‘तुम्हें पीछे से कैसे पकड़ा…यह सब कितनी देर चला:3 लोग थे तो भाग कैसे पाईं; IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता से कोर्ट में पूछे गए ऐसे सवाल

‘तुम्हें पीछे से कैसे पकड़ा…यह सब कितनी देर चला:3 लोग थे तो भाग कैसे पाईं; IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता से कोर्ट में पूछे गए ऐसे सवाल

जगह : वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट रूम
मसला : IIT BHU गैंगरेप केस में जिरह ‘पुलिस ने केस दर्ज किया। मेरे साथ घटनास्थल का मुआयना किया। मेरे बयान दर्ज किए। मेरे साथ जो कुछ हुआ, अंधेरे में हुआ। फिर भी 2 आरोपियों की पहचान कर ली। मगर अब तक मुझे केस का कोई अपडेट नहीं दिया गया। मुझे लगता है, पुलिस कार्रवाई ठीक से नहीं हुई।’ यह बयान IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता ने वाराणसी कोर्ट रूम में उस समय दिया, जब आरोपियों के वकील उससे सवाल-जवाब कर रहे थे। ADGC (शासकीय अधिवक्ता) मनोज गुप्ता की मौजूदगी में घटना की शुरुआत से गिरफ्तारी तक 25 से ज्यादा सवाल छात्रा से पूछे गए। आरोपियों के वकील ने पूछा कि तुम्हारे साथ कितनी देर वारदात हुई, तुम्हें पीछे से कितने लोगों ने पकड़ा…3 लोग थे तो तुम भाग कैसे पाईं? पीड़िता कई सवालों को सुनकर असहज हुई, मगर फिर खुद को संभाल कर सारे जवाब दिए। अब सिलसिलेवार पढ़िए कोर्ट रूम के सवाल-जवाब… सवाल : आप कोर्ट को पूरा घटनाक्रम बताइए, वारदात की रात कब हॉस्टल से बाहर आईं?
छात्रा : 2 नवंबर की रात 1.30 बजे टहलने के लिए हॉस्टल के बाहर निकली थी। गांधी स्मृति छात्र निवास चौराहे पर दोस्त मिल गया। साथ में टहलते हुए हम कर्मन बाबा मंदिर के आगे तक पहुंच गए। मंदिर के पास पीछे से एक रायल एनफील्ड बुलेट-350 पास आकर रुकी, जिस पर तीन लोग सवार थे। इनमें एक लड़का जो मोटा-लंबा था, उसने भागकर पीछे से मेरा मुंह दबा लिया। दूसरे लड़के ने मेरे दोस्त को पकड़ लिया। उसे दूसरे छोर पर ले गया। इसके बाद मुंह दबाए युवक ने दरिंदगी शुरू कर दी। मेरा मुंह दबाते हुए मेरे प्राइवेट पार्ट को छुआ और फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। उनके मांगने पर मैंने अपना मोबाइल नंबर भी दे दिया। इसके बाद तीनों भाग निकले। सवाल : घटना के बाद आप सबसे पहले कहां पहुंचीं?
छात्रा : सबसे पहले भागकर मैं एक प्रोफेसर के घर के कंपाउंड में जाकर छिप गई। दरवाजा खटखटाया और उनसे हॉस्टल तक छोड़ने के लिए मदद मांगी। IIT कैंपस में मौजूद रहने वाले सिक्योरिटी के लोग भी पहुंच गए। तब मैं हॉस्टल पहुंच सकी। सवाल : अगर आपके सामने वो तीनों व्यक्ति फिर आएं, तो क्या उन्हें पहचान लेंगीं?
छात्रा : मैंने तीनों आरोपियों को देखा, लेकिन उनमें से 2 लड़कों को देखकर पहचान लूंगी। तीसरे लड़के को ठीक से देख नहीं पाई, क्योंकि वह मेरे दोस्त को खींचकर दूसरी ओर ले गया था। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। सवाल : क्या आपका दोस्त तीनों लड़कों को जानता है ?
छात्रा : मेरा दोस्त प्रॉक्टर के पास भी गया था, जहां उसने बताया कि वह तीनों लड़कों को नहीं जानता। सवाल : क्या वो लोग आपकी तस्वीर और वीडियो बना रहे थे?
छात्रा : मेरे साथ दुष्कर्म हुआ। तीनों आरोपियों ने अपना कुकृत्य मोबाइल में कैद किया। उसे लैपटॉप समेत अन्य डिवाइस में ट्रांसफर किया होगा। अदालत इनके सभी गैजेट्स में मिले मेरे फोटो-वीडियो सुरक्षित करवाए, ताकि ये किसी को न मिलें। सवाल : क्या आपके कैंपस में CCTV लगे हैं?
छात्रा : कैंपस में CCTV लगे हुए हैं, हॉस्टल के भी कई हिस्सों में कैमरे हैं। लेकिन, मेरे साथ जिस जगह घटना हुई, वहां पर कोई कैमरा नहीं लगा था। सवाल : क्या आपने उन युवकों को आपस में कोई बात करते सुना?
छात्रा : दोनों आपस में ज्यादा बात नहीं कर रहे थे, इशारे कर रहे थे। फिर जोर-जोर से हंस रहे थे। आरोपियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए। (यह सारी बातचीत 22 अगस्त, 2024 को कोर्ट में हुई। जब छात्रा को पहली बार वहां लाया गया था।) अब कोर्ट में हुई और भी बातचीत पढ़िए… छात्रा ने कहा- मेरे साथ सब अंधेरे में हुआ, फिर भी 2 को पहचान लिया
छात्रा ने कहा- 4 नवंबर को ACP प्रवीण कुमार सिंह ने अपने मोबाइल में संदिग्धों के फोटो दिखाए थे। मुझे बताया कि सोशल मीडिया और सर्विलांस लोकेशन के जरिए ये फोटो कलेक्ट किए हैं। मेरे साथ जो कुछ हुआ, वो रात के अंधेरे में हुआ था। मगर फिर भी मैंने दो और मेरे दोस्त ने एक आरोपी को पहचान लिया था। जब मैंने आरोपियों की पहचान स्पष्ट की, तब पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी। छात्रा ने कहा- मेरे वीडियो और फोटो वायरल होने से बचाएं
कोर्ट में बयान देने पहुंची पीड़ित छात्रा ​​​​​​ कई बार चिंतित और भावुक दिखी। उसने बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट को बताया कि वारदात के दौरान आरोपियों ने उसके फोटो-वीडियो बनाए थे, जो उनके फोन या लैपटॉप में हैं। पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में जो भी फोटो या वीडियो मिले, उन्हें सुरक्षित कराएं। जिससे मेरी प्राइवेसी बनी रहे। गुहार लगाई कि साइबर या फोरेंसिक जांच में कोई आपत्तिजनक फोटो मिले तो उसे पूरी तरह से गोपनीय रखा जाए। फोरेंसिक टीम ने तैयार की जांच रिपोर्ट
वारदात के दौरान आरोपियों ने छात्रा का वीडियो बनाया था। यह वीडियो जिस आरोपी के मोबाइल से शूट हुआ था, उस फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इनके सभी गैजेट्स की जांच करने वाली फोरेंसिक टीम ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की है। उधर, वारदात के बाद तीनों आरोपियों ने किस-किस से बात की? किस-किस के संपर्क में रहे? यह पता करने के लिए वाराणसी पुलिस ने तीनों की कॉल डिटेल निकलवाई है। तीनों आरोपी एक ही कंपनी का मोबाइल नंबर इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने चार्जशीट में आरोपियों के मोबाइल लोकेशन और CCTV फुटेज को बतौर साक्ष्य शामिल किया है। घटना के बाद 8वें दिन केस में गैंगरेप की धारा बढ़ाई
वारदात के बाद 5 नवंबर यानी चौथे दिन पीड़िता के साथ पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। 8वें दिन (9 नवंबर को) पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने गैंगरेप की धारा यानी 376 (डी) बढ़ाई थी। शुरुआती FIR के मुताबिक, बुलेट से आए तीन लड़कों ने गन पॉइंट पर छात्रा के कपड़े उतरवाए और वीडियो बनाया। तब धारा 354 (बी) यानी कपड़े उतरवाना और 509 धमकी देने की धारा में केस दर्ज हुआ था। 2 नवंबर को छात्रा का बयान पुलिस ने दर्ज किया था। इसके बाद 5 नवंबर को मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान हुए। 2 बार मेडिकल कराया गया, तब केस में गैंगरेप की धारा जोड़ी गई। आरोपियों के खिलाफ अब तक 2 चार्जशीट दाखिल
इस केस में आरोपी सक्षम, अभिषेक चौहान और कुणाल पांडे के खिलाफ पुलिस ने अब तक 2 चार्जशीट दाखिल की हैं। इसमें पहली चार्जशीट 17 जनवरी को कोर्ट में पेश की गई, जिसमें आरोपियों के खिलाफ 376 (डी) समेत अन्य धाराएं शामिल की गईं। केस में कार्रवाई के बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया, जिसमें भी अगले सप्ताह ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक को गैंग लीडर बताया है। वहीं, कुणाल और सक्षम उसके गिरोह के सदस्य बताए गए हैं। इसमें पुलिस ने आनंद उर्फ अभिषेक और उसके परिजन के खिलाफ 29 जून, 2022 को भेलूपुर थाने में छेड़खानी के मुकदमे का जिक्र किया है। पकड़ने में लगे थे 60 दिन, मध्यप्रदेश में छिपे थे आरोपी
वारदात को अंजाम देकर तीनों आरोपी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कैंपेनिंग के लिए चले गए थे। 55 दिन तक वहीं छिपे रहे। पुलिस पड़ताल में लगी थी। तीनों के वाराणसी आते ही पुलिस एक्टिव हुई और 60 दिन बाद उन्हें पकड़ सकी। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों के सत्तादल में पदाधिकारी होना भी गिरफ्तारी में लेट-लतीफी का कारण था। पुलिस ने कैंपस और कैंपस के बाहर कुल 225 CCTV फुटेज की जांच की थी। स्पेशल टास्क फोर्स (STF), क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सहित कुल 6 टीमों को तलाश में लगाया गया था। पुलिस ने कोर्ट में तीनों को बताया था पेशेवर अपराधी
तीनों आरोपी आनंद, कुणाल और सक्षम को घटना के 60 दिन बाद 30 दिसंबर, 2023 को गिरफ्तार किया गया था। 31 दिसंबर, 2023 से तीनों आरोपी जिला जेल में बंद थे। उन्हें जघन्य वारदात में शामिल आरोपियों की बैरक में रखा गया था। पुलिस चार्जशीट में तीनों आरोपियों के रूट चार्ट, CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन को आधार बनाया था। इसके साथ ही पीड़ित छात्रा, उसके दोस्त और एक गार्ड के बयान को भी आधार बनाया। वॉट्सऐप चैट को भी कोर्ट में पेश कर जब्त बुलेट का भी जिक्र किया गया। कोर्ट में पुलिस ने बताया कि तीनों पेशेवर अपराधी हैं, जनता के बीच तीनों को जाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। यह खबर भी पढ़ें IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों को कैसे मिली जमानत; पीड़ित लड़की को धमकाएंगे, सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…कोर्ट में साबित नहीं कर पाए IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी जेल से बाहर आकर पीड़ित लड़की को धमकाएंगे या सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…पीड़ित पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये साबित नहीं कर पाया। कमजोर पैरवी की वजह से 2 आरोपियों को जमानत मिल गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 जुलाई को आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और 4 जुलाई को कुणाल पांडेय को जमानत दी। वाराणसी जिला जेल से कुणाल की 24 और आनंद की 29 अगस्त को रिहाई हुई। जमानत की शर्तें पूरा करने में आरोपियों को करीब 2 महीने का समय लग गया। यहां पढ़ें पूरी खबर जगह : वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट रूम
मसला : IIT BHU गैंगरेप केस में जिरह ‘पुलिस ने केस दर्ज किया। मेरे साथ घटनास्थल का मुआयना किया। मेरे बयान दर्ज किए। मेरे साथ जो कुछ हुआ, अंधेरे में हुआ। फिर भी 2 आरोपियों की पहचान कर ली। मगर अब तक मुझे केस का कोई अपडेट नहीं दिया गया। मुझे लगता है, पुलिस कार्रवाई ठीक से नहीं हुई।’ यह बयान IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता ने वाराणसी कोर्ट रूम में उस समय दिया, जब आरोपियों के वकील उससे सवाल-जवाब कर रहे थे। ADGC (शासकीय अधिवक्ता) मनोज गुप्ता की मौजूदगी में घटना की शुरुआत से गिरफ्तारी तक 25 से ज्यादा सवाल छात्रा से पूछे गए। आरोपियों के वकील ने पूछा कि तुम्हारे साथ कितनी देर वारदात हुई, तुम्हें पीछे से कितने लोगों ने पकड़ा…3 लोग थे तो तुम भाग कैसे पाईं? पीड़िता कई सवालों को सुनकर असहज हुई, मगर फिर खुद को संभाल कर सारे जवाब दिए। अब सिलसिलेवार पढ़िए कोर्ट रूम के सवाल-जवाब… सवाल : आप कोर्ट को पूरा घटनाक्रम बताइए, वारदात की रात कब हॉस्टल से बाहर आईं?
छात्रा : 2 नवंबर की रात 1.30 बजे टहलने के लिए हॉस्टल के बाहर निकली थी। गांधी स्मृति छात्र निवास चौराहे पर दोस्त मिल गया। साथ में टहलते हुए हम कर्मन बाबा मंदिर के आगे तक पहुंच गए। मंदिर के पास पीछे से एक रायल एनफील्ड बुलेट-350 पास आकर रुकी, जिस पर तीन लोग सवार थे। इनमें एक लड़का जो मोटा-लंबा था, उसने भागकर पीछे से मेरा मुंह दबा लिया। दूसरे लड़के ने मेरे दोस्त को पकड़ लिया। उसे दूसरे छोर पर ले गया। इसके बाद मुंह दबाए युवक ने दरिंदगी शुरू कर दी। मेरा मुंह दबाते हुए मेरे प्राइवेट पार्ट को छुआ और फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। उनके मांगने पर मैंने अपना मोबाइल नंबर भी दे दिया। इसके बाद तीनों भाग निकले। सवाल : घटना के बाद आप सबसे पहले कहां पहुंचीं?
छात्रा : सबसे पहले भागकर मैं एक प्रोफेसर के घर के कंपाउंड में जाकर छिप गई। दरवाजा खटखटाया और उनसे हॉस्टल तक छोड़ने के लिए मदद मांगी। IIT कैंपस में मौजूद रहने वाले सिक्योरिटी के लोग भी पहुंच गए। तब मैं हॉस्टल पहुंच सकी। सवाल : अगर आपके सामने वो तीनों व्यक्ति फिर आएं, तो क्या उन्हें पहचान लेंगीं?
छात्रा : मैंने तीनों आरोपियों को देखा, लेकिन उनमें से 2 लड़कों को देखकर पहचान लूंगी। तीसरे लड़के को ठीक से देख नहीं पाई, क्योंकि वह मेरे दोस्त को खींचकर दूसरी ओर ले गया था। तीनों आरोपियों में से एक मोटा, दूसरा पतला और तीसरा मीडियम हाइट का था। सवाल : क्या आपका दोस्त तीनों लड़कों को जानता है ?
छात्रा : मेरा दोस्त प्रॉक्टर के पास भी गया था, जहां उसने बताया कि वह तीनों लड़कों को नहीं जानता। सवाल : क्या वो लोग आपकी तस्वीर और वीडियो बना रहे थे?
छात्रा : मेरे साथ दुष्कर्म हुआ। तीनों आरोपियों ने अपना कुकृत्य मोबाइल में कैद किया। उसे लैपटॉप समेत अन्य डिवाइस में ट्रांसफर किया होगा। अदालत इनके सभी गैजेट्स में मिले मेरे फोटो-वीडियो सुरक्षित करवाए, ताकि ये किसी को न मिलें। सवाल : क्या आपके कैंपस में CCTV लगे हैं?
छात्रा : कैंपस में CCTV लगे हुए हैं, हॉस्टल के भी कई हिस्सों में कैमरे हैं। लेकिन, मेरे साथ जिस जगह घटना हुई, वहां पर कोई कैमरा नहीं लगा था। सवाल : क्या आपने उन युवकों को आपस में कोई बात करते सुना?
छात्रा : दोनों आपस में ज्यादा बात नहीं कर रहे थे, इशारे कर रहे थे। फिर जोर-जोर से हंस रहे थे। आरोपियों को कठोर सजा मिलनी चाहिए। (यह सारी बातचीत 22 अगस्त, 2024 को कोर्ट में हुई। जब छात्रा को पहली बार वहां लाया गया था।) अब कोर्ट में हुई और भी बातचीत पढ़िए… छात्रा ने कहा- मेरे साथ सब अंधेरे में हुआ, फिर भी 2 को पहचान लिया
छात्रा ने कहा- 4 नवंबर को ACP प्रवीण कुमार सिंह ने अपने मोबाइल में संदिग्धों के फोटो दिखाए थे। मुझे बताया कि सोशल मीडिया और सर्विलांस लोकेशन के जरिए ये फोटो कलेक्ट किए हैं। मेरे साथ जो कुछ हुआ, वो रात के अंधेरे में हुआ था। मगर फिर भी मैंने दो और मेरे दोस्त ने एक आरोपी को पहचान लिया था। जब मैंने आरोपियों की पहचान स्पष्ट की, तब पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी। छात्रा ने कहा- मेरे वीडियो और फोटो वायरल होने से बचाएं
कोर्ट में बयान देने पहुंची पीड़ित छात्रा ​​​​​​ कई बार चिंतित और भावुक दिखी। उसने बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट को बताया कि वारदात के दौरान आरोपियों ने उसके फोटो-वीडियो बनाए थे, जो उनके फोन या लैपटॉप में हैं। पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में जो भी फोटो या वीडियो मिले, उन्हें सुरक्षित कराएं। जिससे मेरी प्राइवेसी बनी रहे। गुहार लगाई कि साइबर या फोरेंसिक जांच में कोई आपत्तिजनक फोटो मिले तो उसे पूरी तरह से गोपनीय रखा जाए। फोरेंसिक टीम ने तैयार की जांच रिपोर्ट
वारदात के दौरान आरोपियों ने छात्रा का वीडियो बनाया था। यह वीडियो जिस आरोपी के मोबाइल से शूट हुआ था, उस फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इनके सभी गैजेट्स की जांच करने वाली फोरेंसिक टीम ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की है। उधर, वारदात के बाद तीनों आरोपियों ने किस-किस से बात की? किस-किस के संपर्क में रहे? यह पता करने के लिए वाराणसी पुलिस ने तीनों की कॉल डिटेल निकलवाई है। तीनों आरोपी एक ही कंपनी का मोबाइल नंबर इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने चार्जशीट में आरोपियों के मोबाइल लोकेशन और CCTV फुटेज को बतौर साक्ष्य शामिल किया है। घटना के बाद 8वें दिन केस में गैंगरेप की धारा बढ़ाई
वारदात के बाद 5 नवंबर यानी चौथे दिन पीड़िता के साथ पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। 8वें दिन (9 नवंबर को) पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने गैंगरेप की धारा यानी 376 (डी) बढ़ाई थी। शुरुआती FIR के मुताबिक, बुलेट से आए तीन लड़कों ने गन पॉइंट पर छात्रा के कपड़े उतरवाए और वीडियो बनाया। तब धारा 354 (बी) यानी कपड़े उतरवाना और 509 धमकी देने की धारा में केस दर्ज हुआ था। 2 नवंबर को छात्रा का बयान पुलिस ने दर्ज किया था। इसके बाद 5 नवंबर को मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता के बयान हुए। 2 बार मेडिकल कराया गया, तब केस में गैंगरेप की धारा जोड़ी गई। आरोपियों के खिलाफ अब तक 2 चार्जशीट दाखिल
