पंजाब में तरनतारन के रख शेख फत्ता गांव में जम्मू कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर किसान और प्रशासन आमने-सामने आ गए। भारी पुलिस बल की मदद से प्रशासनिक अधिकारी जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें के किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। भारी पुलिस बल के साथ पहुंची अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने जमीन पर कब्जा लेने के लिए पोकलेन मशीनें चलाने की कोशिश की। किसानों ने मशीनों के आगे लेटकर विरोध किया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन को अपनी मशीनें वापस बुलानी पड़ी। जबरदस्ती जमीन पर कब्जे की कोशिश इस मौके पर किसानों ने कहा पोकलेन मशीन चलाए जाने से उनकी धान की फसल बर्बाद हो गई है। वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने जबरदस्ती उनकी जमीनों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। किसानों का कहना था कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और किसानों पर लाठीचार्ज किया। किसानों ने कहा कि जब तक सरकार उन्हें जमीन का उचित दाम नहीं देगी, वे किसी भी हालत में अपनी जमीन सरकार को नहीं देंगे। उधर, जब एसडीएम तरनतारन सिमरनदीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर आज कुछ जमीन पर कब्जा ले लिया गया है। एसडीएम ने कहा कि प्रशासन ने किसानों के साथ किसी तरह का धक्का नहीं किया है, किसानों ने खुद ही प्रशासन का विरोध किया है। पंजाब में तरनतारन के रख शेख फत्ता गांव में जम्मू कटरा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर किसान और प्रशासन आमने-सामने आ गए। भारी पुलिस बल की मदद से प्रशासनिक अधिकारी जमीन पर कब्जा लेने के लिए पहुंचे, लेकिन उन्हें के किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। भारी पुलिस बल के साथ पहुंची अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने जमीन पर कब्जा लेने के लिए पोकलेन मशीनें चलाने की कोशिश की। किसानों ने मशीनों के आगे लेटकर विरोध किया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। किसानों के विरोध को देखते हुए प्रशासन को अपनी मशीनें वापस बुलानी पड़ी। जबरदस्ती जमीन पर कब्जे की कोशिश इस मौके पर किसानों ने कहा पोकलेन मशीन चलाए जाने से उनकी धान की फसल बर्बाद हो गई है। वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने जबरदस्ती उनकी जमीनों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। किसानों का कहना था कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की और किसानों पर लाठीचार्ज किया। किसानों ने कहा कि जब तक सरकार उन्हें जमीन का उचित दाम नहीं देगी, वे किसी भी हालत में अपनी जमीन सरकार को नहीं देंगे। उधर, जब एसडीएम तरनतारन सिमरनदीप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर आज कुछ जमीन पर कब्जा ले लिया गया है। एसडीएम ने कहा कि प्रशासन ने किसानों के साथ किसी तरह का धक्का नहीं किया है, किसानों ने खुद ही प्रशासन का विरोध किया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पूर्व क्रिकेटर हरभजन ने पाकिस्तानी क्रिकेटर कामरान को फटकारा:अर्शदीप सिंह पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी, बाद में सोशल मीडिया पर मांगी माफी पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पंजाब में आप के लोकसभा सांसद हरभजन सिंह और पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर कामरान अकमल आमने सामने हैं। बीते दिन भारत पाकिस्तान के बीच हुए मैच के दौरान मिली हार से तलमिलाए कामरान अकमल ने भारतीय टीम के गेंदबाज अर्शदीप सिंह पर आपत्ति जनक टिप्पणी की थी। इस पर गुस्साए हरभजन सिंह ने कहा- लख दी लानत तेरे ते कामरान अकमल, अपना गंदा मुंह खोलने से पहले आपको सिखों का इतिहास जानना चाहिए। जब हमलावरों ने अपहरण किया तो हम सिखों ने अपनी मां-बहनों को बचाया, समय रात के 12 बजे थे। तुम्हें शर्म आनी चाहिए, किसी चीज के लिए आभारी रहो। कामरान ने 12 बजने को लेकर अर्शदीप पर की थी टिप्पणी
एक पाकिस्तानी टीवी शो के दौरान पूर्व क्रिकेटर कामरान ने आपत्ति जनक टिप्पणी करते हुए कहा था कि 12 बज चुके हैं। दरअसल सिख समुदाय को 12 बजे के कमेंट के जरिए नीचा दिखाने की कोशिश की जाती है। जबकि इस संदर्भ का काफी ऐतिहासिक कनेक्शन है। कामरान अकमल ने वह ऐतिहासिक संदर्भ समझे बिना ओछी हरकत की। इसी बात को लेकर हरभजन सिंह को गुस्सा आ गया और उन्होंने कामरान की क्लास लगा दी। हरभजन ने अपने एक्स अकाउंट पर कामरान को टैग कर उन पर जमकर भड़के। जिसके बाद कामरान को तुरंत माफी मांगनी पड़ी। कामरान ने हरभजन और अर्शदीप सिंह से मांगी माफी
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर कामरान अकमल को डांट पड़ने के बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हरभजन और अर्शदीप सिंह से माफी भी मांगी। कामरान ने कहा- मैं अपनी हालिया टिप्पणियों पर बहुत खेद व्यक्त करता हूं। हरभजन सिंह और सिख समुदाय से ईमानदारी से माफी मांगता हूं। मेरे शब्द अनुचित और अपमानजनक थे। मैं दुनिया भर के सिखों का बहुत सम्मान करता हूं और मेरा कभी किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। मैं सच में माफी चाहता हूं।
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खन्ना के तरुणप्रीत का वर्कर से मंत्री बनने का सफर:केजरीवाल की किताब पढ़कर सियासत में आए, पूर्व सीएम के पोते को हराया
खन्ना के तरुणप्रीत का वर्कर से मंत्री बनने का सफर:केजरीवाल की किताब पढ़कर सियासत में आए, पूर्व सीएम के पोते को हराया विधानसभा क्षेत्र खन्ना से विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध ने एक आम वर्कर के तौर पर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। आज उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। उनके आम वर्कर से मंत्री बनने तक का सफर मेहनत और संघर्ष से भरपूर रहा। अन्ना हजारे आंदोलन के बाद सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी स्वराज किताब पढ़कर सियासत में आने का मन बनाया था। कान्वेंट स्कूल से प्राइमरी शिक्षा 7 सितंबर 1983 को पिता भूपिंदर सिंह सौंध और माता सुखविंदर कौर के घर में जन्मे तरुणप्रीत सिंह सौंध ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खन्ना के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की। जिसके बाद राधा वाटिका से 12वीं करने उपरांत सीएनसी डिप्लोमा, इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोर्स, ऑटोकैड कोर्स कर अपने पिता के साथ व्यवसाय में हाथ बंटाया। 2004 में कमलजीत कौर के साथ शादी होने के बाद एक बेटे और एक बेटी के पिता बने। तरुणप्रीत सौंध ने सोप मैन्युफैक्चरिंग मशीन इंडस्ट्री में अपने पिता के साथ हाथ बंटाते हुए देशभर में मशीनें सप्लाई की और एक सफल उद्योगपति के रूप में अपनी पहचान बनाई। कांग्रेस का समर्थक था परिवार किसी समय कांग्रेस पार्टी का समर्थक रहा सौंध परिवार देश में कांग्रेस पार्टी की आम जन विरोधी गतिविधियों और लगातार हो रहे कथित भ्रष्टाचार से आहत था। किसी विभाग में काम होता तो व्यापारियों के साथ अधिकारियों का रूखा रवैया सौंध परिवार को हमेशा से खटकता। मन में आता कि देश के मात्र 2 फीसदी उद्योगपति टैक्स देकर भी सरकारी दरबार में नजरअंदाज किए जाते हैं और आम जनता की सरकार के दरबार में कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। मन के भीतर जारी जंग को 2012 में हुए अन्ना हजारे के आंदोलन से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पनपी आम आदमी पार्टी से एक आशा की किरण दिखाई दी। सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी किताब स्वराज को पढ़ा। बड़ी संख्या में किताब स्वराज की लिपियां वितरित भी कीं। 2014 में आम आदमी पार्टी के पहले चुनाव में सौंध ने पार्टी का भरपूर साथ दिया। पार्टी की ओर से लगाई प्रत्येक ड्यूटी को पूरी तनदेही से निभाया। पार्टी में अलग-अलग ओहदे मिले पार्टी के प्रति सच्ची लगन और निष्ठा देखते हुए तरुणप्रीत सिंह सौंध को पार्टी ने पहले ट्रेड ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री विंग का खन्ना प्रधान बनाया। इसके बाद खन्ना के साथ साहनेवाल और समराला का प्रधान, फिर लोकसभा फतेहगढ़ साहिब का प्रधान बनाया गया। 2017 के विधानसभा चुनावों में भी सौंध ने पार्टी के हर आदेश को मानते हुए चुनावों में कड़ी मेहनत की। बेशक उन्हें पार्टी की तरफ से टिकट नहीं दी गई थी, लेकिन वे एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में उभरे जिन्होंने पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद उस समय पार्टी का झंडा उठाया। जिस समय पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की बेहद अधिक जरूरत थी। सौंध के जीवन में उस समय क्रांतिकारी बदलाव आया जब पार्टी ने उनकी अथक मेहनत और नि:स्वार्थ सेवा देखते हुए उन्हें हलका खन्ना इंचार्ज की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। सौंध की कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों में हलका खन्ना से अपना प्रत्याशी घोषित किया। वह नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए रिकार्ड 35620 मतों से विजयी हुए। उन्हें 48.55 फीसद की दर से रिकार्ड 62 हजार 425 वोट मिले। इस चुनाव में उन्होंने पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते एवं पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली की जमानत जब्त कराई। मंत्री बनने के बाद बोले- परिवारवाद हमारी पार्टी में नहीं शपथ ग्रहण करने के बाद बतौर कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंध ने जब मीडिया से बात की तो सबसे पहले अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान का आभार जताया। उन्होंने कहा कि AAP में परिवारवाद नहीं है। कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा कुछ परिवारों के हाथों में हैं। आप में ऐसा नहीं है। उन्हें पार्टी ने मंत्री बनाकर बहुत मान सम्मान दिया है। वे पार्टी के भरोसे पर खरा उतरेंगे। पूरे पंजाब की भलाई के लिए काम किए जाएंगे।