दर्शन कराने के नाम पर काशी विश्वनाथ में फर्जीवाड़ा, मंदिर प्रशासन ने पुलिस से की शिकायत

दर्शन कराने के नाम पर काशी विश्वनाथ में फर्जीवाड़ा, मंदिर प्रशासन ने पुलिस से की शिकायत

<p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News:</strong> देश के अनेक धार्मिक स्थल है, जहां पर दर्शन करवाने के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर कई शरारती तत्व धन उगाही करते है. समय-समय पर इससे जुड़ी शिकायतें भी देखी जाती है. अब कुछ ऐसा ही मामला काशी विश्वनाथ धाम परिसर से सामने आया है जहां फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को कम पैसे में दर्शन पूजन कराने के नाम पर पैसा कमाने का प्रयास किया गया है. अब इस पर मंदिर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए वाराणसी पुलिस प्रशासन से शिकायत की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से फर्जी वेबसाइट व पोर्टल के खिलाफ़ आपत्ति जताते हुए वाराणसी पुलिस उपायुक्त से शिकायत की गई है. इस मामले को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में ऑनलाइन दर्शन और बुकिंग व्यवस्था से संबंधित एकमात्र वेबसाइट है, जिसका नाम shrikashivishwanath.org / www.skvt. org है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर व्यवसाय का केंद्र नहीं</strong><br />जानकारी के अनुसार कुछ फर्जी वेबसाइट और पोर्टल के माध्यम से श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जा रहा था. जिसके खिलाफ हमें सख्त आपत्ति है. मंदिर परिसर बिल्कुल भी व्यवसाय का केंद्र नहीं है. यहां घर से भी कम धनराशि में अभिषेक व पूजन और मंदिर परंपरा के दर्शन शुल्क लागू है. ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है और इस मामले को वाराणसी पुलिस प्रशासन को भी अवगत कराया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण दिसंबर 2021 में हुआ था. जिसके बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में प्रमुख तिथियों के अलावा सामान्य दिनों में भी मंदिर में ज्यादा भीड़ होती है. इसको लेकर मंदिर प्रशासन की तरफ से ऑनलाइन दर्शन व प्रोटोकॉल के माध्यम से भी दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. लेकिन इसी बीच फर्जी वेबसाइट और पोर्टल के नाम पर कुछ लोग श्रद्धालुओं को मंदिर के अधिकृत वेबसाइट के नाम पर ठगने का प्रयास करते हैं. लोग जल्दी दर्शन प्राप्त करने की सुविधा को देखते हुए ऐसे वेबसाइट का प्रयोग कर लेते है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/allahabad-high-court-bans-lawyers-strike-every-day-in-up-order-of-supreme-court-2741421″>UP में आए दिन वकीलों की हड़ताल पर HC ने लगाई रोक, कहा- ‘ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश का होगा उल्लंघन'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News:</strong> देश के अनेक धार्मिक स्थल है, जहां पर दर्शन करवाने के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर कई शरारती तत्व धन उगाही करते है. समय-समय पर इससे जुड़ी शिकायतें भी देखी जाती है. अब कुछ ऐसा ही मामला काशी विश्वनाथ धाम परिसर से सामने आया है जहां फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को कम पैसे में दर्शन पूजन कराने के नाम पर पैसा कमाने का प्रयास किया गया है. अब इस पर मंदिर प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए वाराणसी पुलिस प्रशासन से शिकायत की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से फर्जी वेबसाइट व पोर्टल के खिलाफ़ आपत्ति जताते हुए वाराणसी पुलिस उपायुक्त से शिकायत की गई है. इस मामले को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में ऑनलाइन दर्शन और बुकिंग व्यवस्था से संबंधित एकमात्र वेबसाइट है, जिसका नाम shrikashivishwanath.org / www.skvt. org है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर व्यवसाय का केंद्र नहीं</strong><br />जानकारी के अनुसार कुछ फर्जी वेबसाइट और पोर्टल के माध्यम से श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जा रहा था. जिसके खिलाफ हमें सख्त आपत्ति है. मंदिर परिसर बिल्कुल भी व्यवसाय का केंद्र नहीं है. यहां घर से भी कम धनराशि में अभिषेक व पूजन और मंदिर परंपरा के दर्शन शुल्क लागू है. ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है और इस मामले को वाराणसी पुलिस प्रशासन को भी अवगत कराया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण दिसंबर 2021 में हुआ था. जिसके बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में प्रमुख तिथियों के अलावा सामान्य दिनों में भी मंदिर में ज्यादा भीड़ होती है. इसको लेकर मंदिर प्रशासन की तरफ से ऑनलाइन दर्शन व प्रोटोकॉल के माध्यम से भी दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. लेकिन इसी बीच फर्जी वेबसाइट और पोर्टल के नाम पर कुछ लोग श्रद्धालुओं को मंदिर के अधिकृत वेबसाइट के नाम पर ठगने का प्रयास करते हैं. लोग जल्दी दर्शन प्राप्त करने की सुविधा को देखते हुए ऐसे वेबसाइट का प्रयोग कर लेते है.&nbsp;</p>
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