जालंधर| मेयर वनीत धीर ने आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए निगम की मॉनिटरिंग सिस्टम में बदलाव के आदेश दिए हैं। शुक्रवार को इसके अनुसार कामकाज हुआ। इसके तहत अब जिस भी इलाके से आवारा कुत्ते पकड़कर उनकी नसबंदी की जाएगी, उस इलाके के कौंसलर से सर्टिफिकेट भी लेना होगा। इससे कौंसलरों की देखरेख होगी कि उनके इलाके में काम हुआ है या नहीं। जालंधर| मेयर वनीत धीर ने आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए निगम की मॉनिटरिंग सिस्टम में बदलाव के आदेश दिए हैं। शुक्रवार को इसके अनुसार कामकाज हुआ। इसके तहत अब जिस भी इलाके से आवारा कुत्ते पकड़कर उनकी नसबंदी की जाएगी, उस इलाके के कौंसलर से सर्टिफिकेट भी लेना होगा। इससे कौंसलरों की देखरेख होगी कि उनके इलाके में काम हुआ है या नहीं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बठिंडा रेलवे स्टेशन पर यात्री की मौत:प्लेटफार्म पर हार्ट अटैक आया, दिल्ली था जा रहा
बठिंडा रेलवे स्टेशन पर यात्री की मौत:प्लेटफार्म पर हार्ट अटैक आया, दिल्ली था जा रहा बठिंडा रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्लेटफार्म नंबर चार पर मुक्तसर के 57 वर्षीय हजारी को हार्ट अटैक आया। वह अपने पोते के साथ दिल्ली जा रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही सहारा जन सेवा की लाइफ सेविंग ब्रिगेड हेल्पलाइन टीम के राजेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। तब तक यात्री की मृत्यु हो चुकी थी। टीम ने तुरंत जीआरपी थाने को सूचित किया। सहारा टीम ने मृतक के आधार कार्ड और उनके पोते से जानकारी लेकर परिजनों को सूचना दी। करीब एक घंटे बाद परिजन स्टेशन पहुंचे। मृतक की पहचान हजारी के रूप में हुई। पुलिस की कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया।

लुधियाना पहुंचेंगे अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह:सिख जत्थेबंदियों के साथ करेंगे बैठक, SGPC चुनाव को लेकर होगी चर्चा
लुधियाना पहुंचेंगे अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह:सिख जत्थेबंदियों के साथ करेंगे बैठक, SGPC चुनाव को लेकर होगी चर्चा खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह आज लुधियाना में जालंधर बाईपास के नजदीक पहुंच रहे हैं। वे एक निजी पैलेस में सिख जत्थेबंदियों के साथ बैठक करेंगे। जेल से चुनाव जीतने के बाद अमृतपाल की नजर अब SGPC में एंट्री करने पर है। जानकारी के मुताबिक शहर में आज होने वाली बैठक SGPC चुनाव को लेकर होगी। तरसेम सिंह ने चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। SGPC चुनाव 2011 से लंबित हैं। इस बार 2024 में SGPC का बजट 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रखा गया है। इससे पहले अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पंजाब के मंत्री हार से बौखला गए हैं। इसलिए अमृतपाल के समर्थकों को झूठे मामलों में फंसा रहे हैं। SGPC कमेटी क्या है? एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) भारत में सिखों का एक संगठन है जो गुरुद्वारों के रख-रखाव के लिए जिम्मेदार है। इसका अधिकार क्षेत्र देश के कई राज्यों तक फैला हुआ है। SGPC के चुनावों में 18 वर्ष से अधिक आयु के सिख पुरुष और महिलाएं मतदाता होते हैं जो सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 के प्रावधानों के तहत मतदाता के रूप में पंजीकृत होते हैं। SGPC का संचालन एसजीपीसी के अध्यक्ष द्वारा किया जाता है। एसजीपीसी गुरुद्वारों की सुरक्षा, वित्त, सुविधा रखरखाव और धार्मिक पहलुओं का प्रबंधन करती है और सिख गुरुओं के हथियार, कपड़े, किताबें और लेखन सहित पुरातात्विक रूप से दुर्लभ और पवित्र कलाकृतियों को भी संभालती है। SGPC का गठन 16 नवंबर 1920 को हुआ था 15 नवंबर 1920 को अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब के पास सभी विचारधाराओं के सिखों की एक आम बैठक बुलाई गई थी। सिखों ने अपनी तय बैठक की और 16 नवंबर को 175 सदस्यों की एक बड़ी समिति का चुनाव किया और इसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ( SGPC) का नाम दिया। इस कमेटी की जरूरत क्यों पड़ी? इस कमेटी के गठन का उद्देश्य गुरुद्वारों की व्यवस्था में सुधार लाना था। बहुत कम लोग जानते हैं कि एसजीपीसी ने जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ भी लंबी लड़ाई लड़ी है। आजादी से पहले जाति व्यवस्था अपने चरम पर थी और गुरुद्वारों में भी दलितों के साथ भेदभाव होता था। एसजीपीसी की पहली बैठक 12 दिसंबर 1920 को अकाल तख्त पर हुई थी। जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ एसजीपीसी एसजीपीसी के गठन के 2 साल बाद 14 मार्च 1927 को जनरल हाउस में एक बड़ा प्रस्ताव पारित करके दलितों और अन्य सिखों के बीच की खाई को कम करने की कोशिश की गई थी। इस प्रस्ताव के तहत सिख धर्म अपनाने वाले दलित समुदाय के लोगों को भी बराबरी का दर्जा दिया जाएगा। अगर कोई सिख के साथ जाति के आधार पर भेदभाव करता है तो पूरा सिख समुदाय उसके लिए लड़ेगा। इसके अलावा साल 1953 में गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन किया गया और एसजीपीसी की 20 सीटें दलित सिखों के लिए आरक्षित कर दी गईं। अभी तक एसजीपीसी के ज्यादातर सदस्य वो हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं और अकाली दल से जुड़े हैं। बीबी जागीर कौर SGPC की पहली महिला अध्यक्ष बनीं
इस कमेटी के लिए केवल निर्वाचित सदस्य ही वोट कर सकते हैं। वर्ष 1999 में पहली बार किसी महिला को एसजीपीसी का अध्यक्ष चुना गया था। कमेटी की पहली महिला अध्यक्ष का नाम बीबी जागीर कौर था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का इतिहास गौरवशाली और बलिदानों से भरा रहा है। इन 100 सालों में एसजीपीसी ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं।

बरनाला में मांस के टुकडे़ फेंकने से तनाव:गांव वालों को देखकर आरोपी हुआ फरार, यूपी से लेकर आता है गाय और भैंस
बरनाला में मांस के टुकडे़ फेंकने से तनाव:गांव वालों को देखकर आरोपी हुआ फरार, यूपी से लेकर आता है गाय और भैंस बरनाला में एक व्यक्ति पर गांव में पशुओं का मांस फेंकने का आरोप लगा है। गांव में मांस के टुकड़े पड़े देख माहौल तनावपूर्ण हो गया। बताया जाता है कि लोगों को देखकर आरोपी मौके से फरार हो गया। मामला बरनाला जिले के गांव भगतपुरा का है। जहां देर रात माहौल तनावपूर्ण रहा। गांव निवासी परगट सिंह और गांव वालों ने बताया कि यूपी का रहने वाला एक व्यक्ति लंबे समय से गांव में रह रहा है। वह अक्सर यूपी से गाय लेकर आता है और बाद गाय गायब हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि गांव के बाहर हड्डारोडी है। जहां गांव के मरे हुए जानवरों को फेंका जाता है। ग्रामीणों ने बतया कि आरोपी की पक्खो कैंचियां में मांस की दुकान भी है। इस शख्स को कई बार हड्डारोड़ी के पास संदिग्ध हालत में देखा गया है। जहां लोगों को शक था कि वह गाय को काटने के बाद उसकी हड्डियां ले जाता है और वहां फेंक देता है। आज उसे जहां भैंस और गाय की बछड़े का मांस फेंकते गांव के लोगों ने देखा है। पता लगने के बाद उपरोक्त व्यक्ति मौके से फरार हो गया। गांव में मांस के टुकडे़ पड़े होने और तनाव की सूचना पाकर स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझा कर शांत कराया। थाना शैहणा के एएसआई बलदेव सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों से बात की। उन्होंने बताया कि संबंधित व्यक्ति भाग गया है। लोगों के संदेह की अंत तक जांच की जाएगी। फिलहाल आरोपी फरार है।