इस केस में आरोपी सक्षम, अभिषेक चौहान और कुणाल पांडे के खिलाफ पुलिस ने अब तक 2 चार्जशीट दाखिल की हैं। इसमें पहली चार्जशीट 17 जनवरी को कोर्ट में पेश की गई, जिसमें आरोपियों के खिलाफ 376 (डी) समेत अन्य धाराएं शामिल की गईं। केस में कार्रवाई के बीच पुलिस ने तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया, जिसमें भी अगले सप्ताह ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। पुलिस ने आनंद चौहान उर्फ अभिषेक को गैंग लीडर बताया है। वहीं, कुणाल और सक्षम उसके गिरोह के सदस्य बताए गए हैं। इसमें पुलिस ने आनंद उर्फ अभिषेक और उसके परिजन के खिलाफ 29 जून, 2022 को भेलूपुर थाने में छेड़खानी के मुकदमे का जिक्र किया है। पकड़ने में लगे थे 60 दिन, मध्यप्रदेश में छिपे थे आरोपी
वारदात को अंजाम देकर तीनों आरोपी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कैंपेनिंग के लिए चले गए थे। 55 दिन तक वहीं छिपे रहे। पुलिस पड़ताल में लगी थी। तीनों के वाराणसी आते ही पुलिस एक्टिव हुई और 60 दिन बाद उन्हें पकड़ सकी। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों के सत्तादल में पदाधिकारी होना भी गिरफ्तारी में लेट-लतीफी का कारण था। पुलिस ने कैंपस और कैंपस के बाहर कुल 225 CCTV फुटेज की जांच की थी। स्पेशल टास्क फोर्स (STF), क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सहित कुल 6 टीमों को तलाश में लगाया गया था। पुलिस ने कोर्ट में तीनों को बताया था पेशेवर अपराधी
तीनों आरोपी आनंद, कुणाल और सक्षम को घटना के 60 दिन बाद 30 दिसंबर, 2023 को गिरफ्तार किया गया था। 31 दिसंबर, 2023 से तीनों आरोपी जिला जेल में बंद थे। उन्हें जघन्य वारदात में शामिल आरोपियों की बैरक में रखा गया था। पुलिस चार्जशीट में तीनों आरोपियों के रूट चार्ट, CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन को आधार बनाया था। इसके साथ ही पीड़ित छात्रा, उसके दोस्त और एक गार्ड के बयान को भी आधार बनाया। वॉट्सऐप चैट को भी कोर्ट में पेश कर जब्त बुलेट का भी जिक्र किया गया। कोर्ट में पुलिस ने बताया कि तीनों पेशेवर अपराधी हैं, जनता के बीच तीनों को जाने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। यह खबर भी पढ़ें IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों को कैसे मिली जमानत; पीड़ित लड़की को धमकाएंगे, सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…कोर्ट में साबित नहीं कर पाए IIT-BHU गैंगरेप के आरोपी जेल से बाहर आकर पीड़ित लड़की को धमकाएंगे या सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे…पीड़ित पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये साबित नहीं कर पाया। कमजोर पैरवी की वजह से 2 आरोपियों को जमानत मिल गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 जुलाई को आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और 4 जुलाई को कुणाल पांडेय को जमानत दी। वाराणसी जिला जेल से कुणाल की 24 और आनंद की 29 अगस्त को रिहाई हुई। जमानत की शर्तें पूरा करने में आरोपियों को करीब 2 महीने का समय लग गया। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर