दिसंबर 2021 को देव सुनार ने घर में घुसकर पिस्तौल से विनोद भराड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी सुमित उर्फ बंटू जेल में बंद देव सुनार के केस व घर पर परिवार का पूरा खर्च खुद दे रहा था। ये सारा पैसा विनोद की बीमा राशि, प्रॉपर्टी और कारोबार का है। जिसे निधि सुमित तक और सुमित देव तक पहुंचाता रहा। प्लान के अनुसार निधि मार्च 2024 में अदालत में अपनी गवाही से भी मुकर गई। ऐसे खुला मामला
एसपी को पिछले दिनों एक विदेशी नंबर से सोशल मीडिया पर मैसेज आया। उन्होंने पता कराया तो यह नंबर ऑस्ट्रेलिया से विनोद भराड़ा के भाई का मिला। इसमें विनोद भराड़ा की हत्या में परिवार के लोगों का हाथ होने का शक जताया और मामले में दोबारा जांच शुरू करने की मांग की गई थी। उन्होंने सड़क हादसे व हत्या के दोनों केस की फाइल मंगवाई। एसपी ने इनका खुद अध्ययन किया। सीआईए-3 प्रभारी दीपक कुमार को जांच में लगाया। जिसके बाद, कड़ी से कड़ी जुड़ती नजर आई तो कोर्ट में अर्जी देकर मामले की दोबारा जांच करने की मांग की गई। हत्या का आरोपी देव सुनार पानीपत जेल बंद था। पुलिस न्यायालय में चालान पेश कर चुकी थी। यह मामला न्यायालय में ट्रायल पर था। जिसमें सामने आया कि आरोपी देव सुनार की सुमित नाम के युवक के साथ बातचीत थी और सुमित की मृतक विनोद भराड़ा की पत्नी निधि के साथ काफी बातचीत होनी पाई गई। पुलिस टीम ने 7 जून को आरोपी सुमित उर्फ बंटू निवासी गोहाना को सेक्टर 11-12 की मार्केट से गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आरोपी देव सुनार से विनोद का पहले एक्सीडेंट व बाद में गोली मरवा हत्या करवाने की वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकार किया। पुलिस ने सुमित उर्फ बंटू को 7 जून को कोर्ट में पेश कर सात दिन के पुलिस रिमांड पर लिया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी निधि को शुक्रवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने सुमित उर्फ बंटू के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकारा। पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। निधि और सुमित की जिम में हुई थी मुलाकात
आरोपी सुमित उर्फ बंटू ने रिमांड के दौरान पूछताछ में पुलिस को बताया वह वर्ष 2021 में पानीपत की एक जिम में ट्रेनिंग देता था। विनोद की पत्नी निधि भी वहां जिम करने के लिए आती थी। दोनों की दोस्ती हो गई। दोनों आपस में काफी बातचीत करते थे। विनोद को उन दोनों के बारे में पता चला गया। उसकी विनोद के साथ एक-दो बार कहासुनी भी हुई। विनोद इन अवैध संबंधों के चलते घर पर भी अपनी पत्नी निधि के साथ भी झगड़ा करने लगा। यूं भी हुआ हत्या में साजिश का शक
एसपी अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि उन्होंने जब केस का अध्ययन किया, तो पता लगा कि एक मामूली एक्सीडेंट के केस में समझौता न करने पर आखिर कोई हत्या क्यों करेगा। क्योंकि सड़क हादसे के केस में न ही बहुत ज्यादा सजा है और ये धारा भी जमानती होती है। जबकि हत्या के केस में उम्र कैद से लेकर फांसी तक हो सकती है। यहां से शक गहराया था। वहीं, उन्होंने बताया कि अब आरोपियों के खिलाफ एक्सीडेंट केस में धारा 307 और 120बी भी जोड़ ली गई है। साथ ही हत्या के केस में भी धारा 120बी जोड़ी गई है।
हिसार से तिरूपति जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत:स्पेशल ट्रेन में 3 अतिरिक्त कोच बढ़ाए; बढ़ती भीड़ के चलते लिया फैसला
हिसार से तिरूपति जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत:स्पेशल ट्रेन में 3 अतिरिक्त कोच बढ़ाए; बढ़ती भीड़ के चलते लिया फैसला हिसार से तिरूपति जाने वाले यात्रियो के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने स्पेशल ट्रेन में अतिरिक्त कोच की सुविधा देने का निर्णय लिया है। रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि गाड़ी संख्या 04717/04718 में एक थर्ड एसी और दो सेकेंड क्लास स्लीपर कोच की अस्थायी वृद्धि की गई है। यह सुविधा जनवरी माह में विशेष दिनों के लिए उपलब्ध होगी। हिसार से 18 और 25 जनवरी को प्रस्थान करने वाली ट्रेन में यह अतिरिक्त डिब्बे जोड़े जाएंगे। वहीं तिरूपति से 20 और 27 जनवरी को चलने वाली ट्रेन में भी यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी। यात्रियों की बढ़ती भीड़ के चलते लिया फैसला रेलवे प्रशासन का यह कदम विशेषकर त्योहारी सीजन और बढ़ती यात्री संख्या को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इससे यात्रियों को टिकट की उपलब्धता में सुधार होगा और वे अधिक आरामदायक यात्रा कर सकेंगे।
