हरियाणा में रोहतक, हिसार, सोनीपत, रेवाड़ी, अंबाला डिपो में प्राइवेट इलेक्ट्रिक बसें चलाने के विरोध में रोडवेज यूनियनें उतर आई हैं। शुक्रवार को रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा 1004 ने जींद बस अड्डे पर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। रोडवेज यूनियन नेताओं ने कहा इलेक्ट्रिक बसों को ठेके पर लेने की बजाय परिवहन विभाग सरकारी बसों की खरीद करे। यूनियन की मांग है कि इन बसों को वाल्वो बसों की तरह परिवहन विभाग में शामिल किया जाए। यूनियन के राज्य महासचिव जयबीर घनघस, कार्यकारी प्रधान अनूप लाठर, चेयरमैन मुकेश दूहन, कृष्ण रविश, जयपाल चौहान ने कहा कि डिपो में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना से विभाग और जनता को कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि इन बसों में सरकारी हिदायतों के अनुसार दी जाने वाली मुफ्त सुविधा, रियायती और हैप्पी कार्ड की सुविधा लागू नहीं होगी। यूनियन इन बसों को विरोध करती है। इससे पहले जींद डिपो में पहुंची प्रदेश कार्यकारिणी का स्वागत किया गया। इस दौरान आयोजित बैठक अध्यक्षता डिपो प्रधान राममेहर रेढू, संचालन नीतीश शर्मा ने किया। अनूप लाठर ने बताया कि परिवहन विभाग की समस्याओं और कर्मचारियों की मांगों जैसे वेतन विसंगति दूर करना, 2016 में लगे चालकों को पक्का करवाना, अवकाश में की गई कटौती को दोबारा लागू करवाना, 2002 में लगे चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करना, रिस्क भरी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को पुलिस की तर्ज पर 13वीं सैलरी और रिस्क अलाउंस, टीए/ओवरटाइम से संबंधित अड़चन दूर करवाना समेत दूसरी मांगों का मांग पत्र सरकार व उच्चाधिकारियों के पास भेजा गया है। वार्ता का निमंत्रण प्राप्त होने पर सभी समस्याओं को सरकार के सामने रखा जाएगा। इसके बाद डिपो स्तर की समस्याओं को यूनियन प्रतिनिधिमंडल ने जीएम के साथ मिलकर इनका समाधान करवाया गया। इस मौके पर मनदीप रेढू, जयभगवान, राजेंद्र, सुरेंद्र, जसबीर चहल, राजकुमार, विजेंद्र, नरेंद्र, सुभाष, भीम सिंह, सुनील, राजेश, कप्तान सिंह, बहादुर, सुदीप, युद्धवीर, रामचंद्र, राजेश, भूपेंद्र भी शामिल रहे। हरियाणा में रोहतक, हिसार, सोनीपत, रेवाड़ी, अंबाला डिपो में प्राइवेट इलेक्ट्रिक बसें चलाने के विरोध में रोडवेज यूनियनें उतर आई हैं। शुक्रवार को रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा 1004 ने जींद बस अड्डे पर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। रोडवेज यूनियन नेताओं ने कहा इलेक्ट्रिक बसों को ठेके पर लेने की बजाय परिवहन विभाग सरकारी बसों की खरीद करे। यूनियन की मांग है कि इन बसों को वाल्वो बसों की तरह परिवहन विभाग में शामिल किया जाए। यूनियन के राज्य महासचिव जयबीर घनघस, कार्यकारी प्रधान अनूप लाठर, चेयरमैन मुकेश दूहन, कृष्ण रविश, जयपाल चौहान ने कहा कि डिपो में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना से विभाग और जनता को कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि इन बसों में सरकारी हिदायतों के अनुसार दी जाने वाली मुफ्त सुविधा, रियायती और हैप्पी कार्ड की सुविधा लागू नहीं होगी। यूनियन इन बसों को विरोध करती है। इससे पहले जींद डिपो में पहुंची प्रदेश कार्यकारिणी का स्वागत किया गया। इस दौरान आयोजित बैठक अध्यक्षता डिपो प्रधान राममेहर रेढू, संचालन नीतीश शर्मा ने किया। अनूप लाठर ने बताया कि परिवहन विभाग की समस्याओं और कर्मचारियों की मांगों जैसे वेतन विसंगति दूर करना, 2016 में लगे चालकों को पक्का करवाना, अवकाश में की गई कटौती को दोबारा लागू करवाना, 2002 में लगे चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करना, रिस्क भरी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को पुलिस की तर्ज पर 13वीं सैलरी और रिस्क अलाउंस, टीए/ओवरटाइम से संबंधित अड़चन दूर करवाना समेत दूसरी मांगों का मांग पत्र सरकार व उच्चाधिकारियों के पास भेजा गया है। वार्ता का निमंत्रण प्राप्त होने पर सभी समस्याओं को सरकार के सामने रखा जाएगा। इसके बाद डिपो स्तर की समस्याओं को यूनियन प्रतिनिधिमंडल ने जीएम के साथ मिलकर इनका समाधान करवाया गया। इस मौके पर मनदीप रेढू, जयभगवान, राजेंद्र, सुरेंद्र, जसबीर चहल, राजकुमार, विजेंद्र, नरेंद्र, सुभाष, भीम सिंह, सुनील, राजेश, कप्तान सिंह, बहादुर, सुदीप, युद्धवीर, रामचंद्र, राजेश, भूपेंद्र भी शामिल रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत में इलाज के दौरान युवक की मौत:परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर किया हंगामा, मौत के बाद डॉक्टरों ने रेफर किया
पानीपत में इलाज के दौरान युवक की मौत:परिजनों ने हॉस्पिटल के बाहर किया हंगामा, मौत के बाद डॉक्टरों ने रेफर किया पानीपत के समालखा शहर के पुराना बस स्टैंड स्थित देव हॉस्पिटल में शनिवार सुबह एक युवक की मौत पर परिजनों ने रोष प्रकट किया। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल संचालकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा कर पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर परिजनों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। खाने के बाद हुई थी उल्टी मिली जानकारी के अनुसार गांव पट्टीकल्याणा का रहने वाला अनिल नामक युवक रात करीब 1:00 बजे उल्टी लगने से अपने परिजनों के साथ समालखा के प्राइवेट देव हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुँचा था। जहां अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों व कर्मचारियों द्वारा उसका इलाज करना शुरू किया गया। लेकिन इलाज के दौरान युवक की हालत ज्यादा बिगड़ने से उसकी मृत्यु हो गई। हॉस्पिटल कर्मचारियों ने सुबह करीब 6:00 बजे अनिल को पानीपत के लिए रेफर करने की बात कही। स्टाफ ने परिजनों को अंदर नहीं जाने दिया परिजनों अनिल को पानीपत के एक निजी हॉस्पिटल में लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया। परिजनों मृतक की डेड बॉडी को लेकर समालखा के देव हॉस्पिटल में वापस पहुंचे, जहां स्टाफ के द्वारा उनको अंदर घुसने नहीं दिया गया। परिजनों ने हंगामा कर मृतक अनिल की डेड बॉडी को अंदर रख दिया। हंगामा की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची। करीब 3 घंटे परिजनों का हंगामा चलता रहा। इसके बाद मौके पर डीएसपी सतीश वत्स पहुंचे मामले को शांत करवाया परिजनों से बात कर मृतक की डेड बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल में भेजा गया। इलाज से पहले जमा करवाए 20 हजार परिजनों ने डॉक्टर व स्टॉप पर लापरवाही के आरोप लगाए। मृतक अनिल के पिता जय सिंह ने कहा रात को पेट में दर्द होने की वजह से उल्टी लग गई थी। जिसको लेकर हम समालखा देव हॉस्पिटल में पहुंचे। जहां पर अस्पताल के स्टाफ द्वारा हमसे से ₹30,000 पहले जमा करवा लिए गए। उसके बाद कोरे कागज पर साइन करवा कर इलाज शुरू कर दिया। इलाज शुरू होने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई लेकिन अस्पताल के स्टाफ के द्वारा उसको इंजेक्शन दिया गया उसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। डॉक्टर बोले- पहले ही मर चुका मृत्यु होने के बाद अस्पताल स्टाफ के लोगों के द्वारा उसको पानीपत ले जाने को कहा गया। पानीपत में एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने कहा यह तो पहले ही मर चुका है। 28 वर्षीय मृतक अनिल दो बच्चों का पिता है। पुलिस ने किया मामला दर्ज डीएसपी सतीश वत्स ने जानकारी देते हुए कहा कि इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। हॉस्पिटल के स्टाफ और डॉक्टरों को लेकर लोगों में रोष था। मामले को शांत करवा कर मृतक की डेड बॉडी को पानीपत के सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। फिलहाल परिजनों ने लिखित रूप में जो शिकायत दी है, उसे पर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद जो भी आरोपी है उसको छोड़ नहीं जाएगा।
हरियाणा में छात्राओं से अश्लील हरकतों पर बवाल:बोलीं- विरोध किया तो हेड टीचर ने थप्पड़ मारे, ग्रामीण भड़के, पुलिस के हवाले किया
हरियाणा में छात्राओं से अश्लील हरकतों पर बवाल:बोलीं- विरोध किया तो हेड टीचर ने थप्पड़ मारे, ग्रामीण भड़के, पुलिस के हवाले किया हरियाणा के सिरसा में सरकारी स्कूल के हेड टीचर पर छात्राओं ने अश्लील हरकतें करने के आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि वह 6 छात्राओं के साथ ऐसा करता था। ग्रामीणों को जब इसका पता चला तो वह स्कूल पहुंचे और आरोपी टीचर को पुलिस के हवाले किया। आरोपी टीचर की पहचान कुलवंत सिंह के रूप में हुई है। छात्राओं ने कहा कि कई बार टीचर उनके साथ गंदी-गंदी बातें करता था। यही नहीं टीचर उन्हें धमकी देता था कि अगर किसी को बताया तो ठीक नहीं होगा। ‘आप मेरा कुछ नहीं कर सकते। मैंने ऐसा पहले भी कई बार किया है। मेरी पत्नी से मेरी बनती नहीं है।’ इस तरह की बातें करके धमकाता था और थप्पड़ भी मारता था जानकारी के मुताबिक 8 नवंबर को आरोपी टीचर स्कूल की छात्राओं को किसी सरकारी कार्यक्रम में गाड़ी से लेकर गया। छात्राओं का आरोप है कि गाड़ी में टीचर ने अश्लील गीत चलाए। उन्होंने इसका विरोध किया। इस बारे में उन्होंने स्कूल की एक महिला टीचर को बताया। इसके बाद परिजनों को भी सारी बात बताई। मौके पर पहुंचीं थाना प्रभारी
सोमवार को सुबह गांव के लोग स्कूल में पहुंचे। उन्होंने आरोपी टीचर को पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं घटना की सूचना मिलते ही रोड़ी थाना प्रभारी राजबाला और खंड शिक्षा अधिकारी मनीषा मौके पर पहुंचीं। ग्रामीणों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
गांव के पूर्व सरपंच जगसीर सिंह, सरपंच वीरेंद्र और ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षा विभाग टीचर को बर्खास्त करे। पता चला है कि आरोपी टीचर की यह चौथी घटना है। वह इससे पहले तीन बार अलग-अलग स्कूलों में ऐसी घटनाएं कर चुका है और हर बार बच जाता है। इस बार इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग की ओर से आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई न की गई तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे। बयानों के आधार पर होगी कार्रवाई
खंड शिक्षा अधिकारी मनीष निदीपा ने बताया कि विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी कि कुलवंत सिंह के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं थाना प्रभारी राजबाला ने कहा कि बच्चियों से बात हो गई है। बयानों के आधार पर टीचर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 10 महीने पहले सिरसा में 500 छात्राओं की गुमनाम चिट्ठी से मचा था हड़कंप
करीब 10 महीने पहले सिरसा में स्थित चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी (CDLU) के एक प्रोफेसर पर छात्राओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। CDLU के एक विभाग की छात्राओं ने इस बारे में एक गुमनाम चिट्ठी लिखी। जिसमें उन्होंने लिखा- “इस विभाग में करीब 500 छात्राएं पढ़ती हैं। प्रोफेसर ने उनके साथ अश्लील हरकतें कीं और उनका यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सरकार, शैतान डीन से बचाओ”। छात्राओं की ओर से चिट्ठी राष्ट्रीय महिला आयोग, हरियाणा सीएम, हरियाणा गवर्नर, CDLU कुलपति के साथ हरियाणा गृहमंत्री को भी भेजी गई। छात्राओं ने इस पूरे मामले की हाई लेवल जांच कराने की मांग की थी। (पूरी खबर पढ़ें)
चरखी दादरी में मकान तोड़ते समय ढही दीवार:नीचे दबने से युवक की मौत, पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव
चरखी दादरी में मकान तोड़ते समय ढही दीवार:नीचे दबने से युवक की मौत, पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव काकड़ोली हट्ठी में पुराने मकान को तोड़ते समय दीवार के नीचे दबने से युवक की मौत हो गई। मृतक राजेश का पोस्टमॉर्टम चरखी दादरी सिविल अस्पताल में करवाया गया। उसके बड़े भाई के बयान पर बाढड़ा थाना पुलिस ने मामले में इत्फ़ाकिया मौत संबंधी कार्रवाई की है। अविवाहित था मृतक पुलिस को दिए बयान में काकड़ोली हट्ठी निवासी राकेश ने बताया कि वो पुराना मकान तोड़ रहे थे, उसी दौरान उसका छोटा भाई राजेश पुराने मकान में मौजूद था और मकान तोड़ते समय अचानक एक दीवार ढह गई। राजेश दीवार के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजनों ने उसे तत्काल संभाला और उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। वहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं हादसे की सूचना मिलते ही बाढड़ा थाना पुलिस अस्पताल पहुंची और कागजी कार्रवाई पूरी कर मृतक राजेश का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक अविवाहित था और खेती करता था।