<p style=”text-align: justify;”>दिवाली पर पटाखा बैन विवाद पर बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है की जब भी हिंदुओं के त्योहारों आते हैं, उनमे षड्यंत्र करा जाता है. होली-दिवाली पर ज्ञान दिया जाता है, कोई बकरीद पर सवाल क्यों नहीं उठाता, 1 जनवरी को हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर पटाखे फोड़े जाते हैं, तब इनका ज्ञान कहां जाता है. हिंदू त्योहार पर दोगलापन बंद हो. बागेश्वर बाबा ने आगे कहा कि हम तो दिवाली अच्छे से मनाएंगे, हमने सुतली बम खरीद लिया है.</p> <p style=”text-align: justify;”>दिवाली पर पटाखा बैन विवाद पर बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है की जब भी हिंदुओं के त्योहारों आते हैं, उनमे षड्यंत्र करा जाता है. होली-दिवाली पर ज्ञान दिया जाता है, कोई बकरीद पर सवाल क्यों नहीं उठाता, 1 जनवरी को हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर पटाखे फोड़े जाते हैं, तब इनका ज्ञान कहां जाता है. हिंदू त्योहार पर दोगलापन बंद हो. बागेश्वर बाबा ने आगे कहा कि हम तो दिवाली अच्छे से मनाएंगे, हमने सुतली बम खरीद लिया है.</p> मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के चुनावी मैदान में एजाज खान, इस सीट से किया नामांकन, चंद्रशेखर आजाद के लिए कही ये बात
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महाराष्ट्र चुनाव के बीच कांग्रेस ने की DGP रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग, नाना पटोले बोले- ‘उन्होंने BJP को…’
महाराष्ट्र चुनाव के बीच कांग्रेस ने की DGP रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग, नाना पटोले बोले- ‘उन्होंने BJP को…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Assembly Election 2024:</strong> कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग से 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राज्य की पुलिस महानिदेशक (DGP) रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की. पटोले ने निर्वाचन आयोग को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि शुक्ला एक विवादास्पद अधिकारी हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) का पक्ष लिया है और उनके पद पर बने रहने से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने पर संदेह पैदा होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पटोले ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने शुक्ला को हटाने के कांग्रेस के अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया है, लेकिन विपक्ष शासित पश्चिम बंगाल और चुनावी राज्य झारखंड के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को हटाने के बीजेपी के इसी तरह के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 24 सितंबर और चार अक्टूबर को पत्र लिखकर शुक्ला को हटाने की मांग की थी और पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने 27 सितंबर को मुंबई आए निर्वाचन अधिकारियों के समक्ष भी इस मांग को दोहराया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कांग्रेस ने डीजीपी पर लगाए आरोप</strong><br />महाराष्ट्र कांग्रेस ने डीजीपी रश्मि शुक्ला पर राज्य में विभिन्न सीपी और एसपी को विपक्षी नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का निर्देश देने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने डीजीपी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग की है. कांग्रेस की तरफ से पत्र में कहा गया कि पुलिस तंज कथित तौर पर विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बाधित कर रहा है उनपर दवाब डाला जा रहा है और धमकी दी जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पत्र में आगे कहा कि रश्मि शुक्ला का दृष्टिकोण पहले ही विवादास्पद रहा है, वे पहले भी नेताओं की फोन टैंपिंग में शामिल थी, उनके खिलाफ मामले भी दर्ज कराए गए थे. कांग्रेस की ओर से कहा गया कि वे निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए डीजीपी शुक्ला की बर्खास्तगी की मांग करती है, अगर उनकी मांग को नजरअंदाज किया गया तो उनकी पार्टी अदालत का रुख करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”‘तो राज ठाकरे को बनना चाहिए मुख्यमंत्री’, शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने क्यों कही ये बात?” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-assembly-election-2024-shiv-sena-ubt-sanjay-raut-took-a-dig-at-raj-thackeray-mns-2814344″ target=”_blank” rel=”noopener”>’तो राज ठाकरे को बनना चाहिए मुख्यमंत्री’, शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने क्यों कही ये बात?</a></strong></p>
नफे सिंह मर्डर केस में CBI चार्जशीट में बड़े खुलासे:ब्रिटेन के गैंगस्टर का नाम; हत्यारों ने गाड़ी में लगाई GPS डिवाइस
नफे सिंह मर्डर केस में CBI चार्जशीट में बड़े खुलासे:ब्रिटेन के गैंगस्टर का नाम; हत्यारों ने गाड़ी में लगाई GPS डिवाइस हरियाणा के चर्चित INLD के पूर्व MLA नफे सिंह मर्डर केस में केंद्रीय जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहली चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। इस चार्जशीट में बड़े-बड़े खुलासे किए गए हैं। हालांकि इस चार्जशीट में सीबीआई ने नफे सिंह राठी के मर्डर का मोटिव क्लीयर नहीं किया है। जिसके बाद इनेलो नेता के मर्डर का रहस्य और गहरा गया है। चार्जशीट में ब्रिटेन के एक गैंगस्टर का नाम शामिल किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि हत्यारों ने नफे सिंह के मर्डर से पहले उनकी गाड़ी की लोकेशन जानने के लिए एक GPS सिस्टम भी लगाया था। 25 फरवरी को बहादुरगढ़ में बराही रेलवे क्रासिंग पर नफे सिंह की 10 गोलियां लगने से मौत हो गई थी। इस दौरान उनके सहयोगी जयकिशन दलाल की 4 गोलियां लगने से मौत हो गई थी। उन पर I-20 कार में सवार हमलावरों ने हमला किया था, जिन्होंने उनका पीछा किया और उनकी एसयूवी पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं थी। क्यों आया गैंगस्टर नंदू का नाम सीबीआई की जांच में यह बात भी सामने आई है कि 4 शूटर और ब्रिटेन में रहने वाले एक गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने सिग्नल ऐप के जरिए बातचीत की थी। इसके साथ ही मर्डर के बाद ब्रिटेन स्थित ‘वांटेड’ गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू ने आईएनएलडी प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। कपिल सांगवान दिल्ली पुलिस की अपराधियों की सूची में वह मोस्ट वांटड अपराधी है। जीजा की हत्या का लिया बदला मर्डर के बाद कपिल गैंगस्टर के द्वारा की गई पोस्ट में लिखा था कि उसने ये मर्डर अपने जीजा और दोस्त की हत्या का बदला लेने के लिए किया है। हरियाणा पुलिस ने भी इस मामले में कोई सक्रियता नहीं दिखाई थी, तो उसे मजबूर होकर उनका मर्डर करना पड़ा। यहां पढ़िए मर्डर केस की जांच में अब तक क्या क्या हुआ… फॉर्च्यूनर से मिली 8 गोलियां हत्या के दो दिन बाद पुलिस फॉर्च्यूनर को सत्यम टोयोटा शोरूम ले गई, जहां जांच के दौरान उन्हें 8 गोलियां और 13 गोलियों के टुकड़े मिले। नई दिल्ली के द्वारका में ‘म्यूजिक कार’ शॉप से खरीदा गया एक जीपीएस ट्रैकर भी वाहन के पिछले हिस्से से जुड़ा हुआ पाया गया। हालांकि डिवाइस का खरीदार अज्ञात है, लेकिन CBI जांच से पता चला है कि कपिल सांगवान ने एसयूवी की लाइव लोकेशन को ट्रैक करने के लिए 8 फरवरी से 3 मार्च के बीच यूके से लॉगिन क्रेडेंशियल संचालित किए थे। सांगवान की चैट सामने आई फरवरी में धर्मेंद्र ने सांगवान के निर्देशानुसार शूटरों के लिए एक आई-20 कार का इंतजाम किया। शूटरों में से एक सचिन, जो तिहाड़ जेल में रहने के दौरान गुलिया से परिचित था, को गुलिया ने 17 फरवरी को फेसबुक मैसेंजर के जरिए सिग्नल ऐप इन्स्टॉल करने का निर्देश दिया था। इसके बाद सांगवान ने 18 फरवरी को सचिन से संपर्क किया और कहा, ‘अमित गुलिया ने तेरा नंबर दिया था। भई एक दुश्मन मारना है। 307 करनी है, बहादुरगढ़ में। चले जइयो।” मर्डर से पहले सांगवान को सेल्फी भेजी सचिन ने इस काम में मदद के लिए आशीष उर्फ बाबा को चुना। 23 फरवरी को वे नांगलोई से बहादुरगढ़ मेट्रो स्टेशन गए, जहां सचिन ने निर्देशानुसार सेल्फी ली और सांगवान को भेज दी। शूटरों के दूसरे समूह नकुल और अतुल को रोहतक से बहादुरगढ़ के लिए कैब लेते समय पकड़ा गया। वे i-20 कार लेकर सचिन और आशीष के साथ हो लिए।अतुल 4 पिस्तौल, 100 राउंड गोलियां और 2 लाख रुपए नकद लेकर आया था। उसने सचिन और आशीष को नफे सिंह की पहचान नहीं बताई। उसने उनके फोन जब्त कर लिए और उन्हें बंद कर दिया। नफे सिंह हत्यारों से कुछ कहना चाहते थे सीबीआई का चार्जशीट में कहना है कि नफे सिंह ने कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन लगातार गोलियों की आवाज के कारण वह कुछ नहीं कह पाया। संजीत बचाव में गोली नहीं चला सका। ड्राइवर राकेश ने गुस्से में संजीत से कहा, “चला ले ना। जब मार जाएंगे, तो क्या फायदा?” लेकिन वह इतना डरा हुआ था कि गोली नहीं चला सका और उसके हाथ कांपने लगे। चार्जशीट में सीबीआई का ये कहना है। यहां पढ़िए मर्डर से पहले की STORY मर्डर वाले दिन, हत्यारे नफे सिंह के कार्यालय के बाहर इंतजार कर रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि वह करोर गांव में है। उन्होंने वहां उसका पीछा किया, लेकिन हमला करने का मौका नहीं मिला। अगले दिन, उन्होंने बहादुरगढ़ के आरआर फार्म तक उसका पीछा किया और फिर जटवाड़ा मोहल्ला में उसके घर के पास, क्योंकि उन्हें सांगवान से लाइव लोकेशन मिल रही थी। 25 फरवरी को उन्होंने नफे सिंह का बहादुरगढ़ के सेक्टर 7 से लेकर सराय गांव और फिर अशोधा गांव तक पीछा किया। अशोधा में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नफे सिंह अपने भतीजे राकेश, गनमैन संजीत और जयकिशन दलाल के साथ बराही के रास्ते बहादुरगढ़ के लिए रवाना हुए। शूटरों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया। जैसे ही बराही रेलवे क्रॉसिंग बंद हुई, चारों शूटर अपनी गाड़ी से निकले और नफे सिंह की एसयूवी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
लुधियाना में ट्रेन से कटा व्यक्ति,मौत:रेलवे अधिकारियों की लापरवाही,सिग्नल नहीं किया डाउन,शव के ऊपर से गुजरी गाड़ी,पुलिस जांच में जुटी
लुधियाना में ट्रेन से कटा व्यक्ति,मौत:रेलवे अधिकारियों की लापरवाही,सिग्नल नहीं किया डाउन,शव के ऊपर से गुजरी गाड़ी,पुलिस जांच में जुटी पंजाब के लुधियाना में मिड्डा चौक के पास हरनाम रेलवे क्रॉसिंग पर देर रात ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। रेलवे ट्रैक के पास रहने वाले लोगों ने तुरंत लुधियाना रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों को इसकी सूचना दी। रेलवे अधिकारियों ने जीआरपी को मेमो दिया जिसके बाद जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची। रेलवे अधिकारियों को सूचना मिलने के बावजूद फिरोजपुर लाइन पर रेल परिचालन जारी रहा। अधिकारियों ने रेल परिचालन के लिए सिग्नल डाउन नहीं किया। जिसके कारण अन्य ट्रेन भी शव के ऊपर से गुजर गईं। शव को 72 घंटे तक मोर्चरी में रखा गया पुलिस ने शव की शिनाख्त करने का काफी प्रयास किया, लेकिन मृतक की पहचान नहीं हो सकी। मृतक की जेब से पुलिस को कोई पहचान पत्र नहीं मिला। राहगीर प्यारा सिंह ने बताया कि वह वहां से गुजर रहा था। उसने रेलवे ट्रैक पर युवक का शव पड़ा देखा। पहले तो उसे लगा कि शायद वह जिंदा हो, लेकिन जब वह नजदीक गया तो पाया कि युवक मृत पड़ा था। लोगों की मदद से शव को गाड़ी में डालकर पहचान के लिए 72 घंटे के लिए सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया। पुलिस ने पूरी घटना की वीडियोग्राफी भी की। रेलवे अधिकारियों की लापरवाही, शव के ऊपर से गुजरी ट्रेन गौरतलब है कि घटना स्थल पर अभी पुलिस की जांच चल ही रही थी कि तभी एक अन्य रेल गाड़ी शव के ऊपर से ही निकल गई। रेलवे अधिकारियों को ट्रैक पर शव पड़े होने की सूचना के बावजूद उस ट्रैक का रेल परिचालन रोका नहीं गया। गनीमत रही कि ट्रेक पर जांच कर रहे पुलिस कर्मचारियों का भी ट्रेन के चपेट में आने से बचाव हो गया। जांच कर रहे पुलिस कर्मचारियों के सामने ही ट्रेन शव को ऊपर से गुजर गई और पुलिस भी ट्रेन को रोकने में विफल रही। नियमों की अनदेखी जांच का विषय
बता दें कि रेलवे बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना के तहत रेलवे ट्रैक के बीच में शव रहने पर ट्रेन का परिचालन तब तक नहीं किया जा सकता है जब तक शव को वहां से हटाया नहीं जाता। इस कारण पहले भी कई बार ट्रेनों का परिचालन ट्रैक पर रहने के कारण रोका गया है। हालांकि इस घटना में इन नियम की अनदेखी की गई। ऐसे में ये मामला जांच का विषय है। SHO बोले- मामले की जांच जारी
थाना GRP लुधियाना के SHO जितेन्दर सिंह ने कहा कि मामला वह चेक करवा रहे है। यदि रेलवे अधिकारियों ने मीमो दे रखी होगी तो सरासर ये उनकी गलती है। जब तक रेलवे ट्रेक क्लियर नहीं हो जाता उतनी देर कोई ट्रेन ट्रक से गुजर नहीं सकती। वहीं इस मामले संबंधी पत्रकारों ने DRM फिरोजपुर संजय साहू से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।