नवांशहर उप मंडल बलाचौर के गांव महमूदपुर मंडार गुरुद्वारा साहिब में रात को शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने से गुरु ग्रंथ साहिब जी के तीन पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब जी क्षतिग्रस्त हो गए। एसजीपीसी सदस्य और सदर थाना बलाचौर पुलिस पहुंची और गुरु ग्रंथ साहिब जी के तीनों स्वरूपों को अपने कब्जे में लिया और आज गोइंदवाल साहिब ले गए। इस मौके पर गुरुद्वारा साहिब के अध्यक्ष कुलवंत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुद्वारा साहिब को बंद करने से पहले गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को रोजाना की तरह सुख आसन कक्ष में रखा गया और उसके बाद दीवार वाला पंखा चालू रह गया। रात के समय दीवार खराब हो गया, तभी वहां आग लग गई। आग धीरे-धीरे सुख आसन और गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों तक पहुंच गई, जिससे गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को आग से कुछ नुकसान हुआ। सुबह जब पाठी सिंह आए और उन्होंने देखा कि गुरुद्वारा साहिब के अंदर से धुआं निकल रहा है, तो अन्य लोगों को बुलाकर आग पर काबू पाया गया और गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को नीचे वाले कमरे में लाया गया और गद्दे और चादरें बाहर रखी गईं। गनीमत रही कि गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को सिर्फ आग से थोड़ा नुकसान हुआ, नहीं तो गुरु ग्रंथ साहब जलकर राख हो जाते। एसजीपीसी सदस्य मौके पर बताया गया और एजीपीसी सदस्य और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे और गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को कब्जे में ले लिया और गुरुद्वारा साहिब के एक कमरे में रख दिया, जो आज अरदास के बाद गोइंदवाल साहिब के लिए पालकी साहिब में रखा गया, संगत ने भारी संख्या में पहुंच कर नम आंखों के साथ भेजा। नवांशहर उप मंडल बलाचौर के गांव महमूदपुर मंडार गुरुद्वारा साहिब में रात को शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने से गुरु ग्रंथ साहिब जी के तीन पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब जी क्षतिग्रस्त हो गए। एसजीपीसी सदस्य और सदर थाना बलाचौर पुलिस पहुंची और गुरु ग्रंथ साहिब जी के तीनों स्वरूपों को अपने कब्जे में लिया और आज गोइंदवाल साहिब ले गए। इस मौके पर गुरुद्वारा साहिब के अध्यक्ष कुलवंत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुद्वारा साहिब को बंद करने से पहले गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को रोजाना की तरह सुख आसन कक्ष में रखा गया और उसके बाद दीवार वाला पंखा चालू रह गया। रात के समय दीवार खराब हो गया, तभी वहां आग लग गई। आग धीरे-धीरे सुख आसन और गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों तक पहुंच गई, जिससे गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को आग से कुछ नुकसान हुआ। सुबह जब पाठी सिंह आए और उन्होंने देखा कि गुरुद्वारा साहिब के अंदर से धुआं निकल रहा है, तो अन्य लोगों को बुलाकर आग पर काबू पाया गया और गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को नीचे वाले कमरे में लाया गया और गद्दे और चादरें बाहर रखी गईं। गनीमत रही कि गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को सिर्फ आग से थोड़ा नुकसान हुआ, नहीं तो गुरु ग्रंथ साहब जलकर राख हो जाते। एसजीपीसी सदस्य मौके पर बताया गया और एजीपीसी सदस्य और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे और गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को कब्जे में ले लिया और गुरुद्वारा साहिब के एक कमरे में रख दिया, जो आज अरदास के बाद गोइंदवाल साहिब के लिए पालकी साहिब में रखा गया, संगत ने भारी संख्या में पहुंच कर नम आंखों के साथ भेजा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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इटली में 33 भारतीय बंधक मुक्त:खेतों में जबरन कराया काम, अधिकतर पंजाब के रहने वाले, 2 आरोपी भी पंजाबी; 5.45 लाख यूरो जब्त इटली के उत्तरी वेरोना प्रांत में स्थानीय अधिकारियों ने 33 भारतीयों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए 33 भारतीयों में से अधिकतर पंजाबी मूल के हैं। इतना ही नहीं, जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, वे भी पंजाबी मूल के हैं। अधिकारियों ने दोनों कथित आरोपियों से 5.45 लाख यूरो भी जब्त किए हैं। घटना की जांच जून महीने में शुरू हुई थी। इटली में बंधुआ मजदूरी जून में हुए एक हादसे के बाद चर्चा में आई थी। जिसमें फल तोड़ने वाले पंजाबी सतनाम सिंह की मशीन से हाथ कट जाने से मौत हो गई थी। रोम के पास लाजियो में स्ट्रॉबेरी रैपिंग मशीन की चपेट में आने से सतनाम का हाथ कट गया था। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। नागरिकों को वर्क परमिट पर लाते थे इटली रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि कथित गैंग-मास्टर्स जो भारत से ही थे, सीजनल वर्क परमिट पर साथी नागरिकों को इटली लाते थे। हर बंधुआ मजदूर को प्रति महीने 17,000 यूरो का भुगतान करने और उन्हें बेहतर भविष्य का वादा करके लाया जाता था। लेकिन यहां पहुंचते ही परिस्थितयां बदल जाती थी। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों को खेत में काम दिया जाता था। सप्ताह में सातों दिन और प्रति दिन 10-12 घंटे काम करवाया जाता था। उन्हें प्रति घंटे 4 यूरो का भुगतान होता था। उनसे तब तक बंधुआ मजदूरी करवाई जाती थी, जब तक वे अपने कर्जे का भुगतान नहीं कर देते थे। स्थायी वर्क परमिट के लिए अतिरिक्त 13 हजार यूरो पुलिस के बयान में कहा गया कि कुछ लोगों को स्थायी वर्क परमिट का वादा किया जाता था। इसके लिए उनसे अतिरिक्त 13,000 यूरो वसूले जाते थे। वे पूरी रकम का भुगतान होने तक मुफ्त में काम किया करते थे। पुलिस ने कहा कि इस आरोप के लिए आरोपियों के खिलाफ श्रम शोषण से जुड़ा मुकदमा चलाया जाएगा। जबकि पीड़ितों को काम के अवसर और लीगल रेजिडेंस पेपर्स की पेशकश की जाएगी।
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SC की नियुक्त कमेटी से मीटिंग नहीं करेंगे किसान:चिट्ठी लिख बोले- जो भी बात होगी, केंद्र से होगी; शंभू बॉर्डर खोलने पर सुनवाई कल
SC की नियुक्त कमेटी से मीटिंग नहीं करेंगे किसान:चिट्ठी लिख बोले- जो भी बात होगी, केंद्र से होगी; शंभू बॉर्डर खोलने पर सुनवाई कल किसान आंदोलन के कारण 10 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब का शंभू बॉर्डर खोलने पर कल (18 दिसंबर) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके अलावा 22 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर भी कोर्ट सुनवाई करेगी। डल्लेवाल MSP कानून की मांग को लेकर अनशन पर हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से किसानों की समस्या सुनने के लिए बनाई गई कमेटी के साथ 18 दिसंबर को होने वाली मीटिंग में जाने से किसान नेताओं ने इनकार कर दिया है। उन्होंने एक चिट्ठी लिखकर कहा है कि अब वे जो भी बात करेंगे, केंद्र सरकार से ही करेंगे। उन्हें कमेटी के सदस्यों से कोई बात नहीं करनी। डल्लेवाल की ओर से कमेटी को लिखी चिट्ठी… लेटर में कहीं ये 4 बड़ी बातें… 1.मेरी भूख हड़ताल का 22वां दिन
आपको मालूम ही होगा कि मैं(डल्लेवाल) 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर हूं, आज मेरी भूख हड़ताल का 22वां दिन है और मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी मेडिकल स्थिति के बारे में जानकारी मिल रही होगी। मेरी भूख हड़ताल की घोषणा संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 4 नवंबर को की थी, 43 दिन बीत चुके हैं और भूख हड़ताल शुरू हुए 22 दिन हो चुके हैं। 2. 40 से ज्यादा किसान घायल हुए
शंभू बॉर्डर से पैदल दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस अत्याचार किया गया जिसमें 40 से ज्यादा किसान घायल हुए। किसानों और सरकारों के बीच विश्वास बहाली के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आपकी कमेटी बनाई गई थी लेकिन आपने अभी तक इसके लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए और न ही आपने हमारी जायज मांगों को पूरा करवाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करने का कोई गंभीर प्रयास किया। 3. कमेटियां सिर्फ औपचारिकता के लिए बनाई
हमारे दोनों मोर्चों को पहले से ही संदेह था कि कमेटियां सिर्फ औपचारिकता के लिए बनाई जाती हैं लेकिन उसके बावजूद भी आप सभी का सम्मान करते हुए हमारा प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर को आपसे मिला लेकिन इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद भी आपकी कमेटी को अभी तक खनौरी और शंभू मोर्चों पर आने का समय नहीं मिला। मुझे यह देखकर बहुत दुख हुआ कि आप इतनी देरी के बाद सक्रिय हुए हैं। क्या यह समिति मेरी मौत का इंतजार कर रही थी? 4. मांगों पर बातचीत केंद्र सरकार से होगी
हमें समिति के आप सभी सम्मानित सदस्यों से ऐसी असंवेदनशीलता की उम्मीद नहीं थी। मेरी मेडिकल स्थिति और शंभू बॉर्डर पर घायल किसानों की स्थिति को देखते हुए हमारे दोनों मोर्चों ने फैसला किया है कि हम आपसे बैठक करने में असमर्थ हैं। अब हमारी मांगों पर जो भी बातचीत होगी, वह केंद्र सरकार से ही होगी। डल्लेवाल के अनशन की तस्वीर शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दे चुकी कोर्ट
13 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा सरकार किसानों को हाईवे छोड़कर किसी दूसरी जगह प्रदर्शन शिफ्ट करने या कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए मनाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत पर भी चिंता जताई थी। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह डल्लेवाल को फौरन मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाएं। डल्लेवाल से अनशन तुड़वाने के लिए कोई जबरदस्ती न की जाए। संयुक्त किसान मोर्चे की कल आपात बैठक
खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मरणव्रत के मद्देनजर संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से अपनी आपात मीटिंग बुलाई गई है। मीटिंग दोपहर दो बजे चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में होगी। इसमें डल्लेवाल के संघर्ष को समर्थन देने का ऐलान हो सकता है आज के अपडेट्स शंभू बॉर्डर का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, 6 पॉइंट… किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा में किसानों का ट्रैक्टर मार्च शंभू-खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार (16 दिसंबर) को हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। हिसार, सोनीपत, चरखी दादरी, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला में किसानों ट्रैक्टर मार्च निकाल प्रदर्शन किया। पूरी खबर पढ़ें…