हरियाणा के झज्जर मे हरियाणा पुलिस के एक जवान ने संदिग्ध हालात में आत्महत्या कर ली। उसका शव पेड़ पर फंदे पर लटका मिला। सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। बाद में मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल भिजवाया गया l जानकारी अनुसार मृतक की पहचान 28 वर्षीय दुष्यंत पुत्र जयकिशन निवासी गांव दुबलधन जिला झज्जर के रूप में की गई है l वह हरियाणा पुलिस में था और फिलहाल मधुबन में अंडर ट्रेनिंग था। अभी वह अपने गांव में आया हुआ था l दुष्यंत की शादी हो चुकी थी और वह एक तीन साल के बेटे का पिता था। करीब 3 साल पहले बीमारी के चलते उसके पिता जयकिशन की मौत हो चुकी है। अब दुष्यंत परिवार का इकलौता कमाने वाला था l बेरी थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि दुबलधन गांव के पास खेतों में खड़े पेड़ से एक युवक का शव लटक रहा है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जांच और पूछताछ के दौरान सामने आया कि मृतक दुष्यंत है और वह हरियाणा पुलिस का जवान था। वह मधूबन करनाल मे कॉन्स्टेबल की ट्रेनिंग कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में मृतक के चचेरे भाई रविंद्र के बयान दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस जवान ने सुसाइड क्यों किया, इसके कारणों का अभी पता नहीं चला है। पुलिस छानबीन कर रही है हरियाणा के झज्जर मे हरियाणा पुलिस के एक जवान ने संदिग्ध हालात में आत्महत्या कर ली। उसका शव पेड़ पर फंदे पर लटका मिला। सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। बाद में मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल भिजवाया गया l जानकारी अनुसार मृतक की पहचान 28 वर्षीय दुष्यंत पुत्र जयकिशन निवासी गांव दुबलधन जिला झज्जर के रूप में की गई है l वह हरियाणा पुलिस में था और फिलहाल मधुबन में अंडर ट्रेनिंग था। अभी वह अपने गांव में आया हुआ था l दुष्यंत की शादी हो चुकी थी और वह एक तीन साल के बेटे का पिता था। करीब 3 साल पहले बीमारी के चलते उसके पिता जयकिशन की मौत हो चुकी है। अब दुष्यंत परिवार का इकलौता कमाने वाला था l बेरी थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि दुबलधन गांव के पास खेतों में खड़े पेड़ से एक युवक का शव लटक रहा है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची। जांच और पूछताछ के दौरान सामने आया कि मृतक दुष्यंत है और वह हरियाणा पुलिस का जवान था। वह मधूबन करनाल मे कॉन्स्टेबल की ट्रेनिंग कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में मृतक के चचेरे भाई रविंद्र के बयान दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस जवान ने सुसाइड क्यों किया, इसके कारणों का अभी पता नहीं चला है। पुलिस छानबीन कर रही है हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में परचून की दुकान का तोड़ा शटर:आटा-तेल, साबुन-सर्फ सहित हजारों का सामान चोरी; सुबह शॉप खोलने आया तो वारदात का पता चला हरियाणा में रेवाड़ी जिले के बावल कस्बा में चोरों ने एक परचून की दुकान का ताला तोड़ दिया। चोर दुकान से करीब 60 हजार रुपए का आटा, तेल, सर्फ, साबुन सहित अन्य सामान चोरी कर ले गए। बावल थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर चोरी का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, बावल के नंगली परसापुर रोड निवासी उदयवीर ने बावल थाना में दर्ज कराई FIR के मुताबिक, उसने नंगली परसापुर रोड स्थित हिंदू स्कूल के पास परचून की दुकान खोली हुई है। देर रात करीब साढ़े 9 बजे वह दुकान बंद कर घर लौट गया था। सुबह 5 बजे उसे सूचना मिली की उसकी दुकान का शटर टूटा हुआ है। 60 हजार का सामान चोरी वह तुरंत दुकान पर पहुंचा। इस दौरान शटर उखड़ा हुआ था और लॉक टूटे मिले। उदयवीर ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना के बाद बावल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की मौजूदगी में उदयवीर ने अपना सामान चेक किया तो करीब 60 हजार रुपए कीमत का सामान चोरी मिला। जिसमें आटा, सरसों का तेल, सर्फ, साबुन के अलावा अन्य सामान गायब था। पुलिस ने उदयवीर की शिकायत पर चोरी का केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
दुष्यंत चौटाला के 681 करोड़ के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका:बजट पास, फिर भी नहीं बनेगी एलिवेटेड रोड; मंत्री बोले- जरूरत हुई तो देखेंगे
