हरियाणा में एक चौधरी लाला के पास गया, बोला- लाला मेरा घोड़ा खरीदेगा? लाला बोला- भई खरीद लेंगे, कितने का है? चौधरी बोला- हजार रुपए का… लाला ने कहा- पांच सौ से ज्यादा तो दूंगा नहीं, चौधरी बोला- रहने दे। कहकर चौधरी घर आया तो देखा घोड़ा मरा हुआ था, तब चौधरी तुरंत दौड़ा लाला के पास और बोला- लाला कई दिनों से मुझे ढंग से सुनाई नहीं देता, तूने घोड़े के कितने दाम लगाए थे? लाला बोला- पांच सौ, तो चौधरी ने कहा- निकाल पांच सौ, घर आ जइयो, घोड़ा पड़ा हुआ मिलेगा। लाला इसका मतलब समझा नहीं, चौधरी को पांच सौ रुपए दे दिए। चौधरी रुपए लेकर गांव से गायब हो गया, एक महीने बाद लौटा तो डरता हुआ लाला की दुकान पर पहुंचा कि लाला डांटेगा साले, मरा घोड़ा बेच गया। पर लाला ने उसे गले लगा लिया- आ भई चौधरी, कहां गायब था, कई दिनों से दिखाई नहीं दिया? अब लाला घोड़े की बात करे नहीं और चौधरी के दिल में खुटका हो रहा कि चक्कर क्या है, लाला घोड़े की बात क्यों नहीं कर रहा तो चौधरी ने ही पूछ लिया- लाला वो घोड़ा? लाला बोला- अरे भई चौधरी तेरा घोड़ा तो बहुत ही बढ़िया निकला भई, मजा आ गया। चौधरी बोला- लाला वो घोड़ा तो मरा हुआ था, क्या किया उसका? लाला बोला- करना क्या था? मैंने अखबार में एक विज्ञापन निकाल दिया कि एक रुपए की लॉटरी खरीदो, इनाम में घोड़ा मिलेगा। दस हजार लोगों ने लॉटरी खरीद ली। मैंने एक का इनाम निकाल दिया। जिसका इनाम निकाला था, वो रोता हुआ आया कि घोड़ा तो मरा हुआ है! फिर मैंने उसका एक रुपया वापस कर दिया। दूसरा किस्सा… एक आदमी घर से निकला तो देखा कि बाहर बच्चे खेल रहे थे, उसने बच्चों से पूछ लिया कि बच्चो ताजमहल के बारे में जानते हो? बच्चे बोले- हमें नहीं पता…तब उस आदमी ने कहा कि हरदम घर में ही पड़े रहते हो, कभी बाहर भी निकलो। दूसरे दिन घर से निकलते ही फिर वे बच्चे मिल गए। इस बार फिर आदमी ने सवाल पूछ लिया कि बताओ बच्चो, कुतुब मीनार के बारे में जानते हो? बच्चे इस बार भी बोले- हमें नहीं पता। इस बार फिर आदमी ने कहा- हरदम घर में ही पड़े रहते हो, कभी बाहर भी निकला करो। तीसरे दिन फिर बच्चे मिल गए पर इस बार वो आदमी कुछ पूछता, उससे पहले बच्चों ने ही उससे पूछ लिया, रामलाल को जानते हो? आदमी बोला- नहीं, तो बच्चे बोले- हरदम बाहर ही घूमते रहते हो, कभी घर में भी रहा करो। —————- ये कॉलम भी पढ़ें… बिना मेहनत फल मिले तो दिमाग क्यों लगाना:जब सिर्फ दुकान का नाम बदलने से काम चल सकता है तो काम क्यों करना? हरियाणा में एक चौधरी लाला के पास गया, बोला- लाला मेरा घोड़ा खरीदेगा? लाला बोला- भई खरीद लेंगे, कितने का है? चौधरी बोला- हजार रुपए का… लाला ने कहा- पांच सौ से ज्यादा तो दूंगा नहीं, चौधरी बोला- रहने दे। कहकर चौधरी घर आया तो देखा घोड़ा मरा हुआ था, तब चौधरी तुरंत दौड़ा लाला के पास और बोला- लाला कई दिनों से मुझे ढंग से सुनाई नहीं देता, तूने घोड़े के कितने दाम लगाए थे? लाला बोला- पांच सौ, तो चौधरी ने कहा- निकाल पांच सौ, घर आ जइयो, घोड़ा पड़ा हुआ मिलेगा। लाला इसका मतलब समझा नहीं, चौधरी को पांच सौ रुपए दे दिए। चौधरी रुपए लेकर गांव से गायब हो गया, एक महीने बाद लौटा तो डरता हुआ लाला की दुकान पर पहुंचा कि लाला डांटेगा साले, मरा घोड़ा बेच गया। पर लाला ने उसे गले लगा लिया- आ भई चौधरी, कहां गायब था, कई दिनों से दिखाई नहीं दिया? अब लाला घोड़े की बात करे नहीं और चौधरी के दिल में खुटका हो रहा कि चक्कर क्या है, लाला घोड़े की बात क्यों नहीं कर रहा तो चौधरी ने ही पूछ लिया- लाला वो घोड़ा? लाला बोला- अरे भई चौधरी तेरा घोड़ा तो बहुत ही बढ़िया निकला भई, मजा आ गया। चौधरी बोला- लाला वो घोड़ा तो मरा हुआ था, क्या किया उसका? लाला बोला- करना क्या था? मैंने अखबार में एक विज्ञापन निकाल दिया कि एक रुपए की लॉटरी खरीदो, इनाम में घोड़ा मिलेगा। दस हजार लोगों ने लॉटरी खरीद ली। मैंने एक का इनाम निकाल दिया। जिसका इनाम निकाला था, वो रोता हुआ आया कि घोड़ा तो मरा हुआ है! फिर मैंने उसका एक रुपया वापस कर दिया। दूसरा किस्सा… एक आदमी घर से निकला तो देखा कि बाहर बच्चे खेल रहे थे, उसने बच्चों से पूछ लिया कि बच्चो ताजमहल के बारे में जानते हो? बच्चे बोले- हमें नहीं पता…तब उस आदमी ने कहा कि हरदम घर में ही पड़े रहते हो, कभी बाहर भी निकलो। दूसरे दिन घर से निकलते ही फिर वे बच्चे मिल गए। इस बार फिर आदमी ने सवाल पूछ लिया कि बताओ बच्चो, कुतुब मीनार के बारे में जानते हो? बच्चे इस बार भी बोले- हमें नहीं पता। इस बार फिर आदमी ने कहा- हरदम घर में ही पड़े रहते हो, कभी बाहर भी निकला करो। तीसरे दिन फिर बच्चे मिल गए पर इस बार वो आदमी कुछ पूछता, उससे पहले बच्चों ने ही उससे पूछ लिया, रामलाल को जानते हो? आदमी बोला- नहीं, तो बच्चे बोले- हरदम बाहर ही घूमते रहते हो, कभी घर में भी रहा करो। —————- ये कॉलम भी पढ़ें… बिना मेहनत फल मिले तो दिमाग क्यों लगाना:जब सिर्फ दुकान का नाम बदलने से काम चल सकता है तो काम क्यों करना? उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
दो हरियाणवियों के बीच फंस गया बेचारा घोड़ा:डील तो हो गई, लेकिन बदकिस्मती से घोड़ा मरा हुआ निकला…तब क्या हुआ?
