प्रयागराज के एक युवक को थाईलैंड में बंधक बनाया गया है। घर वालों का कहना है कि 9 दिनों से बेटे से कोई बात नहीं हुई है। आरोप है कि कल यानी 22 जुलाई को युवक के फोन से 22 लाख रुपए की मांग की गई। यह रुपए डॉलर में ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहे गए हैं। इसके बाद से युवक का फोन लगातार स्विच ऑफ बता रहा है। पूरा मामला प्रयागराज के अतरसुइया थाना क्षेत्र के दरियाबाद इलाके से जुड़ा है। यहां यूपी पुलिस से रिटायर हेड कॉन्स्टेबल के बेटे जिया पंजतन (26) मिसिंग है। घर वालों से पैसों की डिमांड की गई है। दैनिक भास्कर की टीम जिया पंजतन के घर पहुंची। जिया के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। घर वालों ने क्या कुछ बताया, चलिए जानते हैं…. 5 भारतीय युवकों को बंधक बनाया गया है रिटायरमेंट के बाद आले पंजतन अपनी पत्नी और बेटी के साथ घर पर ही रहते हैं। उनके दो बेटे बक्शीश पंजतन और जिया पंजतन है। एक बेटी कनीज पंजतन है। जिया तीन साल से दुबई में एक बैंक में काम कर रहा था। अब जिया पंजतन मिसिंग है। जिया पंजतन की बहन कनीज ने बताया- मेरे भाई के साथ पांच युवकों को थाईलैंड में बंधक बनाया गया है। कैसे क्या हुआ, भाई से कब-कब बात हुई? बहन कनीज ने कहा- मेरा भाई दुबई में काम कर रहा था। वहीं से जॉब के लिए इंटरव्यू दे रहा था। वहां उसे एक चाइनीज कंपनी को ऑफर मिला था। यह बात उसने मुझे फोन पर बताई थी। मेरे भाई ने कहा था कि बैंकाक में थाईलैंड में कंपनी है। मेरी फोन पर भाई से बात हुई थी। बहन ने बताया- मेरे भाई ने कहा था कि उसे 80 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी पर नौकरी देने की बात कही गई थी। इसके साथ ही रहना खाना फ्री में देने का ऑफर दिया गया। 9 जुलाई को उसने मुझे यह बात बताई थी।
इसके बाद 10 जुलाई को वह दुबई से हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंचा था। यहां से मेरा भाई 11 जुलाई को बैंकाक गया। इसके बाद 13 जुलाई को फोन पर भाई से बात हुई। हमने उससे पूछा कि क्या कुछ हुआ, जॉइनिंग हो गई या नहीं। इस पर उसने बताया कि वो लोग एक होटल में लेकर गए हैं। उसने कहा कल बात करेंगे। 13 जुलाई के बाद से हमारी उससे कोई बात नहीं हुई। न ही उसके फोन से कोई संपर्क हो पाया। हम लोग 14 जुलाई से अब तक परेशान हैं। 23 जुलाई तक का टाइम दिया गया, कहा पैसे ट्रांसफर हो जाने चाहिए
कनीज ने कहा- एक सप्ताह से हम लोग लगातार परेशान हैं। कल 22 जुलाई को हमारे पास कॉल आया था। मेरे भाई के फोन नंबर से व्हाट्स पर कॉल आई थी। मेरे भाई ने कहा कि मैं यहां फंस गया हूं। इन लोगों ने मुझे बंधक बना लिया है। ये लोग मुझसे 22 लाख रुपए डॉलर में मांग रहे हैं। मेरी तरह 5 लड़के यहां बंधक बने हैं। कल यानी 23 जुलाई तक का समय दिया गया है। थाने में नहीं लिखी गई FIR बहन ने कहा- मेरी विदेश मंत्रालय और केंद्रीय मंत्रालय से अपील है कि मेरे भाई को वापस दिला दें। हम बहुत परेशान हैं। मेरे पिता थाने गए थे। वहां पुलिस वालों ने कहा कि यह मामला यहां का नहीं है, हम एफआईआर नहीं लिख सकते हैं। हम क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा है। हमने विदेश मंत्रालय और पीएमओ को ई-मेल के जरिए अपना प्रार्थना पत्र भेजा है। बड़े भाई बक्शीश दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। बहन ने बताया- मेरे भाई के साथ एक लड़का और गया था, उसे जानते हैं। उसका नाम आरिफ है। उसके भाई ने भी बताया कि 22 लाख रुपए मांगे गए हैं। अन्य लोगों को हम नहीं जानते हैं। मुझे मेरा भाई वापस दिला दीजिए। सरकार और प्रशासन से यही गुहार लगाते हैं। यह खबर भी पढ़ें गुस्सा होकर घर छोड़कर चली गईं 100 साल की दादी:हरिद्वार में बहते-बहते बचीं, घर का पता भूलीं; पढ़िए एक वीडियो से कैसे झांसी पहुंचीं दुर्बल शरीर और कमर झुकी हुई। उम्र 100 साल। चलने-फिरने के लिए भी छड़ी का सहारा। उम्र के इस पड़ाव में बच्चों की तरह गुस्सा होकर दादी घर छोड़कर चली गईं। उनके घर लौटने की कहानी काफी इंट्रेस्टिंग है। पढ़ें पूरी खबर… प्रयागराज के एक युवक को थाईलैंड में बंधक बनाया गया है। घर वालों का कहना है कि 9 दिनों से बेटे से कोई बात नहीं हुई है। आरोप है कि कल यानी 22 जुलाई को युवक के फोन से 22 लाख रुपए की मांग की गई। यह रुपए डॉलर में ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहे गए हैं। इसके बाद से युवक का फोन लगातार स्विच ऑफ बता रहा है। पूरा मामला प्रयागराज के अतरसुइया थाना क्षेत्र के दरियाबाद इलाके से जुड़ा है। यहां यूपी पुलिस से रिटायर हेड कॉन्स्टेबल के बेटे जिया पंजतन (26) मिसिंग है। घर वालों से पैसों की डिमांड की गई है। दैनिक भास्कर की टीम जिया पंजतन के घर पहुंची। जिया के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। घर वालों ने क्या कुछ बताया, चलिए जानते हैं…. 5 भारतीय युवकों को बंधक बनाया गया है रिटायरमेंट के बाद आले पंजतन अपनी पत्नी और बेटी के साथ घर पर ही रहते हैं। उनके दो बेटे बक्शीश पंजतन और जिया पंजतन है। एक बेटी कनीज पंजतन है। जिया तीन साल से दुबई में एक बैंक में काम कर रहा था। अब जिया पंजतन मिसिंग है। जिया पंजतन की बहन कनीज ने बताया- मेरे भाई के साथ पांच युवकों को थाईलैंड में बंधक बनाया गया है। कैसे क्या हुआ, भाई से कब-कब बात हुई? बहन कनीज ने कहा- मेरा भाई दुबई में काम कर रहा था। वहीं से जॉब के लिए इंटरव्यू दे रहा था। वहां उसे एक चाइनीज कंपनी को ऑफर मिला था। यह बात उसने मुझे फोन पर बताई थी। मेरे भाई ने कहा था कि बैंकाक में थाईलैंड में कंपनी है। मेरी फोन पर भाई से बात हुई थी। बहन ने बताया- मेरे भाई ने कहा था कि उसे 80 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी पर नौकरी देने की बात कही गई थी। इसके साथ ही रहना खाना फ्री में देने का ऑफर दिया गया। 9 जुलाई को उसने मुझे यह बात बताई थी।
इसके बाद 10 जुलाई को वह दुबई से हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंचा था। यहां से मेरा भाई 11 जुलाई को बैंकाक गया। इसके बाद 13 जुलाई को फोन पर भाई से बात हुई। हमने उससे पूछा कि क्या कुछ हुआ, जॉइनिंग हो गई या नहीं। इस पर उसने बताया कि वो लोग एक होटल में लेकर गए हैं। उसने कहा कल बात करेंगे। 13 जुलाई के बाद से हमारी उससे कोई बात नहीं हुई। न ही उसके फोन से कोई संपर्क हो पाया। हम लोग 14 जुलाई से अब तक परेशान हैं। 23 जुलाई तक का टाइम दिया गया, कहा पैसे ट्रांसफर हो जाने चाहिए
कनीज ने कहा- एक सप्ताह से हम लोग लगातार परेशान हैं। कल 22 जुलाई को हमारे पास कॉल आया था। मेरे भाई के फोन नंबर से व्हाट्स पर कॉल आई थी। मेरे भाई ने कहा कि मैं यहां फंस गया हूं। इन लोगों ने मुझे बंधक बना लिया है। ये लोग मुझसे 22 लाख रुपए डॉलर में मांग रहे हैं। मेरी तरह 5 लड़के यहां बंधक बने हैं। कल यानी 23 जुलाई तक का समय दिया गया है। थाने में नहीं लिखी गई FIR बहन ने कहा- मेरी विदेश मंत्रालय और केंद्रीय मंत्रालय से अपील है कि मेरे भाई को वापस दिला दें। हम बहुत परेशान हैं। मेरे पिता थाने गए थे। वहां पुलिस वालों ने कहा कि यह मामला यहां का नहीं है, हम एफआईआर नहीं लिख सकते हैं। हम क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा है। हमने विदेश मंत्रालय और पीएमओ को ई-मेल के जरिए अपना प्रार्थना पत्र भेजा है। बड़े भाई बक्शीश दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। बहन ने बताया- मेरे भाई के साथ एक लड़का और गया था, उसे जानते हैं। उसका नाम आरिफ है। उसके भाई ने भी बताया कि 22 लाख रुपए मांगे गए हैं। अन्य लोगों को हम नहीं जानते हैं। मुझे मेरा भाई वापस दिला दीजिए। सरकार और प्रशासन से यही गुहार लगाते हैं। यह खबर भी पढ़ें गुस्सा होकर घर छोड़कर चली गईं 100 साल की दादी:हरिद्वार में बहते-बहते बचीं, घर का पता भूलीं; पढ़िए एक वीडियो से कैसे झांसी पहुंचीं दुर्बल शरीर और कमर झुकी हुई। उम्र 100 साल। चलने-फिरने के लिए भी छड़ी का सहारा। उम्र के इस पड़ाव में बच्चों की तरह गुस्सा होकर दादी घर छोड़कर चली गईं। उनके घर लौटने की कहानी काफी इंट्रेस्टिंग है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर