टिकट वितरण के बाद करनाल में सियासी सन्नाटा:BJP ने 4 उम्मीदवार किए घोषित, कांग्रेस की चाल का इंतजार, जातिगत समीकरण-स्थानीय मुद्दे उभार पर

टिकट वितरण के बाद करनाल में सियासी सन्नाटा:BJP ने 4 उम्मीदवार किए घोषित, कांग्रेस की चाल का इंतजार, जातिगत समीकरण-स्थानीय मुद्दे उभार पर

हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो गई है। भाजपा में दावेदारों के टिकट कटे तो आंखों से आंसू गिरे और मुंह से बगावती सुर। इसके बाद इस्तीफों की झड़ी लग गई। कांग्रेस में अभी 32 ही सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हुई है। इनमें अधिकतर टिकट वे है जो पहले ही निश्चित थी। करनाल से कांग्रेस में किसी तरह की बगावत या विरोध की सुगबुगाहट तक नहीं आई। करनाल की दोनों विधानसभा सीटों पर विधायकों को ही टिकट मिला है। घरौंडा, इंद्री और करनाल सीट अभी पेंडिंग है। दूसरी लिस्ट जारी होने पर कांग्रेस के दावेदार शांत रहते है या फिर विरोध में उतरते है, वह देखने वाली बात होगी। इंद्री, नीलोखेड़ी और करनाल सीट पर भाजपा के टिकट बंटवारे का विरोध हो रहा है। ऐसे में प्रत्याशी अपना चुनाव प्रचार करे या फिर रूठे हुए को मनाए, वह भी उनके समझ में नहीं आ रहा है। जगमोहन की टिकट पर दावेदार विचलित करनाल विधानसभा 10 साल तक सीएम सिटी रही। मुख्यमंत्री नायब सैनी करनाल छोड़ लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। करनाल में जगमोहन आनंद को टिकट दिया। प्रबल दावेदार रेणु बाला गुप्ता ने टिकट के बंटवारे पर सवाल खड़े कर दिए। अशोक सुखीजा भी सोशल मीडिया पर मौन लिखकर बैठ गए और वे अभी तक मौन ही नजर आ रहे है। करनाल में कांग्रेस पंजाबी चेहरे पर दांव खेलती है ताे मनोज वधवा, अशोक खुराना और भीम सेन मेहता को टिकट जा सकता है, अगर दूसरे चेहरे पर दांव लगाती है तो वह सुमिता सिंह होगी, बताया जा रहा है इनका नाम टॉप में चल रहा है। कांग्रेस की 3 सीटों पर कौन हो सकता है कैंडिडेट करनाल में कांग्रेस की तरफ से अभी कोई भी उम्मीदवार तय नहीं किया गया और न ही घरौंडा व इंद्री से। नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और असंध से विधायक शमशेर गोगी को प्रत्याशी बनाया गया है। धर्मपाल गोंदर 2019 में आजाद जीते थे, बाद में इन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया। शमशेर गोगी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे। बीजेपी ने नीलोखेड़ी में भगवानदास कबीरपंथी को टिकट दिया है, लेकिन यहां सुभाष चंद्र और मीना चौहान बीजेपी के फैसले की बगावत कर चुकी है। कांग्रेस की अभी घरौंडा, इंद्री और करनाल सीट पर टिकट फाइनल होना बाकी है। क्योंकि इन तीनों सीटों पर टिकट के चाहने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। कांग्रेस के रणनीतिकार जातिगत समीकरण के साथ साथ जीत के आंकड़े बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। टिकट की दौड़ में सबसे आगे वीरेंद्र सिंह राठौर पार्टी सुत्रों की माने तो घरौंडा से एडवोकेट वीरेंद्र सिंह राठौर टिकट की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बार वह स्वयं चुनाव न लड़ कर अपने परिवार से किसी दूसरे सदस्य को चुनाव लड़वाना चाह रहे हैं। उन्होंने अपनी टिकट के लिए हुड्डा खेमे के साथ भी तालमेल बैठा लिया है। हालांकि यहां से टिकट की दौड़ में नरेंद्र सांगवान, भूपेंद्र सिंह लाठर, सतीश राणा भी शामिल है। भाजपा ने विधायक हरविंद्र कल्याण पर तीसरी बार भरोसा जताया है। इंद्री की स्थिति, कश्यप की राह में अड़चन ​​​​​​​इंद्री में राम कुमार कश्यप को बीजेपी टिकट दे चुकी है और कर्ण देव कंबोज और सुरेंद्र उड़ाना टिकट बंटवारे का विरोध कर चुके है। सूत्रों की माने तो इंद्री से राकेश कंबोज को बीजेपी के सामने उतारेगी। टिकट भी लगभग तय माना जा रहा है। यहां से भीम सेन मेहता भी टिकट मांग रहे हैं। जिस तरह से कश्यप का विरोध हो रहा है, उससे उनकी राह आसान नहीं है। असंध सीट पर तीन मजबूत चेहरे कांग्रेस ने असंध से तो टिकट फाइनल कर दिया। बीजेपी अभी मंथन कर रही है। जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा, पूर्व सीपीएस जिले राम शर्मा और पूर्व विधायक बख्शीश सिंह विर्क यहां से टिकट मांग रहे है। जिले राम शर्मा कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए है। बख्शीश सिंह पूर्व विधायक है और योगेंद्र राणा कर्मठ जिलाध्यक्ष है, ऐसे में टिकट को लेकर बीजेपी को गहरा चिंतन करना पड़ राह है। ऐसे टिकट किसकी झोली में जाएगी, वह देखने वाली बात है। क्या कहता है सियासी समीकरण? करनाल जिले की राजनीति इस बार जातिगत समीकरण, बगावत, और स्थानीय मुद्दों के ईर्द-गिर्द घूम रही है। कांग्रेस की दूसरी सूची आते ही मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है। बीजेपी के बगावती सुरों और कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों के बीच यह चुनावी लड़ाई और पेचीदा होती नजर आ रही है। हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो गई है। भाजपा में दावेदारों के टिकट कटे तो आंखों से आंसू गिरे और मुंह से बगावती सुर। इसके बाद इस्तीफों की झड़ी लग गई। कांग्रेस में अभी 32 ही सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हुई है। इनमें अधिकतर टिकट वे है जो पहले ही निश्चित थी। करनाल से कांग्रेस में किसी तरह की बगावत या विरोध की सुगबुगाहट तक नहीं आई। करनाल की दोनों विधानसभा सीटों पर विधायकों को ही टिकट मिला है। घरौंडा, इंद्री और करनाल सीट अभी पेंडिंग है। दूसरी लिस्ट जारी होने पर कांग्रेस के दावेदार शांत रहते है या फिर विरोध में उतरते है, वह देखने वाली बात होगी। इंद्री, नीलोखेड़ी और करनाल सीट पर भाजपा के टिकट बंटवारे का विरोध हो रहा है। ऐसे में प्रत्याशी अपना चुनाव प्रचार करे या फिर रूठे हुए को मनाए, वह भी उनके समझ में नहीं आ रहा है। जगमोहन की टिकट पर दावेदार विचलित करनाल विधानसभा 10 साल तक सीएम सिटी रही। मुख्यमंत्री नायब सैनी करनाल छोड़ लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। करनाल में जगमोहन आनंद को टिकट दिया। प्रबल दावेदार रेणु बाला गुप्ता ने टिकट के बंटवारे पर सवाल खड़े कर दिए। अशोक सुखीजा भी सोशल मीडिया पर मौन लिखकर बैठ गए और वे अभी तक मौन ही नजर आ रहे है। करनाल में कांग्रेस पंजाबी चेहरे पर दांव खेलती है ताे मनोज वधवा, अशोक खुराना और भीम सेन मेहता को टिकट जा सकता है, अगर दूसरे चेहरे पर दांव लगाती है तो वह सुमिता सिंह होगी, बताया जा रहा है इनका नाम टॉप में चल रहा है। कांग्रेस की 3 सीटों पर कौन हो सकता है कैंडिडेट करनाल में कांग्रेस की तरफ से अभी कोई भी उम्मीदवार तय नहीं किया गया और न ही घरौंडा व इंद्री से। नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और असंध से विधायक शमशेर गोगी को प्रत्याशी बनाया गया है। धर्मपाल गोंदर 2019 में आजाद जीते थे, बाद में इन्होंने बीजेपी को समर्थन दिया। शमशेर गोगी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे। बीजेपी ने नीलोखेड़ी में भगवानदास कबीरपंथी को टिकट दिया है, लेकिन यहां सुभाष चंद्र और मीना चौहान बीजेपी के फैसले की बगावत कर चुकी है। कांग्रेस की अभी घरौंडा, इंद्री और करनाल सीट पर टिकट फाइनल होना बाकी है। क्योंकि इन तीनों सीटों पर टिकट के चाहने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। कांग्रेस के रणनीतिकार जातिगत समीकरण के साथ साथ जीत के आंकड़े बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। टिकट की दौड़ में सबसे आगे वीरेंद्र सिंह राठौर पार्टी सुत्रों की माने तो घरौंडा से एडवोकेट वीरेंद्र सिंह राठौर टिकट की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बार वह स्वयं चुनाव न लड़ कर अपने परिवार से किसी दूसरे सदस्य को चुनाव लड़वाना चाह रहे हैं। उन्होंने अपनी टिकट के लिए हुड्डा खेमे के साथ भी तालमेल बैठा लिया है। हालांकि यहां से टिकट की दौड़ में नरेंद्र सांगवान, भूपेंद्र सिंह लाठर, सतीश राणा भी शामिल है। भाजपा ने विधायक हरविंद्र कल्याण पर तीसरी बार भरोसा जताया है। इंद्री की स्थिति, कश्यप की राह में अड़चन ​​​​​​​इंद्री में राम कुमार कश्यप को बीजेपी टिकट दे चुकी है और कर्ण देव कंबोज और सुरेंद्र उड़ाना टिकट बंटवारे का विरोध कर चुके है। सूत्रों की माने तो इंद्री से राकेश कंबोज को बीजेपी के सामने उतारेगी। टिकट भी लगभग तय माना जा रहा है। यहां से भीम सेन मेहता भी टिकट मांग रहे हैं। जिस तरह से कश्यप का विरोध हो रहा है, उससे उनकी राह आसान नहीं है। असंध सीट पर तीन मजबूत चेहरे कांग्रेस ने असंध से तो टिकट फाइनल कर दिया। बीजेपी अभी मंथन कर रही है। जिला अध्यक्ष योगेंद्र राणा, पूर्व सीपीएस जिले राम शर्मा और पूर्व विधायक बख्शीश सिंह विर्क यहां से टिकट मांग रहे है। जिले राम शर्मा कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए है। बख्शीश सिंह पूर्व विधायक है और योगेंद्र राणा कर्मठ जिलाध्यक्ष है, ऐसे में टिकट को लेकर बीजेपी को गहरा चिंतन करना पड़ राह है। ऐसे टिकट किसकी झोली में जाएगी, वह देखने वाली बात है। क्या कहता है सियासी समीकरण? करनाल जिले की राजनीति इस बार जातिगत समीकरण, बगावत, और स्थानीय मुद्दों के ईर्द-गिर्द घूम रही है। कांग्रेस की दूसरी सूची आते ही मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है। बीजेपी के बगावती सुरों और कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों के बीच यह चुनावी लड़ाई और पेचीदा होती नजर आ रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर