झांसी और बुंदेलखंड के लिए भारत की पाकिस्तानी आतंकियों पर विजय दोहरी खुशी लेकर आई है। बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग करने वाली कर्नल सोफिया मिलिट्री ऑपरेशन की जानकारी देने मीडिया के सामने आईं। तब झांसी के भट्टा गांव के लोगों की छाती गर्व से फूल गई। कर्नल सोफिया कुरैशी की पढ़ाई झांसी के कैंट स्थित भट्टा गांव के प्राथमिक स्कूल में हुई है। वह झांसी में अपने ताऊ के घर रहती थीं। इतना ही नहीं उन्होंने दुश्मन को उसके अंजाम तक पहुंचाने का हुनर भी झांसी में बतौर मेजर रहकर सीखा है। भट्टागांव में रहने वाले कर्नल सोफिया के परिजन कहते हैं कि आज उनके लिए गर्व करने का दिन है। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने मंगलवार आधी रात पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह किया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। सुबह साढ़े 10 बजे व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफ में भारत के पाकिस्तान पर किए मिलिट्री ऑपरेशन की जानकारी दी। आइए जानते हैं सोफिया के चचेरे भाई ने उनके बारे में क्या बताया… ताऊ BSF से रिटायर्ड होकर झांसी में ही रहे सोफिया के ताऊ इस्माइल कुरैशी बीएसएफ से रिटायर्ड होने के बाद भट्टागांव में रहने लगे। दो साल पहले उनकी मौत हो चुकी। सोफिया के चचेरे भाई और मैकेनिकल इंजीनियर मोहम्मद रिजवान ने बताया कि सोफिया की शुरूआती पढ़ाई यहीं झांसी कैंट एरिया के भट्टा गांव स्थित प्राथमिक स्कूल में हुई। उन्होंने यहां पांचवीं तक की पढ़ाई की है। वह हमेशा से पढ़ाई में काफी तेज थीं। सेना में जाने के लिए टीचिंग छोड़ी उन्होंने बताया कि शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के माध्यम से भारतीय सेना में चयन से पहले वह पीएचडी करने के साथ टीचिंग भी कर रहीं थी। सेना में जाने के लिए जिसे उन्होंने छोड़ दिया। रिजवान कहते हैं कि लेफ्टिनेंट बनने के बाद पदोन्नति मिलने पर कैप्टन हुईं और झांसी में तैनात रहीं। यहीं झांसी में ही उनका मेजर पद पर प्रमोशन हुआ। यहां से उन्हें गांधीनगर गुजरात में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर तैनाती मिली। गुजरात में तैनाती के दौरान ही उन्हें कर्नल रैंक पर प्रमोशन मिला। बहन बोली पूरे परिवार के बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं सोफिया सोफिया की चचेरी बहन शबाना कुरैशी का कहना है कि परिवार के सभी बच्चों के लिए सोफिया रोल मॉडल हैं। सभी उनकी तरह बनना चाहते हैं। उनको देखकर ही उनके भाई इकबाल बीएसएफ में भर्ती हुए। पूरे परिवार के लिए आज खुशी का मौका है। सोफिया की भाभी ने भी इसे गर्व का पल बताया। परिवार के लोगों को आस-पड़ोस के लोगों ने पहुंचकर बधाई दी। छतरपुर के नौगांव में जन्मी कर्नल सोफिया कुरैशी के चाचा वली मोहम्मद अभी भी नौगांव में रहते हैं। शौर्य की इबारत पहले भी लिख चुकी हैं सोफिया ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वालीं कर्नल सोफिया के चचेरे भाई रिजवान ने बताया कि बहन सोफिया कुरैशी देश सेवा में कई इतिहास बना चुकी हैं। बोले हमारे खानदान में कई लोग सेना में रहे हैं। यही वजह है कि कर्नल सोफिया के खून में देशसेवा और सेना में जाने का जज्बा रहा। उन्होंने सेना में रहते हुए कई उपलब्धि हासिल की हैं। सबसे बड़े विदेशी सैन्य अभ्यास में कमान संभाली रिजवान कहते हैं कि मार्च 2016 में जब वह लेफ्टिनेंट कर्नल थीं तो उन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया था और ऐसा करने वाली वह पहली महिला अफसर थीं। यह अभ्यास आज तक भारत की ओर से किया गया सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास है। जिसमें किसी महिला ने नेतृत्व किया हो। 