अमृतसर | स्पिकमैके के संस्थापक डॉ. किरण सेठ ने स्प्रिंग डेल सीनियर स्कूल का दौरा किया। स्प्रिंग डेल एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन, साहिलजीत सिंह संधू ने बताया कि इस अवसर पर पहुचे विद्यार्थियों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों के साथ डॉस किरण ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की । संधू ने बताया कि 1977 में डॉ. किरण सेठ की पहल से शुरू की गई संस्था स्पिकमैके भारतीय शास्त्री संगीत, शास्त्री नृत्य रूपों, लोक संगीत और रवायती कला रूपों की शान को बनाये रखने और नौजवान पीढ़ी में इसका जमीनी स्तर पर प्रसार करने के एक आंदोलन में बदल गई। डॉ. सेठ ने प्राचीन कला रूपों को सवारने की अपनी यात्रा और शुरूआती दिनों की मुश्किलों के बारे बताया। अमृतसर | स्पिकमैके के संस्थापक डॉ. किरण सेठ ने स्प्रिंग डेल सीनियर स्कूल का दौरा किया। स्प्रिंग डेल एजुकेशनल सोसाइटी के चेयरमैन, साहिलजीत सिंह संधू ने बताया कि इस अवसर पर पहुचे विद्यार्थियों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों के साथ डॉस किरण ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की । संधू ने बताया कि 1977 में डॉ. किरण सेठ की पहल से शुरू की गई संस्था स्पिकमैके भारतीय शास्त्री संगीत, शास्त्री नृत्य रूपों, लोक संगीत और रवायती कला रूपों की शान को बनाये रखने और नौजवान पीढ़ी में इसका जमीनी स्तर पर प्रसार करने के एक आंदोलन में बदल गई। डॉ. सेठ ने प्राचीन कला रूपों को सवारने की अपनी यात्रा और शुरूआती दिनों की मुश्किलों के बारे बताया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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कपूरथला मॉडर्न जेल में सर्च ऑपरेशन:बैरकों से मोबाइल सहित मिला अन्य प्रतिबंधित सामान, 8 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कपूरथला मॉडर्न जेल में चलाए गए सर्च ऑपरेशन दौरान जेल प्रबंधन को अलग-अलग बैरकों में बंद 8 कैदियों के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 3 हेडफोन व बैटरी बरामद हुई है। जेल प्रबंधन ने सारे प्रतिबंधित सामान को कब्जे में लेकर इसकी सूचना जेल के उच्चाधिकारियों और थाना कोतवाली पुलिस को दी है। थाना कोतवाली पुलिस ने शिकायत के आधार पर 8 कैदियों के खिलाफ 4 अलग अलग FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। 8 लोगों से मिली प्रतिबंधित सामग्री जेल के सहायक सुपरिटेंडेंट गुरजिंदर सिंह ने बताया कि वह CRPF टीम के साथ जेल में बंद कैदियों व हवालातियों की बैरकों की तलाशी ले रहे थे। इस दौरान जेल प्रबंधन को हवालाती अमनदीप सिंह वासी गांव अली नंगल गुरदासपुर, हवालाती कुलदीप सिंह वासी गांव काला संघिया, हवालाती करन वासी गांव नवां पिंड भट्ठे, अजय कुमार वासी सनुरा भोगपुर जालंधर व हवालाती गुरप्रताप उर्फ गोरी वासी गांव दमूलिया भुलत्थ, हवालाती हरपाल सिंह उर्फ काला वासी वीरा कोटली डेरा बाबा नानक गुरदासपुर, हवालाती यासीन मुहम्मद उर्फ जस्सू वासी सारीक पट्टी जालंधर व हवालाती इकबाल सिंह वासी कोरे वाला खुर्द मोगा इस भी के कब्जे से मोबाइल फोन, सिम समेत बैटरी और बैटरी बरामद हुए है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज बैरकों में चेकिंग के दौरान जेल प्रबंधन को 5 मोबाइल फोन सहित कई हेड फोन और मोबाइल की कई बैटरी बरामद हुई है। जेल प्रबंधन ने इन मामलों की सूचना जेल के उच्चाधिकारियों और थाना कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी कैदियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
शपथ के बाद मुश्किल अमृतपाल के लिए संसद की राह:हर कदम पर कोर्ट से अनुमति जरूरी; 60 दिन से अधिक नहीं रह सकेंगे गैर-हाजिर
शपथ के बाद मुश्किल अमृतपाल के लिए संसद की राह:हर कदम पर कोर्ट से अनुमति जरूरी; 60 दिन से अधिक नहीं रह सकेंगे गैर-हाजिर लोकसभा चुनावों के दो चेहरे, जिन्होंने जेल में रहते हुए चुनाव जीता, ने शुक्रवार संसद पहुंच शपथ ले ली। इनमें एक जम्मू-कश्मीर के बारामूला से इंजीनियर राशिद हैं, वहीं दूसरा नाम पंजाब के खडूर साहिब से वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह का है। राशिद के खिलाफ भारतीय जांच एजेंसी (NIA) कार्रवाई कर रही है, जबकि अमृतपाल सिंह के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत कार्रवाई हुई है। अमृतपाल सिंह की बात करें तो मार्च 2023 से NSA के तहत असम के डिब्रूगढ़ में जेल में हैं। NSA एक ऐसा कानून है जो सरकार को औपचारिक आरोपों के बिना 12 महीने तक व्यक्तियों को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन, पंजाब में चुनाव परिणाम आने के एक दिन पहले 3 जून को अमृतपाल सिंह की NSA की अवधी को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया। आगे क्या होगा, ये भी पंजाब सरकार पर डिपेंड करता है। चुनावों से पहले परिवार ने अमृतपाल सिंह और उसके 9 साथियों को पंजाब शिफ्ट करने की कई कोशिशें की, जो नाकामयाब रहीं। अंत में परिवार ने अमृतपाल सिंह को लोकसभा चुनावों में उतार दिया। हैरानी की बात है कि खडूर साहिब के लोंगो ने रिवायती पार्टियों को इस कदर निकारा कि अमृतपाल 1.97 लाख वोटों के अंतर से जीता है। शपथ के बाद भी हर कदम कठिन अमृतपाल को संविधानिक तौर पर सांसद बनने के लिए सबसे पहला कमद शपथ लेना था, जो शुक्रवार पूरा हो गया। चुनावी जीत का मतलब है कि जेल में रहने के बावजूद अमृतपाल के पास सांसद के रूप में संवैधानिक जनादेश है। जॉर्ज फर्नांडिस हुए थे जेल से रिहा एक मामले में जेल से सबसे प्रसिद्ध चुनावी जीत 1977 में हुई थी। आपातकाल के दौरान जेल में रहते हुए ट्रेड यूनियनवादी जॉर्ज फर्नांडीस मुजफ्फरपुर सीट से चुने गए थे। शपथ समारोह से पहले उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। लेकिन, उन पर धाराएं कुछ और थी। वहीं, अमृतपाल सिंह पर NSA लगा है। इतना ही नहीं, उसके खिलाफ पंजाब के विभिन्न थानों में 12 मामले दर्ज हैं। वहीं, तीन महीने के लिए NSA की अवधी को बढ़ा दिया गया है, उसके आगे का निर्णय भी पंजाब सरकार को लेना होगा। हर कदम पर अनुमति लेनी होगी जेल में सांसद को सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट संदीप गोरसी ने बताया कि शपथ लेने के लिए अमृतपाल सिंह को पैरोल दी गई। लेकिन जेल में रहते हुए सांसद बने अमृतपाल सिंह को संसद तक पहुंचने के लिए हर कदम पर अलग-अलग जगहों से अनुमति लेनी होगी। अगर वे संसद से अनुपस्थित रहना चाहते हैं तो उसके लिए भी स्पीकर को लिखना होगा। यह बहुत जरूरी है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 101(4) में कहा गया है कि यदि कोई सांसद बिना अनुमति के सभी बैठकों से 60 दिनों से अधिक समय तक अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सीट को खाली घोषित कर दिया जाएगा। सत्र में भाग लेने के लिए भी लेनी होगी अनुमति संसद सत्र में भाग लेने या संसद में वोट डालने के लिए सांसद को अनुमति के लिए अदालत का रुख करना होगा। अगर इस कार्यकाल के दौरान किसी भी मामले में उसे दो साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है तो उसे अयोग्य करार कर दिया जाएगा। एडवोकेट गोरसी का कहना है कि अब जब वे भारी बहुमत से सांसद बने हैं तो सभी को लोगों के मैंडेट का स्वागत करना चाहिए। 12 मामले हैं अमृतपाल पर अगर सरकार चुनावों के परिणाम देखते हुए तीन महीने की अवधी खत्म होने के बाद NSA हटाने का फैसला लेती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के फेर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है। जिसमें उससे पुलिस ने सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे। अमृतपाल अगर NSA से निकल जाता है तो पुलिस हर मामले में उसे हिरासत में लेती रहेगी। हर मामले में उसे बेल लेनी होगी। वहीं, अगर किसी मामले में 2 साल से अधिक की सजा हो गई तो अमृतपाल की संसद की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। खाते में थे 1000 रुपए, अब मिलेंगे लाखों अमृतपाल सिंह की बात करें तो उसके एफिडेविट से उसकी पत्नी किरणदीप कौर के बैंक एकाउंट्स डिटेल्स को अलग कर दिया जाए तो सिर्फ 1 हजार रुपए बचते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अमृतपाल सिंह को हर महीने वेतन के साथ कई सरकारी भत्ते जैसे ऑफिस खर्च भी मिलेगा।
गोल्डन टेंपल पहुंचे मीका सिंह:श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन, नहीं ली परिक्रमा की फोटो, जल्द ही नए प्रोजेक्ट की तैयारी
गोल्डन टेंपल पहुंचे मीका सिंह:श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन, नहीं ली परिक्रमा की फोटो, जल्द ही नए प्रोजेक्ट की तैयारी बॉलीवुड के पंजाबी गायक मीका सिंह शुक्रवार को अमृतसर पहुंचे। मीका सिंह सुबह अमृतसर में गोल्डन टेंपल पहुंचे और माथा टेका। लेकिन इस दौरान उन्होंने न तो टेंपल की तस्वीर ली और न ही मीडिया को ऐसा करने के लिए कहा। योगा गर्ल की तस्वीर पर विवाद के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन करते हुए मीका सिंह ने यह कदम उठाया है। गोल्डन टेंपल पहुंचे मीका सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर स्वर्ण मंदिर के साथ अपनी तस्वीर शेयर नहीं की। उन्होंने सिर्फ अपने सोशल अकाउंट्स की स्टोरी पर स्वर्ण मंदिर का एक छोटा सा वीडियो पोस्ट किया है। मीका सिंह स्वर्ण मंदिर परिसर के बाहर प्लाजा में मीडिया से भी मिले। इसके बाद वह सभी को हाथ जोड़कर अंदर चले गए। मीका ने कहा कि वे हर साल गोल्डन टेंपल में आते हैं। काफी लंबे समय से उनका गोल्डन टेंपल में आने का मन था, लेकिन गुरुओं की आज्ञा के बिना कोई यहां कैसे आ सकता है। मीका ने कहा कि वे गोल्डन टेंपल में सरबत के भले की अरदास करने आए हैं। नए प्रोजेक्ट की तैयारी में मीका मीका ने अपने नए प्राजेक्ट्स के बारे में बताने से मना किया है। लेकिन उन्होंने इशारा किया कि वे जल्द ही नया कुछ करने जा रहे हैं, जिसकी जानकारी वे जल्द साझा करेंगे। दो महीने पहले ही उनका नया गीत करतम भुक्तम का टाइटिल सांग रिलीज हुआ था। योग गर्ल के विवाद के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश योग गर्ल के गोल्डन टेंपल परिसर में योग करते हुए की तस्वीर वायरल होने के बाद शुरू हुए विवाद पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने दो आदेश पारी किए थे। उन्होंने गोल्डन टेंपल परिसर में बिना वजह मोबाइल कैमरे ना चलाने को कहा था। इसके साथ ही उन्होंने फिल्मी हस्तियों की तरफ से अपने कैमरे लेकर परिसर में शूट करने से मना किया था। उनका कहना था कि ये एक धार्मिक स्थान है और यहां सिर्फ माथा टेकने व गुरुओं का नाम स्रवण करने के लिए आया जाए।