“मैं 8 माह की गर्भवती हूं। अगले माह मेरी डिलेवरी होनी है। इसके लिए मैं पैसे जोड़ रही थी। मगर नगर निगम का बुलडोजर आया और मेरी पूरी सब्जी को रौंद गया। मैं रोजाना आढ़ती से सब्जी उधार लेकर आती हूं। सब्जी बिकने के बाद अगले दिन पैसे देती हूं। अब कहां से पैसे चुकाऊंगी। गर्भवती होने के बावजूद सुबह 6 बजे घर से निकलती हूं और रात को 10 बजे घर पहुंचती हूं। अगर सब्जी न बेची तो बच्चे भूखे मर जाएंगे।” ये कहते-कहते राधिका कुशवाहा रोने लगती हैं। इनकी सड़क किनारे लगने वाली दुकान पर नगर निगम ने गुरुवार शाम को बुलडोजर चला दिया। पूरी सब्जी को रौंद डाला। सिर्फ राधिका ही नहीं, ऐसी कई गरीब परिवार की सब्जी को निगम के तानाशाह बुलडोजर ने रौंद डाला। वीडियो वायरल हुआ झांसी ही नहीं, पूरे यूपी में लोग नगर निगम को कोस रहे हैं। अब नगर आयुक्त कह रहे हैं कि उनको जानकारी ही नहीं थी। अतिक्रमण प्रभारी बृजेश वर्मा ने बिना बताए बुलडोजर चलाया है। हालांकि उन पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब पढ़ते हैं, महिलाओं का दर्द गर्भवती हूं, फिर भी 16 घंटे सब्जी बेचती हूं सीपरी बाजार के मसीहागंज की राधिका कुशवाहा ने बताया “नगर निगम हर माह 100 रुपए की रसीद काटता है। लेकिन स्थाई जगह नहीं दे रहे हैं। कम से कम एक डलिया की जगह दे दें, जिससे हम सब्जी बेचकर अपने बच्चे पाल सकें। मेरी 3 बेटियां हैं और मैं 8 माह की प्रेग्नेंट हूं। मेरी अगले महीने डिलेवरी होने वाली हैं। अब मैं ऐसे में कहा जाऊंगी। यह सब्जी है, जिससे मेरा परिवार पल रही है। सुबह आढ़तियों से उधार सब्जी लेकर आती हैं और पूरे दिन सब्जी बेचती हूं। अगले दिन पैसे देकर दोबारा सब्जी लाती हूं। बुलडोजर सारी सब्जी कुचल गया, अब मैं कल कहां से आढ़तियों को पैसे चुकाऊंगी। मेरा 12 हजार का नुकसान है। मैं सुबह 6 बजे घर से निकलती हूं। मंडी से सब्जी लाती हूं और दिनभर सब्जी बेचने के बाद रात को 10 बजे घर पहुंचती हूं। अगर ये सब नहीं करेंगे तो बच्चे भूखे मर जाएंगे। कभी 500 तो कभी 1000 रुपए की इनकम हो पाती है। पति मजदूरी करते हैं। खेतीबाड़ी नहीं हैं। इस हालत में (गर्भवती) कौन बैठ लेगा। मगर मजबूरी है, इसलिए बैठे हैं। अगर सब्जी नहीं बेचेंगे तो रात को भूखा सोना पड़ेगा। बच्चों को भी। हमारा इसी से कमाना धमाना है। पति मजदूरी करते हैं, शराब पीकर उड़ा देते हैं। यही मजबूरी है, इसलिए सब्जी बेचती पड़ रही है।” सब्जी बेचकर लेती हूं आटा-पानी, तब बनता है खाना बरुआसागर की विद्या देवी बताती हैं “हम लोग 20 साल से सब्जी बेच रहे हैं। तब ओवरब्रिज तक नहीं बना था। कल नगर निगम वाले आए और बुलडोजर चलाकर सब्जी को रौंद दिया। हमें सब्जी उठाने तक का समय नहीं दिया। हम लोग हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, पर वे नहीं माने। आलू, टमाचर, बैगन समेत 10 हजार की सब्जी का नाश कर दिया। हम लोग रो रहे थे तो कह रहे थे कि क्यों रो रहे हो, डंडे मारकर सही कर देंगे। यहां कोई सब्जी नहीं लगने देंगे। हमने उनसे कहा कि हम लोग कहां जाए। गरीब आदमी है। हमारे पास खेतीबाड़ी कुछ नहीं है। इसी से घर चलता है। रोजाना सुबह 4 बजे उठकर मंडी पहुंच जाते हैं और सब्जी खरीदकर रात 10 बजे तक बेचते हैं। यहां से आटा-पानी ले जाते हैं, तब घर पर खाना बनता है। सब्जी बेचकर ही अपने बच्चों को पाल रही हूं। लेकिन गरीबों को सताया जा रहा है।” 20 साल से बेच रही हूं सब्जी, ऐसी सितम नहीं देखा सावत्री देवी ने बताया कि “हमें 20 साल से ऊपर हो गए हैं सब्जी बेचते हुए। कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। कुछ दिनों से नगर निगम वाले बहुत परेशान कर रहे हैं। लेकिन ये नहीं जानते थे कि इस तरह से हम गरीबों की सब्जी को रौंदा जाएगा। 10-10 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। पैसे तक बुलडोजर के सूपा में भरकर ले गए। हम लोगों को न नोटिस दिया गया और न ही कोई अल्टीमेटम दिया गया। हमसे कहते तो हम खुद ही हटा लेते। हम लोग रोकते रहे, मगर 10 मिनट तक बुलडोजर चलता रहा। मेरी चार बेटी हैं और एक बेटा है। उनको कैसे पाले? ये सब्जी बेचकर ही बच्चों को पाल रही हूं। लेकिन ऐसा सितम कभी नहीं देखा।” सब्जी बेचती हूं, तब घर में खाना बनता हैं बरुआसागर की सोना देवी ने बताया कि “हम लोग गरीब आदमी है। सब्जी बेचकर ही बच्चों को पाल रही हूं। मेरी छोटी-छोटी 5 बेटियां हैं, उनको क्या खिलाएंगे। ये सब्जी बेचकर जो कमाती हूं, उससे घर चलता है। पति शराब पीते हैं, इसलिए हमें काम करना पड़ रहा है। ताकि बच्चों को पाल सकूं। शाम को सब्जी बेचकर आटा-पानी लेकर जाते हैं, तब खाना बनता है। मेरी 15 हजार की सब्जी को बुलडोजर से कुचलकर चटनी बना दी। गरीब आदमी क्या करें, कहां जाए? हम चाहते हैं कि हमारे नुकसान की भरपाई की जाए।” “मैं 8 माह की गर्भवती हूं। अगले माह मेरी डिलेवरी होनी है। इसके लिए मैं पैसे जोड़ रही थी। मगर नगर निगम का बुलडोजर आया और मेरी पूरी सब्जी को रौंद गया। मैं रोजाना आढ़ती से सब्जी उधार लेकर आती हूं। सब्जी बिकने के बाद अगले दिन पैसे देती हूं। अब कहां से पैसे चुकाऊंगी। गर्भवती होने के बावजूद सुबह 6 बजे घर से निकलती हूं और रात को 10 बजे घर पहुंचती हूं। अगर सब्जी न बेची तो बच्चे भूखे मर जाएंगे।” ये कहते-कहते राधिका कुशवाहा रोने लगती हैं। इनकी सड़क किनारे लगने वाली दुकान पर नगर निगम ने गुरुवार शाम को बुलडोजर चला दिया। पूरी सब्जी को रौंद डाला। सिर्फ राधिका ही नहीं, ऐसी कई गरीब परिवार की सब्जी को निगम के तानाशाह बुलडोजर ने रौंद डाला। वीडियो वायरल हुआ झांसी ही नहीं, पूरे यूपी में लोग नगर निगम को कोस रहे हैं। अब नगर आयुक्त कह रहे हैं कि उनको जानकारी ही नहीं थी। अतिक्रमण प्रभारी बृजेश वर्मा ने बिना बताए बुलडोजर चलाया है। हालांकि उन पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब पढ़ते हैं, महिलाओं का दर्द गर्भवती हूं, फिर भी 16 घंटे सब्जी बेचती हूं सीपरी बाजार के मसीहागंज की राधिका कुशवाहा ने बताया “नगर निगम हर माह 100 रुपए की रसीद काटता है। लेकिन स्थाई जगह नहीं दे रहे हैं। कम से कम एक डलिया की जगह दे दें, जिससे हम सब्जी बेचकर अपने बच्चे पाल सकें। मेरी 3 बेटियां हैं और मैं 8 माह की प्रेग्नेंट हूं। मेरी अगले महीने डिलेवरी होने वाली हैं। अब मैं ऐसे में कहा जाऊंगी। यह सब्जी है, जिससे मेरा परिवार पल रही है। सुबह आढ़तियों से उधार सब्जी लेकर आती हैं और पूरे दिन सब्जी बेचती हूं। अगले दिन पैसे देकर दोबारा सब्जी लाती हूं। बुलडोजर सारी सब्जी कुचल गया, अब मैं कल कहां से आढ़तियों को पैसे चुकाऊंगी। मेरा 12 हजार का नुकसान है। मैं सुबह 6 बजे घर से निकलती हूं। मंडी से सब्जी लाती हूं और दिनभर सब्जी बेचने के बाद रात को 10 बजे घर पहुंचती हूं। अगर ये सब नहीं करेंगे तो बच्चे भूखे मर जाएंगे। कभी 500 तो कभी 1000 रुपए की इनकम हो पाती है। पति मजदूरी करते हैं। खेतीबाड़ी नहीं हैं। इस हालत में (गर्भवती) कौन बैठ लेगा। मगर मजबूरी है, इसलिए बैठे हैं। अगर सब्जी नहीं बेचेंगे तो रात को भूखा सोना पड़ेगा। बच्चों को भी। हमारा इसी से कमाना धमाना है। पति मजदूरी करते हैं, शराब पीकर उड़ा देते हैं। यही मजबूरी है, इसलिए सब्जी बेचती पड़ रही है।” सब्जी बेचकर लेती हूं आटा-पानी, तब बनता है खाना बरुआसागर की विद्या देवी बताती हैं “हम लोग 20 साल से सब्जी बेच रहे हैं। तब ओवरब्रिज तक नहीं बना था। कल नगर निगम वाले आए और बुलडोजर चलाकर सब्जी को रौंद दिया। हमें सब्जी उठाने तक का समय नहीं दिया। हम लोग हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे, पर वे नहीं माने। आलू, टमाचर, बैगन समेत 10 हजार की सब्जी का नाश कर दिया। हम लोग रो रहे थे तो कह रहे थे कि क्यों रो रहे हो, डंडे मारकर सही कर देंगे। यहां कोई सब्जी नहीं लगने देंगे। हमने उनसे कहा कि हम लोग कहां जाए। गरीब आदमी है। हमारे पास खेतीबाड़ी कुछ नहीं है। इसी से घर चलता है। रोजाना सुबह 4 बजे उठकर मंडी पहुंच जाते हैं और सब्जी खरीदकर रात 10 बजे तक बेचते हैं। यहां से आटा-पानी ले जाते हैं, तब घर पर खाना बनता है। सब्जी बेचकर ही अपने बच्चों को पाल रही हूं। लेकिन गरीबों को सताया जा रहा है।” 20 साल से बेच रही हूं सब्जी, ऐसी सितम नहीं देखा सावत्री देवी ने बताया कि “हमें 20 साल से ऊपर हो गए हैं सब्जी बेचते हुए। कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। कुछ दिनों से नगर निगम वाले बहुत परेशान कर रहे हैं। लेकिन ये नहीं जानते थे कि इस तरह से हम गरीबों की सब्जी को रौंदा जाएगा। 10-10 हजार रुपए का नुकसान हुआ है। पैसे तक बुलडोजर के सूपा में भरकर ले गए। हम लोगों को न नोटिस दिया गया और न ही कोई अल्टीमेटम दिया गया। हमसे कहते तो हम खुद ही हटा लेते। हम लोग रोकते रहे, मगर 10 मिनट तक बुलडोजर चलता रहा। मेरी चार बेटी हैं और एक बेटा है। उनको कैसे पाले? ये सब्जी बेचकर ही बच्चों को पाल रही हूं। लेकिन ऐसा सितम कभी नहीं देखा।” सब्जी बेचती हूं, तब घर में खाना बनता हैं बरुआसागर की सोना देवी ने बताया कि “हम लोग गरीब आदमी है। सब्जी बेचकर ही बच्चों को पाल रही हूं। मेरी छोटी-छोटी 5 बेटियां हैं, उनको क्या खिलाएंगे। ये सब्जी बेचकर जो कमाती हूं, उससे घर चलता है। पति शराब पीते हैं, इसलिए हमें काम करना पड़ रहा है। ताकि बच्चों को पाल सकूं। शाम को सब्जी बेचकर आटा-पानी लेकर जाते हैं, तब खाना बनता है। मेरी 15 हजार की सब्जी को बुलडोजर से कुचलकर चटनी बना दी। गरीब आदमी क्या करें, कहां जाए? हम चाहते हैं कि हमारे नुकसान की भरपाई की जाए।” उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Exclusive: क्या सुप्रिया सुले बन सकती हैं महाराष्ट्र की CM? आदित्य ठाकरे ने दिया ये जवाब
Exclusive: क्या सुप्रिया सुले बन सकती हैं महाराष्ट्र की CM? आदित्य ठाकरे ने दिया ये जवाब <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> एबीपी न्यूज़ के शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम में शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे से सुप्रिया सुले के मुख्यमंत्री बनने को लेकर सवाल किया गया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका फैसला तो जनता करेगी. उन्होंने कहा कि जो महाराष्ट्र के हित की बात करेगा या करेगी, वो मुख्यमंत्री बन सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>आदित्य़ ठाकरे ने कहा, ”हम जेंडर समानता में भरोसा रखते हैं.” बता दें कि इससे पहले एबीपी न्यूज़ के शिखर सम्मेलन में पहुंचे शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटील ने कहा कि सुप्रिया सुले महाराष्ट्र की सीएम बन सकती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम के लिए सबसे भरोसेमंद चेहरा उद्धव ठाकरे हैं- आदित्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> में महाविकास अघाड़ी में सीएम चेहरे पर आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, ”हमारे सारे सर्वे में यही बात आ रही है मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे सबसे भरोसेमंद चेहरा उद्धव ठाकरे ही हैं. आपने देखा होगा कि हमारी सरकार में किसानों, महिलाओं, छात्रों, डॉक्टर्स, आशा वर्कर्स के साथ ही उद्योगपतियों का भी विश्वास उन पर था. वो जानते थे कि ये आदमी हमें फंसाएगा नहीं, लूटेगा नहीं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वर्ली सीट को लेकर क्या बोले आदित्य ठाकरे?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र की वर्ली सीट पर विरोधी पार्टी के उम्मीदवार के सवाल पर उन्होंने कहा, ”मिलिंद देवड़ा या कोई भी आए, जो भी जनता तय करेगी वह होगा. अभी 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान पर हैं.” बता दें आदित्य ठाकरे वर्ली सीट से मैदान में हैं. यहां से महायुति की तरफ से मिलिंद देवड़ा मैदान में है. देवड़ा अभी राज्यसभा के सांसद हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हमारे सारे प्रोजेक्ट्स गुजरात को दिए जा रहे- आदित्य ठाकरे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एबीपी के शिखर सम्मेलन में उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, ”जो महाराष्ट्र में हुआ वो कहीं नहीं हुआ. हमारे सारे प्रोजेक्ट्स गुजरात को दिए जा रहे हैं और हमारी सरकार सिर्फ टाटा कहती है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हम जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं- आदित्य ठाकरे</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के पास क्या कोई खाका है कि हम नौकरी देंगे तो कैसे देंगे? क्या कोई रोड मैप होगा? इस सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, ”हां बिल्कुल रोडमैप होगा. मैनिफेस्टो आने दीजिए. हम बीजेपी नहीं हैं. हम जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं. हम वही कहते हैं, जो कर सकते हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
हीट वेव से निपटने के लिए मेरठ जिला अस्पताल कितना तैयार? स्वास्थ्य निदेशक ने लिया जायजा
हीट वेव से निपटने के लिए मेरठ जिला अस्पताल कितना तैयार? स्वास्थ्य निदेशक ने लिया जायजा <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerut Medical College News:</strong> हीट वेव को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. तमाम सरकारी अस्पतालों में हीट वेव को लेकर कोल्ड रूम बनाने और हीट वेव के मरीजों को बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए गए हैं. मेरठ का जिला अस्पताल हीट वेव को लेकर कितना तैयार है और कितनी दुरुस्त है इसी का जायजा लेने लखनऊ से स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी मेरठ पहुंचे और जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हीट वेव के मरीजों के लिए जिला अस्पताल में 10 बैड का कोल्ड रूम बनाया गया. आइसोलेशन वार्ड में बने इस कोल्ड रूम का स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी.एस कल्याणी ने औचक निरीक्षण किया. बैड, मशीनें, दवाइयां, स्टाफ, कूलर और पंखों की व्यवस्थाएं देखी. जिला अस्पताल के एमएस डॉ कौशलेंद्र और डॉ अशोक कटारिया ने तमाम जानकारियां दी. पांच पांच बैंड के दो वार्ड बनाए गए हैं और वहां स्टाफ भी तैनात कर दिया गया है. उन्होंने दोनों का वार्ड का निरीक्षण किया और जरा भी कोताही न बरतने के निर्देश दिए. <br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/05/30/4e84a154043cf3fe335bd7bac638f43e1717090092235664_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हीट वेव से बीमार दो मरीज आस्पताल पहुंचे </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लखनऊ से आए स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी जिस वक्त कोल्ड रूम के बारे में जानकारी ले रहे थे तभी जिला अस्पताल के डॉ अशोक कटारिया ने उन्हें बताया कि हीट वेव के दो मरीज अब तक जिला अस्पताल में आए थे. दोनों को बेहतर इलाज दिया गया और उसके बाद स्वास्थ्य ठीक होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई. स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी ने निर्देश दिए कि व्यवस्थाएं दुरुस्त रखें और मरीजों के इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ओपीडी और ब्लड बैंक का भी निरीक्षण किया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भीषण गर्मी में जिला अस्पताल में और क्या क्या व्यवस्थाएं हैं और कहीं कोई कमी तो नहीं है, इसका भी स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी ने जायजा लिया. वो ओपीडी में गए और वहां मरीजों से हालचाल जाना और ये भी पूछा कि डॉक्टर्स बाहर से तो दवाई नहीं लिख रहे हैं. इसी के साथ ही पूरी ओपीडी का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी. इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल के ब्लड बैंक का भी निरीक्षण किया और इमरजेंसी में भी मरीजों का हाल चाल जाना. उनके औचक निरीक्षण से जिला अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल रहा कि कहीं कोई कमी हाथ न लग जाए और बात लखनऊ तक पहुंच जाए. उनके जाने के बाद डॉक्टर और स्टाफ में राहत की सांस ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हीट वेव पर सरकार गंभीर </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य निदेशक डॉ बी.पी. एस कल्याणी ने बताया कि हीट वेव को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरीके से अलर्ट है. आज कोर्ट एविडेंस में आया था और जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण भी किया. कोई खास कमी नहीं मिली, लेकिन निर्देश दिए गए हैं कि ओआरएस प्वाइंट बनाया जाए और मरीजों को इसका वितरण किया जाए. उन्होंने लोगों से अपील की है कि गर्मी ज्यादा है बेवजह धूप में निकलने से बचे और पानी ज्यादा पिएं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”भीषण गर्मी में वाहन चालकों को मिलेगी राहत, शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल पर की ये खास व्यवस्था” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-weather-news-lucknow-traffic-signals-will-remain-yellow-from-1-pm-to-4-pm-due-to-extreme-heat-ann-2702662″ target=”_self”>भीषण गर्मी में वाहन चालकों को मिलेगी राहत, शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल पर की ये खास व्यवस्था</a></strong></p>
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस होंगे तरलोक चौहान:केंद्र ने जारी की अधिसूचना; मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर की रिटायरमेंट के बाद संभालेंगे कार्यभार हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश होंगे। 19 अक्टूबर से न्यायाधीश तरलोक चौहान का हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल शुरू होगा। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने इसे लेकर बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। बीते 25 सितंबर को ही चीफ जस्टिस बने राजीव शकधर 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इसे देखते हुए तरलोक चौहान को यह जिम्मा सौंपा गया है। पूर्व में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना के रिटायर होने पर भी जस्टिस तरलोक चौहान यह जिम्मा संभाल चुके हैं। शिमला के BCS स्कूल से की पढ़ाई हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक चौहान 9 जनवरी 1964 को रोहडू में जन्मे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इस दौरान वे स्कूल के कैप्टन भी रहे। DAV कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून के सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। कई पदों पर रहे, कोर्ट मित्र भी बनाए गए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने। हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 2014 में हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को वे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल / बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वासन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी 2020 से 23 फरवरी 2020 तक “न्यायपालिका और बदलती दुनिया” विषय पर सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वे 3 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई 2019 तक रोमानिया में “बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार” पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वे हाईकोर्ट के पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे तरलोक चौहान 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाईकोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण काे भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है।