दिल्ली: रेप का आरोपी जमानत पर आया बाहर, बच्ची से रेप के बाद की हत्या, मिली फांसी की सजा

दिल्ली: रेप का आरोपी जमानत पर आया बाहर, बच्ची से रेप के बाद की हत्या, मिली फांसी की सजा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सात साल की नाबालिग लड़की की रेप के बाद उसकी हत्या करने के मामले में दोषी करार राजेंद्र उर्फ सतीश को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही उस काम में मदद करने के जुर्म में उसके पिता राम शरण को पूरे जीवनभर उम्रकैद की सजा सुनाई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजेंद्र को आईपीसी की दो धाराओं के तहत फांसी की सजा सुनाई गई है और कई धाराओं के तहत उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इस मामले में तीस हजारी कोर्ट की एडिशनल सेशन जज बबीता पुनिया ने 24 फरवरी को पिता और उसके बेटे दोषी ठहराया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी कर चुका है ऐसी वारदात</strong><br />दोषी सतीश ने इस वारदात से पहले भी एक नबालिग लड़की के साथ रेप किया था. उस मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद उसने दूसरे नबालिग लड़की का अपना शिकार बनाकर उसकी हत्या कर दी थी. मामले में जांच कर रही दिल्ली पुलिस उस सब का उदाहरण देते हुए कोर्ट से उसे फांसी की सजा देने की मांग की थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जज ने इस मामले में उसके पिता राम शरण को आजीवन एवं 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए अपने फैसले में कहा कि अगर उसने अपने बेटे को पहली वारदात के दौरान ही डांटा होता और उसे गलत और सही के बारे में बताया दिया होता तो वह दूसरा वारदात नहीं करता, लेकिन उसके पिता ने अपने बेटे के द्वारा किए गए पाप को छुपाने में उसकी मदद की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीड़ित परिवार को मुआवजा का आदेश&nbsp;</strong><br />तीस हजारी कोर्ट की एडिशनल सेशन जज बबीता पूनिया ने इस मामले में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी से पीड़ित लड़की के परिवार को मुआवजा देने की राशि तय करने को कहा है. साथ ही दिल्ली पुलिस को फांसी की सजा को लेकर हाईकोर्ट से सहमति लेने का निर्देश दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong><br />दिल्ली पुलिस की जानकारी के मुताबिक लड़की 9 फरवरी 2019 को गायब हो गई थी. उसका शव दो दिन बाद एक पार्क में मिला था और उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे. कोर्ट ने राजेंद्र को दोषी ठहराते हुए कहा था कि परिस्थितियां और दिल्ली पुलिस द्वारा पेश सबूत से निष्कर्ष निकलता है कि 27 साल के राजेंद्र ने अपनी हवस पूरी करने के लिए लड़की का अपहरण किया और उसका यौन उत्पीड़न किया था. उसका अपराध उचित संदेह से परे साबित हुआ है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिता भी दोषी करार</strong><br />यह साबित हुआ कि वह व्यक्ति और उसका पिता क्रूर मर्डर के लिए जिम्मेदार हैं. राजेंद्र को जहां रेप, मर्डर और अपहरण के अलावा पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है. वहीं 57 साल के दोषी सरन को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत दोषी ठहराया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चिप्स का लालच देकर बच्ची को बुलाया</strong><br />कोर्ट ने अपने फैसले में कहा पुलिस द्वारा पेश की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि अपहरण के पीछे मकसद हवस थी. उसकी हत्या कर उसके शव को पार्क में चुपके से फेंकने के पीछे का मकसद कानूनी सजा से खुद को बचाना था. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील श्रवण कुमार बिश्नोई ने कहा कि राजेंद्र ने चिप्स का लालच देकर लड़की को बहलाया-फुसलाया और अपने घर पर उसका यौन उत्पीड़न किया था.</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”दिल्ली में घरेलू अदालत से फरार 2 आरोपी गिरफ्तार, लगे हैं इतने क्रिमिनल केस” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/south-delhi-police-arrested-2-accused-who-had-absconded-from-domestic-court-ann-2894481″ target=”_blank” rel=”noopener”>दिल्ली में घरेलू अदालत से फरार 2 आरोपी गिरफ्तार, लगे हैं इतने क्रिमिनल केस</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सात साल की नाबालिग लड़की की रेप के बाद उसकी हत्या करने के मामले में दोषी करार राजेंद्र उर्फ सतीश को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही उस काम में मदद करने के जुर्म में उसके पिता राम शरण को पूरे जीवनभर उम्रकैद की सजा सुनाई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजेंद्र को आईपीसी की दो धाराओं के तहत फांसी की सजा सुनाई गई है और कई धाराओं के तहत उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इस मामले में तीस हजारी कोर्ट की एडिशनल सेशन जज बबीता पुनिया ने 24 फरवरी को पिता और उसके बेटे दोषी ठहराया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी कर चुका है ऐसी वारदात</strong><br />दोषी सतीश ने इस वारदात से पहले भी एक नबालिग लड़की के साथ रेप किया था. उस मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद उसने दूसरे नबालिग लड़की का अपना शिकार बनाकर उसकी हत्या कर दी थी. मामले में जांच कर रही दिल्ली पुलिस उस सब का उदाहरण देते हुए कोर्ट से उसे फांसी की सजा देने की मांग की थी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>जज ने इस मामले में उसके पिता राम शरण को आजीवन एवं 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए अपने फैसले में कहा कि अगर उसने अपने बेटे को पहली वारदात के दौरान ही डांटा होता और उसे गलत और सही के बारे में बताया दिया होता तो वह दूसरा वारदात नहीं करता, लेकिन उसके पिता ने अपने बेटे के द्वारा किए गए पाप को छुपाने में उसकी मदद की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीड़ित परिवार को मुआवजा का आदेश&nbsp;</strong><br />तीस हजारी कोर्ट की एडिशनल सेशन जज बबीता पूनिया ने इस मामले में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी से पीड़ित लड़की के परिवार को मुआवजा देने की राशि तय करने को कहा है. साथ ही दिल्ली पुलिस को फांसी की सजा को लेकर हाईकोर्ट से सहमति लेने का निर्देश दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong><br />दिल्ली पुलिस की जानकारी के मुताबिक लड़की 9 फरवरी 2019 को गायब हो गई थी. उसका शव दो दिन बाद एक पार्क में मिला था और उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे. कोर्ट ने राजेंद्र को दोषी ठहराते हुए कहा था कि परिस्थितियां और दिल्ली पुलिस द्वारा पेश सबूत से निष्कर्ष निकलता है कि 27 साल के राजेंद्र ने अपनी हवस पूरी करने के लिए लड़की का अपहरण किया और उसका यौन उत्पीड़न किया था. उसका अपराध उचित संदेह से परे साबित हुआ है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिता भी दोषी करार</strong><br />यह साबित हुआ कि वह व्यक्ति और उसका पिता क्रूर मर्डर के लिए जिम्मेदार हैं. राजेंद्र को जहां रेप, मर्डर और अपहरण के अलावा पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है. वहीं 57 साल के दोषी सरन को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत दोषी ठहराया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चिप्स का लालच देकर बच्ची को बुलाया</strong><br />कोर्ट ने अपने फैसले में कहा पुलिस द्वारा पेश की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि अपहरण के पीछे मकसद हवस थी. उसकी हत्या कर उसके शव को पार्क में चुपके से फेंकने के पीछे का मकसद कानूनी सजा से खुद को बचाना था. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील श्रवण कुमार बिश्नोई ने कहा कि राजेंद्र ने चिप्स का लालच देकर लड़की को बहलाया-फुसलाया और अपने घर पर उसका यौन उत्पीड़न किया था.</p>
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