पंजाब के नवांशहर के गांव रामरायपुर में मात्र दो सौ रुपए के लेनदेन के विवाद के चलते एक युवक की गंडासों और अन्य हथियारों से हमला कर के हत्या कर दी गई। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, गांव रामरायपुर निवासी 35 वर्षीय विजय कुमार उर्फ कालू का गांव के ही रहने वाले सतनाम सिंह उर्फ शामा से रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद चला आ रहा है। बताया जाता है कि सतनाम को विजय से अपने दो सौ रुपए लेने थे। इस बात को लेकर पहले भी दो बाद विवाद हो चुका है। मृतक की मां बिमला देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसके दो लड़के व एक लड़की है। एक लड़का मुख्तियार सिंह विदेश गया हुआ है तथा छोटा लड़का विजय कुमार उर्फ कालू मजदूरी करता था। 30 जुलाई को विजय कुमार ने अपनी मां को बताया था कि सतनाम सिंह उर्फ शामां पुत्र अंग्रेज चंद निवासी मजारा खुर्द के साथ बहस हो गई थी और उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। एक दिन पहले दी थी जान से मारने की धमकी लेकिन उसके बेटे ने ध्यान नहीं दिया और अगले दिन यानि 31 जुलाई की देर शाम तक जब विजय कुमार घर नहीं आया तो परिजन उसे देखने के लिए गांव में निकले तो गांव के पम्मे की मोटर के पास देखा कि सतनाम सिंह उर्फ शामा पुत्र अंग्रेज चंद अपने हाथ में गंडासा लिए हुए खड़ा था। उसके साथ अंग्रेज चांद पुत्र मलकीयत राम जिसके हाथ में दात था और अंग्रेज का दोहता (नाती) अवनीत कुमार पुत्र बलवीर चंद निवासी लुधियाना माजरा खुर्द, गुलशन कुमार पुत्र राजकुमार निवासी मजारा खुर्द जिसके हाथ में गंडासा था और सुनील कुमार भजन लाल का पुत्र निवासी मजारा खुर्द जिसके हाथ में डंडा था और सभी मिलकर विजय कुमार को पीट रहे थे। विजय के परिजनों को देखकर हमलावर मौके से फरार हो गए। हत्यारोपियों की तलाश जारी हमलावरों द्वारा किए गए हमले से घायल विजय कुमार को इलाज के लिए सिविल अस्पताल नवांशहर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इन पांच हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उक्त आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पंजाब के नवांशहर के गांव रामरायपुर में मात्र दो सौ रुपए के लेनदेन के विवाद के चलते एक युवक की गंडासों और अन्य हथियारों से हमला कर के हत्या कर दी गई। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, गांव रामरायपुर निवासी 35 वर्षीय विजय कुमार उर्फ कालू का गांव के ही रहने वाले सतनाम सिंह उर्फ शामा से रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद चला आ रहा है। बताया जाता है कि सतनाम को विजय से अपने दो सौ रुपए लेने थे। इस बात को लेकर पहले भी दो बाद विवाद हो चुका है। मृतक की मां बिमला देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसके दो लड़के व एक लड़की है। एक लड़का मुख्तियार सिंह विदेश गया हुआ है तथा छोटा लड़का विजय कुमार उर्फ कालू मजदूरी करता था। 30 जुलाई को विजय कुमार ने अपनी मां को बताया था कि सतनाम सिंह उर्फ शामां पुत्र अंग्रेज चंद निवासी मजारा खुर्द के साथ बहस हो गई थी और उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। एक दिन पहले दी थी जान से मारने की धमकी लेकिन उसके बेटे ने ध्यान नहीं दिया और अगले दिन यानि 31 जुलाई की देर शाम तक जब विजय कुमार घर नहीं आया तो परिजन उसे देखने के लिए गांव में निकले तो गांव के पम्मे की मोटर के पास देखा कि सतनाम सिंह उर्फ शामा पुत्र अंग्रेज चंद अपने हाथ में गंडासा लिए हुए खड़ा था। उसके साथ अंग्रेज चांद पुत्र मलकीयत राम जिसके हाथ में दात था और अंग्रेज का दोहता (नाती) अवनीत कुमार पुत्र बलवीर चंद निवासी लुधियाना माजरा खुर्द, गुलशन कुमार पुत्र राजकुमार निवासी मजारा खुर्द जिसके हाथ में गंडासा था और सुनील कुमार भजन लाल का पुत्र निवासी मजारा खुर्द जिसके हाथ में डंडा था और सभी मिलकर विजय कुमार को पीट रहे थे। विजय के परिजनों को देखकर हमलावर मौके से फरार हो गए। हत्यारोपियों की तलाश जारी हमलावरों द्वारा किए गए हमले से घायल विजय कुमार को इलाज के लिए सिविल अस्पताल नवांशहर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इन पांच हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उक्त आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सदमे में हुई माता-पिता की मौत इतना ही नहीं मनोज कुमार का कहना है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा गैर कानूनी हिरासत में रखे जाने के सदमे के कारण ही उसके माता पिता व अन्य एक परिवारिक सदस्य की मौत हो चुकी है। बाद में मनोज कुमार ने अपने ससुराल परिवार की साजिश का पर्दाफाश किया और हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठी साजिश करने और एक महिला की हत्या के आरोप में मनोज की पत्नी, उसके ससुर, साले और अन्य साथियों सहित करीब 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिन्हें अदालत द्वारा 9 मार्च 2017 को उम्रकैद की सजा भी दी जा चुकी है। सजा के बाद इनमें से कुछ एक की जमानत भी होने की खबर है। दूसरी तरफ हाईकोर्ट के ही हस्ताक्षेप के बाद जिले की एक अदालत ने तत्कालीन पुलिस अधिकारियों एडीजीपी राम सिंह, तत्कालीन डीआईजी अमृतसर कुंवर विजय प्रताप (अब आम आदमी पार्टी के विधायक), आईपीएस जसकीरत सिंह चाहल, एसपी गुरचरण सिंह गोराया, डीएसपी अजिंदर सिंह, डीएसपी गरीब दास, डीएसपी यादविंदर सिंह, एसएचओ जोगा सिंह और एएसआई जगदेव सिंह के खिलाफ मनोज कुमार और उसके स्वजनों को नाजायज हिरासत में रखने, प्रताड़ित करने और दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने के आरोपों में मामले की सुनवाई शुरू कर दी गई है। पहले भी जारी हो चुके हैं समन जिला अदालत की ओर से नियमों के तहत पुलिस अधिकारियों को पहले पेश होने के लिए समन निकाले गए थे। जिनमें से एएसआई जगदेव सिंह को जमानत मिल चुकी है, जबकि तत्कालीन डीएसपी गरीब दास की ओर से वकील के माध्यम से आत्मसमर्पण और जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई के बाद उसे भी गत दिन जमानत दे दी गई है। इसके अलावा राम सिंह, कुंवर विजय प्रताप सिंह, गुरचरण सिंह, अजिंदर सिंह, इंस्पेक्टर जोगा सिंह, जसकीरत सिंह चाहल को 7 सितंबर 2024 को फिर से पेश होने के लिए सम्मन जारी कर दिए गए है। जबकि मामले के एक और कथित आरोपी एएसआई यादविंदर सिंह की गिरफ्तारी के वारंट अदालत द्वारा जारी किए गए हैं।