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:कॉलेज से सियासत की शुरुआत, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:कॉलेज से सियासत की शुरुआत, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कृष्णपाल गुर्जर को मोदी 3.0 सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। गुर्जर मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में भी राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताकर साफ कर दिया कि गुर्जर उनके भरोसेमंद हैं। फरीदाबाद के सरकारी कॉलेज में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले कृष्णपाल गुर्जर का केंद्रीय मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का सफर काफी संघर्ष भरा रहा। किसान परिवार में जन्मे 67 साल के गुर्जर की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही। गुर्जर ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत लोकदल से की थी। वर्ष 1994 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली और फरीदाबाद में पार्षद का चुनाव जीता। मोदी-खट्टर की जोड़ी के साथ मिलकर कर चुके काम
वर्ष 1994 में पार्टी जॉइन करने के महज 2 साल बाद, BJP ने गुर्जर को 1996 के विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से टिकट दे दिया। यही वो समय था जब तेजतर्रार कृष्णपाल गुर्जर को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला। उस समय नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर की जोड़ी हरियाणा में पार्टी संगठन का कामकाज देख रही थी। भाजपा ने 1996 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव पूर्व सीएम बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के साथ मिलकर लड़ा था। पहले ही चुनाव में जीत दर्ज करने वाले कृष्णपाल गुर्जर चुनाव रिजल्ट आने के बाद बंसीलाल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री बनाए गए। प्रदेशाध्यक्ष बनकर पार्टी का ग्राफ बढ़ाया
गुर्जर के 3 बार विधायक बनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देते हुए वर्ष 2010 में हरियाणा इकाई का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी और BJP ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की छाया से निकलकर अपना अलग वजूद बनाने की कोशिश कर रही थी। संगठन से जुड़ा होने के कारण गुर्जर ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए तेजी से पार्टी का ग्राफ बढ़ाने का काम किया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चेहरा घोषित कर दिया। इसके बाद टिकट बंटवारे में कृष्णपाल गुर्जर को फरीदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया। गुर्जर ने अपने इस पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अवतार भड़ाना को हरा दिया। इसके बाद मोदी ने अपनी सरकार में गुर्जर को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री बनाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर दूसरी बार फरीदाबाद सीट से जीते। उस समय विनिंग मार्जिन के लिहाज से देशभर में वह तीसरे स्थान पर रहे। गुर्जर 6 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर दूसरी बार संसद पहुंचे तो मोदी ने फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए उद्योग राज्यमंत्री बना दिया। किसान परिवार से आकर बनाई राजनीति में पहचान
कृष्णपाल गुर्जर पेशे से एडवोकेट हैं। कृष्णपाल के पिता हंसराज जैलदार का अपने एरिया में अच्छा नाम था लेकिन वह कभी राजनीति में नहीं उतरे। दूसरी ओर कृष्णपाल की शुरू से राजनीति में रुचि रही। पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं होते हुए भी उन्होंने राजनीति के तौर-तरीके पढ़ाई के दौरान ही सीख लिए। फरीदाबाद के कॉलेज में पढ़ते हुए वह छात्र संगठन के अध्यक्ष चुने गए और वहीं से उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई। ग्रेजुएशन के बाद गुर्जर कानून की डिग्री लेने मेरठ चले गए। वहां से लौटकर अपनी राजनीतिक पारी दोबारा शुरू की। उनकी पत्नी का नाम निर्मला देवी है और वह सियासत से दूर रहती हैं। गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी राजनीति में एक्टिव हैं और इस समय फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर हैं। गुर्जर नेता के तौर पर बनाई पहचान
कृष्णपाल की गिनती गुर्जर बिरादरी के बड़े नेताओं में होती है। उन्होंने अपने पहले विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से जिस चौधरी महेंद्र प्रताप और फरीदाबाद लोकसभा सीट से अवतार भड़ाना को हराया, वह दोनों भी गुर्जर समाज के बड़े नेताओं में आते हैं। राजनीति में एक बाद एक मिली जीत ने कृष्णपाल गुर्जर का कद गुर्जर बिरादी के नेताओं में बढ़ा दिया। BJP के अंदर भी उनकी गिनती गुर्जर समाज के प्रमुख नेताओं के रूप में होती है। संगठन में मजबूत पकड़ और तेज-तर्रार नेता की छवि के चलते वह BJP शीर्ष नेतृत्व की पसंद बन गए।