‘लड़कियों से करते छेड़छाड़…विरोध पर घर में आग लगाई’:लखनऊ एनकाउंटर में पकड़े गए, फिर भी परिवार डरा हुआ; रिटायर्ड फौजी की आपबीती

‘लड़कियों से करते छेड़छाड़…विरोध पर घर में आग लगाई’:लखनऊ एनकाउंटर में पकड़े गए, फिर भी परिवार डरा हुआ; रिटायर्ड फौजी की आपबीती

‘बदमाश महिलाओं और लड़कियों से लगातार बदतमीजी कर रहे थे। मैंने बदमाशों को रोका और पुलिस में शिकायत की बात कही। बदमाशों ने मुझ पर पिस्टल तान दी। मैं मिलिट्री का आदमी हूं, जैसे-तैसे खुद को बचा लिया, लेकिन उन्होंने पिस्टल के बट से मेरे सिर पर वार किया, जिससे मैं लहूलुहान हो गया।’ ये शब्द सेना से रिटायर्ड सूबेदार मनोज कुमार मिश्रा के हैं। मनोज कुमार मिश्रा का घर बीते दिनों दहशत और खौफ का गवाह बना। बदमाशों ने 15 और 16 दिसंबर की रात को जानलेवा हमला किया। घर में आग लगाकर पूरे परिवार को मारने की कोशिश की। वजह सिर्फ इतनी थी कि मनोज ने बदमाशों की हरकतों का विरोध किया था। पुलिस से शिकायत की थी। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए रिटायर्ड सूबेदार मनोज कुमार मिश्रा ने पूरी आपबीती बताई… लखनऊ एनकाउंटर में पकड़े गए हैं आरोपी
लखनऊ पुलिस की गुरुवार तड़के 2 बजे कृष्णा नगर इलाके में बदमाशों में मुठभेड़ हुई। इसमें एक के पैर में गोली लगी, जबकि दूसरे को गिरफ्तार कर लिया। घायल शमीम पर लूट, नकबजनी और बलात्कार के 24 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, आकाश गौतम पर 12 से अधिक केस दर्ज हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों बदमाशों ने 15 दिसंबर को कृष्णा नगर क्षेत्र में रिटायर्ड फौजी और विधानसभा में सिक्योरिटी गार्ड मनोज कुमार मिश्रा के घर पर फायरिंग की थी। पेट्रोल बम भी फेंका था। इसके बाद से पुलिस दोनों की तलाश कर रही थी। कृष्णानगर एनकाउंटर की तीन तस्वीरें… अब पढ़िए रिटायर्ड फौजी की आपबीती… शमीम को रात में टोका तो खुद को बताया पंडित
मनोज ने कहा- शमीम और आकाश अक्सर रात में ही निकलते थे। दिनभर घर पर रहते थे। उनके पास एक स्कूटी, एक बुलेट और एक इंडिगो कार है। शमीम ने घर के बगल में रहने वाली लड़की का पीछा किया, तो मैंने उसको टोका। मुझसे बोला- अंकल गलती हो गई अगली बार से नहीं करेंगे। नाम पूछने पर बताया कि मैं भी पंडित हूं। विश्वास करते हुए उसे 2 से 3 बार पंडित कहकर ही पुकारा। उसने कभी अपना असली नाम नहीं बताया। वहीं, उसके साथ रहने वाले आकाश में खुद को यादव बताया था, लेकिन वह आकाश गौतम निकला। फौजी था, इसलिए जान बच गई
मनोज ने बताया कि दोनों अक्सर महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़ करते थे। मैं हमेशा इनका विरोध करता। 15 दिसंबर की रात 8 बजे शराब के नशे में पंडित (शमीम) मेरे घर आया और हंगामा करने लगा। इस पर मैंने कहा कि अब तुम्हारी लिखित शिकायत पुलिस से करुंगा। इतना सुनते ही खुद को पंडित बताने वाले बदमाश ने तमंचा निकालकर मेरे कनपटी पर लगा दिया। वह जैसे ही ट्रिगर दबाने वाला था, मैंने उसके हाथ पर मार दिया, जिससे फायर मिस हो गया। इसी बीच उसका साथी आकाश भी आ गया। उसके हाथ में भी पिस्टल थी। मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया। 5 राउंड हवा में फायर किए। इसके बाद बदमाश ने मेरे सिर पर तमंचे के बट से मार दिया। मैं लहूलुहान हो गया। शोर सुनकर मोहल्ले में रहने वाले लोग आ गए। भीड़ देखकर दोनों भाग गए। रात में आग लगाकर परिवार को मारने की कोशिश
मैंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस आई और जांच पड़ताल की गई। सुबह लिखित शिकायत देने की बात कहकर पुलिस चली गई। देर रात करीब 2 बजे फिर से दोनों बदमाश वापस आए। घर पर बम फेंक दिया और केमिकल डालकर मुझे और परिवार को जिंदा जलाने के लिए आग लगा दी। इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पड़ोसियों की मदद से हमने आग बुझाई। पुलिस को सूचना दी तो मौके पर फोर्स पहुंची। घर के बाहर तीन पेट्रोल की बोतलें और केमिकल की शीशी मिली। तब से पुलिस दोनों को तलाश कर रही थी। पुलिस को गुमराह करता रहा मकान मालिक
