हरियाणा के जींद के गांव काकड़ौद के दिनेश ने दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर उनको तिरंगा झंडा सौंपा। ये झंडा कभी राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनको दिया था। दिनेश ने 15 अगस्त को जींद से नंगे पांव दिल्ली तक पैदल यात्रा शुरू की थी। बुधवार को वे दिल्ली पहुंचे और राहुल गांधी को झंडा सौंपा। उन्होंने कहा कि राहुल के पीएम बनने तक वे नंगे पांव रहेंगे। दिनेश काकड़ौद ने बताया कि 7 सितंबर 2022 को राहुल गांधी ने जब भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी तो उस समय उनको तिरंगा दिया। वे हमेशा कांग्रेस पार्टी का झंडा लेकर राहुल गांधी की जनसभाओं में जाते थे। राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में पार्टी का नहीं बल्कि देश का तिरंगा लेकर साथ चलें। 31 जनवरी 2023 को यात्रा पूरी हो गई। उन्होंने बताया कि जो तिरंगा राहुल गांधी ने दिया था, उसको देने के लिए वो अ अपने गांव से नंगे पांव पैदल क्षेत्र के लोगों के साथ दिल्ली पहुंचे। राहुल गांधी से मिलकर यह झंडा उनको सौंपा। दिनेश काकड़ौद ने कहा कि उसे प्रण लिया है कि जब तक राहुल गांधी पीएम नहीं बनेंगे, वे नंगे पांव रहेगा। 2011 से राहुल गांधी की देश के किसी क्षेत्र में जनसभा हो, वह उसमें शामिल होने जाता है। कांग्रेस पार्टी की ड्रेस एवं कांग्रेस पार्टी का बड़ा झंडा उसके हाथ में होता है। कई सालों के बाद राहुल गांधी ने खुद उसे कोठी पर बुला कर सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी से मिलवाया। हरियाणा के जींद के गांव काकड़ौद के दिनेश ने दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर उनको तिरंगा झंडा सौंपा। ये झंडा कभी राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनको दिया था। दिनेश ने 15 अगस्त को जींद से नंगे पांव दिल्ली तक पैदल यात्रा शुरू की थी। बुधवार को वे दिल्ली पहुंचे और राहुल गांधी को झंडा सौंपा। उन्होंने कहा कि राहुल के पीएम बनने तक वे नंगे पांव रहेंगे। दिनेश काकड़ौद ने बताया कि 7 सितंबर 2022 को राहुल गांधी ने जब भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी तो उस समय उनको तिरंगा दिया। वे हमेशा कांग्रेस पार्टी का झंडा लेकर राहुल गांधी की जनसभाओं में जाते थे। राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में पार्टी का नहीं बल्कि देश का तिरंगा लेकर साथ चलें। 31 जनवरी 2023 को यात्रा पूरी हो गई। उन्होंने बताया कि जो तिरंगा राहुल गांधी ने दिया था, उसको देने के लिए वो अ अपने गांव से नंगे पांव पैदल क्षेत्र के लोगों के साथ दिल्ली पहुंचे। राहुल गांधी से मिलकर यह झंडा उनको सौंपा। दिनेश काकड़ौद ने कहा कि उसे प्रण लिया है कि जब तक राहुल गांधी पीएम नहीं बनेंगे, वे नंगे पांव रहेगा। 2011 से राहुल गांधी की देश के किसी क्षेत्र में जनसभा हो, वह उसमें शामिल होने जाता है। कांग्रेस पार्टी की ड्रेस एवं कांग्रेस पार्टी का बड़ा झंडा उसके हाथ में होता है। कई सालों के बाद राहुल गांधी ने खुद उसे कोठी पर बुला कर सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी से मिलवाया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नूंह हिंसा आरोपी कांग्रेस कैंडिडेट ने धमकाया:कहा- हरियाणा में सरकार बनते ही मेवात छोड़ना होगा; BJP बोली- कांग्रेस आई तो हिंदू पलायन करेंगे हरियाणा के नूंह में हुए दंगों के दौरान सुर्खियों में आए कांग्रेस के निवर्तमान विधायक मामन खान अब विधानसभा चुनाव के दौरान एक और भड़काऊ बयान के चलते चर्चा में आ गए हैं। उन्हें कांग्रेस ने फिर से फिरोजपुर झिरका विधानसभा सीट से टिकट दिया है। चुनाव प्रचार के लिए विधानसभा के गांव बीवां में पहुंचे मामन खान ने चेतावनी भर लहजे में कहा है कि लोगों ने मेवात के बच्चों के साथ अन्याय किया हैं, कांग्रेस की सरकार बनते ही उन्हें मेवात छोड़ना पड़ेगा। कांग्रेस उम्मीदवार का यह बयान अब खूब वायरल हो रहा है। यहां पढ़िए, मामन खान का पूरा बयान…
गांव बीवां में चुनाव प्रचार करने पहुंचे कांग्रेस उम्मीदवार मामन खान ने नूंह हिंसा का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे पता है कि जब यह कांड हुआ था तब काफी घरों में चूल्हे भी नहीं सुलगे थे। लेकिन, हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। इसमें मेरा परिवार और आपका परिवार कोई अलग नहीं है। हम सबका परिवार एक है। हमें इस बात का दुख नहीं होना चाहिए कि मेरे घर में चूल्हा नहीं सुलगा, आपके घर में चूल्हा नहीं सुलगा, मेरे बच्चे ने रोटी नहीं खाई, आपके बच्चे ने रोटी नहीं खाई। दर्द सबको है। पता सबको है। वक्त आएगा और सरकार बनेगी, इंशाअल्लाह। जिन जालिमों ने हमारे बच्चों के साथ अन्याय किया है, मुझे एक-एक की पता है, एक-एक को जानता हूं, जिन्होंने लिस्ट दी है। किसी भी सूरत में बख्शूंगा नहीं। या तो उन्हें मेवात छोड़ना पड़ेगा, यहां नहीं रहना पड़ेगा, या बाहर जाना पड़ेगा।’ हरियाणा भाजपा ने प्रतिक्रिया दी
मामन खान नूंह में पिछले साल बृजमंडल यात्रा में हुई हिंसा को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं और वोट मांग रहे हैं। मामन खान के बयान पर हरियाणा भाजपा ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। X पर लिखा, ‘अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो दंगे करवाएगी। गलती से भी अगर कांग्रेस की सरकार बन गई तो हिंदुओं को पलायन करना पड़ेगा।’ नूंह हिंसा से पहले 2 बयान देकर फंसे मामन खान… पहला बयान : हिंसा से करीब 6 महीने पहले हरियाणा विधानसभा में राजस्थान के जुनैद–नासिर हत्याकांड पर हंगामा हुआ था। तब मामन खान ने कहा था कि अबकी बार मोनू मानेसर मेवात आया तो उसे प्याज की तरह फोड़ देंगे। फिर फरवरी 2023 में मामन खान ने हरियाणा विधानसभा में मानेसर को दोबारा मेवात आने की चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि वह उसे सबक सिखाएंगे। बता दें कि फरवरी माह में नासिर-जुनैद की हत्या हुई थी। दोनों फिरोजपुर-झिरका से लगते राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले थे। दोनों की हत्या के बाद मेवात के लोगों में भी गुस्सा था। नूंह में हुई हिंसा के बाद मोनू मानेसर ने एक इंटरव्यू में आरोप लगाया था कि मामन खान ने ही लोगों को हिंसा के लिए उकसाया। दूसरा बयान : बृजमंडल यात्रा से 2 दिन पहले मोनू मानेसर ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि वह यात्रा में शामिल होने के लिए टीम के साथ नूंह आएगा। इसके जवाब में मामन खान ने फेसबुक पर लिखा था, ‘किसी भी साथी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैंने विधानसभा में भी आपकी लड़ाई लड़ी थी। मेवात में भी आपकी लड़ाई मैं ही लडूंगा।’ इन बयानों के बाद ही मामन खान राजस्थान से गिरफ्तार हुए थे। SIT की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें 14 सितंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। वहीं, 18 अक्टूबर 2023 को हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। जुलाई 2023 में हुई नूंह हिंसा, 6 लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि विश्व हिंदू परिषद की तरफ से 31 जुलाई 2023 को हरियाणा के नूंह में बृजमंडल यात्रा निकाली गई थी। नल्हड़ स्थित नल्हेश्वर मंदिर से यात्रा निकलने के बाद तिरंगा पार्क के पास पथराव हो गया था। इसके बाद पूरे नूंह शहर ही नहीं, बल्कि पड़ोसी जिलों में भी हिंसा फैल गई थी। हिंसा में होमगार्ड के 2 जवानों सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी। 60 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हिंसा भड़काने का आरोप 3 बड़े चेहरों पर लगा था। इनमें गौरक्षक मोनू मानेसर, बिट्टू बजरंगी और कांग्रेस विधायक मामन खान शामिल हैं। मामन खान पर विधानसभा और हिंसा से पहले की गई पोस्ट को लेकर सवाल खड़े किए गए। नूंह पुलिस ने सबसे पहले बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार किया। इसके बाद मामन खान को 2 बार नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। फिर उन्हें मोनू मानेसर की गिरफ्तारी के बाद राजस्थान से पकड़ा गया।
हरियाणा के निजी अस्पतालों ने लिया बड़ा फैसला:आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज पर 1 जुलाई से रोक, DC को सौंपा ज्ञापन
हरियाणा के निजी अस्पतालों ने लिया बड़ा फैसला:आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज पर 1 जुलाई से रोक, DC को सौंपा ज्ञापन हरियाणा के निजी अस्पतालों ने एक जुलाई से आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज बंद करने का फैसला किया है। इसका मुख्य कारण हरियाणा सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत किए गए इलाज का भुगतान न करना है। अस्पतालों के 18 करोड़ रुपए करीब छह महीने से अटके हुए हैं। इस स्थिति के कारण निजी अस्पतालों के डॉक्टरों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार ने अपनी वाहवाही के लिए आयुष्मान योजना तो लागू कर दी, लेकिन छह महीने से धरातल पर पैदा हुई स्थिति का सरकार समाधान नहीं कर पाई है। IMA ने सौंपा DC का ज्ञापन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) करनाल के डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आज जिला उपायुक्त उत्तम सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। IMA के जिला प्रधान रोहित सदाना और अन्य डॉक्टरों ने बताया कि आयुष्मान स्कीम में कई दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने विशेष रूप से TMS-2 सॉफ्टवेयर का उल्लेख किया, जिसे सरकार ने लागू किया है। डॉक्टरों का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर बेहद खराब है और इसकी वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सॉफ्टवेयर समस्याएं और वित्तीय संकट डॉ. रोहित सरदाना ने बताया पहले जो सॉफ्टवेयर चलता था, वह ठीक था, लेकिन अब सरकार ने TMS-2 सॉफ्टवेयर लागू किया है, जो बहुत ही खराब है। इससे हमारी इज्जत का सवाल हो चुका है, पैसे की बात तो अलग है। पिछले छह महीनों से हमें अलग-अलग तरीकों से टॉर्चर किया जा रहा है और अंत में हमारी पेमेंट भी नहीं हुई है। आगामी मीटिंग और संभावित समाधान 27 जून को करनाल में एक महत्वपूर्ण मीटिंग रखी गई है, जिसमें सीएम ऑफिस और इंक्वारी ऑफिस के लोग शामिल होंगे। IMA के डॉक्टर भी इस मीटिंग में शामिल होंगे। यह मीटिंग सुबह 11:30 बजे DC ऑफिस में होगी और इसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। डॉक्टरों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं निकला, तो वे 1 जुलाई के बाद आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज नहीं करेंगे। डॉक्टरों का आक्रोश डॉक्टरों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह मुद्दा केवल पेमेंट का नहीं, बल्कि उनकी इज्जत का भी है। “तीन महीने पहले भी हमने सांकेतिक हड़ताल की थी, लेकिन प्रशासन के आश्वासन के बाद हमने हड़ताल समाप्त कर दी थी। हमें आश्वासन मिला था कि चुनाव के बाद सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन आज भी हम परेशान हैं और कल भी परेशान रहेंगे। यह लड़ाई अब इज्जत की लड़ाई बन चुकी है। डॉ. सदाना ने कहा कि अगर इस मीटिंग में कोई समाधान नहीं निकला, तो 1 जुलाई से करनाल के निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड धारकों को इलाज में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए हो सकती है दिक्कतें सरकार और डॉक्टरों के बीच इस मुद्दे का जल्द समाधान निकलना जरूरी है ताकि आयुष्मान कार्ड धारकों को समय पर और उचित इलाज मिल सके और डॉक्टरों को उनका वाजिब भुगतान प्राप्त हो सके। अगर यह विवाद इसी तरह चलता रहा, तो इसका गंभीर प्रभाव सेहत सेवाओं पर पड़ सकता है।