धार्मिक समारोह में जाने से पहले धार्मिक वेशभूषा धारण करनी चाहिए : गोस्वामी

धार्मिक समारोह में जाने से पहले धार्मिक वेशभूषा धारण करनी चाहिए : गोस्वामी

भास्कर न्यूज | अमृतसर फतेहगढ़ चूड़िया रोड स्थित वृंदावन गार्डन के श्री श्याम धाम मंदिर में महाकाल सेवा संघ की ओर से करवाई जा रही श्रीराम कथा के आठवें दिन हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया। व्यास गद्दी पर विराजमान श्री मान्माधव गौडेश्वर वैष्णवाचार्य पूज्य पुण्डरीक गोस्वामी महाराज ने कथा का शुभारंभ करने से पहले ‘हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे महामंत्र का जाप किया। इसके बाद महाराज ने कहा कि जिस प्रकार शादी समारोह समेत अन्य समारोह में जब हम जाते है तो उसी प्रकार के वस्त्र धारण करते हैं। परंतु जब किसी धार्मिक समारोह में जाते हैं तो हमें धार्मिक वेशभूषा धारण करनी चाहिए। महाराज ने कहा कि हरेक के जीवन में विपत्तियां आ जाती है। परंतु इन विपत्तियों में चार लोगों को परखने का अवसर मिल जाता है। वहीं जब नए संबंधों का निर्माण होता है तो हर एक व्यक्ति अपने आप को अच्छा दिखाने की होड़ में लग जाता है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई रिक्शा, ठेला चालक या फिर कोई भी हो वह अपने आप को अच्छा दिखाने के लिए अच्छे-अच्छे कपड़े पहन लेता है। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा भी बहुत विचित्र और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से देखी जाती है। विवाह विदाई के समय एक स्त्री के आंखों से निकले हुए आंसू का पता चलता है। वहीं पुरुषों की खूशी भी देखी जाती है। महाराज ने कहा कि विरोध करने से कुछ नहीं मिलता समझदारी दिखाने में ही सब कुछ मिल जाता है। कथा के बीच-बीच में महाराज ने हरिनाम संकीर्तन भी किया। जिसे सुनकर भक्तजन मंत्र मुग्ध होते रहे। इस मौके पर कई भक्तजन मौजूद थे। भास्कर न्यूज | अमृतसर फतेहगढ़ चूड़िया रोड स्थित वृंदावन गार्डन के श्री श्याम धाम मंदिर में महाकाल सेवा संघ की ओर से करवाई जा रही श्रीराम कथा के आठवें दिन हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया। व्यास गद्दी पर विराजमान श्री मान्माधव गौडेश्वर वैष्णवाचार्य पूज्य पुण्डरीक गोस्वामी महाराज ने कथा का शुभारंभ करने से पहले ‘हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे महामंत्र का जाप किया। इसके बाद महाराज ने कहा कि जिस प्रकार शादी समारोह समेत अन्य समारोह में जब हम जाते है तो उसी प्रकार के वस्त्र धारण करते हैं। परंतु जब किसी धार्मिक समारोह में जाते हैं तो हमें धार्मिक वेशभूषा धारण करनी चाहिए। महाराज ने कहा कि हरेक के जीवन में विपत्तियां आ जाती है। परंतु इन विपत्तियों में चार लोगों को परखने का अवसर मिल जाता है। वहीं जब नए संबंधों का निर्माण होता है तो हर एक व्यक्ति अपने आप को अच्छा दिखाने की होड़ में लग जाता है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई रिक्शा, ठेला चालक या फिर कोई भी हो वह अपने आप को अच्छा दिखाने के लिए अच्छे-अच्छे कपड़े पहन लेता है। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा भी बहुत विचित्र और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से देखी जाती है। विवाह विदाई के समय एक स्त्री के आंखों से निकले हुए आंसू का पता चलता है। वहीं पुरुषों की खूशी भी देखी जाती है। महाराज ने कहा कि विरोध करने से कुछ नहीं मिलता समझदारी दिखाने में ही सब कुछ मिल जाता है। कथा के बीच-बीच में महाराज ने हरिनाम संकीर्तन भी किया। जिसे सुनकर भक्तजन मंत्र मुग्ध होते रहे। इस मौके पर कई भक्तजन मौजूद थे।   पंजाब | दैनिक भास्कर