हरियाणा के हिसार जिले के गांव खरड़ अलीपुर का रहने वाला 20 वर्षीय अक्षय डंकी रूट से अमेरिका पहुंच गया। अमेरिका ने बुधवार को नई इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत 104 अवैध प्रवासी भारतीयों का जबरन डिपोर्ट कर दिया, जिसमें गांव खरड़ अलीपुर का अक्षय भी है। दैनिक भास्कर सबसे पहले अक्षय के गांव खरड़ अलीपुर पहुंचा। यहां उसके घर पर जानने का प्रयास किया कि अक्षय कब और किन हालातों में अमेरिका गया। भास्कर की टीम जब अक्षय के घर पहुंची तो उसके दादा निहाल सैनी जो रिटार्यड वेटनरी डॉक्टर हैं, मिले। अक्षय के पिता सुभाष सैनी भिवानी में फोटो स्टेट की दुकान चलाते हैं। वह घर नहीं मिले और मां संतोष घर रहती हैं, मगर वह किसी काम से बाहर गई हुई थीं। हमारी अक्षय के दादा निहाल सैनी से बातचीत हुई। निहाल सैनी ने कहा कि अमेरिका अवैध रूप से गए भारतीयों को लाया गया है, मगर अक्षय अमेरिका गया ही नहीं। वह कई बार अमेरिका जाने की बात तो करता था, मगर दो महीने पहले बात हुई तो उसने कहा कि मैं अमेरिका नहीं जाउंगा। दादा बोले- कई बार फॉर्म भरा, पर निकला नहीं
अक्षय के दादा निहाल सैनी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि अक्षय 12वीं पास है और उसे शुरू से ही विदेश जाने का चाव था। उसने कई बार नौकरी के लिए सरकारी फार्म भरे। इतना ही नहीं अक्षय का बड़ा भाई विनय बीकॉम पास है और वह भी बेरोजगार है गांव में ही इधर-उधर घुमता है। परिवार के पास 5 एकड़ जमीन है। मेरे दो बेटे सुभाष और देवेंद्र हैं और दोनों के ही दो-दो बच्चे हैं। सुभाष के दो लड़के हैं, जिसमें अक्षय और विनय हैं और देवेंद्र के एक बेटा और एक बेटी है। बेटी अंबाला में नर्सिंग कोर्स कर रही है, तो बेटा हिसार कॉलेज में पढ़ रहा है। अक्षय के पिता सुभाष की भिवानी आईटीआई के पास भगवान फोटो स्टेट के नाम से दुकान है। मौसी के जेठ के लड़के अमेरिका रहते हैं
दादा निहाल सैनी ने बताया कि अक्षय करीब एक-दो साल से कैथल में ही रहता है। मौसी के जेठ के दो लड़के हैं और वह अमेरिका में रहते हैं। उनको देखकर ही अक्षय अमेरिका जाने के लिए बातें करता था। मौसी के यहां पढ़ाई के लिए भेजा था। मगर, अमेरिका जाने की बात नहीं पता और ना ही अक्षय ने हमसे कभी पैसों के लिए कहा कि अमेरिका जाने के लिए पैसे भिजवा दो। अक्षय से करीब एक महीना पहले बात हुई थी, वह घर पर भी कम फोन करता था। पिता बोले-चंडीगढ़ आता जाता था, आईलेट्स कर रहा था
अक्षय के पिता सुभाष सैनी ने बताया कि अक्षय को पढ़ाई के लिए मौसी के पास कैथल भेजा था। इसके बाद अक्षय आईलेट्स करने लगा। चंडीगढ़ आने-जाने लगा। वहां कोचिंग में उसको पौने सात बैंड भी आए थे। मगर डंकी रूट से अमेरिका जाने की बात हमारे समझ नहीं आ रही है। जब अक्षय घर आ जाएगा तो उससे बात करेंगे। अभी हम अक्षय को लेकर फिक्रमंद हैं। मेरी भिवानी में फोटो स्टेट की दुकान है, मेरे पास किसी का फोन आया था और उसने उन लोगों की लिस्ट भेजी जो अमेरिका से आ रहे हैं उसमें मेरे बेटे का नाम था तो मैं डर गया और दुकान से सीधा हिसार अपने गांव के लिए निकल पड़ा। सुभाष ने बताया कि बेटा जब घर आ जाएगा तो उससे पूछेंगे वह कैसे अमेरिका गया। पिता बोले- हमारे पास अमेरिका भेजने के पैसे नहीं
