ट्राइसिटी में कैब ड्राइवर रहे हड़ताल पर:चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में जुटे, रेट रिवाइज की थी मांग, ऑटो चालकों का भी मिला साथ

ट्राइसिटी में कैब ड्राइवर रहे हड़ताल पर:चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में जुटे, रेट रिवाइज की थी मांग, ऑटो चालकों का भी मिला साथ

चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में आज (सोमवार) को टैक्सी नहीं चली। कैब यूनियन की तरफ से हड़ताल की कॉल दी गई थी। इसके चलते चंडीगढ़ के सेक्टर-17 परेड ग्राउंड के सामने सारे टैक्सी ड्राइवर अपनी गाड़ियों सहित जुटे । वहीं, ऑटो चालक भी उनके पक्ष में आ गए थे। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। वह नई एग्रीगेटर नीति लागू करने व रेट रिवाइज करने मांग कर रहे थे। चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। ड्राइवरों की यह हैं मुख्य मांगें कैब ड्राइवरों का कहना था कि लंबे समय से उनकी मांगें चल रही हैं। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं रही है। अब उनके रोजगार पर संकट आ गया है। यूनियन के नेताओं का कहना था कि बाइक टैक्सी की सेवा बंद होनी चाहिए। काफी समय से हम इन्हें ऑपरेट करने वाली कंपनियों से बात कर हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। निजी नंबर वाली गाड़ी का कॉमर्शियल प्रयोग नहीं होना चाहिए। ड्राइवरों ने बताया कि उनकी तरफ से पूरा टैक्स भरा जाता है। लेकिन वह हमारे सामने सवारी उठाकर ले जाते हैं। ड्राइवरों का कहना है कि गवर्नमेंट का रेट 32 रुपए प्रति किलोमीटर है। हमारा रेट कम से कम 25 रुपए प्रति किलोमीटर होना चाहिए। अभी तक रेट काफी कम है। हिमाचल में पंजाब वालों को किया जा रहा परेशान कैब ड्राइवरों का कहना है कि अभी तक हिमाचल में पंजाब और हरियाणा नंबर की गाड़ियों का मामला हल नहीं हुआ है। अभी भी वहां पर मारपीट हो रही है। इस संबंधी वीडियो रोजाना हमारे पास आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की तरफ प्रशासन को ध्यान देना चहिए। ताकि लोगों को दिक्कत न उठानी पड़े। चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला में आज (सोमवार) को टैक्सी नहीं चली। कैब यूनियन की तरफ से हड़ताल की कॉल दी गई थी। इसके चलते चंडीगढ़ के सेक्टर-17 परेड ग्राउंड के सामने सारे टैक्सी ड्राइवर अपनी गाड़ियों सहित जुटे । वहीं, ऑटो चालक भी उनके पक्ष में आ गए थे। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। वह नई एग्रीगेटर नीति लागू करने व रेट रिवाइज करने मांग कर रहे थे। चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। ड्राइवरों की यह हैं मुख्य मांगें कैब ड्राइवरों का कहना था कि लंबे समय से उनकी मांगें चल रही हैं। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं रही है। अब उनके रोजगार पर संकट आ गया है। यूनियन के नेताओं का कहना था कि बाइक टैक्सी की सेवा बंद होनी चाहिए। काफी समय से हम इन्हें ऑपरेट करने वाली कंपनियों से बात कर हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। निजी नंबर वाली गाड़ी का कॉमर्शियल प्रयोग नहीं होना चाहिए। ड्राइवरों ने बताया कि उनकी तरफ से पूरा टैक्स भरा जाता है। लेकिन वह हमारे सामने सवारी उठाकर ले जाते हैं। ड्राइवरों का कहना है कि गवर्नमेंट का रेट 32 रुपए प्रति किलोमीटर है। हमारा रेट कम से कम 25 रुपए प्रति किलोमीटर होना चाहिए। अभी तक रेट काफी कम है। हिमाचल में पंजाब वालों को किया जा रहा परेशान कैब ड्राइवरों का कहना है कि अभी तक हिमाचल में पंजाब और हरियाणा नंबर की गाड़ियों का मामला हल नहीं हुआ है। अभी भी वहां पर मारपीट हो रही है। इस संबंधी वीडियो रोजाना हमारे पास आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की तरफ प्रशासन को ध्यान देना चहिए। ताकि लोगों को दिक्कत न उठानी पड़े।   पंजाब | दैनिक भास्कर