पंजाब के जालंधर में आज पूर्व एससी कमिशन चेयरमैन और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय सांपला ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांपला ने कहा कि शेलरों में जगह खाली न होने को लेकर पंजाब सरकार द्वारा झूठ बोला जा रहा है। पंजाब सरकार प्रदेश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जालंधर के सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता करने पहुंचे विजय सांपला ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के लिए हर संभव मदद कर रही है, मगर पंजाब सरकार किसानों की मदद में नाकामयाब रही। बता दें कि राज्य भर में पिछले कुछ दिनों से किसान पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उक्त प्रदर्शन को लेकर पंजाब सरकार और केंद्र सरकार एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। इससे पहले आप सरकार ने केंद्र सरकार पर सहयोग न करने के आरोप लगाए थे। अब बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। धान खरीद की स्थिति को मंत्री कटारूचक ने किया था साझा बीते दिन कैबिनेट मंत्री कटारूचक ने एक प्रेसवार्ता में कहा था कि शुक्रवार तक पंजाब की मंडियों में करीब 18 लाख 31 हजार एमटीए धान पहुंचा है। इसमें से करीब 16 लाख 37 हजार एमटीए धान खरीदी जा चुकी है। 2 लाख 62 हजार एमटीए मंडियों से फिल्ट हो चुकी है। साथ ही जो किसानों के खातों में पैसा शुक्रवार शाम तक जा चुका है, उसका अमाउंट करीब 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। मंडी में जो भी नई धान आ रही है, उसे समय से खरीदा जा रहा है और उक्त खरीद की पेमेंट समय से किसान के खाते में जा रही है। धान के स्टोरेज को लेकर मंत्री कटारूचक ने रखे थे तथ्य मंत्री ने कहा था कि पंजाब में स्टोरेज को लेकर एक बड़ी चर्चा हो रही है। इस साल 85 लाख एमटीए की स्टोरेज पंजाब में बनी है। जो अप्रैल से लेकर सितंबर तक की है। पिछले साल की जितनी किसानों की उपज थी, 99 प्रतिशत स्टोरेज के लिए चली गई है। इस साल पिछले साल के मुकाबले चार लाख एमटीए धान ज्यादा की मूवमेंट हो चुकी है। एससीआई ने अक्टूबर तक का प्लान सांझा कर दिया है। पंजाब के जालंधर में आज पूर्व एससी कमिशन चेयरमैन और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय सांपला ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सांपला ने कहा कि शेलरों में जगह खाली न होने को लेकर पंजाब सरकार द्वारा झूठ बोला जा रहा है। पंजाब सरकार प्रदेश के किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जालंधर के सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता करने पहुंचे विजय सांपला ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के लिए हर संभव मदद कर रही है, मगर पंजाब सरकार किसानों की मदद में नाकामयाब रही। बता दें कि राज्य भर में पिछले कुछ दिनों से किसान पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उक्त प्रदर्शन को लेकर पंजाब सरकार और केंद्र सरकार एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। इससे पहले आप सरकार ने केंद्र सरकार पर सहयोग न करने के आरोप लगाए थे। अब बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। धान खरीद की स्थिति को मंत्री कटारूचक ने किया था साझा बीते दिन कैबिनेट मंत्री कटारूचक ने एक प्रेसवार्ता में कहा था कि शुक्रवार तक पंजाब की मंडियों में करीब 18 लाख 31 हजार एमटीए धान पहुंचा है। इसमें से करीब 16 लाख 37 हजार एमटीए धान खरीदी जा चुकी है। 2 लाख 62 हजार एमटीए मंडियों से फिल्ट हो चुकी है। साथ ही जो किसानों के खातों में पैसा शुक्रवार शाम तक जा चुका है, उसका अमाउंट करीब 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है। मंडी में जो भी नई धान आ रही है, उसे समय से खरीदा जा रहा है और उक्त खरीद की पेमेंट समय से किसान के खाते में जा रही है। धान के स्टोरेज को लेकर मंत्री कटारूचक ने रखे थे तथ्य मंत्री ने कहा था कि पंजाब में स्टोरेज को लेकर एक बड़ी चर्चा हो रही है। इस साल 85 लाख एमटीए की स्टोरेज पंजाब में बनी है। जो अप्रैल से लेकर सितंबर तक की है। पिछले साल की जितनी किसानों की उपज थी, 99 प्रतिशत स्टोरेज के लिए चली गई है। इस साल पिछले साल के मुकाबले चार लाख एमटीए धान ज्यादा की मूवमेंट हो चुकी है। एससीआई ने अक्टूबर तक का प्लान सांझा कर दिया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
जालंधर में ओडिशा की युवती से गैंगरेप:BBA छात्रा दोस्तों संग घूमने निकली, निहंगों के वेश में आए आरोपियों ने किडनैप किया; 3 गिरफ्तार
जालंधर में ओडिशा की युवती से गैंगरेप:BBA छात्रा दोस्तों संग घूमने निकली, निहंगों के वेश में आए आरोपियों ने किडनैप किया; 3 गिरफ्तार पंजाब के जालंधर में LPU की छात्रा से सामूहिक गैंगरेप का मामला सामने आया है। थाना पतारा की पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पीड़ित छात्रा रात को अपने दोस्तों के साथ घूमने निकली थी। निहंग-बाणें आरोपियों ने छात्रा के साथियों को धमकाकर भगा दिया। उन्होंने कहा कि वे उसे घर छोड़ देंगे। आरोपी उक्त छात्रा को थाना पतारा इलाके से अपनी कार में बिठाकर सुनसान जगह पर ले गए और बलात्कार को अंजाम दिया। आरोपी पीड़िता को छोड़कर मौके से फरार हो गए। सुनसान जगह देख 24 वर्षीय युवती से किया रेप जानकारी के अनुसार, 24 साल की युवती लवली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए आई हुई थी। वह मूल रूप से ओडिशा का रहने वाली है। सोमवार को रात वह अपने 2 दोस्तों के साथ ढिलवां फाटक के पास देर रात फूड कोर्ड पर खाना खाने के लिए आई थी। इस दौरान उनके साथ तीन युवक दोस्त भी थे। रात करीब 1 बज रहे थे। इस दौरान बाइक पर सवार होकर तीन युवक आ धमके। आरोपियों में से दो ने निहंग बाणा पहना हुआ था और उनके हाथ में कृपाण थी। आरोपियों ने आते ही युवती के साथियों से पूछना शुरू कर दिया कि तुम अकेली लड़की को कहां लेकर जा रहे हैं। आरोपियों ने लड़की के साथियों को डराया और उन्हें पीछे हटने के लिए कह दिया। निहंग बाणें में थे दो आरोपी जिसके बाद बाइक सवार दोनों निहंग बाणों (वेशभूषा) वाले युवक ने युवती को अपने साथ जबरदस्ती बैठा लिया और कहा- वह खुद युवती को घर तो छोड़कर आएंगे। वहां से युवती को अपने साथ लेकर जाकर आरोपियों ने फाटक के पास सुनसान जगह देखकर उसके साथ रेप कर दिया। रेप के बाद आरोपियों ने युवती को वहीं छोड़ दिया और फरार हो गए। जिसके बाद उसने सारी दास्तां अपने साथियों को फोन कर बताई और अपने दोस्तों को बुलाया। जिसके बाद युवती को अस्पताल में भर्ती करवाया और मामले की जानकारी थाना पतारा की पुलिस को दी गई। पुलिस ने सुबह तक करीब 3 आरोपियों गिरफ्तार कर लिया। बीबीए की छात्रा है पीड़ित युवती मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित युवती और उसके सभी छात्र बीबीए के छात्र है। थाना पतारा के एसएचओ वरिंदर पाल सिंह ने बताया कि तीनों आरोपियों को जल्द पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। एसएचओ ने बताया कि गिरफ्तार किया गया एक आरोपी सरकारी वाटर ट्रिटमेंट प्लांट में काम करता है। दूसरी डीएपी का स्टूडेंट और तीसरा आरोपी बिजली के सामान की दुकान चलाता है। सभी आरोपियों को सिविल अस्पताल से मेडिकल करवा लिया गया है।
सुखबीर बादल के धार्मिक-राजनीतिक भविष्य पर आज विचार होगा:श्री अकाल तख्त साहिब पर बुद्धिजीवियों की बैठक बुलाई; SAD प्रमुख तनखैया घोषित हो चुके
सुखबीर बादल के धार्मिक-राजनीतिक भविष्य पर आज विचार होगा:श्री अकाल तख्त साहिब पर बुद्धिजीवियों की बैठक बुलाई; SAD प्रमुख तनखैया घोषित हो चुके शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के धार्मिक और राजनीतिक भविष्य के फैसले पर आज विचार होगा। श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने श्री अकाल तख्त कार्यालय में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, जिसमें सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों के साथ मिलकर सुखबीर बादल के “तनखैया” मामले पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक में उन्हें दिए जाने वाली संभावित धार्मिक सजा पर विचार किया जाएगा। इस चर्चा में कुल 18 सिख विद्वान और बुद्धिजीवी भाग लेंगे। इन सदस्यों में अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार मंजीत सिंह, पंजाबी यूनिवर्सिटी के पूर्व VC जसपाल सिंह, इंद्रजीत सिंह गोगोआनी, अमरजीत सिंह, हरसिमरन सिंह, जसपाल सिंह सिद्धू और हमीर सिंह शामिल हैं। इनके अलावा कुछ वरिष्ठ पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया है। सुखबीर बादल पर लगे आरोप और “तनखैया” मामला
अकाली दल से जुड़े असंतुष्ट नेताओं ने अकाली सरकार के दौरान (2007-2017) हुए कुछ धार्मिक फैसलों पर सवाल उठाए थे, जिन्हें उन्होंने सिख धर्म के हितों के विरुद्ध बताया। इसके बाद अकाल तख्त ने 30 अगस्त 2024 को सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया था, लेकिन अब तक कोई सजा नहीं दी गई। तनखैया घोषित किए जाने के कारण सुखबीर सिंह बादल को विधानसभा उपचुनावों में प्रचार या भाग लेने की अनुमति नहीं मिली थी। इसके चलते अकाली दल ने उपचुनावों से दूरी बना ली थी। हालांकि, सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (SGPC) चुनाव में अकाली दल समर्थित उम्मीदवार अध्यक्ष बने हैं। किस प्रकार की सजा मिल सकती है?
अकाल तख्त के दिशा-निर्देशों के तहत, तनखैया घोषित व्यक्ति को अक्सर गुरुद्वारे में सेवा करने जैसे कार्य सौंपे जाते हैं। जैसे कि जूते या फर्श साफ करना। आज की बैठक में इस बात पर विचार किया जाएगा कि सुखबीर बादल को किस प्रकार की धार्मिक सजा दी जा सकती है। इस फैसले से पहले जत्थेदारों की एक बैठक होगी, जिसमें सुखबीर बादल भी उपस्थित हो सकते हैं। इस निर्णय के आधार पर सुखबीर बादल के धार्मिक और राजनीतिक सफर पर बड़ा असर पड़ सकता है। क्या होता है तनखैया
सिख पंथ के अनुसार कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे तनखैया करार दिया जाता है। इसका फैसला सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब करते हैं। तनखैया घोषित होने के बाद व्यक्ति सिख संगत के समक्ष उपस्थित होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांग सकता है। तब सिख संगत की ओर से पवित्र श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हाजिरी में उसके गुनाह की समीक्षा की जाती है। फिर उसी के हिसाब से उसके लिए दंड तय किया जाता है। तनखैया की सजा मिलने पर ऐसे व्यक्ति से न तो कोई सिख संपर्क रखता है और न ही कोई संबंध। इनके यहां शादी जैसे कार्यक्रमों में भी कोई सिख आता-जाता नहीं है। अकाली दल के बागी गुट ने सौंपा था माफीनामा
अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफ़ीनामा सौंपा गया था, जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। 1. डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत वापस ली गई थी
2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी
श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई
1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ
अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।
सुप्रीम कोर्ट में आज पराली मामले पर सुनवाई:पंजाब-हरियाणा सरकार अपने प्रयासों की जानकारी देगी, अफसरों की निष्क्रियता पर हो सकती कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज पराली मामले पर सुनवाई:पंजाब-हरियाणा सरकार अपने प्रयासों की जानकारी देगी, अफसरों की निष्क्रियता पर हो सकती कार्रवाई आज यानी सोमवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पराली जलाने के मामले की सुनवाई करने जा रहा है। पिछले महीने हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से तीन सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की रूपरेखा समेत बेहतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को इसरो से प्राप्त कथित गलत आंकड़ों के संबंध में उचित प्राधिकारी के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का निर्देश दिया था। पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के संबंध में कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामों की जांच की थी। जिसमें खेतों में आग लगाने की अधिक घटनाओं का संकेत दिया गया था। कोर्ट ने दोनों राज्यों द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) अधिनियम की धारा 14 के तहत दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अनिच्छा पर असंतोष दोहराया था। राज्यों को अपनी निष्क्रियता स्पष्टीकरण देना चाहिए कोर्ट ने कहा था- आज भी हम सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्रवाई करने में दोनों सरकारों की ओर से अनिच्छा देख रहे हैं। आयोग की ओर से पेश हुए विद्वान एएसजी ने कहा कि राज्यों में जिला मजिस्ट्रेटों को धारा 14 की उपधारा (2) के तहत मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, पिछले आदेशों में हमने देखा है कि मुकदमा चलाने के बजाय, राज्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने में व्यस्त हैं। हम 3 साल पहले पारित आयोग के आदेश के खुलेआम उल्लंघन की बात कर रहे हैं। राज्यों को अपनी निष्क्रियता के लिए अदालत को स्पष्टीकरण देना चाहिए। हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार 11 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पराली जलाने से संबंधित एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने यह तर्क दिया कि इसी मुद्दे पर एक मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। हाईकोर्ट ने दो अदालतों के बीच परस्पर विरोधाभासी विचारों से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, “दो अदालतों के बीच मतभेद हो सकते हैं, जिसे टाला जाना चाहिए।” इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अभी विचार चल रहा है। पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना किया गया सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। दो से पांच एकड़ जमीन वालों से 10,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों से 30,000 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की सरकारें इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगी। 70 फीसदी कम पराली जलाई गई पंजाब सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस साल पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई। 2023 में 36,551 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2024 तक घटकर केवल 10,479 रह गईं, जो पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी कम है।