सुभाष सैनी ने बताया कि अमेरिका भेजने के लिए पैसे लगते हैं और हमारे पास इतना पैसा नहीं कि बेटे को अमेरिका भेज दें और अक्षय ने भी कभी पैसे नहीं मांगे। पिता ने बताया कि मेरे दोनों बेटे बेरोजगार हैं। मेरी फोटो स्टेट की दुकान है तो वह दोनों बेटों के लिए फॉर्म भरते रहते हैं मगर आज तक कोई पेपर क्लियर नहीं हुआ। छोटा बेटा अक्षय को गांव में पढ़ाई के बाद मौसी के यहां कैथल भेज दिया था। हरियाणा के हिसार जिले के गांव खरड़ अलीपुर का रहने वाला 20 वर्षीय अक्षय डंकी रूट से अमेरिका पहुंच गया। अमेरिका ने बुधवार को नई इमिग्रेशन पॉलिसी के तहत 104 अवैध प्रवासी भारतीयों का जबरन डिपोर्ट कर दिया, जिसमें गांव खरड़ अलीपुर का अक्षय भी है। दैनिक भास्कर सबसे पहले अक्षय के गांव खरड़ अलीपुर पहुंचा। यहां उसके घर पर जानने का प्रयास किया कि अक्षय कब और किन हालातों में अमेरिका गया। भास्कर की टीम जब अक्षय के घर पहुंची तो उसके दादा निहाल सैनी जो रिटार्यड वेटनरी डॉक्टर हैं, मिले। अक्षय के पिता सुभाष सैनी भिवानी में फोटो स्टेट की दुकान चलाते हैं। वह घर नहीं मिले और मां संतोष घर रहती हैं, मगर वह किसी काम से बाहर गई हुई थीं। हमारी अक्षय के दादा निहाल सैनी से बातचीत हुई। निहाल सैनी ने कहा कि अमेरिका अवैध रूप से गए भारतीयों को लाया गया है, मगर अक्षय अमेरिका गया ही नहीं। वह कई बार अमेरिका जाने की बात तो करता था, मगर दो महीने पहले बात हुई तो उसने कहा कि मैं अमेरिका नहीं जाउंगा। दादा बोले- कई बार फॉर्म भरा, पर निकला नहीं
अक्षय के दादा निहाल सैनी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि अक्षय 12वीं पास है और उसे शुरू से ही विदेश जाने का चाव था। उसने कई बार नौकरी के लिए सरकारी फार्म भरे। इतना ही नहीं अक्षय का बड़ा भाई विनय बीकॉम पास है और वह भी बेरोजगार है गांव में ही इधर-उधर घुमता है। परिवार के पास 5 एकड़ जमीन है। मेरे दो बेटे सुभाष और देवेंद्र हैं और दोनों के ही दो-दो बच्चे हैं। सुभाष के दो लड़के हैं, जिसमें अक्षय और विनय हैं और देवेंद्र के एक बेटा और एक बेटी है। बेटी अंबाला में नर्सिंग कोर्स कर रही है, तो बेटा हिसार कॉलेज में पढ़ रहा है। अक्षय के पिता सुभाष की भिवानी आईटीआई के पास भगवान फोटो स्टेट के नाम से दुकान है। मौसी के जेठ के लड़के अमेरिका रहते हैं
दादा निहाल सैनी ने बताया कि अक्षय करीब एक-दो साल से कैथल में ही रहता है। मौसी के जेठ के दो लड़के हैं और वह अमेरिका में रहते हैं। उनको देखकर ही अक्षय अमेरिका जाने के लिए बातें करता था। मौसी के यहां पढ़ाई के लिए भेजा था। मगर, अमेरिका जाने की बात नहीं पता और ना ही अक्षय ने हमसे कभी पैसों के लिए कहा कि अमेरिका जाने के लिए पैसे भिजवा दो। अक्षय से करीब एक महीना पहले बात हुई थी, वह घर पर भी कम फोन करता था। पिता बोले-चंडीगढ़ आता जाता था, आईलेट्स कर रहा था
अक्षय के पिता सुभाष सैनी ने बताया कि अक्षय को पढ़ाई के लिए मौसी के पास कैथल भेजा था। इसके बाद अक्षय आईलेट्स करने लगा। चंडीगढ़ आने-जाने लगा। वहां कोचिंग में उसको पौने सात बैंड भी आए थे। मगर डंकी रूट से अमेरिका जाने की बात हमारे समझ नहीं आ रही है। जब अक्षय घर आ जाएगा तो उससे बात करेंगे। अभी हम अक्षय को लेकर फिक्रमंद हैं। मेरी भिवानी में फोटो स्टेट की दुकान है, मेरे पास किसी का फोन आया था और उसने उन लोगों की लिस्ट भेजी जो अमेरिका से आ रहे हैं उसमें मेरे बेटे का नाम था तो मैं डर गया और दुकान से सीधा हिसार अपने गांव के लिए निकल पड़ा। सुभाष ने बताया कि बेटा जब घर आ जाएगा तो उससे पूछेंगे वह कैसे अमेरिका गया। पिता बोले- हमारे पास अमेरिका भेजने के पैसे नहीं
सुभाष सैनी ने बताया कि अमेरिका भेजने के लिए पैसे लगते हैं और हमारे पास इतना पैसा नहीं कि बेटे को अमेरिका भेज दें और अक्षय ने भी कभी पैसे नहीं मांगे। पिता ने बताया कि मेरे दोनों बेटे बेरोजगार हैं। मेरी फोटो स्टेट की दुकान है तो वह दोनों बेटों के लिए फॉर्म भरते रहते हैं मगर आज तक कोई पेपर क्लियर नहीं हुआ। छोटा बेटा अक्षय को गांव में पढ़ाई के बाद मौसी के यहां कैथल भेज दिया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर