लखनऊ में दीवाली की रात में प्रदूषण के स्तर में PM 10 और PM 2.5 में 5 गुना का इजाफा हुआ है। हालांकि महज 24 घंटे के भीतर PM लेवल में कमी आई है पर अगले कुछ दिनों तक सेहत के लिए बेहद घातक है। हर उम्र के लोगों के लिए बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है। घर से बाहर निकलने के समय मास्क का प्रयोग करना बेहतर होगा। ये कहना है लखनऊ स्थिति CSIR की लैब, IITR यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के निदेशक प्रो.भास्कर नारायण का। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 35वें एपिसोड में IITR लखनऊ के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण से खास बातचीत… डॉ. भास्कर नारायण ने कहा, लोग प्रदूषण को लेकर जागरूक हो रहे हैं। ग्रीन क्रैकर्स को लेकर की गई पहल भी रंग ला रही है। साल 2016 और 2017 की दीवाली के दौरान PM 2.5 और PM 10 लेवल इस साल से भी कई गुना अधिक था। पर अब समय के साथ लोगों के बीच जागरूकता का नतीजा है कि इसमें पहले की तुलना में सुधार हुआ है। लखनऊ में दीवाली की रात में प्रदूषण के स्तर में PM 10 और PM 2.5 में 5 गुना का इजाफा हुआ है। हालांकि महज 24 घंटे के भीतर PM लेवल में कमी आई है पर अगले कुछ दिनों तक सेहत के लिए बेहद घातक है। हर उम्र के लोगों के लिए बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है। घर से बाहर निकलने के समय मास्क का प्रयोग करना बेहतर होगा। ये कहना है लखनऊ स्थिति CSIR की लैब, IITR यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के निदेशक प्रो.भास्कर नारायण का। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 35वें एपिसोड में IITR लखनऊ के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण से खास बातचीत… डॉ. भास्कर नारायण ने कहा, लोग प्रदूषण को लेकर जागरूक हो रहे हैं। ग्रीन क्रैकर्स को लेकर की गई पहल भी रंग ला रही है। साल 2016 और 2017 की दीवाली के दौरान PM 2.5 और PM 10 लेवल इस साल से भी कई गुना अधिक था। पर अब समय के साथ लोगों के बीच जागरूकता का नतीजा है कि इसमें पहले की तुलना में सुधार हुआ है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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CPS नियुक्ति मामले में आज फैसला सुना सकता है हिमाचल हाईकोर्ट, बीजेपी विधायक ने दी है चुनौती
CPS नियुक्ति मामले में आज फैसला सुना सकता है हिमाचल हाईकोर्ट, बीजेपी विधायक ने दी है चुनौती <p style=”text-align: justify;”><strong>CPS Appointment in Himachal Pradesh:</strong> हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय आज फैसला सुना सकता है. न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की बेंच इस मामले में आज फैसला सुना सकती है. बीजेपी विधायक एवं अन्य ने हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2023 में 10 नवंबर को हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक प्रतिशत ट्रांसफर पीटीशन भी दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. हिमाचल प्रदेश सरकार चाहती थी कि इस मामले को हाई कोर्ट के स्थान पर सुप्रीम कोर्ट सुने, लेकिन राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>CPS नियुक्ति को बताया गया असंवैधानिक </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के बाद जब मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होना था, तब उससे ठीक पहले राज्य सचिवालय में मुख्य संसदीय सचिवों ने भी शपथ लेकर अपना पदभार ग्रहण किया. इससे पहले तत्कालीन जयराम सरकार में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति नहीं की गई थी. इससे पहले भी वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान मुख्य संसदीय सचिवों को अपना पद छोड़ना पड़ा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश सरकार का तर्क है कि राज्य में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ कानून है. इसी आधार पर राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अपना पक्ष भी रखा है. वहीं, मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती देने वाले पक्ष का मत है कि यह ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का भी मामला है. ऐसे में भी मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को खत्म करने के साथ विधायक की सदस्यता को भी चुनौती देने की बात कही गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिमाचल प्रदेश सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मौजूदा वक्त में छह मुख्य संसदीय सचिव हैं. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक सतपाल सिंह सत्ती के साथ अन्य 11 बीजेपी विधायकों ने इस नियुक्ति को चुनौती दी है. बीजेपी विधायकों के साथ पीपल का रिस्पांसिबल गवर्नेंस संस्था ने भी इसी मामले में याचिका दायर की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उच्च न्यायालय दोनों याचिकाओं को क्लब कर सुनवाई की. हिमाचल प्रदेश सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए हैं. इनमें कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार और अर्की से संजय अवस्थी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-weather-forecast-snowfall-in-high-altitude-areas-ann-2822464″>हिमाचल प्रदेश में कब होगी बर्फबारी? मौसम विभाग ने लगाया अनुमान, जल्द एक्टिव होगा पश्चिमी विक्षोभ</a></strong></p>
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Delhi Fire: दिल्ली के अस्पतालों में दो साल में हुईं आग की 66 घटनाएं, ऐसा होने पर क्या करें? <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Fire News:</strong> दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी भीषण गर्मी के बीच आग लगने की घटनाएं पहले की तरह होने का सिलसिला जारी है. 26 मई को राष्ट्रीय राजधानी में आग के दो भीषण घटनाएं हुईं. इनमें पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में न्यू बॉर्न बेबी केयर सेंटर में सात बच्चों की मौत हुई तो शाहदरा इलाके में एक चार मंजिला इमारत में आग लगने से तीन लोगों की जान चली गईं. पिछले दो सालों में दिल्ली में कुल 66 भीषण आग की घटनाएं हुई हैं. साल 2022 में आग लगने के 30 और 2023 में 36 घटनाएं हुईं थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2024 में ही आग की घटनाओं का सिलसिला जारी है. 26 मई को दो अलग-अलग घटनाओं में नौ लोगों की मौतें हुईं. इनमें सात बच्चे शामिल हैं. जनवरी से मई 2024 के दौरान दिल्ली फायर सेवा विभाग को आग लगने की कुल 8201 घटनाएं हुईं. इसी दौरान साल 2023 में 5970 घटनाएं हुईं थीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सेंट्रल दिल्ली में स्थित सात मंजिला नायक अस्पताल में आग लगने पर 50 लोगों को बचा लिया गया था. इसी तरह इसी तरह द्वारका के न्यू बॉर्न अस्पताल में भी पिछले साल हुई आग की घटना में 20 नवजात की जान बचाने में सफलता मिली थी. दिल्ली एम्स के इंडोस्कोपी यूनिट में आग लगने के समय भी दिल्ली फायर सेवा ने 100 रोगियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है सबसे बड़ी चुनौती? </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>टीओआई ने दिल्ली फायर सेवा के निदेश अतुल गर्ग के हवाले से बताया है कि अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं में हमारे पास सबसे बड़ी चुनौती समय पर सूचित करने की होती है. इसके अलावा, फायर डिपार्टमेंट के पास कर्मचारियों की भारी कमी है. नये और प्रशिक्षित कर्मचारियों को भर्ती करने की भी जरूरत है. ताकि, आग की घटनाओं पर काबू पाना संभव हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आग लगने पर कैसे करें जनधन का बचाव </strong></p>
<ul>
<li style=”text-align: justify;”>हाई क्वालिटी का स्मोक डिटेक्टर, सेंसर, फायर अलार्म का प्रयोग करें.</li>
<li style=”text-align: justify;”>भवन में आग पर काबू पाने के लिए आटोमैटिक स्प्रिंकलर्स लगाएं.</li>
<li style=”text-align: justify;”>भवन में लगाए गए अग्निशमन रोधी उपकरणों को हमेशा अपडेट रखें.</li>
<li style=”text-align: justify;”>नियमित रूप से इलेक्ट्रिकल वायरिंग की जांच कराते रहें.</li>
<li style=”text-align: justify;”>ज्वलनशील मैटीरियल को सुरक्षित स्थानों पर ही रखें. </li>
<li style=”text-align: justify;”>सीढ़ी के नीचे या छत पर कुछ भी न रखें. </li>
</ul>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आग लगने पर तत्काल क्या करें?</strong></p>
<ul>
<li style=”text-align: justify;”>भवन को पूरी तरह से खाली कर दें.</li>
<li style=”text-align: justify;”>भवन के ऊपर से न कूंदें बल्कि सीढ़ियों का सहारा लेकर नीचें उतरें.</li>
<li style=”text-align: justify;”>अगर एग्जिट ब्लॉक है तो विंडो के पास खड़े हो जाएं और उसके ग्लास को तोड़ दें.</li>
</ul>
<p><strong><a title=”Delhi Weather: दिल्ली में कब तक झेलनी पड़ेगी भीषण गर्मी की मार, कितना रहेगा तापमान? मौसम विभाग ने बताया” href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/delhi-ncr-imd-red-alert-heatwave-strong-wind-in-delhi-ncr-till-30-may-2024-2699614″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Weather: दिल्ली में कब तक झेलनी पड़ेगी भीषण गर्मी की मार, कितना रहेगा तापमान? मौसम विभाग ने बताया</a></strong></p>