मनोज मिश्रा ने बताया कि पड़ोसी और मकान मालिक ने बदमाशों को अपने घर में पनाह दी थी। बदमाशों ने नकली पहचान पत्र बनवाकर खुद को ब्राह्मण और यादव बताया। उनके पास तीन गाड़ियां थीं, लेकिन मकान मालिक ने उनकी असली पहचान छिपाई और पुलिस को गुमराह किया। अगर सही जानकारी दी जाती, तो ये लोग पहले ही पकड़े जाते। बच्चे और महिलाएं डर के साए में
मनोज ने कहा कि घटना के बाद से उनका परिवार डरा हुआ है। महिलाएं यहां रहने को तैयार नहीं हैं। बच्चे मानसिक तौर पर परेशान हैं। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि सुरक्षा दी जाएगी, लेकिन यह डर अभी भी खत्म नहीं हुआ है। आर्मी से हूं इसलिए मुझे हिम्मत है। परिवार को समझाया कि पुलिस कार्रवाई करेगी। मुझे भरोसा है योगी जी की सरकार में बदमाशों के खिलाफ इस तरीके से कार्रवाई हो रही है। हम लोग सुरक्षित रहेंगे। पुलिस ने कड़ी कार्रवाई का दिया था आश्वासन
घटना के बाद मौके पर इंस्पेक्टर समेत पुलिस अधिकारी भी पहुंचे और पूरे मामले की जांच करते हुए कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। हमारे क्षेत्र के चौकी इंचार्ज हरिश्चंद्र ने बार-बार मुझसे कहा कि कुछ समय दीजिए मैं पूरी घटना को सही खोलूंगा। जो भी आरोपी हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मनोज मिश्रा का कहना है कि मुझे पुलिस की कार्रवाई पर पूरा भरोसा और विश्वास है। मेरे पड़ोस में जो रहने वाले हैं, उनके द्वारा जिस तरीके से अपराधी लोगों को अपने घर में रखा गया। उनका बचाव किया गया, यह बहुत ही गलत है। ………………………. इस खबर को भी पढ़ें… मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन:दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली; राहुल, खड़गे कर्नाटक से दिल्ली रवाना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात निधन हो गया। उन्हें बेहोश होने के बाद शाम 8:06 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पढ़ें पूरी खबर… ‘बदमाश महिलाओं और लड़कियों से लगातार बदतमीजी कर रहे थे। मैंने बदमाशों को रोका और पुलिस में शिकायत की बात कही। बदमाशों ने मुझ पर पिस्टल तान दी। मैं मिलिट्री का आदमी हूं, जैसे-तैसे खुद को बचा लिया, लेकिन उन्होंने पिस्टल के बट से मेरे सिर पर वार किया, जिससे मैं लहूलुहान हो गया।’ ये शब्द सेना से रिटायर्ड सूबेदार मनोज कुमार मिश्रा के हैं। मनोज कुमार मिश्रा का घर बीते दिनों दहशत और खौफ का गवाह बना। बदमाशों ने 15 और 16 दिसंबर की रात को जानलेवा हमला किया। घर में आग लगाकर पूरे परिवार को मारने की कोशिश की। वजह सिर्फ इतनी थी कि मनोज ने बदमाशों की हरकतों का विरोध किया था। पुलिस से शिकायत की थी। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए रिटायर्ड सूबेदार मनोज कुमार मिश्रा ने पूरी आपबीती बताई… लखनऊ एनकाउंटर में पकड़े गए हैं आरोपी
लखनऊ पुलिस की गुरुवार तड़के 2 बजे कृष्णा नगर इलाके में बदमाशों में मुठभेड़ हुई। इसमें एक के पैर में गोली लगी, जबकि दूसरे को गिरफ्तार कर लिया। घायल शमीम पर लूट, नकबजनी और बलात्कार के 24 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, आकाश गौतम पर 12 से अधिक केस दर्ज हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों बदमाशों ने 15 दिसंबर को कृष्णा नगर क्षेत्र में रिटायर्ड फौजी और विधानसभा में सिक्योरिटी गार्ड मनोज कुमार मिश्रा के घर पर फायरिंग की थी। पेट्रोल बम भी फेंका था। इसके बाद से पुलिस दोनों की तलाश कर रही थी। कृष्णानगर एनकाउंटर की तीन तस्वीरें… अब पढ़िए रिटायर्ड फौजी की आपबीती… शमीम को रात में टोका तो खुद को बताया पंडित
