जींद नगर पालिका चुनावी रण:जुलाना नपा के 7 चुनावों में छह बार महिला, केवल एक बार 10 महीने पुरुष बन पाया चेयरमैन

जींद नगर पालिका चुनावी रण:जुलाना नपा के 7 चुनावों में छह बार महिला, केवल एक बार 10 महीने पुरुष बन पाया चेयरमैन

जींद के जुलाना नगर पालिका चेयरमैन पद को लेकर चुनावी बिसात बिछ चुकी है। अब इस चुनावी दंगल में बाजी कौन मारेगा, यह नगर पालिका के 13665 वोटर तय करेंगे। दो मार्च को वोटिंग होगी। नगर पालिका के अब तक हुए सात चुनावों में छह बार महिला प्रधान बनी हैं तो एक बार केवल 10 माह के लिए ही पुरुष प्रधान बन पाया है। आठवीं बार जुलाना नगर पालिका की चेयरमैनी का ताज किसके सिर सजेगा, यह 12 मार्च को पता चल पाएगा। चुनाव प्रचार थम गया है। आज उम्मीदवार घर-घर जाकर वोटर को रिझाने का प्रयास करेंगे। पिछले 20 वर्षों से जुलाना शहर की सरकार पर महिलाओं की चौधर रही है। महिला शक्ति छह बार चेयरपर्सन बन चुकी हैं। पुरुष केवल एक बार चेयरमैन बना है, वह भी केवल 10 महीने के लिए। वर्ष 1952 में नगरपालिका जुलाना के चुनाव पहली बार हुए थे। 2000 में तत्कालीन सीएम ओपी चौटाला ने नगर पालिका का दर्जा तोड़ ग्राम पंचायत बना दिया था इसके बाद वर्ष 2000 में ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री रहते सरकार ने जुलाना नगर पालिका को तोड़ कर जुलाना को ग्राम पंचायत बना दिया था। तब कृष्ण लाठर सरपंच बने। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने फिर से नगरपालिका बना दिया। नगरपालिका बनने के बाद कमलेश तायल पहली चेयरपर्सन बनी। जब भी जुलाना नगर पालिका का चुनाव हुआ तो महिला ही चेयरपर्सन बनी। केवल एक बार विनोद कुमार को चेयरमैन बनाया गया। विनोद कुमार केवल 10 माह के लिए ही चेयरमैन बने। इसके बाद अगला चुनाव हो गया। पहले चेयरपर्सन वार्डों से चुने हुए पार्षद चुनते थे। अब की बार चेयरपर्सन सीधा जनता चुन रही है। इनेलो एवं कांग्रेस का गढ़ रहे जुलाना में अब की बार भाजपा ने टिकट पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने संजय जांगड़ा को प्रत्याशी बनाया है। इनेलो, जेजेपी व कांग्रेस ने प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है। अब मैदान में 9 प्रत्याशी हैं। वर्ष 2005 से अब तक करीब 20 वर्षों में नगर पालिका की कमान छह बार महिला के हाथों में रही है। अब तक ये बन चुके नगर पालिका के प्रधान
-5 जून 2005 से दो अप्रैल 2012 तक कमलेश तायल
-17 जुलाई 2012 से 27 जनवरी 2014 तक निका देवी
-28 जनवरी 2014 से दो दिसंबर 2014 तक निशा सिंगला
-3 दिसंबर 2014 से 22 अप्रैल 2016 तक निर्मला
-23 अप्रैल 2016 से 26 जुलाई 2016 तक फिर से निशा सिंगला
– 27 जुनाई 2016 से 28 मई 2017 तक विनोद कुमार
-7 जुलाई 2018 से 12 जून 2023 तक अंजू रानी
-12 मार्च से आगे ——— ? भाजपा पहली बार खिलाना चाहती है कमल
जुलाना नगर पालिका में भाजपा ने अपने उम्मीदवार डा. संजय जांगड़ा को उतारा है। भाजपा अपनी टीम के सहारे जुलाना में पहली बार कमल खिलाने के जुगत में हैं। जबकि निर्दलीय उम्मीदवार स्थानीय मुद्दों व भाइचारे के साथ की उम्मीद से चौधर लेना चाहते हैं। जुलाना छोटा क्षेत्र है ऐसे में सभी प्रत्याशी कार्यालयों की रणनीति से अधिक जनसंपर्क कर अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। 13665 मतदाता चुनेंगे शहर की सरकार
दो मार्च को होने वाले नगर पालिका चुनावों के लिए प्रशासन तैयारी कर रहा है। कुल 13665 मतदाता नगर पालिका प्रधान व 12 नगर पार्षदों के भविष्य का फैसला करेंगे। जुलाना में कुल वार्ड 14 हैं, लेकिन वार्ड चार और आठ में सर्वसम्मति से पार्षद चुने जा चुके हैं। जींद के जुलाना नगर पालिका चेयरमैन पद को लेकर चुनावी बिसात बिछ चुकी है। अब इस चुनावी दंगल में बाजी कौन मारेगा, यह नगर पालिका के 13665 वोटर तय करेंगे। दो मार्च को वोटिंग होगी। नगर पालिका के अब तक हुए सात चुनावों में छह बार महिला प्रधान बनी हैं तो एक बार केवल 10 माह के लिए ही पुरुष प्रधान बन पाया है। आठवीं बार जुलाना नगर पालिका की चेयरमैनी का ताज किसके सिर सजेगा, यह 12 मार्च को पता चल पाएगा। चुनाव प्रचार थम गया है। आज उम्मीदवार घर-घर जाकर वोटर को रिझाने का प्रयास करेंगे। पिछले 20 वर्षों से जुलाना शहर की सरकार पर महिलाओं की चौधर रही है। महिला शक्ति छह बार चेयरपर्सन बन चुकी हैं। पुरुष केवल एक बार चेयरमैन बना है, वह भी केवल 10 महीने के लिए। वर्ष 1952 में नगरपालिका जुलाना के चुनाव पहली बार हुए थे। 2000 में तत्कालीन सीएम ओपी चौटाला ने नगर पालिका का दर्जा तोड़ ग्राम पंचायत बना दिया था इसके बाद वर्ष 2000 में ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री रहते सरकार ने जुलाना नगर पालिका को तोड़ कर जुलाना को ग्राम पंचायत बना दिया था। तब कृष्ण लाठर सरपंच बने। इसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने फिर से नगरपालिका बना दिया। नगरपालिका बनने के बाद कमलेश तायल पहली चेयरपर्सन बनी। जब भी जुलाना नगर पालिका का चुनाव हुआ तो महिला ही चेयरपर्सन बनी। केवल एक बार विनोद कुमार को चेयरमैन बनाया गया। विनोद कुमार केवल 10 माह के लिए ही चेयरमैन बने। इसके बाद अगला चुनाव हो गया। पहले चेयरपर्सन वार्डों से चुने हुए पार्षद चुनते थे। अब की बार चेयरपर्सन सीधा जनता चुन रही है। इनेलो एवं कांग्रेस का गढ़ रहे जुलाना में अब की बार भाजपा ने टिकट पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने संजय जांगड़ा को प्रत्याशी बनाया है। इनेलो, जेजेपी व कांग्रेस ने प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है। अब मैदान में 9 प्रत्याशी हैं। वर्ष 2005 से अब तक करीब 20 वर्षों में नगर पालिका की कमान छह बार महिला के हाथों में रही है। अब तक ये बन चुके नगर पालिका के प्रधान
-5 जून 2005 से दो अप्रैल 2012 तक कमलेश तायल
-17 जुलाई 2012 से 27 जनवरी 2014 तक निका देवी
-28 जनवरी 2014 से दो दिसंबर 2014 तक निशा सिंगला
-3 दिसंबर 2014 से 22 अप्रैल 2016 तक निर्मला
-23 अप्रैल 2016 से 26 जुलाई 2016 तक फिर से निशा सिंगला
– 27 जुनाई 2016 से 28 मई 2017 तक विनोद कुमार
-7 जुलाई 2018 से 12 जून 2023 तक अंजू रानी
-12 मार्च से आगे ——— ? भाजपा पहली बार खिलाना चाहती है कमल
जुलाना नगर पालिका में भाजपा ने अपने उम्मीदवार डा. संजय जांगड़ा को उतारा है। भाजपा अपनी टीम के सहारे जुलाना में पहली बार कमल खिलाने के जुगत में हैं। जबकि निर्दलीय उम्मीदवार स्थानीय मुद्दों व भाइचारे के साथ की उम्मीद से चौधर लेना चाहते हैं। जुलाना छोटा क्षेत्र है ऐसे में सभी प्रत्याशी कार्यालयों की रणनीति से अधिक जनसंपर्क कर अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। 13665 मतदाता चुनेंगे शहर की सरकार
दो मार्च को होने वाले नगर पालिका चुनावों के लिए प्रशासन तैयारी कर रहा है। कुल 13665 मतदाता नगर पालिका प्रधान व 12 नगर पार्षदों के भविष्य का फैसला करेंगे। जुलाना में कुल वार्ड 14 हैं, लेकिन वार्ड चार और आठ में सर्वसम्मति से पार्षद चुने जा चुके हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर