झोझू कलां। आदमपुर डाढ़ी स्थित आर्यावर्त वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की पूर्व छात्रा तनिशा यादव भारतीय वायुसेना में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त की गई है। प्राचार्य विक्रांत वशिष्ठ ने बताया कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना कोई छोटी बात नही है, तनिशा का लेफ्टिनेंट बनना पूरे हरियाणा के लिए गर्व की बात है। तनिशा की इस सफलता पर आर्यावर्त संस्था के अध्यक्ष पवन वशिष्ठ, निदेशक सज्जन सिंह सांगवान, सचिव सुखबीर और पूरे आर्यावर्त परिवार और तनिशा के गांव निहालगढ़ से ग्रामीणों ने शुभकामनाएं दी हैं। झोझू कलां। आदमपुर डाढ़ी स्थित आर्यावर्त वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की पूर्व छात्रा तनिशा यादव भारतीय वायुसेना में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त की गई है। प्राचार्य विक्रांत वशिष्ठ ने बताया कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना कोई छोटी बात नही है, तनिशा का लेफ्टिनेंट बनना पूरे हरियाणा के लिए गर्व की बात है। तनिशा की इस सफलता पर आर्यावर्त संस्था के अध्यक्ष पवन वशिष्ठ, निदेशक सज्जन सिंह सांगवान, सचिव सुखबीर और पूरे आर्यावर्त परिवार और तनिशा के गांव निहालगढ़ से ग्रामीणों ने शुभकामनाएं दी हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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यमुनानगर में सांड की टक्कर से बुजुर्ग की मौत:सुबह दूध लेने जा रहा था; बेसहारा पशु को गौशाला भेजा, लोगों में रोष
यमुनानगर में सांड की टक्कर से बुजुर्ग की मौत:सुबह दूध लेने जा रहा था; बेसहारा पशु को गौशाला भेजा, लोगों में रोष हरियाणा के यमुनानगर में खुले घूम रहे एक सांड ने दूध लेने जा रहे बुजुर्ग को टक्कर मार दी। बुजुर्ग की इसमें मौत हो गई। बाद में सांड को नगर निगम की टीम ने पकड़ कर गौशाला भेज दिया। हादसे को लेकर छानबीन जारी है। दूसरी तरफ बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या से शहर वासी परेशान हैं। इनकी वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं। जानकारी अनुसार यमुनानगर की शिवपुरी कालोनी निवासी कुलदीप सिंह (71) आज सुबह अपने घर से से दूध लेने के लिए निकाले थे। इस दौरान वे रास्ते में खाली प्लाट में पेशाब करने के लिए चले गए। इसी दौरान वहां घूम रहे एक सांड ने अचानक से हमला कर दिया। सांड ने कुलदीप को टक्कर मारी। वह इससे जमीन पर गिर गया। लोगों ने घायल बुजुर्ग कर आनन-फानन में सिविल अस्पताल पहुंचाया। वहां पर डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलने के बाद गांधीनगर पुलिस मौके पर पहुंची। आसपास के लोगों से घटना का ब्योरा लिया। इसके बाद सिविल अस्पताल में कुलदीप के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया। इस बीच लोगों में रोष को देखते हुए नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने वहां खुले घूम रहे सांड को गौशाला में छोड़ दिया।

हरियाणा की पहलवान रीतिका हुड्डा का मैच आज:9 साल की उम्र में शुरू की कुश्ती; कॉमनवेल्थ में सिलेक्शन न होने पर छोड़ने का मन बनाया
हरियाणा की पहलवान रीतिका हुड्डा का मैच आज:9 साल की उम्र में शुरू की कुश्ती; कॉमनवेल्थ में सिलेक्शन न होने पर छोड़ने का मन बनाया हरियाणा की पहलवान रीतिका हुड्डा आज पेरिस ओलिंपिक में 76 Kg वेट कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनका मुकाबला दोपहर 3 बजे होगा। रीतिका ने 9 साल की उम्र में कुश्ती खेलनी शुरू की थी। उनका कहना है कि ओलिंपिक में गोल्ड जीतने के लिए उसने डेली 7 घंटे पसीना बहाया है। रीतिका हुड्डा ने पेरिस जाने से पहले कहा था, ‘जब उसका सिलेक्शन कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में नहीं हुआ तो कुश्ती छोड़ने का फैसला कर लिया था। माता-पिता ने उसे कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया। इसलिए उसने तय किया है कि वह किसी भी चीज को अपने दिमाग पर हावी नहीं होने देगी और खुलकर खेलेगी। उसने स्पीड वर्क और स्मार्ट वर्क पर खूब ध्यान दिया। उसका लक्ष्य गोल्ड लाना है।’ 2015 में शुरू की थी कुश्ती
रीतिका हुड्डा रोहतक जिले के खरकड़ा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता जगबीर हुड्डा किसान हैं। कुश्ती में आने से पहले पिता जगबीर ने उन्हें हैंडबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद पिता को लगा कि व्यक्तिगत खेल अधिक अवसर प्रदान करते हैं। इसलिए वे 2015 में रीतिका को छोटू राम अखाड़े में ले गए। वहां कोच मंदीप ने उनकी क्षमता को पहचाना। रीतिका ने कहा कि उस समय उन्होंने नहीं सोचा था कि वह कभी ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी और पहली भारतीय महिला बनेंगी। ओलिंपिक में कई देश के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें हराने के लिए अलग-अलग रणनीति होती है। उन्होंने सभी के मुकाबले देखे हैं और उन पर काम किया है। कुछ के साथ अटैक करके खेलूंगी और कुछ के साथ डिफेंड करूंगी। कहा- कोच और माता-पिता की अहम भूमिका
रीतिका हुड्डा ने कहा कि उनके कोच और माता-पिता ने उन्हें यहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। उनके पिता जगबीर हुड्डा उनके लिए हर परिस्थिति में खाने-पीने और खेल से जुड़ी चीजें लाते हैं। उनकी मां नीलम उनके खाने-पीने का ख्याल रखती है। कोच मंदीप उन्हें मैदान में अच्छी ट्रेनिंग देते हैं। उनके आसपास के लोग भी उनका पूरा साथ देते हैं। भगवान जो भी देगा, वे उससे खुश रहेंगी। रीतिका अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी
रीतिका हुड्डा वर्ल्ड चैंपियनशिप के अंडर-23 वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। उन्होंने दिसंबर 2023 में अल्बानिया की राजधानी तिराना में आयोजित चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले भारत की ओर से सिर्फ एक पुरुष पहलवान ने अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था।

हरियाणा में समय से पहले सुनहरी होने लगी गेहूं:अचानक पारा चढ़ने से दाना हल्का और पतला होगा; 25% तक घट सकती है पैदावार
हरियाणा में समय से पहले सुनहरी होने लगी गेहूं:अचानक पारा चढ़ने से दाना हल्का और पतला होगा; 25% तक घट सकती है पैदावार हरियाणा में समय से पहले ठंड कम हो चली है। दिन के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में किसानों की मुश्किल बढ़ सकती हैं। कुछ दिनों में यदि बारिश नहीं हुई और दिन का तापमान ऐसे ही बढ़ता रहा तो अगेती गेहूं की फसल समय से पहले सुनहरी जाएगी और गेहूं के उत्पादन पर 5 से 25 प्रतिशत तक असर पड़ सकता है। हरियाणा में इस बार करीब 37 लाख एकड़ में गेहूं की बिजाई की गई है। इसमें से कुछ फसल की बिजाई अगेती की गई, जो गर्मी बढ़ने के साथ सुनहरी होने लगी है। इस समय हरियाणा में रात और दिन के तापमान में करीब 13 से 15 डिग्री तक का अंतर है। इस कारण गेहूं की बालियां सुनहरी होने लगी हैं। बड़ी बात यह है कि इस बालियों में अभी ठीक से गेहूं का दाना नहीं पनपा। किसानों की चिंता का कारण यही है। यदि फसल पहले सुनहरी हो गई तो दाना पतला और हल्का रहेगा। यह समय सरसों के लिए अनुकूल
कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुभाष चंद्र बताते हैं कि जनवरी और फरवरी में तापमान ज्यादा होने पर गेहूं की बालियां प्री-मेच्योर हो जाती हैं। इससे किसानों को सीधा नुकसान होता है। इस समय मौसम सरसों की फसल के अनुकूल है, लेकिन गेहूं की फसल के अनुकूल नहीं है। गेहूं की फसल में पीला रतुआ आने की आशंका है। इसलिए, किसान प्रतिदिन अपनी फसल की देखरेख करते रहें और रतुआ की शिकायत आते ही तुरंत कृषि विशेषज्ञ से संपर्क कर उचित दवा का छिड़काव करें। पीला रतुआ गेहूं की फसल पर हल्दी की तरह जम जाता है, जो पौध तक सही खुराक नहीं पहुंचने देता। बारिश हुई तो मिलेगी राहत
डॉ. सुभाष चंद्र बताते हैं कि 29 से 31 जनवरी के बीच कुछ जिलों में हल्की से सामान्य बारिश के आसार बन रहे हैं। अगर सामान्य बारिश होती है तो किसानों को फायदा होगा। इससे तापमान में कमी आएगी और गेहूं की बालियों में ग्रोथ ठीक होगी। बालियां समय से पहले नहीं पकेंगी और इनके अंदर का दाना अच्छी तरह बढ़ेगा। 15 नवंबर से पहले की बिजाई गेहूं अगेती किस्म की हैं।