नरेला विधानसभा सीट पर प्रत्याशी बदलने से क्या AAP को होगा फायदा? किसके पक्ष में चुनावी समीकरण

नरेला विधानसभा सीट पर प्रत्याशी बदलने से क्या AAP को होगा फायदा? किसके पक्ष में चुनावी समीकरण

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Election 2025:</strong> दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी चुनावी दल अपनी सरकार बनाने और हर एक सीट को जीतने के लिए पूरी कोशिश में लगे हैं. आगामी 5 फरवरी को दिल्ली में मतदान होना है. हर दिन की शुरुआत सियासी हलचल के साथ हो रही है और बयानों के बीच आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति हर मिनट वोटर्स के बीच चर्चा बन रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नरेला के दंगल में किसने किस पर लगाया दांव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नरेला के चुनावी दंगल में आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर दिनेश भारद्वाज को उतारा था लेकिन आखिर में पार्टी ने उम्मीदवार बदलकर फिर एक बार इसी सीट से अपने मौजूदा उम्मीदवार शरद चौहान पर दांव लगा दिया. कांग्रेस ने इस सीट से अरुणा कुमारी और बीजेपी ने राज करण खत्री को उम्मीदवार बनाया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जनता का आशीर्वाद किसके साथ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नरेला विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को अरविंद केजरीवाल जनसभा कर चुके हैं, वहीं रविवार को गृह मंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> रामदेव चौक पर जनता के बीच पहुंचे और जनसभा को संबोधित किया. दोनों ही नेताओं को जनता ने सुना है और उसके बाद जनता यह फैसला कर रही है कि आखिर किसको वोट दिया जाए. कई लोगों से बातचीत में पता चला कि लोग सुविधाओं को महत्व दे रहे हैं और तीनों ही बड़ी पार्टियों ने दिल्ली वालों के लिए शिक्षा, स्वास्थ, महिलाओं के लिए, बुजुर्गों के लिए योजनाओं की घोषणा की है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नरेला सीट का चुनावी इतिहास</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नरेला सीट का इतिहास कुछ ऐसा रहा है कि यहां 1972 से 2020 तक चार बार कांग्रेस, दो बार बीजेपी, दो बार आम आदमी पार्टी और एक एक बार जेनपी, एलडीपी ने जीत हासिल की है. 1972 में यहां कांग्रेस से हीरा सिंह, 1977 में जेएनपी से शनती स्वरूप त्यागी, 1983 में एलकेडी से हरि राम विधायक बने.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 1993 में इस सीट से पहली बार बीजेपी ने जीत हासिल की और इंदर राज सिंह विधायक बने थे. उसके बाद इस सीट पर तीन बार लगातार कांग्रेस ने जीत हासिल की. साल 1998 और 2003 में कांग्रेस से चरण सिंह खंडेरा यहां दो बार के विधायक रहे. 2008 में कांग्रेस से जसवंत सिंह जीते. 2013 में नील दामन खत्री ने यहां बीजेपी को सीट दिलवाई लेकिन 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार शरद चौहान यहाँ से दो बार के विधायक हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-assembly-election-2025-aap-arvind-kejriwal-on-bjp-jangpura-constituency-power-cut-water-bill-schools-ann-2871030″>बिजली-पानी, स्कूलों को लेकर अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान, ‘अगर ईवीएम में गलत बटन दब गया तो…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Election 2025:</strong> दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी चुनावी दल अपनी सरकार बनाने और हर एक सीट को जीतने के लिए पूरी कोशिश में लगे हैं. आगामी 5 फरवरी को दिल्ली में मतदान होना है. हर दिन की शुरुआत सियासी हलचल के साथ हो रही है और बयानों के बीच आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति हर मिनट वोटर्स के बीच चर्चा बन रही है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नरेला के दंगल में किसने किस पर लगाया दांव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नरेला के चुनावी दंगल में आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के तौर पर दिनेश भारद्वाज को उतारा था लेकिन आखिर में पार्टी ने उम्मीदवार बदलकर फिर एक बार इसी सीट से अपने मौजूदा उम्मीदवार शरद चौहान पर दांव लगा दिया. कांग्रेस ने इस सीट से अरुणा कुमारी और बीजेपी ने राज करण खत्री को उम्मीदवार बनाया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जनता का आशीर्वाद किसके साथ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नरेला विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को अरविंद केजरीवाल जनसभा कर चुके हैं, वहीं रविवार को गृह मंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> रामदेव चौक पर जनता के बीच पहुंचे और जनसभा को संबोधित किया. दोनों ही नेताओं को जनता ने सुना है और उसके बाद जनता यह फैसला कर रही है कि आखिर किसको वोट दिया जाए. कई लोगों से बातचीत में पता चला कि लोग सुविधाओं को महत्व दे रहे हैं और तीनों ही बड़ी पार्टियों ने दिल्ली वालों के लिए शिक्षा, स्वास्थ, महिलाओं के लिए, बुजुर्गों के लिए योजनाओं की घोषणा की है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नरेला सीट का चुनावी इतिहास</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>नरेला सीट का इतिहास कुछ ऐसा रहा है कि यहां 1972 से 2020 तक चार बार कांग्रेस, दो बार बीजेपी, दो बार आम आदमी पार्टी और एक एक बार जेनपी, एलडीपी ने जीत हासिल की है. 1972 में यहां कांग्रेस से हीरा सिंह, 1977 में जेएनपी से शनती स्वरूप त्यागी, 1983 में एलकेडी से हरि राम विधायक बने.</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 1993 में इस सीट से पहली बार बीजेपी ने जीत हासिल की और इंदर राज सिंह विधायक बने थे. उसके बाद इस सीट पर तीन बार लगातार कांग्रेस ने जीत हासिल की. साल 1998 और 2003 में कांग्रेस से चरण सिंह खंडेरा यहां दो बार के विधायक रहे. 2008 में कांग्रेस से जसवंत सिंह जीते. 2013 में नील दामन खत्री ने यहां बीजेपी को सीट दिलवाई लेकिन 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार शरद चौहान यहाँ से दो बार के विधायक हैं.</p>
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