दादरी की बेटी 20 लाख का पैकेज छोड़ बनी लेफ्टिनेंट:गांव लौटने पर हुआ स्वागत, इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट

दादरी की बेटी 20 लाख का पैकेज छोड़ बनी लेफ्टिनेंट:गांव लौटने पर हुआ स्वागत, इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट

हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गाव रानीला की बेटी निधि लोरा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। बिना कोचिंग के पढ़ाई कर और निजी क्षेत्र में लाखों रुपए का पैकेज छोड़कर निधि ने आर्मी में लेफ्टिनेंट बनने का सपना पूरा किया है। बैंगलोर में हुई पासिंग आउट परेड में निधि को लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन मिला और उनके घर लौटने पर परिवार और गांव में जश्न का माहौल है। ग्रामीणों द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर उसे खुली गाड़ी में बैठाकर गांव लाया गया और कार्यक्रम में निधि को सम्मानित किया गया। 20 लाख का पैकेज छोड़ा
बता दे कि निधि का जन्म 9 अगस्त 1998 में रानीला गांव के एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता मनोज कुमार आर्मी में हवलदार हैं और मां सरिता देवी गृहिणी हैं। पिता व परिवार से प्रेरणा लेकर लेते हुए निधि ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से अपने सपनों को पूरा किया। एमडीयू से 2020 बैच में इंजीनियरिंग में गोल्ड विजेता निधि एमबीए पास हैं। निधि ने निजी कंपनी में 20 लाख के पैकेज को छोड़कर बिना कोचिंग के लगन और मेहनत कर लेफ्टिनेंट बनी हैं। पिता मनोज व चाचा सतेंद्र ने बताया कि निधि ने सीडीएस परीक्षा पास कर ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी बिहार के गया में प्रशिक्षण लिया और आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई। ट्रेनिंग पूरी कर गांव लौटी
निधि ने भारतीय सेना की कठिन ट्रेनिंग पूरी की है। इस दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया गया, ताकि वे भारतीय सेना में एक सक्षम अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका निभा सकें। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने तीन गोल्ड, दो सिल्वर व दो कांस्य पदक भी जीते हैं। ट्रेनिंग पूरी कर गांव लौटने पर गांव में होली पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में सरपंच संजीत सिंह की अध्यक्षता में लेफ्टिनेंट निधि को सम्मानित किया। इस अवसर पर कमिश्नर विकास सांगवान, सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे मोहित चौधरी, जिला पार्षद मोहित साहू, पूर्व सरपंच ऋषि साहू आदि ने उन्हें सम्मानित किया। हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गाव रानीला की बेटी निधि लोरा ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। बिना कोचिंग के पढ़ाई कर और निजी क्षेत्र में लाखों रुपए का पैकेज छोड़कर निधि ने आर्मी में लेफ्टिनेंट बनने का सपना पूरा किया है। बैंगलोर में हुई पासिंग आउट परेड में निधि को लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन मिला और उनके घर लौटने पर परिवार और गांव में जश्न का माहौल है। ग्रामीणों द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर उसे खुली गाड़ी में बैठाकर गांव लाया गया और कार्यक्रम में निधि को सम्मानित किया गया। 20 लाख का पैकेज छोड़ा
बता दे कि निधि का जन्म 9 अगस्त 1998 में रानीला गांव के एक साधारण परिवार में हुआ। उनके पिता मनोज कुमार आर्मी में हवलदार हैं और मां सरिता देवी गृहिणी हैं। पिता व परिवार से प्रेरणा लेकर लेते हुए निधि ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से अपने सपनों को पूरा किया। एमडीयू से 2020 बैच में इंजीनियरिंग में गोल्ड विजेता निधि एमबीए पास हैं। निधि ने निजी कंपनी में 20 लाख के पैकेज को छोड़कर बिना कोचिंग के लगन और मेहनत कर लेफ्टिनेंट बनी हैं। पिता मनोज व चाचा सतेंद्र ने बताया कि निधि ने सीडीएस परीक्षा पास कर ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी बिहार के गया में प्रशिक्षण लिया और आर्मी में लेफ्टिनेंट बन गई। ट्रेनिंग पूरी कर गांव लौटी
निधि ने भारतीय सेना की कठिन ट्रेनिंग पूरी की है। इस दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया गया, ताकि वे भारतीय सेना में एक सक्षम अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका निभा सकें। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने तीन गोल्ड, दो सिल्वर व दो कांस्य पदक भी जीते हैं। ट्रेनिंग पूरी कर गांव लौटने पर गांव में होली पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में सरपंच संजीत सिंह की अध्यक्षता में लेफ्टिनेंट निधि को सम्मानित किया। इस अवसर पर कमिश्नर विकास सांगवान, सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे मोहित चौधरी, जिला पार्षद मोहित साहू, पूर्व सरपंच ऋषि साहू आदि ने उन्हें सम्मानित किया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर