भास्कर न्यूज | होशियारपुर पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के तीसरी से दसवीं तक के विद्यार्थियों को कम्पीटेंसी इनहांसमेंट प्लान के अधीन फंड जारी किया है। पहले इस मद में प्रति विद्यार्थी 10 रुपए के हिसाब से 8 लाख 73 हजार 20 रुपए का फंड जारी किया गया था लेकिन अब इसे संशोधित कर 26 लाख 19 हजार 60 रुपए का फंड जारी किया गया है। इस योजना के अधीन जिले के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी से लेकर दसवीं तक के 87,320 बच्चों के लिए प्रति बच्चे 30 रुपए के हिसाब से फंड जारी किया गया है। जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार होशियारपुर जिले के सरकारी स्कूलों में इस समय तीसरी कक्षा में 11844 विद्यार्थी, चौथी कक्षा में 12105 विद्यार्थी, पांचवीं कक्षा में 10705 विद्यार्थी, छठी कक्षा में 10461 विद्यार्थी, सातवीं कक्षा में 9319, आठवीं कक्षा में 11103 विद्यार्थी, नौंवीं कक्षा में 11260 विद्यार्थी और दसवीं कक्षा में 10523 विद्यार्थी सहित कुल मिलाकर 87,320 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से प्रति बच्चों के लिए 30 रुपए निर्धारित किए गए हैं जिसमें बच्चों को वीकली प्रैक्टिस शीट और फोर्टनाइटली प्रैक्टिस टेस्ट को प्रिंट या फोटो कॉपी करवाने के लिए यह फंड जारी किए गए हैं। इस संबंध में एससीईआरटी के डायरेक्टर अमनिंदर कौर बराड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी से लेकर दसवीं तक के बच्चों की पढ़ाई में और विकसित करने के लिए कम्पीटेंसी इनहांसमेंट योजना तैयार की है। इसके तहत इन कक्षाओं के सिलेबस के साथ साथ कम्पीटेंसी आधारित शैक्षणिक सामग्री जिसमें वीकली प्रैक्टिस शीट और फोर्टनाइटली प्रैक्टिस टेस्ट भेजा जा रहा है। इसका शिक्षा विभाग द्वारा निरंतर मूल्यांकन भी किया जा रहा है। भास्कर न्यूज | होशियारपुर पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के तीसरी से दसवीं तक के विद्यार्थियों को कम्पीटेंसी इनहांसमेंट प्लान के अधीन फंड जारी किया है। पहले इस मद में प्रति विद्यार्थी 10 रुपए के हिसाब से 8 लाख 73 हजार 20 रुपए का फंड जारी किया गया था लेकिन अब इसे संशोधित कर 26 लाख 19 हजार 60 रुपए का फंड जारी किया गया है। इस योजना के अधीन जिले के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी से लेकर दसवीं तक के 87,320 बच्चों के लिए प्रति बच्चे 30 रुपए के हिसाब से फंड जारी किया गया है। जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार होशियारपुर जिले के सरकारी स्कूलों में इस समय तीसरी कक्षा में 11844 विद्यार्थी, चौथी कक्षा में 12105 विद्यार्थी, पांचवीं कक्षा में 10705 विद्यार्थी, छठी कक्षा में 10461 विद्यार्थी, सातवीं कक्षा में 9319, आठवीं कक्षा में 11103 विद्यार्थी, नौंवीं कक्षा में 11260 विद्यार्थी और दसवीं कक्षा में 10523 विद्यार्थी सहित कुल मिलाकर 87,320 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से प्रति बच्चों के लिए 30 रुपए निर्धारित किए गए हैं जिसमें बच्चों को वीकली प्रैक्टिस शीट और फोर्टनाइटली प्रैक्टिस टेस्ट को प्रिंट या फोटो कॉपी करवाने के लिए यह फंड जारी किए गए हैं। इस संबंध में एससीईआरटी के डायरेक्टर अमनिंदर कौर बराड़ ने कहा कि शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले तीसरी से लेकर दसवीं तक के बच्चों की पढ़ाई में और विकसित करने के लिए कम्पीटेंसी इनहांसमेंट योजना तैयार की है। इसके तहत इन कक्षाओं के सिलेबस के साथ साथ कम्पीटेंसी आधारित शैक्षणिक सामग्री जिसमें वीकली प्रैक्टिस शीट और फोर्टनाइटली प्रैक्टिस टेस्ट भेजा जा रहा है। इसका शिक्षा विभाग द्वारा निरंतर मूल्यांकन भी किया जा रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शपथ के बाद मुश्किल अमृतपाल के लिए संसद की राह:हर कदम पर कोर्ट से अनुमति जरूरी; 60 दिन से अधिक नहीं रह सकेंगे गैर-हाजिर
शपथ के बाद मुश्किल अमृतपाल के लिए संसद की राह:हर कदम पर कोर्ट से अनुमति जरूरी; 60 दिन से अधिक नहीं रह सकेंगे गैर-हाजिर लोकसभा चुनावों के दो चेहरे, जिन्होंने जेल में रहते हुए चुनाव जीता, ने शुक्रवार संसद पहुंच शपथ ले ली। इनमें एक जम्मू-कश्मीर के बारामूला से इंजीनियर राशिद हैं, वहीं दूसरा नाम पंजाब के खडूर साहिब से वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह का है। राशिद के खिलाफ भारतीय जांच एजेंसी (NIA) कार्रवाई कर रही है, जबकि अमृतपाल सिंह के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत कार्रवाई हुई है। अमृतपाल सिंह की बात करें तो मार्च 2023 से NSA के तहत असम के डिब्रूगढ़ में जेल में हैं। NSA एक ऐसा कानून है जो सरकार को औपचारिक आरोपों के बिना 12 महीने तक व्यक्तियों को हिरासत में रखने की अनुमति देता है। लेकिन, पंजाब में चुनाव परिणाम आने के एक दिन पहले 3 जून को अमृतपाल सिंह की NSA की अवधी को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया। आगे क्या होगा, ये भी पंजाब सरकार पर डिपेंड करता है। चुनावों से पहले परिवार ने अमृतपाल सिंह और उसके 9 साथियों को पंजाब शिफ्ट करने की कई कोशिशें की, जो नाकामयाब रहीं। अंत में परिवार ने अमृतपाल सिंह को लोकसभा चुनावों में उतार दिया। हैरानी की बात है कि खडूर साहिब के लोंगो ने रिवायती पार्टियों को इस कदर निकारा कि अमृतपाल 1.97 लाख वोटों के अंतर से जीता है। शपथ के बाद भी हर कदम कठिन अमृतपाल को संविधानिक तौर पर सांसद बनने के लिए सबसे पहला कमद शपथ लेना था, जो शुक्रवार पूरा हो गया। चुनावी जीत का मतलब है कि जेल में रहने के बावजूद अमृतपाल के पास सांसद के रूप में संवैधानिक जनादेश है। जॉर्ज फर्नांडिस हुए थे जेल से रिहा एक मामले में जेल से सबसे प्रसिद्ध चुनावी जीत 1977 में हुई थी। आपातकाल के दौरान जेल में रहते हुए ट्रेड यूनियनवादी जॉर्ज फर्नांडीस मुजफ्फरपुर सीट से चुने गए थे। शपथ समारोह से पहले उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। लेकिन, उन पर धाराएं कुछ और थी। वहीं, अमृतपाल सिंह पर NSA लगा है। इतना ही नहीं, उसके खिलाफ पंजाब के विभिन्न थानों में 12 मामले दर्ज हैं। वहीं, तीन महीने के लिए NSA की अवधी को बढ़ा दिया गया है, उसके आगे का निर्णय भी पंजाब सरकार को लेना होगा। हर कदम पर अनुमति लेनी होगी जेल में सांसद को सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट संदीप गोरसी ने बताया कि शपथ लेने के लिए अमृतपाल सिंह को पैरोल दी गई। लेकिन जेल में रहते हुए सांसद बने अमृतपाल सिंह को संसद तक पहुंचने के लिए हर कदम पर अलग-अलग जगहों से अनुमति लेनी होगी। अगर वे संसद से अनुपस्थित रहना चाहते हैं तो उसके लिए भी स्पीकर को लिखना होगा। यह बहुत जरूरी है क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 101(4) में कहा गया है कि यदि कोई सांसद बिना अनुमति के सभी बैठकों से 60 दिनों से अधिक समय तक अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सीट को खाली घोषित कर दिया जाएगा। सत्र में भाग लेने के लिए भी लेनी होगी अनुमति संसद सत्र में भाग लेने या संसद में वोट डालने के लिए सांसद को अनुमति के लिए अदालत का रुख करना होगा। अगर इस कार्यकाल के दौरान किसी भी मामले में उसे दो साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है तो उसे अयोग्य करार कर दिया जाएगा। एडवोकेट गोरसी का कहना है कि अब जब वे भारी बहुमत से सांसद बने हैं तो सभी को लोगों के मैंडेट का स्वागत करना चाहिए। 12 मामले हैं अमृतपाल पर अगर सरकार चुनावों के परिणाम देखते हुए तीन महीने की अवधी खत्म होने के बाद NSA हटाने का फैसला लेती है तो भी अमृतपाल सिंह को अदालतों के फेर में फंसे रहना पड़ेगा। अमृतपाल सिंह पर अजनाला थाने पर अवैध हथियारों के साथ हमला करने सहित 12 मामले विभिन्न थानों में दर्ज है। इतना ही नहीं, एक मामला उस पर असम के थाने में भी दर्ज है। जिसमें उससे पुलिस ने सर्च के दौरान डिब्रूगढ़ जेल से इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बरामद किए थे। अमृतपाल अगर NSA से निकल जाता है तो पुलिस हर मामले में उसे हिरासत में लेती रहेगी। हर मामले में उसे बेल लेनी होगी। वहीं, अगर किसी मामले में 2 साल से अधिक की सजा हो गई तो अमृतपाल की संसद की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। खाते में थे 1000 रुपए, अब मिलेंगे लाखों अमृतपाल सिंह की बात करें तो उसके एफिडेविट से उसकी पत्नी किरणदीप कौर के बैंक एकाउंट्स डिटेल्स को अलग कर दिया जाए तो सिर्फ 1 हजार रुपए बचते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अमृतपाल सिंह को हर महीने वेतन के साथ कई सरकारी भत्ते जैसे ऑफिस खर्च भी मिलेगा।
पंजाब-हरियाणा के चुनावी मैदान में उतरेंगे किसान:गुरनाम चढूनी की घोषणा, दो राज्यों की 94 सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार, 2022 में जमानत जब्त
पंजाब-हरियाणा के चुनावी मैदान में उतरेंगे किसान:गुरनाम चढूनी की घोषणा, दो राज्यों की 94 सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार, 2022 में जमानत जब्त किसान नेता और 2020 के किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा विधानसभा और पंजाब उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है। गुरनाम चढूनी ने कल शाम यह ऐलान किया। ये चुनाव संयुक्त संघर्ष पार्टी (एसएसपी) के बैनर तले लड़े जाएंगे। 2022 में हार के बाद किसान एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी (संयुक्त संघर्ष पार्टी) पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुई हैं। वह गिद्दड़बाहा, बरनाला, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल में अपने किसान नेताओं को मैदान में उतारेंगे। इतना ही नहीं वह इस साल होने वाले हरियाणा चुनाव में भी उतरेंगे। पेहवा से चुनाव लड़ेंगे चढूनी चढूनी ने इस दौरान खुद भी चुनाव लड़ने की बात कही है। उनका कहना है कि वह खुद पेहवा से चुनाव लड़ेंगे। किसी अन्य सीट से कौन चुनाव लड़ेगा, इसका ऐलान अभी नहीं हुआ है। यह फैसला एसएसपी के वरिष्ठ नेता मिलकर लेंगे। 2022 में हुई थी जमानत जब्त यह पहली बार नहीं है कि किसान नेता मैदान में उतरे हैं। 2020 के किसान आंदोलन-1 के खत्म होने के बाद 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी किसान नेता मैदान में उतरे थे। चुनाव लड़ने के फैसले को लेकर किसान नेताओं में भी फूट पड़ गई थी। इसका खामियाजा चुनाव लड़ने वाले किसान नेताओं को भुगतना पड़ा। किसान नेताओं की जमानत जब्त हो गई। राजेवाल को सिर्फ 3.5% वोट मिले पंजाब में किसानों की ओर से मुख्यमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार बलबीर सिंह राजेवाल, जिन्होंने एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन का नेतृत्व किया, को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। वह छठे स्थान पर रहे और अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। लुधियाना जिले के समराला विधानसभा क्षेत्र में उन्हें केवल 3.5% वोट मिले। निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़े उम्मीदवार संयुक्त संघर्ष मोर्चा समय रहते पार्टी के तौर पर पंजीकृत नहीं हो सका, इसलिए उसे अपने सभी 92 उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर उतारने पड़े। इसमें किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी (एसएसपी) के 10 उम्मीदवार शामिल थे। कानून निरस्त होने के बाद पंजाब के 20 किसान यूनियनों ने मिलकर 25 दिसंबर 2021 को एक पार्टी बनाई। कुछ किसान यूनियनें मोर्चे से अलग हो गईं और राजनीति में इसके हस्तक्षेप से खुद को दूर कर लिया। किसान मजदूर संघर्ष समिति और क्रांतिकारी किसान यूनियन के अलावा बीकेयू के विभिन्न स्वरूपों – एकता उग्राहां, एकता डकौंडा, एकता सिद्धूपुर, लाखोवाल, कादियां और क्रांतिकारी – ने भी मोर्चे में शामिल होने से इनकार कर दिया। नतीजों से पहले ही मोर्चा बिखर गया था मोर्चा नतीजों से पहले ही बिखरना शुरू हो गया था। वोटों की गिनती से कुछ घंटे पहले फरीदकोट और मुक्तसर में राजेवाल के विधायकों ने यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया कि चुनावी राजनीति में उनके प्रवेश ने किसानों के मुद्दे को कमजोर कर दिया है। दो और जिला इकाइयों ने चुनाव अभियान से खुद को अलग कर लिया। बगावत के कारण पंजाब किसान यूनियन के गुरनाम सिंह भीखी को मानसा से चुनाव लड़ने से पीछे हटना पड़ा। दो और उम्मीदवारों ने नाम वापस ले लिया। एक ने रामपुरा फूल में आप का समर्थन किया, जबकि दूसरे ने अमरगढ़ में सिमरनजीत सिंह मान की शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) का समर्थन किया।
प्रवासियों को गांव से निकलने का फरमान मामला:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब; अधिकारों का हनन बताया
प्रवासियों को गांव से निकलने का फरमान मामला:पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से मांगा जवाब; अधिकारों का हनन बताया पंजाब के जिला मोहाली स्थित गांव मुद्दों संगतियां में कुछ दिन पहले एक विवादित प्रस्ताव पास किया था। प्रवासी लोगों को गांव से बाहर निकलने का फरमान सुनाया गया था। अब यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से जवाब तलब कर लिया है। अगली सुनवाई पर सरकार को इस बारे में अपना पक्ष अदालत में रखना होगा। इस बारे में अदालत में याचिका एडवोकेट वैभव वत्स की तरफ से दाखिल की गई है। उनका कहना है कि संविधान प्रत्येक नागरिक को मर्जी के स्थान पर रहने का अधिकार देता है। इस प्रकार गांव निकाला देकर प्रवासी मजदूरों के अधिकारों का हनन हो रहा है। प्रवासी लोग उठा रहे हैं कई दिक्कतें उन्होंने अदालत को मीडिया में आई खबरों का हवाला दिया। उनका कहना है कि एक अगस्त को उनके ध्यान में यह मामला आया था। उन्हें पता चला था कि गांव में एक प्रस्ताव पास किया गया है। इसमें प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने के लिए कहा गया है। हालांकि गांव के सरपंच इस पर नहीं थे। वहीं, इस वजह से वह परिवार मुश्किल में हैं। उन्हें कई तरह की दिक्कतें आ रही है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर अन्य चीजों पर असर पड़ रहा है। लोगों को रोजगार तक मिलने में दिक्कतें आ रही है। प्रस्ताव पास करने को दिया था यह तर्क याची ने गांव में जब यह प्रस्ताव पास गया तो यह तर्क दिया गया था कि गांव कुछ आपराधिक घटनाएं हुई है। इसमें प्रवासी लोगों को संलिप्तता पाई गई थी। ऐसे में गांव वालों ने मजबूतरी प्रस्ताव पास किया गया है। ऐसे में जो लोग काफी समय से गांव में रह रहे थे। उनका आचरण भी अच्छा है। उन्हें भी गांव छोड़ने के लिए कहा दिया है। जो कि बिल्कुल भी उचित नहीं है। इस मामले में तुरंत दखल दिए जाने की मांग है।