हरियाणा के जींद में एडीजे डा. चद्रहास की कोर्ट ने व्यक्ति की हत्या करने के जुर्म में दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर 60 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। जुर्माना राशि न भरने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। कोर्ट में चले अभियोग के अनुसार धर्म सिंह कालोनी नरवाना निवासी विक्रम ने सात अक्टूबर 2018 को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका भाई जगजीत सिंह की मोहल्ला के राजू पंडित से रंजिश चली आ रही थी। देर शाम के उसका भाई जगजीत सिंह घर की तरफ आ रहा था। रास्ते में राजू ने जगजीत को जाति सूचक गालियां देते हुए रोक लिया और उस पर चाकू से हमला दिया। इसमें जगजीत गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर हालात मे राजू को नागरिक अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उपचार के दौरान जगजीत की मौत हो गई। शहर थाना नरवाना पुलिस ने विक्रम की शिकायत पर राजू पंडित के खिलाफ हत्या तथा एससी एसटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। तभी मामला अदालत में विचाराधीन था। वीरवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा. चंद्रहास की अदालत ने राजू पंडित को उम्र कैद तथा 60 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। हरियाणा के जींद में एडीजे डा. चद्रहास की कोर्ट ने व्यक्ति की हत्या करने के जुर्म में दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर 60 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। जुर्माना राशि न भरने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। कोर्ट में चले अभियोग के अनुसार धर्म सिंह कालोनी नरवाना निवासी विक्रम ने सात अक्टूबर 2018 को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका भाई जगजीत सिंह की मोहल्ला के राजू पंडित से रंजिश चली आ रही थी। देर शाम के उसका भाई जगजीत सिंह घर की तरफ आ रहा था। रास्ते में राजू ने जगजीत को जाति सूचक गालियां देते हुए रोक लिया और उस पर चाकू से हमला दिया। इसमें जगजीत गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर हालात मे राजू को नागरिक अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उपचार के दौरान जगजीत की मौत हो गई। शहर थाना नरवाना पुलिस ने विक्रम की शिकायत पर राजू पंडित के खिलाफ हत्या तथा एससी एसटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। तभी मामला अदालत में विचाराधीन था। वीरवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश डा. चंद्रहास की अदालत ने राजू पंडित को उम्र कैद तथा 60 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP में घमासान, पनिहार का रणजीत चौटाला पर पलटवार:बोले- मैं और कुलदीप जोर न लगाते तो आदमपुर-नलवा से 50-50 हजार वोट से हारते
हरियाणा BJP में घमासान, पनिहार का रणजीत चौटाला पर पलटवार:बोले- मैं और कुलदीप जोर न लगाते तो आदमपुर-नलवा से 50-50 हजार वोट से हारते हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट पर हारे BJP उम्मीदवार रणजीत चौटाला की कॉल रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद घमासान मच गया है। रणजीत चौटाला ने अपनी हार के लिए कुलदीप बिश्नोई, रणधीर पनिहार, कैप्टन अभिमन्यु और राज्यसभा सांसद सुभाष बराला को जिम्मेदार ठहराया। अब रणधीर पनिहार से चौटाला पर पलटवार किया है। पनिहार ने कहा- ”अगर मैं और कुलदीप बिश्नोई आदमपुर और नलवा में जोर न लगाते तो रणजीत दोनों जगह से 50-50 हजार वोटों से हारते”। पनिहार ने आगे कहा-“रणजीत चौटाला चुनाव के बाद यह सब बातें बोल रहे हैं। अगर हिम्मत करते तो चुनाव से एक दिन पहले कहते। चुनाव से एक दिन पहले मेरे फार्म हाउस पर कार्यकर्ताओं के सामने चौटाला मेरे कार्यकर्ताओं के सामने तो ये कहकर आया था कि रणधीर पनिहार, मैं आपकी हर बात का वजन रखूंगा।” पनिहार के पलटवार के बाद अब इस मामले में कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अभिमन्यु और भाजपा की लोकसभा चुनाव समिति के संयोजक बनाए सुभाष बराला भी चौटाला के आरोपों पर खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। जिसके बाद यहां भाजपा के भीतर की कलह और तेज हो सकती है। हिसार में रणजीत चौटाला के मंच पर नहीं गए रणधीर
रणजीत चौटाला ने सोमवार देर शाम को हिसार में वर्करों की मीटिंग बुलाई। इस दौरान मंच पर भाजपा के तमाम जिले के पदाधिकारी बैठे रहे। मगर कुलदीप बिश्नोई के करीबी नेता रणधीर पनिहार मंच के सामने कुर्सी पर बैठे। वह ना तो मंच पर गए और ना ही रणजीत चौटाला के नजदीक गए। वह रणजीत चौटाला का भाषण सुनकर कार्यक्रम से चलते बने। बाद में जब मीडिया ने रणधीर पनिहार के मंच पर ना जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं लेट आया था इसलिए जहां जगह मिली, वहां बैठ गया। मैं भाजपा के कार्यक्रम में आया था। रणजीत चौटाला के वायरल ऑडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए रणधीर पनिहार ने कहा कि रणजीत चौटाला मेरा नाम तो दिन में रात में सोते जागते लेता रहता है इसमें कुछ खास नहीं है। मैं इन सब चीजों को नहीं सोचता। रणजीत को शक, कुलदीप के कहने पर पनिहार ने कांग्रेस को वोट डलवाई
दरअसल, रणजीत चौटाला को चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं से फीडबैक मिला था कि आदमपुर और नलवा में हार का कारण कुलदीप बिश्नोई है। रणजीत को फीडबैक मिला कि रणधीर पनिहार ने अपने समर्थकों को रणजीत के लिए वोट ना डालकर जयप्रकाश के लिए वोट डलवाए। इतना ही नहीं यह सब कुलदीप बिश्नोई के इशारे पर किया गया। आदमपुर में भी लोगों ने रणजीत की जगह जयप्रकाश को वोट डाले। अपने समर्थकों से मिले फीडबैक के आधार पर रणजीत चौटाला ने एक रिपोर्ट तैयार की है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में रणधीर पनिहार के ऑडियो भी हैं जिसमें वह रणजीत को वोट ना डालने की बात कर रहे हैं। नलवा और आदमपुर में भाजपा हार गई
दरअसल लोकसभा चुनाव में आदमपुर और नलवा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला को जीत की उम्मीद थी वह दोनों जगहों से 50 हजार का मार्जिन लेकर चल रहे थे। मगर जब नतीजे आए तो आदमपुर से लीड के बजाय 6,384 वोट से रणजीत चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से पीछे रह गए। इसी तरह नलवा से कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश को 55 हजार 362 वोट मिले जबकि रणजीत को 52 हजार 923 वोट मिले। चौटाला यहां कांग्रेस के जयप्रकाश से 2439 वोट से पीछे रहे। इस प्रकार रणजीत को लीड मिलने के बजाय जयप्रकाश को यहां से 8823 वोटों की लीड मिल गई। जो रणजीत की हार का सबसे बड़ा कारण बनी। कांग्रेस की टिकट पर नलवा से चुनाव लड़ चुके हैं रणधीर
रणधीर पनिहार 2019 में नलवा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। रणधीर पनिहार का मुकाबला भाजपा के रणबीर गंगवा से हुआ था। मगर रणधीर चुनाव हार गए और रणबीर गंगवा जीतकर डिप्टी स्पीकर के पद पर पहुंचे। रणबीर गंगवा को चुनाव में 47 हजार 523 वोट मिले, उनका वोट शेयर 41.09 प्रतिशत रहा। वहीं रणधीर पनिहार को 37 हजार 851 वोट मिले उनका वोट शेयर 37.72 प्रतिशत था। अब दोनों ही नेता भाजपा में हैं बावजूद इसके रणजीत चौटाला जीतने के बजाय हार गए। रणजीत चौटाला इसी को लेकर रणधीर पनिहार पर भीतरघात करने का आरोप लगा रहे हैं। हिसार से टिकट के दावेदार थे कुलदीप और अभिमन्यु
हिसार लोकसभा सीट से सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई और कैप्टन अभिमन्यु ने टिकट पर दावा ठोका। हालांकि भाजपा ने इन्हें टिकट देने के बजाय निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को पार्टी में शामिल कर हिसार से टिकट दे दी। इसके बाद कुलदीप नाराज रहे और प्रचार में नहीं आए। हालांकि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और फिर सीएम नायब सैनी के मनाने पर वे सिर्फ आदमपुर में प्रचार करने आए। वहीं कैप्टन अभिमन्यु भी शुरूआती समय में प्रचार से दूर रहे। रणजीत चौटाला की वायरल कॉल रिकॉर्डिंग की खबर पढ़ें हिसार से हारे BJP उम्मीदवार बोले- कुलदीप-पनिहार गंदा कर गए, बराला-अभिमन्यु ने नाश किया; खिंचाई होगी, माफ नहीं करूंगा हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट से चुनाव हारे रणजीत चौटाला की कॉल रिकॉर्डिंग ने BJP के भीतर घमासान मचा दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह कॉल रिकॉर्डिंग 1 मिनट 24 सेकेंड की है। जिसमें रणजीत चौटाला अपनी हार के लिए हिसार के बड़े नेताओं कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अभिमन्यु, रणधीर पनिहार और भाजपा चुनाव समिति के चेयरमैन सुभाष बराला को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हालांकि इस कॉल रिकॉर्डिंग में रणजीत चौटाला की आवाज की भास्कर पुष्टि नहीं करता (पूरी खबर पढ़ें)
किरण चौधरी की एंट्री से BJP में बगावती सुर:3 बार के सांसद बोले- अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा; किरण-श्रुति की वजह छोड़ी थी कांग्रेस
किरण चौधरी की एंट्री से BJP में बगावती सुर:3 बार के सांसद बोले- अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा; किरण-श्रुति की वजह छोड़ी थी कांग्रेस हरियाणा में BJP के भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मवीर सिंह ने सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा- 2024 में यह मेरा आखिरी चुनाव था। इसके बाद मैं कोई इलेक्शन नहीं लड़ूंगा। चौधरी धर्मवीर की नाराजगी को किरण चौधरी से जोड़कर देखा जा रहा है। धर्मवीर को पूर्व सीएम बंसीलाल की बहू किरण चौधरी का कट्टर विरोधी माना जाता है। किरण की बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मिलने की वजह से उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। अब किरण और श्रुति भाजपा में आ चुकी हैं। उनकी इस भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर लोकसभा टिकट की भी दावेदारी हो चुकी है। इतना ही नहीं चौधरी धर्मवीर सिंह ने राव इंद्रजीत को राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी सवाल खड़े किए। धर्मवीर ने कहा- हमारे इलाके (अहीरवाल) के लोगों में थोड़ी नाराजगी है। राव इंद्रजीत सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया है। जबकि लोगों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। मंत्रीपद की दौड़ में थे, गैर जाट पॉलिटिक्स की वजह से रह गए
दरअसल, चौधरी धर्मवीर ने परिवारिक सदस्य के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- ये उनकी मर्जी है कि वो चुनाव लड़े या ना लड़े। धर्मवीर सिंह ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि प्रदेश में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। धर्मवीर को भी इस बार केंद्र में मंत्रीपद की दौड़ में माना जा रहा था। हालांकि हरियाणा में भाजपा की गैर जाट पॉलिटिक्स की वजह से वह पिछड़ गए और पंजाबी चेहरे खट्टर, गुर्जर समुदाय से कृष्णपाल गुर्जर और अहीर समाज से राव इंद्रजीत को मंत्री बना दिया गया। धर्मबीर जाट कम्युनिटी से हैं। लगातार तीसरी बार सांसद बने धर्मबीर
बता दें कि चौधरी धर्मबीर सिंह भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। दशकों तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले धर्मबीर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राव इंद्रजीत सिंह की तरह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। राव इंद्रजीत सिंह की पैरवी पर ही तीनों बार पार्टी हाईकमान ने धर्मबीर सिंह को टिकट दी। दो बार 2014 और 2019 में तो धर्मबीर सिंह असानी से जीत गए, लेकिन इस बार कांग्रेस की तरफ से राव दान सिंह को कैंडिडेट बनाए जाने से धर्मबीर सिंह कांटे के मुकाबले में फंस गए थे। चौधरी धर्मबीर सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए राव इंद्रजीत सिंह को ही मैदान में उतरना पड़ा था। राव इंद्रजीत सिंह ने प्रचार के दौरान चौधरी धर्मबीर को अपना साथी बताते हुए अहीरवाल में उन्हें जिताने की अपील की थी। राव इंद्रजीत सिंह की अपील का काफी हद तक महेंद्रगढ़ इलाके में असर भी दिखाई दिया, जिसकी वजह से आखिरी वक्त में पासा पलट गया और चौधरी धर्मबीर सिंह लोकसभा का चुनाव जीत गए। धर्मबीर के लिए अड़े रहे राव इंद्रजीत सिंह
बता दें कि चौधरी धर्मबीर सिंह इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर बीजेपी की टिकट के लिए कई हैवीवेट नेताओं ने पुरजोर कोशिश भी की। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह ने चौधरी धर्मबीर सिंह के नाम की सिफारिश की और उनकी बदौलत पार्टी ने चौधरी धर्मबीर सिंह को टिकट दी। चौधरी धर्मबीर सिंह हरियाणा की राजनीति में भी काफी एक्टिव रहे। बंसीलाल की तीन 3 पीढ़ियों को हराया चुनाव
अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, वह पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल परिवार की 3 पीढ़ियों को हराने के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने 1987 में लोकदल के उम्मीदवार के रूप में तोशाम विधानसभा सीट से खुद बंसीलाल को हराकर चौंका दिया था। उन्होंने 2000 में तोशाम से बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र को हराया और बाद में बंसीलाल की पोती (सुरेंद्र की बेटी) श्रुति चौधरी को 2014 और 2019 में भाजपा के सदस्य के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर हराया।
विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल की उम्मीद जगी:CAS ने अपील स्वीकार की; ओलिंपिक से डिसक्वालिफाई करने पर संन्यास ले चुकीं रेसलर
विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल की उम्मीद जगी:CAS ने अपील स्वीकार की; ओलिंपिक से डिसक्वालिफाई करने पर संन्यास ले चुकीं रेसलर पेरिस ओलिंपिक में अयोग्य करार दी गईं हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास ले लिया है। विनेश ने इस बारे में गुरूवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया (X) पर 5 लाइनें लिखीं। जिसमें विनेश फोगाट ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी।” संन्यास के ऐलान से पहले बुधवार रात उन्होंने अपने डिसक्वालीफाई के खिलाफ अपील दायर की है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आरबिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स से मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। एक दिन पहले यानी 7 अगस्त को विनेश को पेरिस ओलिंपिक में 50 किलो में 100 ग्राम वेट ज्यादा होने की वजह से ओलिंपिक से डिसक्वालीफाई कर दिया गया था। जिससे विनेश बेहोश हो गई और तबीयत खराब होने पर उसे पॉलीक्लिनिक में भर्ती कराना पड़ा। उधर, अमेरिका के गोल्ड मेडलिस्ट रेसलर जॉर्डन ने सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल देने की मुहिम शुरू कर दी है। जिसका भारत के खिलाड़ी भी समर्थन कर रहे हैं। विनेश फोगाट से जुड़ी 2 बड़ी तस्वीरें… अब देखिए विनेश फोगाट के तीन मैच जीतने की तस्वीरें…