दुष्यंत चौटाला के 681 करोड़ के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका:बजट पास, फिर भी नहीं बनेगी एलिवेटेड रोड; मंत्री बोले- जरूरत हुई तो देखेंगे हरियाणा की नई BJP सरकार ने पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को झटका दे दिया है। दुष्यंत चौटाला के 681 करोड़ के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगा दिया है। इसका खुलासा प्रदेश के PWD मंत्री रणबीर गंगवा ने किया। उन्होंने कहा कि जरूरत होगी तो इस प्रोजेक्ट को देखेंगे वरना कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनके पूरा होने से जाम अपने आप खत्म हो जाएगा। दरअसल, दुष्यंत चौटाला हिसार में एलिवेटेड रोड बनाना चाहते थे। दुष्यंत के डिप्टी CM रहते सरकार ने इसके लिए बजट भी पास कर दिया था। मगर, फाइल सीएम ऑफिस में अटक गई। इसके बजाय अब सरकार रिंग रोड का प्रपोजल तैयार कर रही है। हिसार के चारों तरफ बनने वाली इस रिंग रोड के बाद लोग शहर के बजाय बाहर से ही दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान और सिरसा जा सकेंगे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडगरी ने प्रपोजल तैयार करने को कहा है। इसके बाद रिंग रोड की मंजूरी मिल सकती है। ऐसा बनाया जाना था एलिवेटेड रोड… दुष्यंत ने सांसद बनकर भेजा प्रपोजल, डिप्टी CM बन सिरे चढ़ाने की कोशिश की
दुष्यंत चौटाला 2014 में हिसार लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव जीते। इसके बाद हिसार को जाम से बचाने के लिए उन्होंने एलिवेटेड रोड का प्रोजेक्ट तैयार किया। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट भी था। इसके बाद जब वे 2019 में BJP के साथ गठबंधन सरकार में JJP कोटे से डिप्टी सीएम बने तो इसे सिरे चढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी। दुष्यंत ने नवंबर 2020 में इसके लिए बीएंडआर के अधिकारियों से मीटिंग भी की। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए उन्हीं की ड्यूटी भी लगाई थी। उस वक्त गौतम सरदाना ने मेयर बनने के बाद पहली हाउस की बैठक में एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव पास कराया। फिर यह प्रपोजल सरकार को भेजा गया। हालांकि अब न तो दुष्यंत चौटाला प्रदेश में सरकार चला रही BJP के साथ हैं और न ही पूर्व मेयर गौतम सरदाना भाजपा में हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी से बगावत कर दी थी। इसलिए इस प्रोजेक्ट की पैरवी करने वाला कोई नेता नहीं बचा। सर्वे एजेंसी को लाखों रुपए दिए, गठबंधन टूटा तो ठप हुआ प्रोजेक्ट
दुष्यंत के ड्रीम प्रोजेक्ट में शहर के बीचों-बीच दिल्ली रोड पर करीब साढ़े 8 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाना था। एलिवेटेड रोड के निर्माण के साथ ही शहर के तीनों पुलों को जोड़ा जाना था। इसको लेकर हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में मंजूरी मिली थी। जिसके बाद सर्वे एजेंसी हायर की गई। उसे फिजिबिलिटी जांचने के लिए लाखों की पेमेंट भी की गई। गुरुग्राम की एजेंसी ने करीब 2023 में रिपोर्ट दे दी और डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो गई मगर सीएम कार्यालय जाकर फाइल अटक गई। वहां से मंजूरी मिलती, इससे पहले ही लोकसभा चुनाव के वक्त JJP और भाजपा का गठबंधन टूट गया। प्रदेश में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी सीएम बन गए। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बना गई जबकि जजपा का खाता तक नहीं खुला। इसलिए बनाया गया था एलिवेटेड रोड का प्रोजेक्ट
दिल्ली रोड हिसार शहर का मुख्य रोड है। हिसार शहर इस रोड के दोनों तरफ शहर बसा है। ऐसे में वाहनों का दबाव इसी रोड पर ज्यादा रहता है। जिसके कारण अक्सर इस सड़क पर जाम की समस्या रहती है। जाम लगने के कारण पूरे शहर का ट्रैफिक प्रभावित होता है। सड़क की चौड़ाई-बढ़ाने के लिए जगह नहीं है, जिस कारण से सड़क की जमीन पर ही एक और ऊपरी सड़क यानी एलिवेटेड रोड बनाने की योजना तैयार की गई थी। जिससे शहर के लोगों को दो सड़कें मिल जाएंगी और जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। वर्तमान में जिंदल पुल से लेकर बस स्टैंड तक पहुंचने में जाम व अतिक्रमण के कारण करीब 40 से 50 मिनट का समय लगता है। मंत्री गंगवा बोले- जाम न हो, सुविधा भी मिले, ऐसी व्यवस्था बना रहे
प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि एलिवेटेड की जरूरत होगी तो हम देखेंगे। मगर, हम जाम से मुक्ति जरूर दिलाएंगे। उसकी ऐसी व्यवस्था करने का काम करेंगे कि शहर में कोई जाम ना हो और लोगों को सुविधाएं मिले। उस पर हम अभी काम कर रहे हैं। हमने अभी सूर्य नगर ओवरब्रिज शुरू करने का काम किया है। साउथ बाइपास का ब्रिज हमारा लगभग तैयार है। हिसार में हम इंटरनल रोड बनाएंगे जो तोशाम रोड को राजगढ़ रोड से जोड़ेगी। यह सारे रोड़ बन जाएंगे तो काफी हद तक जाम से मुक्ति मिल जाएगी”।
चरखी दादरी में माइनिंग में रातभर पहरा:MLA की मौजूदगी में हटवाएंगे मालवा, ग्रामीण बोले- मशीन और व्यक्ति दबे होने की आशंका
चरखी दादरी में माइनिंग में रातभर पहरा:MLA की मौजूदगी में हटवाएंगे मालवा, ग्रामीण बोले- मशीन और व्यक्ति दबे होने की आशंका चरखी दादरी में ग्रामीणों को मलबे के नीचे मशीन के साथ व्यक्ति के दबे होने की आशंका है। कंपनी के लोग रात के समय वहां कुछ गड़बड़ ना कर सके इसके लिए ग्राम पंचायत की ओर से माइनिंग क्षेत्र में रात के समय पहरा दिया गया है। वहीं आज विधायक की मौजूदगी में पहाड़ से जो मिट्टी व पत्थर खिसके हैं उनको हटवाया जाएगा ताकि पूरी स्थिति स्पष्ट हो सके। कंपनी पर अवैध माइनिंग के आरोप
बुधवार शाम को पिचौपा कलां माइनिंग क्षेत्र में पहाड़ी खिसकने का मामला सामने आया था। पहाड़ी खिसकने का लाइव विडियो भी ग्रामीणों ने बनाया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दो सप्ताह के दौरान पहाड़ खिसकने की दूसरी घटना सामने आने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। जिसके चलते वीरवार सुबह ही ग्रामीण माइनिंग क्षेत्र मे पहुंचे और माइनिंग कंपनी, माइनिंग विभाग, प्रशासन व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। इस दौरान ग्रामीणों ने माइनिंग कंपनी पर अवैध माइनिंग के आरोप लगाए और इस पर रोक लगाने की मांग की। ग्रामीणों ने आशंका जताई की पहाड़ खिसकने से मिट्टी व पत्थरों के नीचे मशीन व व्यक्ति दबे हो सकते हैं। ग्रामीणों ने नीचे जाकर मौके का निरीक्षण किया। लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने सुरक्षा का हवाला देकर ग्रामीणों का रास्ता रोक दिया और इस दौरान ग्रामीणों के साथ कहासुनी भी हुई और बाद में पुलिस के सामने ही बात हाथापाई तक क पहुंच गई थी और ग्रामीण दिनभर वहां डटे रहे व प्रशासनिक अधिकारियों के मौके पर पहुंचने का इंतजार किया। रात को दिया पहरा
पिचौपा कलां के सरपंच प्रतिनिधि अशोक कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को पुख्ता जानकारी मिली है कि पहाड़ के मलबे के नीचे अभी भी एक मशीन दबी हुई है। वहीं ग्रामीणों को शक है कि मशीन पर एकदम से मलबा गिरा है तो मशीन के साथ व्यक्ति भी हो सकता है। ग्रामीण दिनभर वहां मौजूद होने के कारण कंपनी के लोग वहां कुछ कार्रवाई नहीं कर सके। कंपनी के लोग रात के समय गड़बड़ी ना करे इसके लिए ग्राम पंचायत ने करीब दस लोगों को वहां रात्रि पहरे पर बैठाया। विधायक की मौजूदगी में हटेगा मलबा
सरपंच प्रतिनिधि अशोक कुमार ने बताया कि मामले को लेकर बाढ़ड़ा विधायक उमेद सिंह पातुवास से बात की गई थी लेकिन वे चंडीगढ़ होने के कारण आ नहीं सके थे। सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि विधायक व अधिकारियों की मौजूदगी में पहाड़ के मलबे को हटाया जाएगा और जो भी मशीन या कुछ अन्य वहां दबा है उसे बाहर निकाला जाएगा। ग्रामीणों को व्यक्ति दबे होने का पूरा शक
बुधवार शाम को पहाड़ी खिसकने के बाद से ही ग्रामीण मशीनों व व्यक्ति के दबे होने की आशंका जता रहे थे। वीरवार को दोपहर के समय एकाएक जब माइनिंग क्षेत्र में एम्बुलेंस व फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां वहां पहुंची तो ग्रामीणों को शक गहरा गया और वे दिनभर वहीं डटे रहे और रात के समय भी पहरा दिया। आज मलबा हटाने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
पहाड़ के रास्ते के समीप आग जलाकर बैठे
सरपंच प्रतिनिधि अशोक कुमार व पंच ऋषिपाल ने बताया कि ग्रामीण माइनिंग क्षेत्र में नीचे जाने वाले रास्ते के समीप कड़कड़ाती ठंड में आग जलाकर बैठे रहे। ग्रामीण रास्ते के समीप ही पहरे पर रहे ताकि मशीन या दूसरा वाहन नीचे जाए या वहां पर कोई हलचल हो तो तुरंत इसकी भनक लग जाए। उन्होंने बताया कि ठंड का मौसम होने के कारण दस लोग ही पहरा देने पहुंचे लेकिन गांव में ग्रामीणों को अलर्ट मोड पर रखा गया ताकि कुछ घटनाक्रम होने पर तुरंत एक कॉल पर बुलाया जा सके।