<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi HC Refused Sharjeel Imam Plea:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार (4 सितंबर) को छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली दंगों की कथित साजिश के मामले में उसकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. हाई कोर्ट ने याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इनकार कर दिया. मामले की सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश को लेकर आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए (UAPA) के तहत उनके खिलाफ दर्ज मामले में जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि चूंकि मामला पहले ही 7 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए तारीख आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं है. शरजील इमाम, उमर खालिद और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों का कथित रूप से मास्टरमाइंड होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इमाम के वकील ने बताया कि उनकी जमानत याचिका खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अपील 28 महीने से लंबित है और मामले को कई बार सूचीबद्ध किए जाने के बावजूद, यह अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बेंच में शामिल जस्टिस गिरीश कठपालिया ने कहा, ”उनके सामने प्रतिदिन 80 से अधिक मामले सूचीबद्ध होते हैं और इमाम की अपील अन्य सह-आरोपियों की इसी प्रकार की अपीलों के साथ अगले महीने ही निश्चित समय पर सूचीबद्ध की जाती है. चूंकि अपील 7 अक्टूबर को दोपहर 3:15 बजे अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए तारीख को आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं है.” अदालत ने कहा कि आवेदन खारिज किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि इस हिंसा की घटना में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे. नागरिकता संशोधन अधिनियम (<a title=”CAA” href=”https://www.abplive.com/topic/caa” data-type=”interlinkingkeywords”>CAA</a>) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”संजय सिंह ने क्यों कहा? ‘दिल्ली का मल्टीपल गवर्नेंस से हुआ बड़ा नुकसान’ ” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/why-sanjay-singh-say-delhi-suffered-great-loss-due-to-multiple-governance-2776066″ target=”_self”>संजय सिंह ने क्यों कहा? ‘दिल्ली का मल्टीपल गवर्नेंस से हुआ बड़ा नुकसान’ </a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi HC Refused Sharjeel Imam Plea:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार (4 सितंबर) को छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली दंगों की कथित साजिश के मामले में उसकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. हाई कोर्ट ने याचिका पर शीघ्र सुनवाई से इनकार कर दिया. मामले की सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश को लेकर आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए (UAPA) के तहत उनके खिलाफ दर्ज मामले में जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि चूंकि मामला पहले ही 7 अक्टूबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए तारीख आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं है. शरजील इमाम, उमर खालिद और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों का कथित रूप से मास्टरमाइंड होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इमाम के वकील ने बताया कि उनकी जमानत याचिका खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अपील 28 महीने से लंबित है और मामले को कई बार सूचीबद्ध किए जाने के बावजूद, यह अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बेंच में शामिल जस्टिस गिरीश कठपालिया ने कहा, ”उनके सामने प्रतिदिन 80 से अधिक मामले सूचीबद्ध होते हैं और इमाम की अपील अन्य सह-आरोपियों की इसी प्रकार की अपीलों के साथ अगले महीने ही निश्चित समय पर सूचीबद्ध की जाती है. चूंकि अपील 7 अक्टूबर को दोपहर 3:15 बजे अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए तारीख को आगे बढ़ाने का कोई आधार नहीं है.” अदालत ने कहा कि आवेदन खारिज किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि इस हिंसा की घटना में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे. नागरिकता संशोधन अधिनियम (<a title=”CAA” href=”https://www.abplive.com/topic/caa” data-type=”interlinkingkeywords”>CAA</a>) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. </p>
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