मनोज ने कहा- शमीम और आकाश अक्सर रात में ही निकलते थे। दिनभर घर पर रहते थे। उनके पास एक स्कूटी, एक बुलेट और एक इंडिगो कार है। शमीम ने घर के बगल में रहने वाली लड़की का पीछा किया, तो मैंने उसको टोका। मुझसे बोला- अंकल गलती हो गई अगली बार से नहीं करेंगे। नाम पूछने पर बताया कि मैं भी पंडित हूं। विश्वास करते हुए उसे 2 से 3 बार पंडित कहकर ही पुकारा। उसने कभी अपना असली नाम नहीं बताया। वहीं, उसके साथ रहने वाले आकाश में खुद को यादव बताया था, लेकिन वह आकाश गौतम निकला। फौजी था, इसलिए जान बच गई
मनोज ने बताया कि दोनों अक्सर महिलाओं और लड़कियों से छेड़छाड़ करते थे। मैं हमेशा इनका विरोध करता। 15 दिसंबर की रात 8 बजे शराब के नशे में पंडित (शमीम) मेरे घर आया और हंगामा करने लगा। इस पर मैंने कहा कि अब तुम्हारी लिखित शिकायत पुलिस से करुंगा। इतना सुनते ही खुद को पंडित बताने वाले बदमाश ने तमंचा निकालकर मेरे कनपटी पर लगा दिया। वह जैसे ही ट्रिगर दबाने वाला था, मैंने उसके हाथ पर मार दिया, जिससे फायर मिस हो गया। इसी बीच उसका साथी आकाश भी आ गया। उसके हाथ में भी पिस्टल थी। मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया। 5 राउंड हवा में फायर किए। इसके बाद बदमाश ने मेरे सिर पर तमंचे के बट से मार दिया। मैं लहूलुहान हो गया। शोर सुनकर मोहल्ले में रहने वाले लोग आ गए। भीड़ देखकर दोनों भाग गए। रात में आग लगाकर परिवार को मारने की कोशिश
मैंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस आई और जांच पड़ताल की गई। सुबह लिखित शिकायत देने की बात कहकर पुलिस चली गई। देर रात करीब 2 बजे फिर से दोनों बदमाश वापस आए। घर पर बम फेंक दिया और केमिकल डालकर मुझे और परिवार को जिंदा जलाने के लिए आग लगा दी। इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पड़ोसियों की मदद से हमने आग बुझाई। पुलिस को सूचना दी तो मौके पर फोर्स पहुंची। घर के बाहर तीन पेट्रोल की बोतलें और केमिकल की शीशी मिली। तब से पुलिस दोनों को तलाश कर रही थी। पुलिस को गुमराह करता रहा मकान मालिक
मनोज मिश्रा ने बताया कि पड़ोसी और मकान मालिक ने बदमाशों को अपने घर में पनाह दी थी। बदमाशों ने नकली पहचान पत्र बनवाकर खुद को ब्राह्मण और यादव बताया। उनके पास तीन गाड़ियां थीं, लेकिन मकान मालिक ने उनकी असली पहचान छिपाई और पुलिस को गुमराह किया। अगर सही जानकारी दी जाती, तो ये लोग पहले ही पकड़े जाते। बच्चे और महिलाएं डर के साए में
मनोज ने कहा कि घटना के बाद से उनका परिवार डरा हुआ है। महिलाएं यहां रहने को तैयार नहीं हैं। बच्चे मानसिक तौर पर परेशान हैं। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि सुरक्षा दी जाएगी, लेकिन यह डर अभी भी खत्म नहीं हुआ है। आर्मी से हूं इसलिए मुझे हिम्मत है। परिवार को समझाया कि पुलिस कार्रवाई करेगी। मुझे भरोसा है योगी जी की सरकार में बदमाशों के खिलाफ इस तरीके से कार्रवाई हो रही है। हम लोग सुरक्षित रहेंगे। पुलिस ने कड़ी कार्रवाई का दिया था आश्वासन
घटना के बाद मौके पर इंस्पेक्टर समेत पुलिस अधिकारी भी पहुंचे और पूरे मामले की जांच करते हुए कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। हमारे क्षेत्र के चौकी इंचार्ज हरिश्चंद्र ने बार-बार मुझसे कहा कि कुछ समय दीजिए मैं पूरी घटना को सही खोलूंगा। जो भी आरोपी हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। मनोज मिश्रा का कहना है कि मुझे पुलिस की कार्रवाई पर पूरा भरोसा और विश्वास है। मेरे पड़ोस में जो रहने वाले हैं, उनके द्वारा जिस तरीके से अपराधी लोगों को अपने घर में रखा गया। उनका बचाव किया गया, यह बहुत ही गलत है। ………………………. इस खबर को भी पढ़ें… मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन:दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली; राहुल, खड़गे कर्नाटक से दिल्ली रवाना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात निधन हो गया। उन्हें बेहोश होने के बाद शाम 8:06 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर