रोहतक में रह रहे टीचर (फिजियोथैरेपिस्ट) का अपहरण कर चरखी दादरी जिले के पैंतावास कलां में जिंदा गाड़ने के मामले में मुख्य आरोपी राजकरण न दोस्तों को भी कत्ल का प्लान नहीं बताया था। टीचर का अपहरण करने के बाद ही उसने बताया कि वह इसे मारने वाला है। राजकरण अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। ग्रामीणों ने बताया कि वह भी हैरान हैं कि राजकरण ऐसा कैसे कर सकता है। उसने जिन दोस्तों के साथ मिलकर टीचर को जिंदा गाड़ा उनको भी सही से नहीं बताया कि वह क्या करने वाला है। घर में भैंस का दूध निकाल रहे एक दोस्त हरदीप तो तो यह कहकर ले गया कि सास बहुत सीरियस है, उसे खून देना है। गांव पैंतावास के लोगों ने बताया कि राजकरण धार्मिक नेचर का था और धार्मिक लोगों की ही संगत में रहता था। गांव में बनी धाम पर वह सेवक था, लेकिन पत्नी के संबंधों के बारे में पता चलने पर उसके सिर पर खून सवार हो गया और वह हत्यारा बन गया। धार्मिक के साथ शातिर भी…पढ़ें कैसे भांप गया पुलिस पहुंचने वाली है 1. गांव में शुरू हो गए थे पुलिस के फोन आने टीचर को जिंदा गाड़ने और तीन महीने तक पकड़े नहीं जाने के बाद भी आरोपी सकर्त रहा। उसने गांव की हर गतिविधि पर नजर रखी। जिस दिन पुलिस ने लाश को कुएं से रिकवर किया उससे पहले पुलिस ने गांव के सरपंच को फोन कर बताया था कि आपके गांव में कोई लाश दबी है। 2. पुलिस ने सरपंच को कहा था-बंदों का इंतजाम रखना खुदाई करवानी पड़ सकती है जब टीचर को उठाने वालों की लोकेशन गांव पैंतावास में मिली तो पुलिस ने गांव के सरपंच को पहले ही बता दिया था कि गांव के कुछ लोगों को तैयार रखना, खुदाई करवानी पड़ सकती है। इस बात की चर्चा गांव तक पहुंच गई और आरोपी ने भागने की प्लानिंग बना ली। 3. पुलिस ने दो-तीन दिन पहले आना शुरू कर दिया
पैंतावास कलां के कालूवाला जोहड़ से शव बरामद करने से दो-तीन दिन पहले रोहतक पुलिस मामले को लेकर पैंतावास पहुंचनी शुरू हो गई थी, लेकिन टीचर को गाड़ने वाली जगह का पता नहीं चल पा रहा था। उसके बाद से वहां पुलिस की गतिविधियां लगातार जारी थी जिसके चलते राजकरण हरदीप व धर्मपाल के पकड़े जाने से पहले ही फरार हो गया। 4. मोबाइल और गाड़ी छोड़कर भागा ताकि लोकेशन ट्रेस न हो
राजकरण को पता चल गया था कि पुलिस उनके मोबाइल की लोकेशन के आधार पर ही गांव तक पहुंची है। मोबाइल फोन आगे भी उसको पकड़वा सकता है, इसलिए उसने भागने से पहले न मोबाइल फोन लिया और न ही गाड़ी का इस्तेमाल किया। अब पुलिस को उसकी लोकेशन ट्रेस करने में मुश्किल आ रही है। 5. माता-पिता की हो चुकी मौत, एक बेटी है
मामले के मुख्य आरोपी राजकरण के अलावा उसकी दो बहनें व एक भाई है। दोनों बहनें शादीशुदा हैं। उसका भाई भी शादीशुदा है और गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करता है। करीब 40 वर्षीय राजकरण के माता-पिता की मौत हो चुकी है। करीब 15-16 साल पहले उसकी शादी हुई थी और उसकी एक बेटी है।
6. सास रिटायर शिक्षक, वही देती थी राजकरण को खर्चा
मृतक जगदीप रोहतक की जनता कालोनी में कमला नामक महिला के मकान में किराए पर रहता था। कमला मुख्य आरोपी राजकरण की सास है और वह रिटायर्ड शिक्षक हैं। उसके बेटे विदेश में सेटल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि राजकरण स्वयं कुछ खास काम नहीं करता था और सास ही उसका खर्च उठाती थी। उसके पास गाड़ी थी और पत्नी और बेटी के साथ उसका रोहतक सास के घर आना-जाना लगातार रहता था। 6. पत्नी के संबंधों का पता चलने पर बना कातिल
राजकरण को लेकर ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि इस घटना से पहले उसने गांव में कभी किसी से झगड़ा तक नहीं किया था। न ही कभी बाहर से उसकी कभी पंचायत बगैरह में कोई शिकायत आई। पत्नी के साथ जगदीप के संबंधों का पता चलने पर ही उसने गुस्से में ऐसा कदम उठाया।
7. धाम को बनवाने में भी राजकरण ने ही सबसे ज्यादा मदद की
ग्रामीणों ने बताया कि राजकरण साधु संगत में रहने वाला था। पैंतावास कलां के कालूवाला जोहड़ पर स्थित गोरखधाम के पुजारी के वह नजदीक था और पुजारी के जाने के बाद भी वह वहां सेवा देता था। ग्रामीणों के अनुसार इस धाम पर मंदिर बनवाने में भी उसने अगुआई की थी लोगों के समक्ष यहां मंदिर बनाने की मांग रखी थी। इसके बाद ही वहां निर्माण कार्य हुआ था।
8. पकड़ा गया हरदीप इकलौता बेटा, विधवा मां के साथ रहता था
पुलिस ने मामले में हरदीप और धर्मपाल को पकड़ा है । हरदीप के साथ राजकरण की दोस्ती थी। हरदीप के पिता की मौत हो चुकी है और वह अपनी विधवा मां का इकलौता बेटा है और खेती-बाड़ी कर गुजर बसर कर रहा था। उसकी मां का कहना है कि राजकरण उसके बेटे को अपनी सास को खून देने के बहाने लेकर गया था, लेकिन बाद में उसे पता चला कि वह जगदीप को मारेगा तो वह उसका साथ छोड़कर वापस आ गया था। टीचर के अपहरण से लेकर उसे जिंदा गाड़ने तक की पूरी कहानी…
1 झज्जर का रहने वाला था टीचर जगदीप, रोहतक में किराए पर रहता था
मूलरूप से झज्जर के मांडौठी गांव का रहने वाला जगदीप रोहतक की जनता कॉलोनी में एक महिला के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहता था। वहीं उसकी पहचान चरखी दादरी के पैंतावास कलां गांव निवासी महिला से हुई जो मकान मालकिन की बेटी थी और विवाहिता थी। दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए। इस बात की भनक महिला के पति को लगी तो वह रोहतक पहुंचा और जगदीप का मोबाइल चेक किया। उसमें पत्नी के साथ उसकी तस्वीरें देखीं और दोस्तों के साथ टीचर को मारने का प्लान बनाया। दोस्तों के साथ पहले अपहरण किया, फिर कुएं में जिंदा ही गाड़ दिया
मुख्य आरोप राजकरण ने पत्नी की तस्वीरें टीचर के मोबाइल में देखने के बाद गांव जाकर दोस्तों के साथ उसके अपहरण का प्लान बनाया। गाड़ी में दोस्त हरदीप और धर्मपाल के साथ आकर टीचर के हाथ-पैर बांधे और उसे रोहतक से 64 किलोमीटर दूर गांव पैंतावास ले जाया गया। यहां पहले से खुदवाए गए कुएं में टीचर को जिंदा ही गाड़ दिया। 24 दिसंबर को आखिरी बार यूनिवर्सिटी गया था मृतक टीचर जगदीप
जगदीप 24 दिसंबर को आखिरी बार यूनिवर्सिटी गए थे। जब एक माह तक सुराग नहीं मिला तो ताऊ ईश्वर ने 3 फरवरी को शिवाजी कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच में सामने आया कि 24 दिसंबर की शाम चार युवक उन्हें जनता कॉलोनी स्थित किराए के मकान से हाथ-पैर बांधकर गाड़ी में डालकर ले गए हैं। पुलिस ने मौके से मोबाइल फोन का डंप डेटा उठाया तो पैंतावास कलां के युवकों की लोकेशन सामने आई। पुलिस ने गांव के दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। दोनों ने वारदात कबूल ली। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने वह जगह ढूंढी जहां टीचर को कुएं में गाड़ दिया गया था। 7 फीट गहरे कुएं में गाड़ा था टीचर को, घंटों खुदाई के बाद लाश निकाली 24 मार्च को रोहतक ASP शशि शेखर की अगुआई में व दादरी सदर थाना प्रभारी आईपीएस दिव्यांशी सिंगला की मौजूदगी में शव बरामद करने के लिए खुदाई का कार्य करवाया गया। हालांकि आरोपी ने व्यक्ति को दबाने वाली लोकेशन सही बता दी थी, बावजूद इसके टीम को शव बरामद करने में घंटों लग गए। आरोपियों ने टीचर को 7 फुट से अधिक गहरे कुएं में दबाया था। खुदाई करते-करते रात हुई, मोबाइल टॉर्च जलाकर निकाली लाश
शव को सात फीट से अधिक गहरा खोदकर सीधा गाड़ा गया था। जब शव के कमर से नीचे तक का हिस्सा खोद लिया गया तो रस्सी बांधकर शव को बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन जमीन में दबा होने के कारण और गलने के चलते बाहर नहीं निकाला जा सका। इसके चलते नीचे तक खुदाई करने पर काफी समय लग गया। अंधेरा होने पर मोबाइल टॉर्च की रोशनी में खुदाई कर शव को बाहर निकाला गया। रोहतक में रह रहे टीचर (फिजियोथैरेपिस्ट) का अपहरण कर चरखी दादरी जिले के पैंतावास कलां में जिंदा गाड़ने के मामले में मुख्य आरोपी राजकरण न दोस्तों को भी कत्ल का प्लान नहीं बताया था। टीचर का अपहरण करने के बाद ही उसने बताया कि वह इसे मारने वाला है। राजकरण अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। ग्रामीणों ने बताया कि वह भी हैरान हैं कि राजकरण ऐसा कैसे कर सकता है। उसने जिन दोस्तों के साथ मिलकर टीचर को जिंदा गाड़ा उनको भी सही से नहीं बताया कि वह क्या करने वाला है। घर में भैंस का दूध निकाल रहे एक दोस्त हरदीप तो तो यह कहकर ले गया कि सास बहुत सीरियस है, उसे खून देना है। गांव पैंतावास के लोगों ने बताया कि राजकरण धार्मिक नेचर का था और धार्मिक लोगों की ही संगत में रहता था। गांव में बनी धाम पर वह सेवक था, लेकिन पत्नी के संबंधों के बारे में पता चलने पर उसके सिर पर खून सवार हो गया और वह हत्यारा बन गया। धार्मिक के साथ शातिर भी…पढ़ें कैसे भांप गया पुलिस पहुंचने वाली है 1. गांव में शुरू हो गए थे पुलिस के फोन आने टीचर को जिंदा गाड़ने और तीन महीने तक पकड़े नहीं जाने के बाद भी आरोपी सकर्त रहा। उसने गांव की हर गतिविधि पर नजर रखी। जिस दिन पुलिस ने लाश को कुएं से रिकवर किया उससे पहले पुलिस ने गांव के सरपंच को फोन कर बताया था कि आपके गांव में कोई लाश दबी है। 2. पुलिस ने सरपंच को कहा था-बंदों का इंतजाम रखना खुदाई करवानी पड़ सकती है जब टीचर को उठाने वालों की लोकेशन गांव पैंतावास में मिली तो पुलिस ने गांव के सरपंच को पहले ही बता दिया था कि गांव के कुछ लोगों को तैयार रखना, खुदाई करवानी पड़ सकती है। इस बात की चर्चा गांव तक पहुंच गई और आरोपी ने भागने की प्लानिंग बना ली। 3. पुलिस ने दो-तीन दिन पहले आना शुरू कर दिया
पैंतावास कलां के कालूवाला जोहड़ से शव बरामद करने से दो-तीन दिन पहले रोहतक पुलिस मामले को लेकर पैंतावास पहुंचनी शुरू हो गई थी, लेकिन टीचर को गाड़ने वाली जगह का पता नहीं चल पा रहा था। उसके बाद से वहां पुलिस की गतिविधियां लगातार जारी थी जिसके चलते राजकरण हरदीप व धर्मपाल के पकड़े जाने से पहले ही फरार हो गया। 4. मोबाइल और गाड़ी छोड़कर भागा ताकि लोकेशन ट्रेस न हो
राजकरण को पता चल गया था कि पुलिस उनके मोबाइल की लोकेशन के आधार पर ही गांव तक पहुंची है। मोबाइल फोन आगे भी उसको पकड़वा सकता है, इसलिए उसने भागने से पहले न मोबाइल फोन लिया और न ही गाड़ी का इस्तेमाल किया। अब पुलिस को उसकी लोकेशन ट्रेस करने में मुश्किल आ रही है। 5. माता-पिता की हो चुकी मौत, एक बेटी है
मामले के मुख्य आरोपी राजकरण के अलावा उसकी दो बहनें व एक भाई है। दोनों बहनें शादीशुदा हैं। उसका भाई भी शादीशुदा है और गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करता है। करीब 40 वर्षीय राजकरण के माता-पिता की मौत हो चुकी है। करीब 15-16 साल पहले उसकी शादी हुई थी और उसकी एक बेटी है।
6. सास रिटायर शिक्षक, वही देती थी राजकरण को खर्चा
मृतक जगदीप रोहतक की जनता कालोनी में कमला नामक महिला के मकान में किराए पर रहता था। कमला मुख्य आरोपी राजकरण की सास है और वह रिटायर्ड शिक्षक हैं। उसके बेटे विदेश में सेटल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि राजकरण स्वयं कुछ खास काम नहीं करता था और सास ही उसका खर्च उठाती थी। उसके पास गाड़ी थी और पत्नी और बेटी के साथ उसका रोहतक सास के घर आना-जाना लगातार रहता था। 6. पत्नी के संबंधों का पता चलने पर बना कातिल
राजकरण को लेकर ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया कि इस घटना से पहले उसने गांव में कभी किसी से झगड़ा तक नहीं किया था। न ही कभी बाहर से उसकी कभी पंचायत बगैरह में कोई शिकायत आई। पत्नी के साथ जगदीप के संबंधों का पता चलने पर ही उसने गुस्से में ऐसा कदम उठाया।
7. धाम को बनवाने में भी राजकरण ने ही सबसे ज्यादा मदद की
ग्रामीणों ने बताया कि राजकरण साधु संगत में रहने वाला था। पैंतावास कलां के कालूवाला जोहड़ पर स्थित गोरखधाम के पुजारी के वह नजदीक था और पुजारी के जाने के बाद भी वह वहां सेवा देता था। ग्रामीणों के अनुसार इस धाम पर मंदिर बनवाने में भी उसने अगुआई की थी लोगों के समक्ष यहां मंदिर बनाने की मांग रखी थी। इसके बाद ही वहां निर्माण कार्य हुआ था।
8. पकड़ा गया हरदीप इकलौता बेटा, विधवा मां के साथ रहता था
पुलिस ने मामले में हरदीप और धर्मपाल को पकड़ा है । हरदीप के साथ राजकरण की दोस्ती थी। हरदीप के पिता की मौत हो चुकी है और वह अपनी विधवा मां का इकलौता बेटा है और खेती-बाड़ी कर गुजर बसर कर रहा था। उसकी मां का कहना है कि राजकरण उसके बेटे को अपनी सास को खून देने के बहाने लेकर गया था, लेकिन बाद में उसे पता चला कि वह जगदीप को मारेगा तो वह उसका साथ छोड़कर वापस आ गया था। टीचर के अपहरण से लेकर उसे जिंदा गाड़ने तक की पूरी कहानी…
1 झज्जर का रहने वाला था टीचर जगदीप, रोहतक में किराए पर रहता था
मूलरूप से झज्जर के मांडौठी गांव का रहने वाला जगदीप रोहतक की जनता कॉलोनी में एक महिला के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहता था। वहीं उसकी पहचान चरखी दादरी के पैंतावास कलां गांव निवासी महिला से हुई जो मकान मालकिन की बेटी थी और विवाहिता थी। दोनों के बीच अवैध संबंध बन गए। इस बात की भनक महिला के पति को लगी तो वह रोहतक पहुंचा और जगदीप का मोबाइल चेक किया। उसमें पत्नी के साथ उसकी तस्वीरें देखीं और दोस्तों के साथ टीचर को मारने का प्लान बनाया। दोस्तों के साथ पहले अपहरण किया, फिर कुएं में जिंदा ही गाड़ दिया
मुख्य आरोप राजकरण ने पत्नी की तस्वीरें टीचर के मोबाइल में देखने के बाद गांव जाकर दोस्तों के साथ उसके अपहरण का प्लान बनाया। गाड़ी में दोस्त हरदीप और धर्मपाल के साथ आकर टीचर के हाथ-पैर बांधे और उसे रोहतक से 64 किलोमीटर दूर गांव पैंतावास ले जाया गया। यहां पहले से खुदवाए गए कुएं में टीचर को जिंदा ही गाड़ दिया। 24 दिसंबर को आखिरी बार यूनिवर्सिटी गया था मृतक टीचर जगदीप
जगदीप 24 दिसंबर को आखिरी बार यूनिवर्सिटी गए थे। जब एक माह तक सुराग नहीं मिला तो ताऊ ईश्वर ने 3 फरवरी को शिवाजी कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच में सामने आया कि 24 दिसंबर की शाम चार युवक उन्हें जनता कॉलोनी स्थित किराए के मकान से हाथ-पैर बांधकर गाड़ी में डालकर ले गए हैं। पुलिस ने मौके से मोबाइल फोन का डंप डेटा उठाया तो पैंतावास कलां के युवकों की लोकेशन सामने आई। पुलिस ने गांव के दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। दोनों ने वारदात कबूल ली। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने वह जगह ढूंढी जहां टीचर को कुएं में गाड़ दिया गया था। 7 फीट गहरे कुएं में गाड़ा था टीचर को, घंटों खुदाई के बाद लाश निकाली 24 मार्च को रोहतक ASP शशि शेखर की अगुआई में व दादरी सदर थाना प्रभारी आईपीएस दिव्यांशी सिंगला की मौजूदगी में शव बरामद करने के लिए खुदाई का कार्य करवाया गया। हालांकि आरोपी ने व्यक्ति को दबाने वाली लोकेशन सही बता दी थी, बावजूद इसके टीम को शव बरामद करने में घंटों लग गए। आरोपियों ने टीचर को 7 फुट से अधिक गहरे कुएं में दबाया था। खुदाई करते-करते रात हुई, मोबाइल टॉर्च जलाकर निकाली लाश
शव को सात फीट से अधिक गहरा खोदकर सीधा गाड़ा गया था। जब शव के कमर से नीचे तक का हिस्सा खोद लिया गया तो रस्सी बांधकर शव को बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन जमीन में दबा होने के कारण और गलने के चलते बाहर नहीं निकाला जा सका। इसके चलते नीचे तक खुदाई करने पर काफी समय लग गया। अंधेरा होने पर मोबाइल टॉर्च की रोशनी में खुदाई कर शव को बाहर निकाला गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