18 देशों ने लिया था सैन्य अभ्यास में भाग 2 मार्च से 8 मार्च तक पुणे में आयोजित इस युद्ध अभ्यास में 18 देशों ने भाग लिया था, जिसमें आसियान के सदस्य देशों के साथ-साथ जापान, चीन, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी वैश्विक शक्तियां शामिल थीं। सभी प्रतिनिधिमंडलों में सोफिया कुरैशी एकमात्र महिला अफसर थीं जो किसी टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थीं। यह उनकी नेतृत्व क्षमता, समर्पण और उत्कृष्टता का शानदार प्रमाण है। सोफिया कुरैशी 40 सदस्यों वाली भारतीय टुकड़ी की कमांडिंग ऑफिसर थीं। उन्होंने Peacekeeping Operations (PKOs) और Humanitarian Mine Action (HMA) पर केंद्रित अहम प्रशिक्षण सत्रों का नेतृत्व किया। सोफिया कुरैशी ने 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी थी और 2010 से (PKOs) से जुड़ी हुई हैं। कर्नल कुरैशी सिग्नल कोर में सर्विस देती हैं, जो आर्मी कम्युनिकेशन में एक्सपर्टाइज रखती हैं। उनके कामों में शामिल है… 1. कांगो ऑपरेशन : साल 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में महिलाओं और बच्चों को हिंसा से बचाने को लेकर एक सैन्य टीचर के तौर पर काम किया है। 2. ऑपरेशन पराक्रम : 2001-2002 में पंजाब सीमा पर तैनात होने पर उन्हें उनकी समर्पित सेवा के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 3. पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियान : आपदा राहत के दौरान कम्युनिकेशन के जरिए उनके असाधारण काम के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ से प्रशस्ति पत्र मिला। ——— यह खबर भी पढ़िए ऑपरेशन सिंदूर-24 मिनट में 9 आतंकी ठिकाने तबाह:यहीं कसाब-हेडली ने ट्रेनिंग ली; कर्नल सोफिया, विंग कमांडर व्योमिका और विदेश सचिव का पूरा बयान पढ़ें प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भारत के सैन्य ऑपरेशन की जानकारी दी। पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के करीब 9 घंटे बाद सरकार, सेना और एयरफोर्स के अफसरों ने घटना की जानकारी दी। बुधवार सुबह 10:30 बजे मीडिया ब्रीफिंग से पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें बताया गया कि मंगलवार रात 1:04 बजे से 1:28 बजे के बीच 24 मिनट में 9 टारगेट तबाह किए गए। देश के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे। पूरी खबर पढ़िए झांसी और बुंदेलखंड के लिए भारत की पाकिस्तानी आतंकियों पर विजय दोहरी खुशी लेकर आई है। बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग करने वाली कर्नल सोफिया मिलिट्री ऑपरेशन की जानकारी देने मीडिया के सामने आईं। तब झांसी के भट्टा गांव के लोगों की छाती गर्व से फूल गई। कर्नल सोफिया कुरैशी की पढ़ाई झांसी के कैंट स्थित भट्टा गांव के प्राथमिक स्कूल में हुई है। वह झांसी में अपने ताऊ के घर रहती थीं। इतना ही नहीं उन्होंने दुश्मन को उसके अंजाम तक पहुंचाने का हुनर भी झांसी में बतौर मेजर रहकर सीखा है। भट्टागांव में रहने वाले कर्नल सोफिया के परिजन कहते हैं कि आज उनके लिए गर्व करने का दिन है। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने मंगलवार आधी रात पाकिस्तान में आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह किया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। सुबह साढ़े 10 बजे व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस ब्रीफ में भारत के पाकिस्तान पर किए मिलिट्री ऑपरेशन की जानकारी दी। आइए जानते हैं सोफिया के चचेरे भाई ने उनके बारे में क्या बताया… ताऊ BSF से रिटायर्ड होकर झांसी में ही रहे सोफिया के ताऊ इस्माइल कुरैशी बीएसएफ से रिटायर्ड होने के बाद भट्टागांव में रहने लगे। दो साल पहले उनकी मौत हो चुकी। सोफिया के चचेरे भाई और मैकेनिकल इंजीनियर मोहम्मद रिजवान ने बताया कि सोफिया की शुरूआती पढ़ाई यहीं झांसी कैंट एरिया के भट्टा गांव स्थित प्राथमिक स्कूल में हुई। उन्होंने यहां पांचवीं तक की पढ़ाई की है। वह हमेशा से पढ़ाई में काफी तेज थीं। सेना में जाने के लिए टीचिंग छोड़ी उन्होंने बताया कि शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के माध्यम से भारतीय सेना में चयन से पहले वह पीएचडी करने के साथ टीचिंग भी कर रहीं थी। सेना में जाने के लिए जिसे उन्होंने छोड़ दिया। रिजवान कहते हैं कि लेफ्टिनेंट बनने के बाद पदोन्नति मिलने पर कैप्टन हुईं और झांसी में तैनात रहीं। यहीं झांसी में ही उनका मेजर पद पर प्रमोशन हुआ। यहां से उन्हें गांधीनगर गुजरात में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर तैनाती मिली। गुजरात में तैनाती के दौरान ही उन्हें कर्नल रैंक पर प्रमोशन मिला। बहन बोली पूरे परिवार के बच्चों के लिए रोल मॉडल हैं सोफिया सोफिया की चचेरी बहन शबाना कुरैशी का कहना है कि परिवार के सभी बच्चों के लिए सोफिया रोल मॉडल हैं। सभी उनकी तरह बनना चाहते हैं। उनको देखकर ही उनके भाई इकबाल बीएसएफ में भर्ती हुए। पूरे परिवार के लिए आज खुशी का मौका है। सोफिया की भाभी ने भी इसे गर्व का पल बताया। परिवार के लोगों को आस-पड़ोस के लोगों ने पहुंचकर बधाई दी। छतरपुर के नौगांव में जन्मी कर्नल सोफिया कुरैशी के चाचा वली मोहम्मद अभी भी नौगांव में रहते हैं। शौर्य की इबारत पहले भी लिख चुकी हैं सोफिया ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तानी आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वालीं कर्नल सोफिया के चचेरे भाई रिजवान ने बताया कि बहन सोफिया कुरैशी देश सेवा में कई इतिहास बना चुकी हैं। बोले हमारे खानदान में कई लोग सेना में रहे हैं। यही वजह है कि कर्नल सोफिया के खून में देशसेवा और सेना में जाने का जज्बा रहा। उन्होंने सेना में रहते हुए कई उपलब्धि हासिल की हैं। सबसे बड़े विदेशी सैन्य अभ्यास में कमान संभाली रिजवान कहते हैं कि मार्च 2016 में जब वह लेफ्टिनेंट कर्नल थीं तो उन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया था और ऐसा करने वाली वह पहली महिला अफसर थीं। यह अभ्यास आज तक भारत की ओर से किया गया सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास है। जिसमें किसी महिला ने नेतृत्व किया हो। 18 देशों ने लिया था सैन्य अभ्यास में भाग 2 मार्च से 8 मार्च तक पुणे में आयोजित इस युद्ध अभ्यास में 18 देशों ने भाग लिया था, जिसमें आसियान के सदस्य देशों के साथ-साथ जापान, चीन, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी वैश्विक शक्तियां शामिल थीं। सभी प्रतिनिधिमंडलों में सोफिया कुरैशी एकमात्र महिला अफसर थीं जो किसी टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थीं। यह उनकी नेतृत्व क्षमता, समर्पण और उत्कृष्टता का शानदार प्रमाण है। सोफिया कुरैशी 40 सदस्यों वाली भारतीय टुकड़ी की कमांडिंग ऑफिसर थीं। उन्होंने Peacekeeping Operations (PKOs) और Humanitarian Mine Action (HMA) पर केंद्रित अहम प्रशिक्षण सत्रों का नेतृत्व किया। सोफिया कुरैशी ने 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी थी और 2010 से (PKOs) से जुड़ी हुई हैं। कर्नल कुरैशी सिग्नल कोर में सर्विस देती हैं, जो आर्मी कम्युनिकेशन में एक्सपर्टाइज रखती हैं। उनके कामों में शामिल है… 1. कांगो ऑपरेशन : साल 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में महिलाओं और बच्चों को हिंसा से बचाने को लेकर एक सैन्य टीचर के तौर पर काम किया है। 2. ऑपरेशन पराक्रम : 2001-2002 में पंजाब सीमा पर तैनात होने पर उन्हें उनकी समर्पित सेवा के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 3. पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियान : आपदा राहत के दौरान कम्युनिकेशन के जरिए उनके असाधारण काम के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ से प्रशस्ति पत्र मिला। ——— यह खबर भी पढ़िए ऑपरेशन सिंदूर-24 मिनट में 9 आतंकी ठिकाने तबाह:यहीं कसाब-हेडली ने ट्रेनिंग ली; कर्नल सोफिया, विंग कमांडर व्योमिका और विदेश सचिव का पूरा बयान पढ़ें प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने भारत के सैन्य ऑपरेशन की जानकारी दी। पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के करीब 9 घंटे बाद सरकार, सेना और एयरफोर्स के अफसरों ने घटना की जानकारी दी। बुधवार सुबह 10:30 बजे मीडिया ब्रीफिंग से पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें बताया गया कि मंगलवार रात 1:04 बजे से 1:28 बजे के बीच 24 मिनट में 9 टारगेट तबाह किए गए। देश के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे। पूरी खबर पढ़िए उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
झांसी से शुरू हुआ कर्नल सोफिया के शौर्य का सफर:झांसी में प्राथमिक पढ़ाई की, यहीं पर मेजर बनीं, भट्टागांव में रहते, बोले-आज गर्व से सीना चौड़ा हो गया
