दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: आशारोड़ी-झाझरा एलिवेटेड रोड तैयार, फोरलेन प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: आशारोड़ी-झाझरा एलिवेटेड रोड तैयार, फोरलेन प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, जिसमें 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण शामिल है, अब पूर्णता की ओर बढ़ रहा है. वन भूमि हस्तांतरण में देरी के चलते अटके इस प्रोजेक्ट को जिलाधिकारी सविन बंसल की सक्रियता के चलते नई ऊर्जा मिली है. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर 40 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि हस्तांतरित कराई, जिससे रुका हुआ निर्माण कार्य शुरू हो सका.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस एक्सप्रेसवे के तहत आशारोड़ी से झाझरा तक बनने वाली 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण पूरा हो चुका है. यह सड़क देहरादून और दिल्ली के बीच यात्रा को तेज और सुगम बनाएगी. वहीं, बल्लूपुर-पांवटा साहिब राजमार्ग का चौड़ीकरण कार्य भी प्रगति पर है. हालांकि, इन दोनों परियोजनाओं को जोड़ने वाला फोरलेन सड़क निर्माण वन भूमि हस्तांतरण में देरी के कारण एक साल से रुका हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>DM ने किया निरीक्षण</strong><br />जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एनएचएआई और वन विभाग के साथ बातचीत की. समन्वय के बाद 40 हेक्टेयर वन भूमि का हस्तांतरण सुनिश्चित किया गया. इसके बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ. वन भूमि हस्तांतरण के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए जिलाधिकारी ने अचानक साइट का निरीक्षण किया. प्रेमनगर से लौटते समय उनकी फ्लीट रुकी, और उन्होंने बिना पूर्व सूचना के निर्माण स्थल का जायजा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि निर्माण कार्य सही ढंग से चल रहा है. बल्लूपुर-पांवटा साहिब राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना का भी उन्होंने अवलोकन किया. स्थानीय निवासियों ने आबादी वाले क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने के लिए अंडरपास की मांग की. इस पर जिलाधिकारी ने एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानकों के अनुसार परीक्षण कर उचित कार्रवाई करें. यह पहल स्थानीय लोगों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह परियोजना देहरादून में यातायात दबाव को कम करने में सहायक होगी. दिल्ली से आने वाले वाहन अब सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया, पांवटा साहिब या बल्लूपुर तक बिना शहर में प्रवेश किए सीधे अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. इसी तरह, पांवटा साहिब से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन भी शहर में प्रवेश नहीं करेंगे. भविष्य में नंदा की चौकी से मसूरी के लिए एक बाईपास रोड का निर्माण प्रस्तावित है, जो यातायात की दृष्टि से इस क्षेत्र को और भी कारगर बनाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या होगा फायदा</strong><br />प्रस्तावित फोरलेन सड़क आशारोड़ी में आरटीओ चेकपोस्ट के पास से शुरू होगी और झाझरा में देहरादून-पांवटा साहिब राजमार्ग पर समाप्त होगी. यह सड़क वन और ग्रामीण आबादी क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. जंक्शन और दुर्घटनाप्रवण क्षेत्रों में पुल और फ्लाईओवर का निर्माण भी किया जाएगा. एनएचएआई के वसंत विहार स्थित परियोजना निदेशक कार्यालय द्वारा इस परियोजना का संचालन किया जा रहा है.</p>
<ul>
<li style=”text-align: justify;”><strong>यात्रा का समय कम होगा</strong>- दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा.</li>
<li style=”text-align: justify;”><strong>यातायात दबाव में कमी</strong>- देहरादून शहर में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक से शहर में यातायात दबाव कम होगा.</li>
<li style=”text-align: justify;”><strong>सुरक्षा में सुधार</strong>- सड़क के जंक्शन और फ्लाईओवर निर्माण से दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी.</li>
<li style=”text-align: justify;”><strong>स्थानीय लोगों को लाभ</strong>- अंडरपास निर्माण से स्थानीय निवासियों की आवागमन की समस्या हल होगी.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-weather-update-imd-rain-alerts-in-many-districts-in-next-2-days-prayagraj-varanasi-lucknow-2867136″>यूपी में फिर बदलेगा मौसम, अगले दो दिन आंधी-तूफान के साथ बारिश का अलर्ट, जानें आपके इलाके का हाल</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विकास में बड़ा योगदान</strong><br />जिलाधिकारी सविन बंसल की सक्रियता इस परियोजना के लिए वरदान साबित हुई. उनकी पहल से न केवल फोरलेन का काम शुरू हो सका, बल्कि स्थानीय निवासियों की मांगों पर भी ध्यान दिया गया. यह परियोजना देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के यातायात और विकास में बड़ा योगदान देगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का यह खंड उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा. इससे न केवल यात्रा सुविधाजनक होगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों और पर्यटक स्थलों की कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, जिसमें 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण शामिल है, अब पूर्णता की ओर बढ़ रहा है. वन भूमि हस्तांतरण में देरी के चलते अटके इस प्रोजेक्ट को जिलाधिकारी सविन बंसल की सक्रियता के चलते नई ऊर्जा मिली है. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर 40 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि हस्तांतरित कराई, जिससे रुका हुआ निर्माण कार्य शुरू हो सका.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस एक्सप्रेसवे के तहत आशारोड़ी से झाझरा तक बनने वाली 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण पूरा हो चुका है. यह सड़क देहरादून और दिल्ली के बीच यात्रा को तेज और सुगम बनाएगी. वहीं, बल्लूपुर-पांवटा साहिब राजमार्ग का चौड़ीकरण कार्य भी प्रगति पर है. हालांकि, इन दोनों परियोजनाओं को जोड़ने वाला फोरलेन सड़क निर्माण वन भूमि हस्तांतरण में देरी के कारण एक साल से रुका हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>DM ने किया निरीक्षण</strong><br />जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एनएचएआई और वन विभाग के साथ बातचीत की. समन्वय के बाद 40 हेक्टेयर वन भूमि का हस्तांतरण सुनिश्चित किया गया. इसके बाद निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ. वन भूमि हस्तांतरण के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए जिलाधिकारी ने अचानक साइट का निरीक्षण किया. प्रेमनगर से लौटते समय उनकी फ्लीट रुकी, और उन्होंने बिना पूर्व सूचना के निर्माण स्थल का जायजा लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि निर्माण कार्य सही ढंग से चल रहा है. बल्लूपुर-पांवटा साहिब राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना का भी उन्होंने अवलोकन किया. स्थानीय निवासियों ने आबादी वाले क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने के लिए अंडरपास की मांग की. इस पर जिलाधिकारी ने एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानकों के अनुसार परीक्षण कर उचित कार्रवाई करें. यह पहल स्थानीय लोगों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह परियोजना देहरादून में यातायात दबाव को कम करने में सहायक होगी. दिल्ली से आने वाले वाहन अब सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया, पांवटा साहिब या बल्लूपुर तक बिना शहर में प्रवेश किए सीधे अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे. इसी तरह, पांवटा साहिब से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन भी शहर में प्रवेश नहीं करेंगे. भविष्य में नंदा की चौकी से मसूरी के लिए एक बाईपास रोड का निर्माण प्रस्तावित है, जो यातायात की दृष्टि से इस क्षेत्र को और भी कारगर बनाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या होगा फायदा</strong><br />प्रस्तावित फोरलेन सड़क आशारोड़ी में आरटीओ चेकपोस्ट के पास से शुरू होगी और झाझरा में देहरादून-पांवटा साहिब राजमार्ग पर समाप्त होगी. यह सड़क वन और ग्रामीण आबादी क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. जंक्शन और दुर्घटनाप्रवण क्षेत्रों में पुल और फ्लाईओवर का निर्माण भी किया जाएगा. एनएचएआई के वसंत विहार स्थित परियोजना निदेशक कार्यालय द्वारा इस परियोजना का संचालन किया जा रहा है.</p>
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<li style=”text-align: justify;”><strong>यात्रा का समय कम होगा</strong>- दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा.</li>
<li style=”text-align: justify;”><strong>यातायात दबाव में कमी</strong>- देहरादून शहर में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक से शहर में यातायात दबाव कम होगा.</li>
<li style=”text-align: justify;”><strong>सुरक्षा में सुधार</strong>- सड़क के जंक्शन और फ्लाईओवर निर्माण से दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी.</li>
<li style=”text-align: justify;”><strong>स्थानीय लोगों को लाभ</strong>- अंडरपास निर्माण से स्थानीय निवासियों की आवागमन की समस्या हल होगी.</li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-weather-update-imd-rain-alerts-in-many-districts-in-next-2-days-prayagraj-varanasi-lucknow-2867136″>यूपी में फिर बदलेगा मौसम, अगले दो दिन आंधी-तूफान के साथ बारिश का अलर्ट, जानें आपके इलाके का हाल</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विकास में बड़ा योगदान</strong><br />जिलाधिकारी सविन बंसल की सक्रियता इस परियोजना के लिए वरदान साबित हुई. उनकी पहल से न केवल फोरलेन का काम शुरू हो सका, बल्कि स्थानीय निवासियों की मांगों पर भी ध्यान दिया गया. यह परियोजना देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के यातायात और विकास में बड़ा योगदान देगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का यह खंड उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा. इससे न केवल यात्रा सुविधाजनक होगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों और पर्यटक स्थलों की कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड महाकुंभ: मुस्लिम युवती शबनम शेख ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, योगी सरकार की व्यवस्था को बताया बेमिसाल