हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह आज दिल्ली में लोकसभा व विधानसभा उप चुनाव की रिपोर्ट कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग में रखेंगे। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद CWC बुलाई है। इसके लिए प्रतिभा सिंह पिछले कल ही दिल्ली रवाना हो गई हैं, जबकि मुख्यमंत्री सुक्खू दोपहर तक दिल्ली पहुंचेंगे। प्रदेश में कांग्रेस की चारों लोकसभा सीटों पर करारी हार जरूर हुई है। मगर 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा है। साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी को 69.11% और कांग्रेस को मात्र 27.30% वोट मिले थे। इस बार बीजेपी को लगभग 56.29% और कांग्रेस को 41.57% वोट मिले है। इस लिहाज से कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनाव से बेहतर है। वहीं छह सीटों पर हुए विधानसभा उप चुनाव में भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है। विधानसभा की चार सीटें जीतकर कांग्रेस बीजेपी के चार जून को हिमाचल में सरकार बनाने के सपने को झटका दिया है। इससे कांग्रेस सरकार पर भी सियासी संकट टल गया है। इन उप चुनाव की रिपोर्ट को भी सीएम और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष CWC में रखेगी। तीन उप चुनाव जीतने की बनेगी रणनीति हिमाचल में छह उप चुनाव के बाद जल्द तीन विधानसभा सीटों हमीरपुर, नालागढ़ और देहरा में भी उप चुनाव तय है। केंद्रीय चुनाव आयोग कभी भी उप चुनाव का ऐलान कर सकता है। CWC में इन चुनाव को जीतने की रणनीति और पार्टी हाईकमान इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस को दिशा-निर्देश दे सकता है। CWC में ये नेता होंगे शामिल दिल्ली में होने वाली CWC में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इसमें हिमाचल के साथ साथ दूसरे राज्यों के कांग्रेसजनों से चुनावी फीडबैक लिया जाएगा। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह आज दिल्ली में लोकसभा व विधानसभा उप चुनाव की रिपोर्ट कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग में रखेंगे। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद CWC बुलाई है। इसके लिए प्रतिभा सिंह पिछले कल ही दिल्ली रवाना हो गई हैं, जबकि मुख्यमंत्री सुक्खू दोपहर तक दिल्ली पहुंचेंगे। प्रदेश में कांग्रेस की चारों लोकसभा सीटों पर करारी हार जरूर हुई है। मगर 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ा है। साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी को 69.11% और कांग्रेस को मात्र 27.30% वोट मिले थे। इस बार बीजेपी को लगभग 56.29% और कांग्रेस को 41.57% वोट मिले है। इस लिहाज से कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनाव से बेहतर है। वहीं छह सीटों पर हुए विधानसभा उप चुनाव में भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है। विधानसभा की चार सीटें जीतकर कांग्रेस बीजेपी के चार जून को हिमाचल में सरकार बनाने के सपने को झटका दिया है। इससे कांग्रेस सरकार पर भी सियासी संकट टल गया है। इन उप चुनाव की रिपोर्ट को भी सीएम और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष CWC में रखेगी। तीन उप चुनाव जीतने की बनेगी रणनीति हिमाचल में छह उप चुनाव के बाद जल्द तीन विधानसभा सीटों हमीरपुर, नालागढ़ और देहरा में भी उप चुनाव तय है। केंद्रीय चुनाव आयोग कभी भी उप चुनाव का ऐलान कर सकता है। CWC में इन चुनाव को जीतने की रणनीति और पार्टी हाईकमान इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस को दिशा-निर्देश दे सकता है। CWC में ये नेता होंगे शामिल दिल्ली में होने वाली CWC में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इसमें हिमाचल के साथ साथ दूसरे राज्यों के कांग्रेसजनों से चुनावी फीडबैक लिया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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आवास खाली करने के सवाल पर भड़के पूर्व CPS:हिमाचल का सीपीएस act 2006 हो चुका रद्द, HC ने दिये सुविधाएं वापस लेने के निर्देश हिमाचल के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव (CPS) एवं रोहड़ू से विधायक मोहन लाल ब्राक्टा गुरुवार को मकान खाली करने के सवाल पर भड़क उठे। ब्राक्टा से मीडिया ने जब सवाल किया कि आपने सारी सुविधाएं छोड़ दी है मकान कब तक खाली करेंगे। इस पर उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने तपाक से जवाब दिया कि आप मकान के पीछे पड़े हैं। “सड़क पर आ जाएं क्या हम? यू आर रिपिंटिंग अगेन एंड अगेन” उन्होंने कहा कि जब सारा कुछ छोड़ दिया है ये भी कर देंगे। जैसे ही विधानसभा से अकोमोडेशन मिलेगी इसे भी छोड़ देंगे, अभी वह विधायक हैं। पत्रकारों ने की बातचीत दरअसल कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने सभी पूर्व सीपीएस को दी सुविधाएं वापस लेने के आदेश दिए थे। जिसके बाद सभी सीपीएस ने उन्हें मिल रही सारी सुविधाएं वापस कर दी है। लेकिन गुरुवार को कुछ पत्रकार सीपीएस को मिले आवास को लेकर खबर करने उनके आवास पहुंच गए। इस दौरान उन्हें पूर्व CPS मोहन लाल ब्राक्टा मिले तो पत्रकारों ने उनसे बातचीत की। सीपीएस मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि जैसे ही हाईकोर्ट से आदेश हुए हैं सारी सुविधाएं विड्रॉ कर दी है। नई एकोमोडेशन मिलते ही छोड़ देंगे आवास सरकार व विधानसभा से जैसे ही नई एकोमोडेशन मिलती है इसको भी खाली कर देंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट के मामले पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। कोर्ट ने जो आदेश किए है वह उसका सम्मान करते हैं। ब्राक्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री व सरकार से बात चली हुई है। सभी वार्ता को सार्वजनिक नही किया जा सकता है। वहीं जब उनसे पूछा कि कब तक खाली करेंगे इस पर उन्होंने कहा कि आप मकान के पीछे पड़ गए है सड़क में आ जाएं क्या हम, जब सारा कुछ छोड़ दिया है तो इसे भी छोड़ देंगे जैसे ही विधानसभा से उन्हें मिलेगा, उसी समय इसको भी छोड़ देंगे, हम अभी विधायक हैं। कोर्ट ने दिया सीपीएस को हटाने का फैसला
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हिमाचल उपचुनाव में भाजपा को भितरघात की आशंका:देहरा-नालागढ़ में खुलकर सामने आई नाराजगी, धवाला- हरप्रीत के रवैये से टेंशन में भाजपा
हिमाचल उपचुनाव में भाजपा को भितरघात की आशंका:देहरा-नालागढ़ में खुलकर सामने आई नाराजगी, धवाला- हरप्रीत के रवैये से टेंशन में भाजपा हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भितरघात की आशंका है। भाजपा ने तीनों सीटों पर निर्दलीय पूर्व विधायकों को टिकट दिया है। इससे 2022 के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों के साथ-साथ भावी टिकट के दावेदार भी पार्टी से नाराज हैं। भाजपा को देहरा और नालागढ़ सीट पर भितरघात की आशंका ज्यादा है। देहरा में पूर्व मंत्री रमेश चंद धवाला ने खुलेआम ऐलान कर दिया है कि वह पार्टी प्रत्याशी होशियार सिंह के लिए वोट नहीं मांगेंगे। उनकी नाराजगी सिर्फ होशियार सिंह से ही नहीं बल्कि भाजपा हाईकमान के बड़े नेताओं से भी है। नाराज धवाला ने कहा है कि भेड़ की खाल में भेड़िये ने उनके साथ जो किया है, उसकी पाई-पाई वह लेंगे। भाजपा के कई नेताओं ने धवाला को मनाने की कोशिश की। लेकिन वह नहीं माने। इसलिए उपचुनाव में उनकी नाराजगी भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। नालागढ़ में बागी हरप्रीत BJP के लिए चुनौती उधर, नालागढ़ सीट पर भी भाजपा के सह-मीडिया प्रभारी हरप्रीत सिंह पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उनके चुनाव लड़ने से भी भाजपा को यहां भी भीतरघात का डर है। हरप्रीत सिंह को भाजपा हल्के में नहीं ले रही, क्योंकि वह तीन बार के BJP के पूर्व विधायक एवं दिग्गज नेता हरि नारायण सैणी के भतीजे हैं। हरप्रीत के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को उम्मीदें हरप्रीत सिंह के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को बहुत ज्यादा उम्मीद है। ऐसे में बीजेपी अगर नालागढ़ में अपने कॉडर को एकजुट नहीं रख पाई तो यहां पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी तरह 2022 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी लखविंदर राणा का इशारा भी बीजेपी की जीत-हार की पटकथा लिखेगा। हालांकि बीजेपी नाराज लखविंदर राणा को मनाने में कामयाब रही है। मगर उनके समर्थकों में नाराजगी है। हमीरपुर में भी अंदरखाते भाजपा नेताओं में नाराजगी हमीरपुर में भी बीजेपी को भीतरघात का डर है। निर्दलीय एवं पूर्व विधायक आशीष शर्मा को टिकट देने से बीजेपी के कई नेता अंदरखाते नाराज है। आशीष शर्मा यदि बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतते हैं तो पूर्व विधायक नरेंद्र ठाकुर समेत युवा भाजपा नेताओं के कई साल तक चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर सकता है। इससे पार्टी को यहां भी भीतरघात का डर है। कांग्रेस को तीनों सीटों पर लंबे समय से जीत नहीं लगी हाथ वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस को भीतरघात का ज्यादा डर नहीं है। मगर तीनों सीटों पर कांग्रेस को कई सालों से सत्ता नहीं मिल पाई है। देहरा में तो कांग्रेस एक बार भी चुनाव नहीं जीती। हमीरपुर सीट पर आखिरी बार 2007 में कांग्रेस जीती थी। इसके बाद लगातार तीन चुनाव में कांग्रेस की हार हुई है। हालांकि नालागढ़ सीट पर 2017 में कांग्रेस के लखविंदर राणा जरूर जीते थे। मगर 2022 में वह भी भाजपा में शामिल हो गए। इससे नालागढ़ में कांग्रेस की राह भी आसान नहीं है।
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हिमाचल में 28 अक्टूबर को बिजली बोर्ड कर्मियों का धरना:इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने पर भड़के हिमाचल प्रदेश के विद्युत बोर्ड कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), इंजीनियरों के खत्म किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को दोबारा नौकरी पर रखने की मांग को लेकर बिजली बोर्ड के कर्मचारी और इंजीनियर के जॉइंट फ्रंट ने आंदोलन का निर्णय लिया है। जॉइंट फ्रंट ने 28 अक्टूबर को प्रदेशभर में सांकेतिक प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। जॉइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए लड़ रहे है। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए, जिससे बिजली बोर्ड कर्मचारी नाराज है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बोर्ड की कार्यशेली पर बुरा असर पड़ेगा। साथ ही 10 से 15 सालों से सेवाएं दे रहे 81 परिवारों की रोजी रोटी पर प्रबंधन ने लात मारी है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि दो दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड फ्रंट ने बैठक में स्पष्ट किया कि अगर प्रदेश सरकार ऐसा ख्याल भी कर रही है तो इस ख्याल को दिमाग से निकाल दें। जॉइंट फ्रंट इसका जोरदार तरीक़े से विरोध करेगा। 28 को होगा सांकेतिक प्रदर्शन हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारी 28 तारीख को सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश सरकार व निगम प्रबंधन कोई सकारात्मक पहल नहीं करता तो उसी दिन प्रदर्शन के साथ जॉइंट फ्रंट अगले कदम का ऐलान कर देगा। क्या है मांगे..? हिमाचल की सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने पहली ही कैबिनेट में OPS बहाल करने का निर्णय लिया था। इसके बाद सभी विभागों के कर्मचारियों की OPS बहाल कर दी गई। मगर बिजली बोर्ड कर्मचारियों को अब तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है। अब सरकार ने इंजीनियरों के 51 पद खत्म किए है। इससे खासकर बोर्ड अभियंता तिलमिला गए है। इनका कहना है कि इंजीनियर के पद खत्म करने से बोर्ड का काम प्रभावित होगा और इनका प्रमोशन चैनल रुक जाएगा।